पूर्व सीएम हरीश रावत का भाजपा पर जोरदार हमला..
उत्तराखंड: पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रही है। हमारे कार्यकर्ताओं को प्रलोभन देकर या गलत तरीके से दबाव बना भाजपा में शामिल कराया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेसियों से एकजुट रहने की अपील की। पूर्व सीएम रविवार शाम काशीपुर पहुंचे। हरीश रावत का कहना हैं कि वर्तमान में कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो भाजपा की नीतियों के खिलाफ मजबूती से आवाज उठा रही है। इसके चलते भाजपा, कांग्रेस पर लगातार प्रहार कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस की लीडरशिप को तोड़ना चाहती है। इसके लिए अनुचित तरीके भी अपनाये जा रहे हैं। हालांकि, एक सवाल के जवाब में उन्होंने कांग्रेस के भविष्य को लेकर उम्मीद जताई। रावत ने कहा कि जब भाजपा का ग्राफ गिरने लगेगा, तब लोग फिर कांग्रेस की ओर लौटेंगे। श्रीलंका के मौजूदा हालात का उदाहरण देते हुए रावत ने कहा कि वर्ष 2024 में भी यह स्थिति आ सकती है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को एकजुट रहना होगा।
तो संसद में उत्तराखंड से खत्म हो जाएगा कांग्रेस का प्रतिनिधित्व..
उत्तराखंड: प्रदेश की राज्यसभा के लिए एक सीट पर होने वाले चुनाव में भाजपा ने डॉ. कल्पना सैनी को मैदान में उतार दिया है, जबकि कांग्रेस अभी तक चुप्पी साधे हुए है। पार्टी की ओर से अभी तक यही स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह चुनाव लड़ेगी भी या नहीं। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना हैं कि कांग्रेस इस चुनाव में अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं करेगी।
ऐसे में 10 जून को डॉ. कल्पना सैनी के निर्विरोध चुनाव के साथ ही देश की संसद में उत्तराखंड से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा। राज्यसभा का चुनाव संख्या बल के आधार पर होता है। जो कांग्रेस के पक्ष में नहीं है। सत्तारूढ़ दल भाजपा के पास विधानसभा में दो तिहाई बहुमत है। जबकि कांग्रेस के विधायकों की संख्या मात्र 19 है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, संख्या बल कम होने की वजह से पार्टी इस चुनाव में अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं करेगी। हालांकि इस बारे में आधिकारिक रूप से अभी तक पार्टी का कोई बयान सामने नहीं आया है। राज्य बनने के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब देश की संसद में उत्तराखंड से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व पूरी तरह खत्म हो जाएगा। जबकि भाजपा के खाते में पांचों लोकसभा सीटों के अलावा राज्य की तीनों राज्यसभा सीटें भी चली जाएंगी। इससे पहले वर्ष 2000 में भी राज्यसभा की तीनों सीटें भाजपा के खाते में थीं।
कांग्रेस को झटका- वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने दिया इस्तीफा..
देश-विदेश: कपिल सिब्बल ने चुपचाप कांग्रेस छोड़ने का एलान कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को घोषणा की कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के समर्थन से उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने के कुछ ही मिनटों बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले आज, सिब्बल ने राज्यसभा नामांकन दाखिल करने से पहले लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। मैंने 16 मई को कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया था, “उन्होंने लखनऊ में सपा प्रमुख की उपस्थिति में राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के बाद कहा। मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है। मैं हमेशा देश में एक स्वतंत्र आवाज बनना चाहता हूं। एक स्वतंत्र आवाज बनना महत्वपूर्ण है।
विपक्ष में रहते हुए हम एक गठबंधन बनाना चाहते हैं ताकि हम मोदी सरकार का विरोध कर सकें। सिब्बल के नामांकन के बाद मीडिया से बात करते हुए सपा प्रमुख का कहना हैं कि ”आज कपिल सिब्बल ने नामांकन दाखिल किया। सिब्बल सपा के समर्थन से राजयसभा जा रहे है और भी दो लोग जा सकते है। कपिल सिब्बल वरिष्ठ वकील हैं. संसद में अच्छी तरह से राय रखते हैं। हमें उम्मीद है कि वह सपा के साथ-साथ खुद दोनों की राय पेश करेंगे।। विशेष रूप से, सिब्बल ने धोखाधड़ी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का प्रतिनिधित्व किया था।
कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, हार्दिक पटेल ने पार्टी से दिया इस्तीफा..
देश-विदेश: कांग्रेस पार्टी को गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले ही एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हार्टिक पटेल ने इस्तीफे की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर दी। उन्होंने लिखा, “आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा।
पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने पत्र में लिखा कि अनेक प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी द्वारा देशहित एवं समाज हित के बिल्कुल विपरीत कार्य करने के कारण मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने आगे लिखा, देश के युवा एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है। जबकि, देश के लोगों को विरोध नहीं, ऐसा विकल्प चाहिए जो भविष्य के बारे में सोचता हो।
अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई कांग्रेस..
उत्तराखंड: प्रदेश में पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से शुरू होने जा रहा है, लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। कहा जा रहा है कि विधानमंडल दल की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन यह बैठक कब होगी, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। आपको बता दे कि विधानसभा चुनाव में अपेक्षित नतीजे नहीं मिल पाने पर पार्टी हाईकमान की ओर से राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजा गया था। तमाम प्रत्याशियों और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ हार के कारणों पर मंथन करने के बाद वह अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप चुके हैं। बताया जा रहा था कि रिपोर्ट मिलने के बाद पार्टी हाईकमान नेता प्रतिपक्ष के मसले को शीघ्र सुलझा लेगा। लेकिन फिलहाल ऐसे कोई आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।
पार्टी के भीतर की अलग-अलग गुटों की ओर से लॉबिंग शुरू..
बता दे कि 15 मार्च को गणेश गोदियाल भी प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे के साथ ही कार्यकारिणी भी निष्प्रभावी हो गई है। पूरे दस दिन गुजर जाने के बाद भी दोनों पदों पर नियुक्ति को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के भीतर की अलग-अलग गुटों की ओर से लॉबिंग शुरू हो गई है। प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पद पर शीर्ष नेतृत्व शीघ्र फैसला लेगा। जहां तक 29 से विधानसभा सत्र शुरू होनेे की बात है तो ऐसी कोई सांविधानिक बाध्यता नहीं है कि नेता प्रतिपक्ष का चयन उससे पहले होना जरूरी है। उधर, निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि दोनों ही पदों की नियुक्ति पर पार्टी हाईकमान को फैसला लेना है। जो फैसला होगा, सभी को मंजूर होगा।
लोहाघाट सीट पर 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी..
उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव के 23 दिन बाद आज उत्तराखंड में सभी 70 विधानसभा सीटों के चुनाव नतीजे आएंगे। इसके साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि इस बार सत्ता की बागडोर किस दल के हाथों में आएगी। शुरुआती एक घंटे के रुझानों में भाजपा ने बहुमत की 36 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है
लोहाघाट सीट पर 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी
लोहाघाट सीट कांग्रेस ने 10 साल बाद भाजपा से वापस ली। 6118 वोटों से जीते। उत्तराखंड में लोहाघाट विधानसभा का रिजल्ट आया सामने। लोहाघाट सें कांग्रेस की जीत हुई। कांग्रेस प्रत्याशी खुशाल सिंह अधिकारी को 32,244 वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी पूरन सिंह फर्तयाल को 26,126 वोट मिले। कांग्रेस के खुशाल सिंह अधिकारी ने 6,118 वोटो सें जीत हासिल की।
खटीमा में सीएम धामी को पछाड़कर कांग्रेस के भुवन कापड़ी 1068 मतों से आगे..
खटीमा सीट से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर पूरे प्रदेश की निगाह है, लेकिन सीटों की दौड़ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीसरे चरण के बाद भारी मतों से पीछे चल रहे हैं। खटीमा में तीसरे चरण की मतगणना पूरी हो गई है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 12,989 वोट मिले हैं। वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के भुवन कापड़ी को 14057 मत मिले हैं। जबकि तीसरे चरण तक कुल 203 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया है। आम आदमी पार्टी के कलेर को कुल 192 वोट मिले हैं। मतगणना के दौरान पहले चरण में भी मुख्यमंत्री धामी पीछे चल रहे थे। जबकि कहा जा रहा है कि दूसरे चरण में सीएम धामी आगे हो गए थे। ऐसे में अब तीसरे चरण में भी सीएम धामी पीछे हो गए हैं। फिलहाल मतगणना का कार्य जारी है।
हरीश रावत का पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह के लिए छलका दर्द..
उत्तराखंड: भितरघात पर आए दिन उठ रहे तूफान के बीच पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी भाजपा की एक दुखती रग छेड़ दी। सोमवार को मीडिया से बातचीत में रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह के साथ काफी अपमानजनक व्यवहार किया गया है। उनके करीबियों के चुन चुन कर टिकट काटे गए। जिस व्यक्ति को पौने चार साल तक सीएम बनाकर रखा गया, उसे बिना कारण बताए हटा देना भला कहां उचित है?
आपको बता दे कि राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित भोज के दौरान हरीश रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र के साथ काफी बुरा किया गया है। उनके साथ नजदीकी को भी एक अपराध माना जाने लगा था। यह आचरण गलत है। नई सरकार पर ब्यूरोक्रेसी की उलझन पर रावत ने कहा कि राज्यहित में काम करने वाले किसी भी नौकरशाह को कांग्रेस की सरकार से दिक्कत नहीं होगी।
वही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान पर टिप्पणी करने से परहेज किया। त्रिवेंद्र का कहना हैं कि अभी मेरी जानकारी में रावत का बयान नहीं आया है। वैसे भी रावत जी मेरे बड़े भाई के समान हैं।
विधानसभा चुनाव मतदान खत्म होने के बाद भी खत्म नहीं हुआ हरीश रावत के घोषणाओं का सिलसिला..
उत्तराखंड: प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो गया है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पिटारे से नित्य नई घोषणाओं के निकलने का क्रम जारी है। आपको बता दे कि अब उन्होंने तीन और प्रमुख घोषणाएं की हैं। साथ ही भरोसा भी दिलाया है कि सरकार बनने पर इस घोषणाओं को पूरा किया जाएगा।
1- मांगलिक गीत गाने वाली महिलाओं को 18 सौ रुपये पेंशन देंगे
आपको बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना हैं कि मंगलगीत गाने वाले महिलाओं के लिए कांग्रेस की सरकार बनने पर 18 सौ रुपये की पेंशन दी जाएगी। अपने फेसबुक पेज पर इसका जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि कई लोग उनसे पूछ रहे हैं कि आप 10 मार्च तक कैसे अपना दिन बिताएंगे। इस पर उनका कहना है कि वह उत्तराखंड और उन लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं, रावत का कहना हैं कि मंगलगीत गाने वाले अधिकांश बुजुर्ग हैं। यह परंपरा कहीं टूट न जाए। इसलिए वह चाहते हैं कि इनको भी सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर वह तुरंत शगुन पेंशन प्रारंभ करेंगे। शगुन अक्षर मांगलिक गीत गाने वाली महिलाओं को बुजुर्ग आदि के बराबर ही 18 सौ रुपये पेंशन के रूप में दी जाएगी।
2- घसियारी सम्मान पेंशन के रूप में देंगे पांच सौ रुपये
14 फरवरी को मतदान के अगले दिन घसियारी महिलाओं के लिए अपने फेसबुक पेज और ट्वीटर पर शेयर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घसियारी सम्मान पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा की है। कांग्रेस की सरकार बनने पर इस घोषणा के तहत घसियारी महिलाओं को पांच सौ रुपये की सम्मान राशि प्रतिमाह पेंशन के रूप में दी जाएगी।
3- पुलिस कर्मियों से किए सभी वादें प्राथमिकता के आधार पर होंगे पूरे
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि उन्होंने एक विशेष वादा अपने पुलिस के जवानों से किया है, वह वादा उनके ग्रेड पे से जुड़ा है। सरकार में आने पर वह पुलिस कर्मियों की इस मांग और अन्य मांगों को प्राथमिकता के आधार पर हल करेंगे। उनका कहना हैं कि कांग्रेस कार्यकाल में उन्होंने पुलिस विभाग के रिक्त पदों को भरने में हमेशा वरीयता दी है।
पुलिस भर्ती के रिकॉर्ड से और उनकी प्रमोशन की संख्या के रिकॉर्ड से भी इस बात को देखा व समझा जा सकता है। क्योंकि पुलिस को प्रत्येक परिस्थिति में 24 घंटे सातों दिन काम करना होता है। इसलिये वह स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर सामान्य तौर पर अन्य कर्मचारी संगठनों की मांगों से इतर पुलिस कर्मियों की मांगों को प्राथमिकता के तौर पर हल किया जाएगा।
प्रियंका गांधी ने जारी किया कांग्रेस का घोषणापत्र..
महिला वोटरों को लुभाने की कोशिश..
उत्तराखंड : विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने बुधवार को देहरादून में एक चुनावी जनसभा व वर्चुअल रैली को संबोधित किया।
कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने उत्तराखंड के आगामी चुनावों के तहत पार्टी का घोषणापत्र जारी कर दिया है। जिसमें महिला वोटरों को लुभाने की पुरजोर कोशिश की गई है।
चुनावी जनसभा व वर्चुअल रैली को संबोधित किया..
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने बुधवार को देहरादून में एक चुनावी जनसभा व वर्चुअल रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस का घोषणापत्र भी जारी किया।
घोषणापत्र एक नजर में..
– 500 के पार नहीं जाएगा गैस सिलिंडर। अगर उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार आई तो बाकी की भरपाई सब्सिडी के रूप में सरकार वहन करेगी।
– चार लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा।
– पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
– जिलों में पर्यटन पुलिस की एक अलग फोर्स का गठन होगा।
– सरकारी नौकरियों में 40 प्रतिशत महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
– पुलिस विभाग में भर्ती में 40 प्रतिशत महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
– सरकारी बसों में महिलाएं मुफ्त यात्रा कर सकेंगी।
– आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में डेढ़ गुना वृद्धि की जाएगी।
– कोरोना काल में त्रस्त परिवारों को सालाना 40000 रुपए की मदद की जाएगी।
– स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव व घर-घर तक पहुंचाने के लिए नई तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।
– सरकार बनने के पहले वर्ष 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी।
– पीजी छात्रों को 500000 रुपए तक के स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड दी जाएंगी।
– सरकारी नौकरियों पर लगी रोक को हटाया जाएगा वर्तमान में 57000 रिक्त पद हैं, जिनको पहले साल में भरा जाएगा।
– राज्य में लोकायुक्त व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
– अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में ब्लॉक कैडर व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
– राज्य पुलिस कर्मियों को 46 सौ ग्रेड पे दिया जाएगा।
– राज्य में पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी।
– मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ यात्रा को फिर से शुरू किया जाएगा।
– सभी वृद्धजनों को पेंशन दी जाएगी।
– कड़ा भू कानून बनाया जाएगा।
उत्तराखंड : भाजपा ने श्री बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के गठन के मुद्दे को चुनाव आयोग में ले जाने और इस पर हो- हल्ला मचाने पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि इससे कांग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता एक बार फिर उजागर हो गई है। पार्टी ने कहा कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ है कि कांग्रेस की मंशा आगामी चारधाम यात्रा में रोड़ा अटकाने की है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा मठ- मंदिरों के सनातनी कार्यों और परम्पराओं में रोड़ा अटकाती रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति का गठन पूर्ण वैधानिक तरीके से गया है। विगत दिनों उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के पश्चात प्रदेश सरकार द्वारा मंदिर समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। चुनाव आचार संहिता के लागू होने से पहले इसका गठन कर दिया गया था।
मगर मंदिर समिति का गठन करना कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है। मंदिर समिति को लेकर कांग्रेस का चुनाव आयोग में शिकायत करने के पीछे उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ चार धाम यात्रा की प्रक्रिया में विध्न डालना है। सभी जानते हैं कि देवस्थानम बोर्ड भंग होने के बाद से मंदिर समिति की व्यवस्था को शीघ्र पुनः लागू करना जरूरी था। क्योंकि आगामी 5 फरवरी को बसंत पंचमी से कपाट खुलने की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही चार धामयात्रा के सुचारु संचालन हेतु अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में मंदिर समिति का गठन किया है, ताकि यात्रा का संचालन कार्य सुचारू ढंग से हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से विगत वर्ष कोरोना काल में भी चारधाम यात्रा ऐतिहासिक रही। श्रद्धालुओं की संख्या ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। इससे प्रदेश की आर्थिकी को भी मजबूती मिली है।
उन्होने खुला आरोप लगाया कि सनातन धर्म के कामों में रोड़ा अटकाए बिना कांग्रेस को चैन नहीं आता है। मंदिर समिति के गठन को लेकर हो – हल्ला मचाए जाने से यह आभास हो रहा है कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि आगामी यात्रकाल में व्यवस्थाएं चुस्त – दुरुस्त हों।
उन्होंने कहा कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ है कि कांग्रेस पार्टी अपने राजनीतिक लाभ के लिए प्रदेश की आर्थिकी और हिंदू मान्यताओं व परंपराओं से छेड़छाड़ करने से भी नहीं चूकती है। उन्होंने कहा कि यात्रा व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार के प्रयासों को संकीर्ण राजनीति में घसीटना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक कारण से ही नहीं, बल्कि प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ होने की वजह से भी चारधाम यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। ग्रीष्मकाल में मंदिरों के कपाट खुलने से कई महिनों पहले ही यात्रा को लेकर सभी तैयारियां पूरी करनी पड़ती है। इस सबको पूरा करने के लिए मंदिर समिति का आधिकारिक रूप में कार्य करना अतिआवश्यक है। यही वजह है कि इस दैवीय यात्रा को निष्कंटक और सुगम बनाने के प्रयासों के तहत ही प्रदेश सरकार ने नियमों के अनुसार समिति का गठन किया है।