जंगल की आग मामले में बरती लापरवाही, अल्मोड़ा में रेंज अधिकारी को किया अटैच..
उत्तराखंड: जंगल की आग के कारण प्रदेश में कहर मच रखा है। वनाग्नि के मामले में लापरवाही बरतने पर अल्मोड़ा में रेंज अधिकारी को प्रभागीय कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। वनाग्नि पर काबू पाने की लगातार कोशिश की जा रही है। इस मामले में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कहना है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। जंगलों में आग मामले में लापरवाही बरतने पर अल्मोड़ा वन प्रभाग के जोरासी में तैनात रेंज अधिकारी को प्रभागीय कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।
आग की घटनाओं में वृद्धि ना हो और इन घटनाओं पर काबू पाया जा सके इसलिए पीसीसीएफ (हाफ) धनंजय मोहन ने हर जिले के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती की है। बता दें कि मुख्यालय में महत्वपूर्ण पदों पर जमे सीनियर आईएफएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनवाया गया है। ये नोडल अधिकारी जहां आग की घटनाओं की मानीटरिंग करेंगे तो वहीं इसकी रिपोर्ट भी पेश करेंगे।
जंगलों में आग लगाने वालों की अब खैर नहीं है। आग लगाने वालों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी अभिनव कुमार का कहना हैं कि पुलिस द्वारा ऐसे लोगों पर सख्त नजर रखी जा रही है। जो लोग जंगल में आग लगने की घटनाओं में लिप्त पाए जाएंगे उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही उनकी संपत्ति की भी कुर्की की जाएगी।
पिथौरागढ़ हेली- हेली सेवा का विरोध कर रहे दो लोगों को गिरफ्तार करने से आक्रोश..
उत्तराखंड: पिथौरागढ़ में लंबे समय से स्थानीय लोग हेलीकॉप्टर से आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा का विरोध कर रहे हैं। इस विरोध में आंदोलन कर लोगों में से पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। रं समाज के दो लोगों की गिरफ्तारी से लोगों में आक्रोश और भी बढ़ गया है। आंदोलन कर रहे रं समाज के एक पुरूष और एक महिला को गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद से लोगों का गुस्सा और भी बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि नआंदोलन शांतिपूर्वक तल रहा था। ऐसे में इस तरह से गिरफ्तारी बिल्कुल गलत है।
हेलीकॉप्टर पर पथराव करने पर की गई गिरफ्तारी.
जहां एक ओर दो लोगों की गिरफ्तारी से लोगों में आक्रोश है तो वहीं इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि हेलीकॉप्टर पर पथराव करने और अभद्रता की शिकायत मिलने पर ये कार्रवाई की गई है। गिरफ्तारी के बाद रं समाज की महिला, पुरुष और जनप्रतिनिधि आक्रोशित होकर बड़ी संख्या में तवाघाट चौराहे पर पहुंचे। लेकिन इसी बीच पुलिस दोनों को धारचूला ले आई। थोड़ी दी देर बाद कोतवाली के बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। हालांकि दोनों को एसडीएम कोर्ट में मुचलका भरने के बाद छोड़ दिया गया। लेकिन इसके बाद से रं समाज के लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि हेली सेवा का विरोध जारी रहेगा।
आपको बता दें कि हेली सेवा के माध्यम से यात्रा कराने के विरोध में होम स्टे, टैक्सी यूनियन, व्यास जनजाति संघर्ष समिति और व्यास घाटी के लोग तीन दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं। लोगों की मांग है कि आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा को हेलीकॉप्टर से ना कराया जाए। बल्कि इसके पुराने रूट से ही कराया जाए। हेली सेवा से यात्रा कराए जाने पर लोगों का रोजगार कम हो रहा है।
उत्तराखंड में खुले में बिक रहे सभी मसालों की जांच के आदेश..
चारधाम यात्रा मार्गों पर भी होगी सैंपलिंग..
उत्तराखंड: प्रदेश में खुले में बिक रहे सभी मसालों की जांच होगी। जांच के बाद अगर कुछ गड़बड़ी सामने आई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चारधाम यात्रा मार्गों पर भी खाद्य पदार्थों के साथ ही मसालों की सैंपलिंग की जाएगी। राज्य खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इसकी शुरुआत कर दी है। कई देशों में एमडीएच, एवरेस्ट मसालों की गुणवत्ता जांच पर सवाल उठने पर देश में भी ब्रांडेड, नॉन ब्रांडेड मसालों की गुणवत्ता जांच शुरू हो गई है। इसके तहत ही बाजारों में खुले में बिक रहे मसालों की जांच शुरू कर दी गई है।
चारधाम यात्रा मार्गों पर सैंपलिंग के लिए मोबाइल वैन ऋषिकेश से रवाना कर दी गई। प्रदेश में तमाम स्वयं सहायता समूह ऐसे हैं जो अपने स्तर से मसाले पिसवाकर बाजार में बेच रहे हैं। तमाम ऐसी चक्कियां भी हैं, जहां मसाले पीसकर बाजार में बेचे जाते हैं। इन पर भी नजर रखी जाएगी।राज्य औषधि विश्लेषण प्रयोगशाला रुद्रपुर में ही मसालों की भी जांच होगी। चूंकि प्रदेश में एकमात्र लैब है, जहां सभी तरह के खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच को भेजे जाते हैं। इसलिए मसालों की जांच में थोड़ा समय लग सकता है। जांच रिपोर्ट आने तक मसालों की बिक्री रोकना मुश्किल है। प्रदेश में ब्रांडेड, नॉन ब्रांडेड के साथ ही खुले में बिक रहे सभी मसालों की सैंपलिंग की जाएगी। इसके लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। कुछ जगहों पर सैंपलिंग शुरू की जा चुकी है।
चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था शुरू..
उत्तराखंड: प्रदेश में 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है इसके लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था कर दी है। सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण के साथ ही ऑफलाइन पंजीकरण के द्वार खोल दिये हैं, अब श्रद्धालु ऋषिकेश और हरिद्वार से ऑफलाइन पंजीकरण भी करवा पाएंगे। शनिवार को पर्यटन विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया है बता दें कि अब श्रद्धालु 8 मई से ऋषिकेश और हरिद्वार में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा पाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे का कहना हैं कि श्रद्धालु हरिद्वार में राही मोटल तथा ऋषिकेश में यात्रा पंजीकरण कार्यालय एवं ट्रांजिट कैम्प में यात्री अपना ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। प्रत्येक धाम के लिए प्रतिदिन ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सीमा ऋषिकेश में एक हजार और हरिद्वार में 500 निर्धारित की गयी है। श्रद्धालु चारों धामों की यात्रा के लिए पंजीकरण काउन्टरों पर अधिकतम तीन दिन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों के साथ समन्वय के लिए अहम फैसला किया गया है। पर्यटन विभाग और तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पुरोहित के साथ बैठक में चारों धाम में समन्वय के लिए तीर्थ पुरोहित तय किए गए हैं। हर धाम में दो तीर्थ पुरोहित को इसके लिए चुना गया है।
तीर्थ पुरोहित धामों के यात्रा प्रबन्धन की वास्तविक स्थिति से पर्यटन विभाग को समय पर अवगत करवाते रहेंगे। साथ ही श्रद्धालुओं हेतु अतिरिक्त सुविधाओं के लिए विभाग को अपने सुझाव भी देंगे। पयर्टन सचिव का कहना हैं कि तीर्थपुरोहित और पर्यटन विभाग के समन्वय से यात्रा के दौरान आने वाली समस्याओं को शीघ्रता से हल करने में सुविधा होगी। साथ ही भविष्य के लिए बेहतर योजना तैयार करने में सहायता मिलेगी। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा बहुत जल्द शुरू होने वाली है इसके लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था कर दी है। सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण के साथ ही ऑफलाइन पंजीकरण के द्वार खोल दिये हैं, अब श्रद्धालु ऋषिकेश और हरिद्वार से ऑफलाइन पंजीकरण भी करवा पाएंगे। शनिवार को पर्यटन विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया है बता दें कि अब श्रद्धालु 8 मई से ऋषिकेश और हरिद्वार में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा पाएंगे।
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने कहा कि श्रद्धालु हरिद्वार में राही मोटल तथा ऋषिकेश में यात्रा पंजीकरण कार्यालय एवं ट्रांजिट कैम्प में यात्री अपना ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। प्रत्येक धाम के लिए प्रतिदिन ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सीमा ऋषिकेश में एक हजार और हरिद्वार में 500 निर्धारित की गयी है। श्रद्धालु चारों धामों की यात्रा के लिए पंजीकरण काउन्टरों पर अधिकतम तीन दिन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों के साथ समन्वय के लिए अहम फैसला किया गया है। पर्यटन विभाग और तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पुरोहित के साथ बैठक में चारों धाम में समन्वय के लिए तीर्थ पुरोहित तय किए गए हैं। तीर्थ पुरोहित धामों के यात्रा प्रबन्धन की वास्तविक स्थिति से पर्यटन विभाग को समय पर अवगत करवाते रहेंगे। साथ ही श्रद्धालुओं हेतु अतिरिक्त सुविधाओं के लिए विभाग को अपने सुझाव भी देंगे। पयर्टन सचिव ने कहा कि तीर्थपुरोहित और पर्यटन विभाग के समन्वय से यात्रा के दौरान आने वाली समस्याओं को शीघ्रता से हल करने में सुविधा होगी। साथ ही भविष्य के लिए बेहतर योजना तैयार करने में सहायता मिलेगी।
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी रेल लाइन तैयार, 2025 में ट्रेन से कर सकेंगे चारधाम यात्रा..
उत्तराखंड: रेलवे की चारधाम परियोजना का काम तेजी के साथ चल रहा है। रेलवे का दावा है कि अगले साल की यात्रा भक्त ट्रेन से कर सकते हैं। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम अबतक लगभग पूरा हो गया है। अगले साल यानी 2025 में आप ट्रेन से चारधाम की यात्रा कर सकेंगे। रेलवे की चारधाम परियोजना के तहत गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ व बद्रीनाथ को रेलवे से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। रेलवे बोर्ड की सीईओ जया वर्मा सिन्हा पिछले दिनों इसका निरीक्षण कर चुकी हैं।
इस परियोजना में 327 किमी का रेलवे ट्रैक तैयार किया जाना है। तीन चरणों में बंटी इस परियोजना को रेलवे 2025 तक पूरा करने की दावा कर रही है। इसकी शुरुआत मुरादाबाद रेल मंडल से काफी पहले हो चुकी है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है। अब सुरंगों में फिनिशिंग व उन्हें मौसम की दृष्टि से मजबूत बनाने का काम चल रहा है। भारी बारिश व भूकंप का असर भी यहां नहीं होगा। रेल प्रशासन का कहना है कि कार्य पूरा होने के बाद ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच की दूरी मात्र डेढ़ से दो घंटे में पूरी हो जाएगी। ट्रैक को इस प्रकार बनाया जा रहा है कि ट्रेन 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सके।
चारधाम की यात्रा करने में जहां लोगों को 15 दिन लग जाते थे। वहीं रेलवे की इस परियोजना के पूरा होने के बाद यह यात्रा चार से से पांच दिन में हो जाएगी।
105 किमी हिस्से में सिर्फ सुरंगें इस परियोजना में 153 किमी का रेल रूट मुरादाबाद मंडल में आता है। इसमें से 125 किमी का रेल रूट कुल 16 हजार 216 करोड़ रुपये की लागत से तैयार गो रहा है। इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी। इस लाइन के बीच कुल 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।जिसमें कुछ रेलवे स्टेशनों व सुरंगों का निर्माण पूरा हो चुका है। इस परियोजना को विस्तार देकर बद्रीनाथ और केदारनाथ तक बढ़ाया जाएगा। 125 किमी का रेल रूट कुल 16 हजार 216 करोड़ रुपये से तैयार हो रहा है। इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी।
नेताला से गंगोत्री तक प्लास्टिक नियंत्रित क्षेत्र में QR कोड से ही कर सकेंगे बिक्री..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने चारधाम यात्रा को देखते हुए नेताला से गंगोत्री धाम तक के क्षेत्र को प्लास्टिक नियंत्रित क्षेत्र घोषित किया है। इस क्षेत्र में प्लास्टिक की बोतलों और प्लास्टिक के पैकेट पर क्यूआर कोड लगाकर बिक्री करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।एसडीएम का कहना हैं कि गंगोत्री धाम तक सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को प्लास्टिक निर्मित बोतल, पेय पदार्थ, नमकीन बिस्कुट, चिप्स आदि के पैकेट पर न्यूनतम मूल्य का क्यूआर कोड लगाना होगा। यह क्यूआर कोड रिसाइकल कंपनी की ओर से न्यूनतम धनराशि जमा करने पर उपलब्ध कराया जाएगा। कंपनी के डिपॉजिट रिफंड काउंटर पर क्यूआर कोड वाली खाली बोतल व रैपर जमा कराने के बाद जमा राशि वापस कर दी जाएगी। बताया, रिफंड काउंटर उत्तरकाशी से लेकर गंगोत्री तक उपलब्ध होंगे। एसडीएम ने कहा, प्लास्टिक की बोतलों व रैपर की बिना क्यूआर कोड के बिक्री की गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। कहा, यदि इससे किसी को कोई आपत्ति है तो 15 दिनों के अंदर लिखित सूचना दे सकते हैं।
उत्तराखंड में बिजली की मांग बढ़ी, पांच करोड़ यूनिट के करीब पहुंची..
उत्तराखंड: गर्मियों के साथ ही बिजली की मांग में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। इस समय, लगभग पांच करोड़ यूनिट तक की बिजली की आवश्यकता है। यूपीसीएल को रोजाना बाजार से लगभग डेढ़ करोड़ यूनिट बिजली खरीदने का काम करना पड़ रहा है, जो कि एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। प्रदेश में बिजली की मांग विशेष रूप से शुक्रवार को बड़ी मात्रा में बढ़ गई है, जब 4.9 करोड़ यूनिट तक की मांग दर्ज की गई। यहां तक कि यूपीसीएल के पास राज्य, केंद्र और अन्य स्रोतों से कुल 3.2 करोड़ यूनिट की उपलब्धता होने के बावजूद, अत्यधिक बिजली की आवश्यकता के कारण बाजार से बिजली खरीदनी पड़ रही है। यूपीसीएल रोजाना लगभग 1.4 करोड़ यूनिट तक बाजार से बिजली खरीद रहा है, फिर भी मांग को पूरा करने में सांस फूल रही है। इसके परिणामस्वरूप हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के अलावा अन्य मैदानी ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कटौती की स्थिति अब भी गंभीर है।
चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद आंदोलन की तैयारी में शिक्षक, इस वजह से हैं नाराज..
उत्तराखंड: राजकीय शिक्षक संघ चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। लंबित मांगों पर अमल न होने से नाराज संगठन का कहना है कि प्रदेशभर में ब्लॉक स्तर से आंदोलन शुरू किया जाएगा। राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के अध्यक्ष और महामंत्री को लिखे पत्र में कहा, वर्तमान में आदर्श आचार संहिता लगी होने की वजह से कई शासनादेश नहीं मिल पाए हैं।
यही वजह है कि आहरण वितरण का अधिकार, चयन, प्रोन्नत वेतन में वृद्धि, कनिष्ठ, वरिष्ठ शिक्षकों की वेतन विसंगति, अटल चयनित शिक्षकों की पदस्थापना समेत कुछ अन्य मांगों पर अमल नहीं हो पाया है। लंबित मांगों को लेकर दोनों मंडल कार्यकारिणी अपने मंडल की बैठक कर धरना-प्रदर्शन करने के लिए आचार संहिता के बाद अपने जिलों को स्पष्ट निर्देश जारी करेंगी और ब्लॉकों से प्रस्ताव प्राप्त कर मंडल को उपलब्ध कराएंगी। धरना कार्यक्रम सबसे पहले ब्लॉक स्तर पर उसके बाद जिला और फिर प्रांत स्तर पर होगा। संगठन के प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली ने कहा, प्रधानाचार्य के पदों पर विभागीय सीधी भर्ती के लिए सरकार की ओर से संगठन को विश्वास में नहीं लिया गया। यदि विभागीय सीधी भर्ती बहुत जरूरी थी तो इसके लिए नियमावली बनाते हुए सभी शिक्षकों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, शिक्षकों की मांग को लेकर मात्र आश्वासन मिल रहा है।
प्रांतीय कार्यकारिणी की होगी बैठक..
संगठन ने प्रधानाचार्य के पद पर सीधी भर्ती नियमावली को समाप्त करने के लिए हाईकोर्ट में अलग-अलग दो याचिकाएं दाखिल की हैं। न्यायालय का जो भी निर्णय होगा, उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान के मुताबिक 11 मई को प्रांत मुख्यालय में प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। बैठक में सभी जिलों के अध्यक्ष और मंत्री एवं दोनों मंडलों के अध्यक्ष और मंत्री शामिल होंगे। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली का कहना हैं कि लंबित मांगों को लेकर संगठन शासन व सरकार के साथ समन्वय बनाए हुए हैं, लेकिन कुछ शिक्षक सोशल मीडिया में संगठन के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है।
देवभूमि को जीरो एक्सीडेंट स्टेट बनाने के विजन पर कवायद, बैठक में दिए ये निर्देश..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सड़क सुरक्षा एवं अनुश्रवण समिति की अति महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने परिवहन, लोक निर्माण, वित्त एवं सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को उत्तराखण्ड को जीरो एक्सीडेंट स्टेट बनाने के विजन के साथ कार्य करने के नसीहत दी।
सीएस का कहना हैं कि संबंधित अधिकारी तत्काल विभिन्न थाना चौकियों में बन्द वाहनों को प्रत्येक जनपद में शहर के नजदीक स्थान चिन्हित करते हुए एक साथ रखने की व्यवस्था करें। उन्होंने जिलाधिकारियों को जनपदों में इस सम्बन्ध में भूमि चिन्हीकरण/हस्तान्तरण हेतु निर्देश दिए। सीएस ने लोक निर्माण विभाग को प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से नियमित रोड सेफ्टी ऑडिट करवाने, परिवहन विभाग को ऑनलाइन चालान व्यवस्था मजबूत करने, शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम में सड़क दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में जागरूकता को शामिल करने, गुड समेरिटन योजना को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव का कहना हैं कि राहत राशि की हकदारी हेतु अब मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है। जिलाधिकारियों को दुर्घटना राहत निधि हेतु 50 लाख रूपये की धनराशि आवंटित है। उन्होंने अधिकारियों को क्रैश बैरियर की गुणवत्ता की थर्ड पार्टी ऑडिट के भी कड़े निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को अन्य देशों में क्रैश बैरियर के स्थान अन्य आधुनिकतम टेक्नॉलॉजी व बेस्ट प्रैक्टिसिज का अध्ययन कर राज्य में लागू करने एवं निर्धारित डेडलाइन पर अधिक दुर्घटना वाले स्थानों की मैपिंग कर स्पीड ब्रेकर, क्रैश बैरियर आदि के एक्शन प्लान पर कार्य करने के निर्देश दिए। इस दौरान बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डा.पंकज कुमार पाण्डेय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।
10वीं, 12वीं में कम अंक पाने वाले विद्यार्थी न हों निराश, कर सकते है ये काम..
उत्तराखंड: उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट जारी हो गया है। जहां एक और रिजल्ट आने से कई छात्र अच्छे नंबर से खुश है तो वहीं कई ऐसे है जो न खुश है तो कई फेल भी हो गए है। ऐसे में कम मार्क्स वाले या एक दो विषयों में फेल होने वाले विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। उनको बोर्ड मौका दे रहा है। विद्यार्थी अपनी कॉपी भी चेक कर सकते है। आपको बता दें कि उत्तराखंड बोर्ड कम मार्क्स वाले छात्रों के लिए कंपार्टमेंट/ अनुपूरक परीक्षा का आयोजन कराया जाता है।
जिन छात्रों के मार्क्स 33% से कम है ऐसे छात्र उन्हें उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन द्वारा निर्धारित न्यूनतम उत्तीर्ण अंक के मानक के आधार पर उत्तीर्ण नहीं माना जायेगा। ऐसे छात्र Compartment परीक्षा 2024 में शामिल होकर अपने मार्क्स में सुधार कर सकते है। छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा फॉर्म 2024 नहीं भरेंगे उन्हें परीक्षा में शमिल होने का अवसर नहीं प्रदान किया जायेगा। यूके 10वीं कंपार्टमेंट परीक्षा 2024 का आयोजन बोर्ड की ओर से जुलाई माह में आयोजित की जा सकती है। छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा की डेट और शेडयूल की पूरी जानकारी के लिए बोर्ड की ऑफिसियल वेबसाइट (ubse.uk.gov.in) पर विजिट कर सकते है। यूके बोर्ड 10वीं /12वीं कम्पार्टमेंट परीक्षा के लिए जो छात्र आवेदन करेंगे, उनके लिए बोर्ड की ओर से कम्पार्टमेंट परीक्षा 2024 एडमिट कार्ड जारी किया जायेगा। साथ ही परीक्षा का शेड्यूल लगभग दो सप्ताह पहले बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।
वहीं उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद् रामनगर, नैनीताल की हाईस्कूल / इण्टरमीडिएट परीक्षा वर्ष 2024 में सम्मिलित परीक्षार्थियों को अवगत कराया जाता है कि परीक्षाफल घोषणा के उपरान्त यदि कोई परीक्षार्थी अपने किसी विषय/प्रश्न-पत्र की उत्तरपुस्तिका की सन्निरीक्षा कराना चाहते हैं तो वे सन्निरीक्षा शुल्क रुपया 100=00 प्रति प्रश्नपत्र की दर से कोष-पत्र (ई-चालान) के माध्यम से उत्तराखण्ड के किसी भी राजकोष/ भारतीय स्टेट बैंक में सुसंगत लेखाशीर्षक (0202 – शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति, 01 – सामान्य शिक्षा 102 – माध्यमिक शिक्षा, 02 – बोर्ड परीक्षाओं का शुल्क) के खाते में जमा कर, कोष-पत्र (चालान) की मूल प्रति एवं अंक पत्र की छाया प्रति (इण्टरनेट प्रति भी मान्य) सहित अपना सन्निरीक्षा आवेदन पत्र परिषद् कार्यालय में ऑनलाइन या आफलाइन प्रेषित करें। सन्निरीक्षा आवेदन पत्र समस्त संलग्नकों सहित परीक्षाफल परिणाम घोषित होने की तिथि से 30 दिन के अन्दर अर्थात 29 मई 2024 तक परिषद् कार्यालय में प्राप्त होना अनिवार्य हैं।