नहाते समय गंगा के तेज बहाव में बहा विदेशी पर्यटक, तलाश में जुटी एसडीआरएफ..
उत्तराखंड: ऋषिकेश के मुनि की रेती क्षेत्र में एक विदेशी पर्यटक गंगा नदी में नहाते समय अचानक तेज बहाव में फंस गया और बह गया। इस घटना के बाद एसडीआरएफ की टीम तुरंत उसकी तलाश में जुट गई है। हालांकि, कई घंटों की कड़ी मेहनत और प्रयास के बावजूद अभी तक पर्यटक का कोई पता नहीं चल सका है। टीम द्वारा तलाशी अभियान जारी है, लेकिन अब तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है। जानकारी के अनुसार घटना सुबह 7:45 बजे की है। थाना प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह का कहना हैं कि प्रग्नेश औंधिया (59) पुत्र नटवरलाल निवासी 38 एलिमेंट, लंदन यूके अपनी पत्नी पिंकी व पुत्र आनंद के साथ स्वामी नारायण आश्रम घाट पर नहा रहे थे।
ऋषिकेश मार्ग में अनियंत्रित होकर खाई में गिरी कार, दो की मौत..
उत्तराखंड: ऋषिकेश मार्ग पर गुरुवार को दर्दनाक हादसा हो गया। पर्यटकों की कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में गौतमबुद्ध नगर के दो पर्यटकों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार दर्दनाक हादसा चैलूसैन ऋषिकेश मार्ग पर परसुली खाल के पास सिलोगी से करीब दो किमी पहले हुआ। बताया जा रहा है एक कार अचानक अनियंत्रित होकर 500 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। मौके पर चीख-पुकार मचने पर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे।
खाई से निकाल कर शव किया बरामद..
घटना की सूचना पाकर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर युवकों का रेस्क्यू शुरू किया। घंटो की मशक्कत के बाद दोनों युवकों का शव बरामद कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार गुमखाल चौकी प्रभारी मुकेश भट्ट ने बताया कि उत्तर प्रदेश के दो युवक गुरुवार को अपनी कार से कोटद्वार से ऋषिकेश घूमने आए हुए थे। इस दौरान उनकी कार हादसे का शिकार हो गई। हादसे में दोनों की मौके पर मौत हो गई। युवकों की पहचान ओमबीर (31) निवासी गौतमबुद्ध नगर और अन्य व्यक्ति के रूप में हुई है। कार में सवार दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। चौकी प्रभारी मुकेश भट्ट ने बताया की घटना की सूचना दोनों युवकों के परिजनों को दे दी है।
नरेंद्रनगर और ऋषिकेश की सड़कें और पुल चमकेंगे..
उत्तराखंड: प्रदेश में जी-20 की तीन बैठकें प्रस्तावित हैं। इनमें से पहली बैठक 26 से 28 मार्च के बीच नैनीताल के रामनगर में हो चुकी है जबकि दो बैठकें 25 से 27 मई और 26 से 28 जून के बीच नरेंद्रनगर और ऋषिकेश में होनी हैं। इससे पहले सरकार की ओर से सड़कों और पुलों के सौंदर्यीकरण से संबंधित करीब 31 कामों के लिए कुल 6946.90 का बजट जारी कर दिया गया है।
इसके तहत नरेंद्रनगर क्षेत्र में स्थित कांडाखेत मोटर मार्ग का सुधारीकरण, सड़क सुरक्षा के कार्य किए जाएंगे। इसके साथ ही रानीपोखरी और नरेंद्र नगर के बीच कुल 17 किमी मोटर मार्ग का नवीनीकरण किया जाएगा। सतही सुधार के साथ इस मार्ग में दीवारों, पैरापिट का निर्माण और अन्य सड़क सुरक्षा सुधार के काम किए जाएंगे। इस मार्ग का प्रयोग देहरादून से नरेंद्रनगर जाने के लिए किया जाता है।
क्षतिग्रस्त हिस्सों को भी सुधारा जाएगा..
इसके साथ ही ऋषिकेश-भानियावाला के बीच सड़क के कुछ हिस्सों में सतह सुधार, प्लांटेशन, लक्ष्मणझूला-स्र्वाश्रम-जोंक के कुछ हिस्सों में इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने, पक्की नाली निर्माण, क्रॉस ड्रेनेज, क्षतिग्रस्त कॉजवे का सुधारीकरण किया जाएगा। इसके अलावा बैराज-लक्ष्मणझूला-दुगड्डा मार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्सों को भी सुधारा जाएगा।
शहर की सड़कें भी चमकेंगी..
प्रस्तावित कार्यों के तहत ऋषिकेश शहर की मुख्य सड़कों को भी चमकाया जाएगा। इसके तहत नटराज-भद्रकाली मोटर मार्ग की सतह का सुधार किया जाएगा, साथ ही क्षतिग्रस्त फुटपाथ, नाली का निर्माण और काजवे पर भी काम किया जाएगा। इसके साथ ही पशुलोक बैराज मोटर मार्ग के कुछ हिस्सों में सतही पुनर्वास कार्य होगा। नरेंद्रनगर स्थित लोनिवि के डाक बंगले को भी चकाचक बनाया जाएगा। यहां मरम्मत के साथ ही रंग रोगन भी किया जाएगा। इसके लिए 74 लाख 32 हजार रुपये बजट की व्यवस्था की गई है। ऋषिकेश की शान बन चुके जानकी सेतु के रंगरोगन के लिए 20 लाख 76 हजार रुपये का बजट जारी किया गया है।
हरिद्वार से ऋषिकेश के लिए शुरू हो रहा ट्रेनों का संचालन..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड आने वाले पर्यटनों और स्थानीय लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा हैं कि धर्मनगरी हरिद्वार से योगनगरी ऋषिकेश के लिए ट्रेनों का संचालन शुरू होने जा रहा है। पहली बार हरिद्वार से ऋषिकेश के बीच दो पैसेंजर ट्रेनें संचालित होंगी। ट्रेन का संचालन हरिद्वार से एक अगस्त से शुरू किया जाएगा। जिसका टाइम टेबल जारी किया गया है।
जानकारी के अनुसार मुरादाबाद मंडल ने आगामी 1 अगस्त से हरिद्वार एवं ऋषिकेश के बीच पैसेंजर ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है, जिसकी काफी समय से मांग की जा रही थी। अब हरिद्वार से ऋषिकेश के बीच ट्रेन रोजाना चलेंगी और दिन में दो बार ऋषिकेश का सफर करेंगी। बताया जा रहा है कि ट्रेन मोतीचूर, रायवाला, वीरभद्र होते हुए ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। इससे पहले कुंभ मेले में अस्थाई तौर पर हरिद्वार से ऋषिकेश के बीच ट्रेन का संचालन होता था।
आपको बता दे कि हरिद्वार से ऋषिकेश के लिए हरिद्वार रेलवे स्टेशन से ट्रेन सुबह 5:10 बजे और सुबह 10:35 बजे ऋषिकेश के लिए रवाना होंगी। दोनों ट्रेन 6:15 बजे और 11:40 बजे ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। वहीं ऋषिकेश से पैसेंजर ट्रेन सुबह 7:50 बजे चलकर 8:55 बजे हरिद्वार पहुंचेगी। यह ट्रेन भी एक अगस्त से संचालित होंगी। वहीं दूसरी ट्रेन ऋषिकेश से शाम 6:25 बजे चलेगी और हरिद्वार शाम 7:30 बजे पहुंचेगी। इस ट्रेन का संचालन दो अगस्त से शुरू किया जाएगा।
आज से शुरू हुआ ऋषिकेश में राफ्टिंग का सफर..
उत्तराखंड: टिहरी प्रशासन की ओर से गंगा में राफ्टिंग के लिए हरी झंडी मिल गई है। जिससे राफ्ट संचालकों के चेहरे खिल उठे हैं। पितृ पक्ष शुरू होने से पूर्व राफ्ट संचालकों ने खारास्रोत में गंगा पूजन कर दिया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण रविवार को राफ्ट का संचालन शुरू नहीं हो पाया था। आपको बता दे कि शनिवार को देहरादून से आई एक तकनीकी टीम ने गंगा नदी में रैकी किया। रैकी टीम ने नदी का जलस्तर एक मीटर बढ़ा हुआ बताया। रीवर राफ्टिंग करने के लिए गंगा का जलस्तर 137 मीटर होना चाहिए। जबकि उस समय नदी का जलस्तर 138 मीटर था। जो एक मीटर बढ़ा हुआ था।
बीते दिनों नदी का जलस्तर सामान्य हो गया था। लेकिन जैसे ही पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश हो रही है। उससे गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। रैकी टीम ने अब जलस्तर सामान्य बताया है। जिसके बाद से राफ्टिंग को टिहरी प्रशासन की ओर से इसे हरी झंडी मिल गई है।
राफ्टिंग का संचालन करीब 20 दिन देर से शुरू..
कोरोनाकाल से पहले वर्ष भर में केवल दो महीने जुलाई और अगस्त में राफ्टिंग का संचालन बंद होता था। 1 सितंबर से लेकर 30 जून तक राफ्टिंग संचालित होती थी। लेकिन इस बार कोरोनाकाल और गंगा के जलस्तर के कारण राफ्टिंग का संचालन करीब 20 दिन देर से शुरू हो रहा है।
इन स्थानों से होगी राफ्टिंग की शुरूआत..
1- कौडियाला से रामझूला, नीमबीच -35 किमी
2- कौडियाला से शिवपुरी -20 किमी
3- मरीन ड्राइव से शिवपुरी-10 किमी
4- मरीन ड्राइव से रामझूला, नीमबीच – 25 किमी
5- शिवपुरी से रामझूला, नीमबीच- 15 किमी
6- ब्रह्मपुरी से रामझूला, नीमबीच – 9 किमी
7- क्लब हाउस से रामझूूला, नीमबीच- 9 किमी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रूपये की 6 मेगा परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से प्रदेश से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा। लोकार्पित किए गए प्रोजेक्ट में जगजीतपुर (हरिद्वार) में 230 करोड़ रूपये की लागत से बना 68 एमएलडी क्षमता का एसटीपी व 20 करोड़ की लागत से बना 27 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, सराय (हरिद्वार) में 13 करोड़ की लागत से बना 18 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, चंडी घाट (हरिद्वार) में गंगा के संरक्षण और जैव विविधता को प्रदर्शित करता ‘गंगा संग्रहालय’, लक्कड़ घाट (ऋषिकेश) में 158 करोड़ की लागत से बना 26 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चंद्रेश्वर नगर-मुनि की रेती में 41 करोड़ की लागत से बना 7.5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चोरपानी (मुनि की रेती) में 39 करोड़ की लागत से बना 5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी और बद्रीनाथ में 19 करोड़ की लागत से बना 1.01 एमएलडी क्षमता का एसटीपी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने रोविंग डाउन द गंगेज (rowing down the ganges) व ग्राम पंचायतों और पानी समितियों के लिए बनाई गई मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। उन्होंने जल जीवन मिशन के लोगो (प्रतीक चिह्न) का भी अनावरण किया।
नई सोच व नई एप्रोच से नमामि गंगे में मिली सफलता
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि मां गंगा हमारे सांस्कृतिक वैभव और आस्था से तो जुड़ी ही है, साथ ही लगभग आधी आबादी को आर्थिक रूप से समृद्ध भी करती है। नमामि गंगे मिशन, नई सोच और नई एप्रोच के साथ शुरू किया गया। यह देश का सबसे बड़ा नदी संरक्षण अभियान है। इसमें समन्वित रूप से काम किए गए। गंगा जी में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए एसटीपी का निर्माण किया गया या किया जा रहा है, अगले 15 वर्षों की आवश्यकता के अनुसार एसटीपी कीे क्षमता रखी गई, गंगा के किनारे लगभग 100 शहरों और 5 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है और गंगा की सहायक नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त रखने का काम किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड में 6 साल में सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता चार गुना हुई
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में नमामि गंगे के अंतर्गत लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। राज्य में 6 साल में सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता को 4 गुना कर दिया गया है। लगभग सभी नालों को टैप कर दिया गया है। इनमें चंद्रेश्वर नाला भी शामिल है। यहां देश का पहला 4 मंजिला एसटीपी शुरू हो चुका है। अगले वर्ष हरिद्वार कुम्भ मेले में श्रद्धालु गंगा की निर्मलता का अनुभव लेंगे। सैकड़ों घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया है। साथ ही रिवर फ्रंट भी बनकर तैयार है। गंगा म्यूजियम से हरिद्वार आने वाले लोग गंगा से जुड़ी विरासत को समझ पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा के निकटवर्ती पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर फोकस किया जा रहा है। यहां जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती की योजना है। आर्गेनिक फार्मिंग काॅरिडोर विकसित किया जा रहा है। मिशन डाॅल्फिन से डाॅल्फिन संवर्धन में मदद मिलेगी।
जल जीवन मिशन में त्रिवेंद्र सरकार एक कदम आगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी की महत्ता को माता-बहनों से अधिक कौन समझ सकता है। हमने जल से जुड़े मंत्रालयों को एक कर जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया। जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जल का लक्ष्य लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार एक कदम और आगे बढ़ी है। उन्होंने केवल एक रूपए में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है। वर्ष 2022 तक हर घर नल से जल देने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखण्ड में कोरोना काल में भी पिछले 4-5 माह में 50 हजार परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया गया है, जो कि उत्तराखण्ड सरकार के संकल्प को दर्शाता है।
सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल के लिए 2 अक्टूबर से अभियान
जल जीवन मिशन ने गांवों में पानी की समस्या से मुक्त करने का अवसर दिया है। 2 अक्टूबर से जल जीवन मिशन के तहत अभियान चलाकर 100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल सुनिश्चित किया जाएगा। वर्ष 2014 के बाद देश हित में बहुत से बड़े काम किए गए। इनमें कृषि विधेयक, डिजीटल इण्डिया, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन शामिल हैं। वन रैंक वन पेंशन से उत्तराखण्ड के एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक लाभान्वित हुए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकवाद को चोट पहुंचाई गई। राफेल से वायुसेना की ताकत काफी बढ़ी है। सरदार पटेल की मूर्ति राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की प्रतीक है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से सारी दुनिया योग के महत्व से परिचित हुई। अयोध्या में रामजन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन किया गया। देश को ताकतवार बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया गया है।
सीएम ने कहा गंगा किनारे जैविक व औषधीय खेती को प्रोत्साहन
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के चिन्हित 16 नगरों हेतु स्वीकृत 19 योजनाओं में से 15 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। शेष कुम्भ से पहले पूरी हो जाएंगी। इन नगरों में चिन्हित किए गए 135 नालों में से 128 टैप किए गए हैं। शेष को कुम्भ से पहले टैप कर लिया जाएगा। गंगा किनारे उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न स्थानों पर 21 स्नान घाटों जिसमें भव्य चंडी घाट भी शामिल है और 23 मोक्षधामों का निर्माण किया गया है। गंगा नदी के कैचमेंट एरिया में जो कार्य कराए गए हैं, उनका लाभ आने वाले समय में अवश्य मिलेगा। गंगा के दोनों किनारों पर 5 से 7 किलोमीटर के क्षेत्र में जैविक खेती को विकसित करते हुए स्थाई कृषि प्रथाओं को भी नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नमामि गंगे कार्यक्रम में निर्मित एसटीपी से निकलने वाले शोधित जल को भी कृषकों को सिंचाई हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है। गंगा जी की निर्मलता और अविरलता के लिए प्रधानमंत्री मोदी के भगीरथ प्रयासों के परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। यहां तक की गंगा मे डाल्फिन और महाशिर मछलियां भी पुनः दिखने लगी हैं। गंगा के किनारे आर्गेनिक खेती व औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
शेखावत बोले हरिद्वार कुम्भ में गंगा का जल होगा आचमन योग्य
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल संचय व जल संरक्षण को लेकर जनचेतना का संचार हुआ है। यह आंदोलन जन-जन का विषय बनने लगा है। वर्ष 2014 से नमामि गंगे एक मिशन मोड में काम कर रहा है। इसके लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था की गई। समन्वित एप्रोच पर काम किया गया। गंगा प्रवाह क्षेत्र में 315 परियोजनाएं अभी तक इसमें ली गई हैं। कुल 28854 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 9 हजार करोड़ की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इनके स्पष्ट परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं। हाईब्रिड एन्यूटी प्रणाली अपनाई गई है। गंगा प्रहरी और अनेक संगठनों के माध्यम से नमामि गंगे को जन अभियान बनाया गया है। गंगा की शुचिता के साथ ही अविरलता पर भी ध्यान दिया गया है। इसके लिए ई-फ्लो अधिसूचना जारी की गई। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले के समय गंगा जल आचमन योग्य होगा। रिसाईकिल पानी को रियूज करने का भी प्रयास किया जा रहा है। गंगा की सहायक नदियों पर भी प्रभावी काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम में ये रहे जुड़े
इस वर्चुअल कार्यक्रम में उत्तराखण्ड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया के अलावा प्रदेश के केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, सांसद तीरथ सिंह रावत, ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगाईं, विधायक आदेश चौहान आदि भी जुड़े थे।