उपद्रवियों पर NSA की कार्रवाई को करन माहरा ने कहा- ये कार्रवाई भड़काने वाली बात..
उत्तराखंड: हल्द्वानी में गुरूवार को जिस तरीके से अतिक्रमण हटाने को लेकर उपद्रवियों के द्वारा अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला किया गया। उसको लेकर धामी सरकार सख्त नजर आ रही है। धामी सरकार उपद्रवियों खिलाफ एक्शन के तहत कार्रवाई करने के मूड में है। जिसके तहत NSA के तहत करवाई भी की जाएगी। लेकिन उपद्रवियों पर NSA की कार्रवाई को विपक्ष सही नहीं मान रहा है। हल्द्वानी हिसा को लेकर धामी सरकार सख्त एक्शन लेने के मूड में नजर आ रही है। जिसके तहत उपद्रवियों की पहचान करने के बाद उनपर एनएसए के तहत करावई की जाएगी। लेकिन विपक्ष उपद्रवियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई को गलत बता रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि एनएसए के तहत कार्रवाई ठीक नही हैं। ये ज्यादातर आंतकवादियों पर की जाती है।
विपक्ष ने कार्रवाई को बताया भड़काने वाली बात..
एनएसए नेशनल सिक्योरिटी एक्ट कानून है जिसके तहत यदि किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने रहता है तो उस व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है। अगर सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार भी किया जाता है। सरकार जहां हल्द्वानी की घटनाक्रम को गंभीर मानते हुए सख्त कार्रवाई कर बड़ा संदेश भी देने की कोशिश कर रही है। तो वहीं विपक्ष इस कार्रवाई को भड़काने वाली बता रहा है। हालांकि भाजपा का कहना है कि जो भी कार्रवाई उपद्रवियों पर बनती है वह की जाएगी,किसी भी कीमत पर उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा। कांग्रेस हल्द्वानी की घटना को अधिकारियों की लापरवाही को भी जिम्मेदार मान रही है। जिसके तहत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जिला अधिकारी और एसएसपी के ट्रांसफर की भी मांग कर रहे हैं। तो वहीं उपद्रवियों पर एनएसए की कार्रवाई को कांग्रेस सही नहीं मान रही है।
आज उत्तराखंड पहुंचेंगी कुमारी शैलजा, लोस चुनाव का होमवर्क करेंगी चेक..
उत्तराखंड: लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। लोकसभा के चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा आज अपने दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर आ रही हैं। प्रभारी बनने के बाद ये उनका दूसरा उत्तराखंड दौरा है। कुमारी शैलजा का ये उत्तराखंड दौरा बेहद ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुमारी शैलजा दो दिवसीय इस दौरे के दौरान संगठन के कामकाज की नब्ज टटोलेंगी। इसके साथ ही वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के लोस चुनाव का होमवर्क को भी वो चेक करेंगी।
दो दिन में करेंगी सात बड़ी बैठकें..
मिली जानकारी के अनुसार कुमारी शैलजा दो दिन में सात बड़ी बैठकें करेंगी। माना जा रहा है कि इन बैठकों के जरिए वो नेताओं से चुनावी फीडबैक लेंगी। इसके साथ ही वो पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, पूर्व विधायकों के साथ ही सभी फ्रंटल संगठनों के साथ वन टू वन बैठक करेंगी। कुमारी शैलजा के कांग्रेस प्रदेश प्रभारी बनने के बाद ये दूसरा उत्तराखंड दौरा है। इस से पहले वो एक दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आई थी। देहरादून में पार्टी के नेताओं से बैठक करने के बाद वो उसी दिन दिल्ली के लिए रवाना हो गई थी। मिली जानकारी के अनुसार 10 फरवरी को शैलजा कुमारी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के विधायकों, पूर्व मंत्री व विधायक व 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के साथ बैठक करेंगी। इसके बाद 11 फरवरी को वो जिला व महानगर अध्यक्षों के साथ बैठक करेंगी।
कांग्रेस की ‘भारत न्याय यात्रा’ में बीजेपी ने कसा तंज, पढ़िए पूरी खबर..
देश-विदेश: कांग्रेस नेता राहुल गांधी 14 जनवरी से अपनी भारत न्याय यात्रा करने जा रहे हैं। उनकी इस यात्रा को लेकर बीजेपी ने तंज कसा है। बीजेपी के नेता नलिन कोहली का कहना हैं कि 15 जनवरी या उसके आसपास की तारीख इसलिए रखी गई है, क्योंकि राहुल गांधी इससे पहले किसी अंतरराष्ट्रीय दौरे या फिर छुट्टी में हो सकते हैं। उसके बाद ही राहुल गांधी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। यह मुद्दा यह है कि न्याय क्या है? इस देश में मोदी सरकार से 80 लोगों को राशन मिलने से न्याय हो रहा है। न्याय मतलब जो आप कर रहे हैं, न कि जो आप नारे जरिए बना रहे हैं। बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब राहुल गांधी मणिपुर से मुंबई तक भारत न्याय यात्रा की तैयारी में है।
कब शुरु होगी भारत न्याय यात्रा..
भारत न्याय यात्रा को 14 जनवरी से शुरु किया जाएगा और 20 मार्च तक ये यात्रा जारी रहेगी।
इस बार ये यात्रा मणिपुर राज्य से होकर मुंबई तक जाएगी।
इस यात्रा में कांग्रेस 6,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
यात्रा को कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ेग हरी झंडी दिखाएंगे।
ये यात्रा 12 राज्य, 85 जिले में जाएगी।
इन राज्यों को कवर करेगी यात्रा
मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं।
कांग्रेस को लगा बड़ा झटका गोवा में पूर्व सीएम समेत आठ विधायक भाजपा में शामिल..
देश-विदेश: गोवा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिगंबर कामत और नेता प्रतिपक्ष माइकल लोबो समेत कांग्रेस के आठ विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। विपक्ष के नेता माइकल लोबो ने आज ही कांग्रेस विधायक दल की एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। इस बैठक में कांग्रेस विधायक दल को भाजपा में विलय करने पर निर्णय लिया गया था। इसके बाद इन विधायकों ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से भी मुलाकात की थी।
कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में दिगंबर कामत, माइकल लोबो, डी लोबो, राजेश फलदेसाई, केदार नायक, संकल्प अमोनकर, अलेक्सो सिकेरा और रुडॉल्फ फर्नांडिस जैसे नाम शामिल हैं। ये सभी विधायक सीएम प्रमोद सावंत की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर सीएम सावंत ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं, लेकिन गोवा से ‘कांग्रेस छोड़ो’ यात्रा शुरू हो चुकी है।
आपको बता दे कि 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा में भाजपा के पास 20 विधायक थे। वहीं कांग्रेस के पास 11 सीटें थीं। इसके साथ ही महाराष्ट्रवादी गोमांतक के पास दो व गोवा फॉरवर्ड पार्टी की एक सीट है। वहीं अन्य के खाते में छह सीटें हैं। कांग्रेस के आठ विधायकों के भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस के पास विधानसभा में सिर्फ तीन सीटे ही बची हैं। वहीं भाजपा की संख्या बढ़कर 28 हो गई।
इसके साथ ही गोवा कांग्रेस विधायक दल ने विधानसभा के अंदर भाजपा में विलय का प्रस्ताव पारित किया। विपक्ष के नेता माइकल लोबो ने सात अन्य विधायकों की मौजूदगी में प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री व विधायक दिगंबर कामत ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। बता दे कि 2019 में भी कांग्रेस को भाजपा ने इसी तरह का झटका दिया था। जुलाई, 2019 में कांग्रेस के 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, इस वरिष्ठ नेता ने दिया इस्तीफा..
उत्तराखंड: प्रदेश में बुधवार की सुबह कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। बता दे कि पौड़ी के द्वारीखाल के दिग्गज ब्लॉक प्रमुख महेंद्र राणा ने कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। बताया जा रहा है कि निजी कारणों के चलते ब्लॉक प्रमुख महेन्द्र सिंह राणा ने इस्तीफा दिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को त्याग पत्र भेजा। ब्लॉक प्रमुख के त्याग पत्र की खबर से उत्तराखंड की सियासत गरमा गई है। ब्लॉक प्रमुख ने अपने त्याग पत्र में लिखा है कि “मैं उत्तराखण्ड प्रदेश में विगत 25 वर्षों से लगातार कांग्रेस पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हूं तथा विगत 15 वर्षों से पार्टी संगठन में विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी संगठन को अपनी सेवायें देता आ रहा हूं। वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य तथा प्रदेश महामंत्री के रूप में तन-मन-धन से पार्टी संगठन की सेवा कर रहा हूं।
पार्टी में इतने लम्बे समय की सेवा के बाद मेरे द्वारा वर्ष 2017 एवं 2022 के विधानसभा चुनाव में यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी बनाये जाने हेतु टिकट की दावेदारी की गई तथा मुझे पूरा विश्वास था कि पार्टी नेतृत्व मेरी लम्बी सेवा को देखते हुए मुझे उपकृत करेगा, परन्तु पार्टी संगठन द्वारा मेरी लम्बी सेवा के बावजूद मेरी लगातार उपेक्षा की गई।
वर्तमान में उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस संगठन में जिस प्रकार गुटबाजी एवं पुराने कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा की जा रही है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी संगठन में निष्ठावान एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं की बजाय चाटुकारिता तथा भाई-भतीजावाद को तरजीह दी जा रही है जिससे मेरे जैसे निष्ठावान कार्यकर्ता आहत हैं।कांग्रेस पार्टी में लम्बी संगठनात्मक सेवा के उपरान्त अपनी घोर उपेक्षा तथा पार्टी संगठन में चल रही गुटबाजी से आहत होकर मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों तथा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूँ।
जयवीर शेरगिल का कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा..
देश-विदेश: कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया है। शेरगिल ने सोनिया गांधी को लिखे अपने इस्तीफे में लिखा, “मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हित में नहीं है, बल्कि उन लोगों के स्वार्थ से प्रभावित है जो चाटुकारिता में लिप्त हैं।” और लगातार वास्तविक दुनिया की उपेक्षा कर रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि पार्टी राष्ट्र और लोगों के व्यक्तिगत हितों को प्राथमिकता देती है।जबकि सार्वजनिक और राष्ट्रीय हितों की अनदेखी की जा रही है। शेरगिल ने अपने पत्र में कहा कि प्राथमिक कारण यह है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वर्तमान निर्णय निर्माताओं की विचारधारा और दूरदृष्टि अब युवाओं और आधुनिक भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है।
पेशे से वकील शेरगिल कांग्रेस के युवा नेताओं के जाने माने सदस्य थे। वह पंजाब का रहने वाला हैं। शेरगिल का इस्तीफा तब आया है जब लगातार युवा कांग्रेस के नेताओं ने संगठन से अपने प्रस्थान की घोषणा की है। पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख कांग्रेस नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद भी शामिल हैं, जो अब भाजपा सरकार में अहम पदों पर हैं।
एसडीएम सदर-पार्टी नेता के बीच गहराया विवाद..
उत्तराखंड: तहसील पौड़ी में युवा कांग्रेस नेता व एसडीएम सदर के बीच का विवाद राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख, पूर्व सीएम, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेक नेताओं ने एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भाकपा माले के गढ़वाल सचिव ने भी एसडीएम के व्यवहार को आपत्तिजनक बताया है। वहीं भाजपा एसडीएम के बचाव में उतर गई है। सोमवार को पौड़ी युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता नितिन बिष्ट के खिलाफ पौड़ी प्रशासन की ओर से की गई करवाई के विरोध में गांधी पार्क में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। तहसील पौड़ी परिसर में बीते शनिवार देरशाम अग्निवीर भर्ती को लेकर प्रमाणपत्र बनवाए जाने के संबंध में विवाद हो गया था।
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख वैभव वालिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एसडीएम सदर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि अग्निवीर भर्ती में प्रमाणपत्र को लेकर परेशान युवाओं की समस्या उठाने पर युवा नितिन बिष्ट पर मुकदमा दर्ज करना गलत है।
एसडीएम सदर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग की.
कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सोशल मीडिया पर विवाद का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि अधिकारियों को जनता के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। युवा कांग्रेस के साथी ने एसडीएम को प्रमाणपत्र, युवाओं की भोजन की व्यवस्था के लिए पूछा, तो एसडीएम ने अभद्रता की।
युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता, प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर, पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रंजीत रावत ने एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने एसडीएम सदर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग की।
शिवालयों में जलाभिषेक के पत्र पर भ्रांतियां फैला रहा विपक्ष-रेखा आर्य..
उत्तराखंड: शिवालयों में जलाभिषेक से संबंधित पत्र को लेकर विवादों में आई कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने सोमवार को सफाई दी। उनका कहना हैं विपक्ष पत्र पर भ्रांतियां फैला रहा है जबकि पत्र में कहीं पर भी यह नहीं कहा गया कि यदि कोई शिवालयों में जलाभिषेक नहीं करेगा तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि यह सभी लोगों की स्वेच्छा है कि वे अपने नजदीकी शिवालयों में जलाभिषेक करें या न करें। इस विवाद के लिए उन्होंने विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री ने अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ भ्रांति फैलाना है। जिसे अच्छाई में भी बुराई नजर आ रही है। विपक्ष का काम अच्छाई में भी बुराई ढूंढने का है। रेखा आर्य का कहना हैं कि उनकी ओर से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को लेकर लिया गया संकल्प पवित्र है। जिसमें कहीं न कहीं लैंगिक असमानता को समानता की ओर लाने पर कार्य किया जा रहा है। उनकी यह कोशिश है कि जब उत्तराखंड अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा तब देवभूमि में लिंगानुपात हजार बालकों पर हजार बालिकाओं का हो।
आज अपनी 25 किलोमीटर की पैदल कांवड़ यात्रा को लेकर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उनकी तरफ से समाज के सभी लोगों को इस पुनीत कार्य मे भागीदारी बनने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस कांवड़ यात्रा के जरिये उनकी कोशिश है कि समाज में बेटियों के प्रति जो भेदभाव की सोच है, उसे खत्म किया जाए। उत्तराखंड जिसे की हम देवभूमि कहते हैं, वहां बेटियों को देवी के समान अधिकार मिले और वह भी समाज में लड़कों के बराबर खड़ी हो सकें।
राष्ट्रपति चुनाव- उत्तराखंड में क्रास वोटिंग से कांग्रेस में खलबली..
उत्तराखंड: राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस में खलबली मची है। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में उस काली भेड़ की तलाश शुरू हो गई है, जिसने राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। पार्टी के नेता अब एक-दूसरे को ही शक की नजर से देख रहे हैं। इस मामले को गंभीर मानते हुए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से एक कमेटी बनाकर मामले की जांच का अनुरोध किया।
बता दे कि इस बीच मामला हाईकमान तक भी पहुंच गया है। लेकिन जब तक पार्टी लाइन से बाहर जाकर वोट करने वाले की पहचान नहीं हो जाती, कोई भी बड़ा नेता खुलकर कुछ कहने से बच रहा है। पहले से बगावत के जख्मों से छलनी कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा धक्का लगा है। उत्तराखंड से कुल 67 विधायकों ने बीती 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में मतदान किया था। कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी और तिलकराज बेहड़ अलग-अलग कारणों से मतदान में भाग नहीं लिया था।
इसी तरह से भाजपा के विधायक व परिवहन मंत्री चंदनराम दास अस्पताल में भर्ती होने के कारण वोट नहीं दे पाए थे। इस तरह 70 में से कुल 67 विधानसभा सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। विधानसभा में दलीय स्थिति देखें तो वर्तमान विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 47, कांग्रेस के 19 विधायक हैं। इसके साथ ही बसपा के दो और दो निर्दलीय हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा ने दो निर्दलीय और दो बसपा सदस्यों का विश्वास भी जुटा लिया था। इस तरह राजग की प्रत्याशी मुर्मू को 50 मत ही मिलने चाहिए थे, लेकिन उन्हें 51 वोट मिले हैं। साफ है कि यह वोट कांग्रेस विधायक ने दिया है। कांग्रेस के दो विधायक मतदान में शामिल नहीं हुए थे। इस हिसाब से यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 17 वोट मिलने चाहिए थे, लेकिन उन्हें 15 ही वोट मिले।
ईडी दफ्तर के बाहर आज कांग्रेस का प्रदर्शन..
उत्तराखंड: ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेस आज प्रदर्शन करेगी। बता दे कि पार्टी ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी दल के नेताओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसी को लेकर आज 21 जुलाई को देशभर में केंद्रीय ऐजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालयों के सम्मुख विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इसी कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में देहरादून स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले उत्तराखंड में कांग्रेस ने राज्य में लोकसेवा आयोग की भर्तियों, पुलिस विभाग की भर्तियों और सहकारिता विभाग में हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप लगाया है। जिसके खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन के साथ सचिवालय कूच किया था।
इसके बाद कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य साथ में उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी और प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा वहीं धरने पर बैठ गए। महामंत्री संगठन विजय सारस्वत का कहना हैं कि प्रदेश में भाजपा शासन में सभी विभागों में हो रही भर्तियों में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार के साथ ही अपनों को रेवड़ी बांटने का काम किया जा रहा है।