उन्नाव में दर्दनाक हादसा, टैंकर से टकराई डबल डेकर बस, 18 की मौत, 20 घायल..
देश-विदेश: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में बुधवार सुबह लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे में भीषण सड़क हादसा हो गया। डबल डेकर बस एक टैंकर से टकरा गई। जिसके बाद कई बार हाईवे में बस पलटी। दर्दनाक हादसे में 18 यात्रियों की जान चली गई, जबकि 19 से ज्यादा यात्री घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरु कर दी है।
बताया जा रहा है कि डबल डेकर बस बिहार के शिवगढ़ से राजधानी दिल्ली जा रही थी। जैसे ही स्लीपर बस लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर बेहटा मुजावर थाना इलाके में हवाई पट्टी पर पहुंची तो दूध से भरे टैंकर में भिड़ गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस के परखच्चे उड़ गए। जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां लाशों का अंबार लग गया। सड़क पर लाश देख हर कोई सहम गया। बताया जा रहा है कि हादसे में एक बच्चे और महिलाओं समेत 18 यात्रियों की मौत हो गई। जबकि 20 यात्री गंभीर रुप से घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। मृतकों की शिनाख्त कर ली गई है।
शुरुआती जांच में पता चला है कि बस की स्पीड ज्यादा थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया स्लीपर बस अनियंत्रित होकर टैंकर से टकराई थी, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ है। बताया जा रहा है कि दिल्ली जा रही एक निजी बस में करीब 57 यात्री सवार थे। सुबह 5:15 बजे बस की दूध के कंटेनर से टक्कर होने से 18 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग घायल हो गए, जबकि करीब 20 लोग सुरक्षित हैं, जिन्हें दिल्ली भेजा जा रहा है।
उत्तराखंड में 15 जुलाई को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक..
उत्तराखंड: लोकसभा चुनाव के बाद दो विस सीटों पर उपचुनाव से फारिग होने के बाद भाजपा के प्रदेशस्तरीय नेता और कार्यकर्ता आगामी सांगठनिक और चुनावी रणनीति पर मंथन करने के लिए देहरादून में जुटेंगे। पार्टी ने देहरादून स्थित ग्राफिक एरा विवि के कैंपस में 15 जुलाई को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक रखी है। इस बैठक में पार्टी के 1350 प्रतिनिधियों के साथ ही खास मेहमान के तौर पर केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल खट्टर शिरकत करेंगे। प्रदेश प्रभारी, मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष समेत पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं का पार्टी पदाधिकारियों को मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
लोस चुनाव की समीक्षा होगी, अच्छे परिणाम वाले बूथ होंगे सम्मानित..
प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी का कहना हैं कि लोकसभा चुनावों में हासिल शानदार जीत को लेकर सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करने के अतिरिक्त उनके चुनाव के अनुभवों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। ऐसे तमाम बूथ जहां पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया। वहां के कार्यकर्ता को सम्मानित किया जाएगा।
सांगठनिक चुनाव की बनेगी रणनीति, नवंबर तक नया प्रदेश अध्यक्ष..
कार्यसमिति में जुलाई अंत से सदस्यता अभियान से शुरू होने वाली सांगठनिक चुनाव प्रक्रिया पर चर्चा होगी। नवंबर माह तक प्रदेश अध्यक्ष दिसंबर तक नये राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। सबसे पहले बूथ समितियों का गठन होगा। फिर मंडल अध्यक्ष व जिला अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। इस पूरी विस्तृत प्रक्रिया की सभी प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी जाएगी। कार्यसमिति में निकाय एवं पंचायत चुनावों की तैयारी के साथ सांगठनिक चुनावों प्रक्रिया शुरू करने की चर्चा की जाएगी। वहीं निकाय और पंचायत चुनाव की रणनीति पर भी विचार विमर्श के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।
कठुआ आतंकी हमले में शहीद हुए उत्तराखंड के 5 जवान, सीएम धामी ने जताया दुख..
उत्तराखंड: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले की सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निंदा की हैं। सीएम धामी ने कहा कि किसी भी क़ीमत पर आतंकवादी बख्शे नहीं जाएंगे। बता दें कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए। इस खबर के बाद से उत्तराखंड में शोक की लहर है। सीएम धामी ने कहा कठुआ, जम्मू कश्मीर में हुए कायराना आतंकी हमले के दौरान उत्तराखण्ड के पांच वीर-जवान वीरगति को प्राप्त हो गए। यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का क्षण है क्योंकि हमने भाई और बेटा भी खोया है। हमारे रणबाँकुरों ने उत्तराखण्ड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए मां भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
सीएम धामी का कहना हैं कि मां भारती की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध शहीदों का यह सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस कायरतापूर्ण हमले के दोषी, मानवता के दुश्मन आतंकवादी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे और इनको पनाह देने वाले लोगों को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा सैन्यभूमि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों को जन्म देने वाली भूमि है। यहां के जवानों ने हमेशा से ही मां भारती की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देकर अपने राष्ट्रधर्म का निर्वहन किया है। शहीद हुए सैनिकों का बलिदान हम किसी भी हालत में व्यर्थ नहीं जाने देंगे।
आतंकियों ने कठुआ के बदनोता के बरनूड इलाके में जेंडा नाले के पास सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए। पांचों जवान उत्तराखंड के गढ़वाल के हैं। जबकि कई जवानों के घायल होने की जानकारी भी मिल रही है। बता दे कि पांच जवानों की शहादत की खबर के बाद से देवभूमि शोक में डूब गई है। आतंकी हमले में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह, लैंसडौन निवासी हवलदार कमल सिंह, कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी, टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह, रिखणीखाल निवासी राइफलमैन अनुज नेगी शहीद हो गए।
सीएम धामी ने किया अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निरीक्षण..
अतिक्रमण हटाने को लेकर बोली बड़ी बात..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार सुबह हल्द्वानी पहुंचकर गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निरीक्षण किया। इस दौरान सीएम धामी ने स्टेडियम के पास गौला नदी द्वारा किए गए काटन की स्थिति जानी। सीएम धामी का कहना हैं कि प्रदेश में हो रही भारी बारिश के चलते बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए है। अधिकारियों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए निर्देशित किया है। साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है। सभी को कहा कि आपदा राहत के काम को प्राथमिकता से ले। साथ ही अतिक्रमण वाले इलाकों से अतिक्रमण हटाने को कहा गया है।
उत्तराखंड सरकार जल्द ही सार्वजनिक करेगी यूसीसी कानून की बुनियाद रही विशेष रिपोर्ट..
उत्तराखंड: प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की नींव रखने से पहले भारत के वैदिक काल से लेकर संविधान सभा के गठन तक गहन अनुसंधान किया गया था। साथ ही देश-विदेश में अलग-अलग समय में लागू रहे विभिन्न धर्मों के पर्सनल लॉ का आम लोगों के जीवन पर क्या असर रहा, जैसे मुद्दों पर भी विस्तृत अनुसंधान किया गया था। इसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी का कानून तो पारित कर दिया लेकिन उस अनुसंधान रिपोर्ट को अभी तक पर्दे में रखा था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यूसीसी की बुनियाद में रही उस अनुसंधान रिपोर्ट को सरकार जल्द सार्वजनिक करने की तैयारी में है। सरकार यूसीसी कानून और पोर्टल को लागू करने से पहले अनुसंधान रिपोर्ट को जनता के सामने लाना चाहती है ताकि आम लोगों को उन तथ्यों से रूबरू कराया जा सके, जिनकी वजह से यूसीसी कानून पारित किया गया।
आम लोगों पर उनके प्रभाव आदि विषयों पर अनुसंधान..
पोर्टल का काम अक्तूबर तक पूरा होने की उम्मीद है, ठीक उससे पहले सरकार उस रिपोर्ट को सार्वजनिक कर देगी। यूसीसी कानून ड्राफ्ट करने वाली विशेषज्ञ समिति ने इस रिपोर्ट में वैदिक काल से लेकर आज के संदर्भ में यूसीसी की जरूरत पर अनुसंधान किया है। इसमें यूसीसी का आधार, उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, विभिन्न धर्मों के पर्सनल लॉ की पृष्ठभूमि, संविधान सभा की बहस, यूसीसी और अलग-अलग धर्मों के पर्सनल लॉ पर देश-विदेशों की स्थिति, आम लोगों पर उनके प्रभाव आदि विषयों पर अनुसंधान है।
पहले जानकर रोकी गई थी रिपोर्ट..
बीती 6 फरवरी को यूसीसी कानून पेश किया गया तो सरकार ने उसकी अनुसंधान रिपोर्ट को उस समय सार्वजनिक करने से रोक लिया था। क्योंकि सरकार चाहती थी कि उस समय देश के पहले यूसीसी बिल की चर्चा ही इतनी अधिक थी कि अनुसंधान रिपोर्ट प्रकाश में नहीं आती। चूंकि अब बिल की नियमावली लागू करने की तैयारी है इसलिए उससे पहले अनुसंधान रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का फैसला लिया गया है।
रेल, बांध, आपदा और बिजली परियोजनाओं के लिए मोदी सरकार से आस,इस महीने आएगा बजट..
उत्तराखंड: अगले पांच वर्ष में राज्य की आर्थिक विकास दर को दोगुना करने के उद्देश्य से राज्य सरकार अपनी जिन ढांचागत विकास जुड़ी योजनाओं को जमीन पर उतारने की कोशिश कर रही है, उसमें वह मोदी सरकार उदार सहयोग चाहती है।यही वजह है कि केंद्र सरकार के बजट से ऐन पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीएम, गृहमंत्री से लेकर केंद्र के सभी प्रमुख मंत्रियों के दरवाजे पर दस्तक दी ताकि राज्य की प्रस्तावित योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र से सहायता मिल सके।ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है।
नया प्रस्ताव केंद्र के समक्ष रखा
अब सरकार का फोकस टनकपुर-बागेश्वर और ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजना पर है। इसलिए सरकार इन दोनों परियोजनाओं में आवश्यक प्रावधान चाहती है। साथ ही सरकार ने देहरादून-मसूरी रेल परियोजना का एक नया प्रस्ताव केंद्र के समक्ष रखा है। सरकार राज्य की दो महत्वपूर्ण जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं के लिए भी केंद्र से मदद चाहती है। दोनों परियोजनाओं पर फिलहाल सरकार ने अपने संसाधनों से काम शुरू कर दिया है। लेकिन परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए केंद्र की वित्तीय सहायता जरूरी है। पीएमजीएसवाई और जल जीवन मिशन के कार्य तय समय सीमा के अनुरूप नहीं बन पाए हैं।
ऊर्जा की डिमांड लगातार बढ़ रही
सरकार चाहती है कि केंद्र इस योजना की समय-सीमा को बढ़ा दे। राज्य में औद्योगिक निवेश और आर्थिक गतिविधियों में हो रहे विस्तार के लिए ऊर्जा की डिमांड लगातार बढ़ रही है। पानी से बिजली बनाने की भरपूर क्षमता होने के बावजूद सरकार परियोजनाओं पर काम नहीं कर पा रही है। 25 हजार मेगावाट क्षमता के राज्य में केवल 4200 मेगावाट क्षमता की दोहन हो पाया है। इसलिए सरकार 4800 मेगावाट की उन 44 जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण पर लगी रोक को हटाने के लिए भी केंद्र से गुहार लगा रही है। सीएम धामी इस बाबत पीएम से भी हस्तक्षेप करने का अनुरोध कर चुके हैं। सरकार यह भी चाहती है कि एसडीआरएफ योजना की परिधि में हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन व वनाग्नि को भी शामिल किया जाए। प्राकृतिक आपदा के लिहाज से संवेदनशील राज्य में सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार चमोली, चंपावत या पिथौरागढ़ में से किसी एक जिले में क्रोनिक लैंड स्लाइड के ट्रीटमेंट के लिए राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्थान की स्थापना करे।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन-13 स्टेशन, 16 सुरंगें,750 करोड़ से बिछेगा ट्रैक, जल्द शुरू होगा काम..
उत्तराखंड: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर तेजी से काम हो रहा है। अब रेलवे लाइन पर ट्रैक बिछाया जाएगा। चार जुलाई को इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। बता दें कि भारतीय रेलवे का उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर ट्रैक बिछाने का काम शुरू करेगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर 750 करोड़ की लागत से इरकॉन इंटरनेशनल जल्द ही ट्रैक बिछाने का काम शुरू करेगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।
आपको बता दें कि सामरिक दृष्टि से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना बेहद ही महत्वपूर्ण है। इसी लिए इसका काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन 125 किलोमीटर लंबी है। इस लाइन पर 16 सुरंगे हैं। इन सुरंगों के खुदान का काम भी लगभग 75 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। साल 2025 तक इन सुरंगों के खुदान का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि इस रेलवे लाइन का 105 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा। बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का 120 किलोमीटर हिस्सा जहां सुरंगों से होकर गुजरेगा तो वहीं बाकी का 25 किलोमीटर हिस्से में पुल और रेलवे स्टेशन होंगे।
इस रेलवे परियोजना का काम तेजी से किया जा रहा है और अब रेलवे लाइन पर ट्रैक बिछाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गया है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि साल 2026 के अंत तक ट्रैक बिछाने का काम भी पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर कुल 13 स्टेशन हैं। जिसमें से योगनगरी रेलवे स्टेशन और वीरभद्र रेलवे स्टेशन का काम भी पूरा हो चुका है। सबसे खास बात कि योगनगरी रेलवे स्टेशन तक ट्रेनें चलने भी लगी हैं। इसके साथ ही देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारीदेवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर, शिवपुरी, ब्यासी और सिंवई (कर्णप्रयाग) में भी स्टेशन हैं।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश का रोडमैप तैयार, तीन लाख लोगों को मिलेगा रोजगार..
उत्तराखंड: राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को दोगुनी करने और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र में निवेश का रोडमैप तैयार किया है। पांच साल में 1.26 लाख करोड़ रुपये के निवेश से तीन लाख लोगों को रोजगार संभावित है। दिसंबर 2023 में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में एमओयू किए निवेश प्रस्तावों में अब तक 79 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो गया है। राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके साथ ही निवेश को आसान बनाने के लिए औद्योगिक नीतियों में संशोधन किया। सरकार ने 2028 तक राज्य की जीपीडी को दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए औद्योगिक निवेश पर विशेष फोकस है। विनिर्माण क्षेत्र में पांच साल के भीतर सरकार ने 1.26 लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है। इससे तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
2026 तक पूरे होंगे कई बड़े निवेश प्रोजेक्ट..
आपको बता दे कि प्रदेश सरकार ने प्रस्तावित निवेश में 1,741 करोड़ के बड़े प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसमें 194 करोड़ से फ्लैटेड फैक्टरी, 30 करोड़ से श्रमिक आवास, 177 करोड़ से इलेक्ट्रॉनिक पार्क, 30 करोड़ से वेयर हाउस, 30 करोड़ से प्लास्टिक उत्पाद मूल्यांकन सेंटर, 50 करोड़ से इंडस्ट्रियल पार्क, 650 करोड़ से एजुकेशन सिटी, 500 करोड़ से एयरो सिटी, 50 करोड़ से स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर शामिल हैं। उद्योग विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य गठन के बाद जनवरी 2024 तक 16,523 करोड़ का निवेश हुआ है। इससे कुल 84 हजार एमएसएमई और 330 बड़े उद्योग स्थापित हैं। इन उद्योगों में 4.25 लाख लोगों को रोजगार मिला है। लेकिन, वैश्विक निवेशक सम्मेलन में सरकार ने 3.56 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू हस्ताक्षर किए हैं। इसमें 79 करोड़ के प्रस्ताव पर काम शुरू हो गया है।
जल्द नौकरशाही में बड़ा फेरबदल, इस बार DM और SSP हटेंगे..
उत्तराखंड: प्रदेश में उपचुनाव के बाद नौकरशाही में बड़ा फेरबदल होने की चर्चाएं हैं। उपचुनाव के बाद कई जिलों के एसपी-एसएसपी और डीएम बदले जाएंगे। बता दें कि हालहई में उत्तराखंड की नौकरशाही में फेरबदल किया गया। कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के दायित्व में फिर फेरबदल किया गया और उन्हें इधर से उधर किया गया। वहीं अब कई जिलाधिकारियों और जिले कप्तानों के तबादले जल्द हो सकते हैं।
आपको बता दे कि उत्तराखण्ड में उप चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी कभी भी बड़ा फैसला ले सकते हैं। हाल ही में 15 आईएएस समेत 17 अफसरों के दायित्वों में फेरबदल किया था। इसके बाद से अब जिलों में डीएम और पुलिस कप्तानों के तबादलों की चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। इनके तबादलों पर प्रारंभिक कसरत भी शुरू हो चुकी है। कई ऐसे जिले हैं जहां जिलाधिकारी को एक ही जिले में टिके हुए दो या दो साल से अधिक का समय हो गया है। बात करें देहरादून की तो देहरादून डीएम सोनिका सिंह को भी 2 साल से ज्यादा हो गया है जिसके बाद अब खबर है कि कई जिलों के डीएम बदले जाएंगे। बात करें अन्य जिले पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर के जिलाधिकारियों के भी दो-तीन माह बाद दो साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी भी कुछ महीने बाद रिटायर होने वाले हैं ऐसे में नया डीएम पदभार संभालेंगे।
उत्तराखंड में कियोस्क एटीएम करेगा स्वास्थ्य की जांच, बताएगा मर्ज और आयुर्वेदिक इलाज..
उत्तराखंड: पहली बार सचिवालय समेत पांच अस्पतालों में प्रकृति परीक्षण कियोस्क मशीन लगेगी। परीक्षण के लिए शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य संबंधी 15 सवाल पूछे जाएंगे। प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में प्रकृति परीक्षण से कोई भी व्यक्ति आसानी से अपनी दिनचर्या और खानपान की स्थिति की जानकारी ले सकता है। पहली बार आयुर्वेद विभाग की ओर से सचिवालय समेत पांच जिला चिकित्सालयों में प्रकृति परीक्षण कियोस्क मशीन लगाई जा रही है। जल्द ही इस सुविधा को शुरू किया जाएगा
आयुर्वेद पद्धति में वात, पित, कफ दोष के आधार पर व्यक्ति के स्वास्थ्य का प्रकृति परीक्षण किया जाता है। जिसमें स्वस्थ और निरोग जीवनशैली के लिए दिनचर्या और खान-पान अपनाने की सलाह दी जाती है। प्रकृति परीक्षण में आयुर्वेद ग्रंथों के आधार पर व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य संबंधित सवाल किए जाते हैं। इन सवालों का जवाब देने पर व्यक्ति के प्रकृति को परखा जाता है। इसके आधार पर डॉक्टर दिनचर्या के साथ फल, सब्जी व भोजन करने की सलाह देते हैं।
प्रदेश में पहली बार प्रकृति परीक्षण के लिए कियोस्क मशीन स्थापित की जा रही है। इस मशीन से कोई भी व्यक्ति 15 सवालों का जवाब देकर अपनी दिनचर्या व खानपान की जानकारी हासिल कर सकता है। पहले चरण में सचिवालय परिसर के साथ ही हल्द्वानी, रुद्रपुर, हरिद्वार जिला चिकित्सालय और देहरादून के माजरा राजकीय आयुर्वेद चिकित्सा में प्रकृति परीक्षण कियोस्क स्थापित की जा रही है। जल्द ही इस सुविधा की शुरूआत की जाएगी।
ऐसे होगी जांच
प्रकृति परीक्षण कियोस्क मशीन में सबसे पहले व्यक्ति को अपना नाम, आयु, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी दर्ज करनी होगी। इसके बाद मशीन शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित 15 सवाल पूछेगी। जिसका जवाब देना होगा। अभी तक आयुर्वेद डॉक्टर ही प्रकृति परीक्षण करते हैं। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से इलाज कराने वाले मरीजों के साथ आम लोगों की सुविधा के लिए प्रकृति परीक्षण कियोस्क मशीन स्थापित की जा रही है। इस मशीन से कोई व्यक्ति प्रकृति परीक्षण कर दिनचर्या व खानपान की जानकारी प्राप्त कर सकता है। प्रदेश भर के अस्पतालों में इन मशीनों को स्थापित किया जाएगा।