केदारनाथ यात्रा में गैर हिंदुओं की नो एंट्री का ऐलान, ट्रेड यूनियन के फैसले पर प्रशासन सख्त..
उत्तराखंड: उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थल केदारनाथ धाम के कपाट आगामी दो मई को खुलने जा रहे हैं, लेकिन उससे पहले यात्रा को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। एक स्थानीय ट्रेड यूनियन ने यह कहकर विवाद को जन्म दे दिया है कि इस बार की यात्रा को विशेष समुदाय से मुक्त रखा जाएगा। साथ ही उन्होंने यात्रियों से गैर-हिंदू दुकानदारों से सामान न खरीदने की अपील की है। यह बयान सोशल मीडिया व स्थानीय स्तर पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए संविधान विरोधी करार दिया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक यात्रा को किसी भी धर्म या समुदाय से जोड़कर भेदभाव नहीं किया जा सकता। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर ऐसा कोई कार्य हुआ तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति व भाईचारे के साथ यात्रा करें।
ट्रेड यूनियन का कहना है कि वे पिछले कई वर्षों से स्थानीय लोगों के हक और रोजगार की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन हर बार बाहरी व्यापारियों को ही प्राथमिकता दी जाती है। यही कारण है कि इस बार यात्रा से पहले ही उन्होंने विशेष समुदाय और बाहरी राज्यों से आए व्यापारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। ट्रेड यूनियन ने कहा कि बाहरी प्रदेशों से आए लोग केदारनाथ की यात्रा में घोड़े-खच्चर से लेकर सब्जी, राशन, कपड़े और रेस्टोरेंट का व्यापार कर रहे हैं, जिस कारण स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता हैं।
वहीं इस बार ट्रेड यूनियन ने पुनर्निर्माण कार्यों से लेकर राशन, सब्जी ढुलान को लेकर 18 लोगों को अधिकृत किया है। अगर वो सामान ढुलान में कोई दिक्कतें करते हैं तो उन पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा। ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष गोविंद सिंह रावत एवं संरक्षक अवतार सिंह नेगी ने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा में विशेष समुदाय के लोग हर प्रकार का व्यवसाय कर रहे हैं। राशन, घोड़े-खच्चर, सब्जी और पुनर्निर्माण सामग्री का ढुलान किया जा रहा है।
उनका कहना है कि उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों की पशु गणना करीब 23 हजार से ज्यादा है। ऐसे में इन्हीं जिलों के घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जाए। बाहरी प्रदेशों से आने वाले घोड़े-खच्चर गर्मी से होकर आ रहे हैं, जिससे उनमें हॉर्स फ्लू (इक्वाइन इन्फ्लूएंजा) बीमारी होने खतरा बना हुआ है, जिससे वो यहां के पशुओं को भी बीमार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक आस्था के केंद्र केदारनाथ धाम में विशेष समुदाय की नो इंट्री होनी जरूरी है। साथ कहा कि साल 2008-09 में भी बाहरी प्रदेशों से आए घोड़े-खच्चरों के कारण इक्वाइन इन्फ्लूएंजा फैला था। इसीलिए बाहरी प्रदेशों से आने वाले घोड़े-खच्चरों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए, नहीं तो बाबा केदार की यात्रा चरमरा जाएगी।
केदारनाथ यात्रा से पहले स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने और बाहरी लोगों की भागीदारी पर अंकुश लगाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। इसके तहत ट्रेड यूनियन ने ‘सामग्री ढुलान समिति’ का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता अनूप गोस्वामी को सौंपी गई है। यह समिति केदारनाथ यात्रा के दौरान पूजा सामग्री, तीर्थ पुरोहित समाज से जुड़ी वस्तुएं, व्यापार संघ से संबंधित सामान और पुनर्निर्माण सामग्री की ढुलाई की पूरी व्यवस्था देखेगी। इस समिति के जरिए केवल स्थानीय युवाओं को ही इस कार्य में शामिल किया जाएगा, जिनकी संख्या 18 बताई गई है, और इन्हें ट्रेड यूनियन की ओर से अधिकृत किया गया है। इन अधिकृत युवाओं के साइन बोर्ड भी केदारनाथ मार्ग के विभिन्न स्थानों पर लगाए गए हैं, ताकि यात्रियों और व्यापारियों को स्पष्ट जानकारी मिल सके कि केवल इन्हीं के जरिए सामग्री ढुलान किया जा सकता है। ट्रेड यूनियन के इस निर्णय को क्षेत्रीय विधायक, पर्यटन मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री की सहमति भी प्राप्त हो चुकी है। यह कदम जहां एक ओर स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की पहल के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बाहरी प्रदेशों और विशेष समुदाय से आने वाले लोगों की भागीदारी पर रोक को लेकर विवाद भी खड़ा हो सकता है।
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी और ओलावृष्टि हो रही है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में लगातार बारिश से ठंड में इजाफा हो गया है। मौसम विभाग ने 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
गंगोत्री-यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी
गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी जारी है। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और चम्पावत में बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, एक मार्च के बाद प्रदेश में मौसम खुलने की संभावना है।
सीजन में पहली बार पारा 12.3 डिग्री लुढ़का
देहरादून में सर्दियों के मौसम में पहली बार लगातार दो दिन की बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बीते बुधवार को अधिकतम तापमान 29.0 डिग्री था, जो बृहस्पतिवार को गिरकर 16.7 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस सीजन में पहली बार पश्चिमी विक्षोभ इतनी मजबूती से सक्रिय हुआ है, जिससे तापमान में तेज गिरावट आई है।
बदरीनाथ, हेमकुंड में बर्फबारी, निचले क्षेत्रों में बारिश
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, औली, गोरसों, नीती और माणा घाटियों में भारी बर्फबारी हो रही है। निचले क्षेत्रों में बारिश से ठंड और बढ़ गई है।
केदारनाथ में आधा फीट ताजी बर्फ जमी
केदारनाथ धाम में घने बादलों के बीच पिछले दो दिनों से बर्फबारी जारी है। धाम में आधा फीट ताजी बर्फ जम चुकी है, जबकि पहले से सवा फीट बर्फ जमा है। माणा, नीति घाटी, औली, मद्महेश्वर, तुंगनाथ, चोपता और त्रियुगीनारायण के ऊपरी क्षेत्रों में भी हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है।
ग्लेशियर रिचार्ज, जल संकट से मिलेगी राहत
फरवरी के अंत में हुई बर्फबारी से प्रदेश के ग्लेशियर और नदियां रिचार्ज हो गई हैं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे गर्मियों में जल संकट जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी और पानी की उपलब्धता बनी रहेगी।
उत्तराखंड में 2025 की चारधाम यात्रा की तारीखों का ऐलान हो गया है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर में धार्मिक गुरुओं द्वारा पूजा-अर्चना के बाद यह निर्णय लिया गया।
. केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे भक्तों के लिए खोले जाएंगे।
. बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।
. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर खुलेंगे।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बुधवार को इस घोषणा की पुष्टि की। चारधाम यात्रा के अंतर्गत देश-विदेश के श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
इस साल भी भक्तों के बीच चारधाम यात्रा को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है, और उत्तराखंड सरकार यात्रा के सुचारू संचालन के लिए विशेष तैयारियां कर रही है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है। इस बार बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा के लिए पंजीकरण को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य किया जा रहा है। इसके लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से अनुमति मांगी गई है, जिससे इस प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
आधार से पंजीकरण लिंक होने का उद्देश्य
. सुरक्षा और व्यवस्था में सुधार: यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सही पहचान और सटीक आंकड़ों के लिए यह कदम उठाया गया है।
. आपात स्थिति में मददगार: यात्रियों का वास्तविक डेटा होने से किसी भी आपातकालीन स्थिति में उन्हें सहायता प्रदान करना आसान होगा।
. प्रवेश में पारदर्शिता: आधार कार्ड से लिंक होने पर ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण दोनों प्रक्रियाएं सरल हो जाएंगी।
पंजीकरण की प्रक्रिया और तारीखें
. यात्रा की शुरुआत: 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ होगा।
. ऑनलाइन पंजीकरण: 11 मार्च से पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे।
. पंजीकरण का अनुपात: इस बार 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन पंजीकरण का प्रावधान रखा गया है।
. ऑफलाइन पंजीकरण: यात्रा शुरू होने से 10 दिन पहले ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी।
पिछली यात्रा से सीखे गए सबक
. 2024 की चारधाम यात्रा में 46 लाख से अधिक श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचे थे।
. यात्रा के शुरुआती चरण में पंजीकरण प्रक्रिया में कई दिक्कतें सामने आई थीं, जिससे यात्रियों का शेड्यूल प्रभावित हुआ था।
. बड़ी संख्या में बिना पंजीकरण पहुंचे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
इस बार, इन समस्याओं से बचने के लिए प्रशासन ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
आधार लिंक से मिलेंगी ये सुविधाएं
. त्वरित पंजीकरण: ऑफलाइन पंजीकरण में चेहरा स्कैन होते ही पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
. यात्रियों की पहचान: यात्रियों की सटीक पहचान और आंकड़े आसानी से उपलब्ध होंगे।
. आपात स्थिति में सहायता: किसी भी आपदा या आपातकाल में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
प्रशासन की तैयारी और रणनीति
गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय के अनुसार, पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से यह पहल की जा रही है।
. पर्यटन विभाग की वेबसाइट को UIDAI की वेबसाइट से जोड़ने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
. अनुमति मिलने के बाद इस प्रक्रिया को लागू करने में लगभग एक माह का समय लग सकता है।
यात्रियों के लिए सुझाव
. आधार कार्ड साथ लाएं: यात्रा पर निकलने से पहले आधार कार्ड अवश्य रखें।
. ऑनलाइन पंजीकरण को प्राथमिकता दें: इससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
. सभी दिशानिर्देशों का पालन करें: प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
चारधाम यात्रा भारतीयों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। आधार कार्ड से जुड़ी इस नई व्यवस्था के बाद यात्रियों को अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और पारदर्शी अनुभव मिलेगा। आगामी 30 अप्रैल से शुरू हो रही इस पवित्र यात्रा के लिए सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे समय पर पंजीकरण कराएं और यात्रा का सुखद अनुभव प्राप्त करें।
उत्तराखंड में मौसम ने अचानक करवट ली है। ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे पहाड़ियां सफेद चादर में लिपट गई हैं। प्रदेशभर में झमाझम बारिश, कड़ाके की ठंड, और बर्फबारी का खूबसूरत नजारा देखने को मिल रहा है। आज सुबह से ही कई जिलों में हल्की बूंदाबांदी से लेकर तेज बारिश तक जारी है। उत्तरकाशी के हर्षिल घाटी और आस-पास के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी बर्फबारी का दौर जारी है, जिससे निचले इलाकों में घने बादल छाए हुए हैं।
मुखबा में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास का बर्फीला नजारा बेहद मनमोहक है। वहीं, खरसाली गांव, यमुनोत्री धाम, और आस-पास के क्षेत्रों में भी सुबह चार बजे से बर्फबारी हो रही है। बड़कोट तहसील जैसे निचले इलाकों में रिमझिम बारिश हो रही है।
धामों में सर्दी का प्रकोप, यात्रा तैयारियां प्रभावित
लगातार बर्फबारी के चलते बदरीनाथ धाम में करीब छह इंच तक ताजा बर्फ जम गई है। ठंड के बढ़ते असर को देखते हुए जिलाधिकारी ने अपने अधिकारियों के साथ धाम का दौरा रद्द कर दिया है। इस साल चारधाम यात्रा चार मई से शुरू होनी है, लेकिन मौसम की वजह से प्रशासनिक टीम अब तक धाम नहीं पहुंच पाई है। यात्रा के लिए पेयजल, बिजली, सीवर, और सड़क जैसे बुनियादी ढांचे को तैयार करना बाकी है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान:
मौसम विभाग के अनुसार, आज प्रदेश के कुछ हिस्सों में मौसम खराब रहेगा। हालांकि, 21 फरवरी से प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
बर्फबारी और ठंड के बीच उत्तराखंड की पहाड़ियां आज किसी जन्नत की तरह नजर आ रही हैं, लेकिन यात्रा तैयारियों और प्रशासनिक गतिविधियों पर इसका प्रभाव साफ दिख रहा है।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े की टक्कर से खाई में गिरी नेपाली मूल की महिला यात्री..
उत्तराखंड: गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चीरबासा हेलिपैड के समीप घोड़े की टक्कर लगने से एक महिला यात्री गहरी खाई में जा गिरी और उसकी मौत हो गई। एनडीआरएफ ने शव खाई से निकालकर हेलिपैड पहुंचाया। इसके बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर दीपक भट्ट और संजय भट्ट का कहना हैं कि शुक्रवार को शाम लगभग पांच बजे केदारनाथ से गौरीकुंड लौट रही महिला यात्री जिखाकोदरिम 45 वर्ष पत्नी जोगिन्द्र कोहरिन निवासी जिला बीरा नेपाल को चीरबासा में घोड़े ने टक्कर मार दी और वह गहरी खाई में जा गिरी। सूचना पर एनडीआरएफ और यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के जवान खाई में उतरे और शव निकालकर सड़क तक पहुंचाया। महिला को रेस्क्यू कर हॉस्पिटल लगाया गया था, जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
केदारनाथ में बचाव अभियान पांचवें दिन भी जारी..
सीएम धामी ने मदद के लिए स्थानीय लोगों का जताया आभार..
उत्तराखंड: प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने की वजह से केदारनाथ धाम के रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर सर्च अभियान पांचवें दिन भी जारी है। लोगों को खोजने के लिए स्निफर डॉग की मदद ली जा रही है।
लिनचोली से रामबाड़ा क्षेत्र तक सर्च अभियान पूरा किया जा चुका है। जिसमें अब तक किसी व्यक्ति के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। सोमवार सुबह को डीडीएमओ नंदन सिंह रजवार के नेतृत्व में रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया गया। श्री केदारनाथ धाम से 100 लोगों को सुरक्षाबलों की निगरानी में लिनचोली हेलीपैड रवाना किया गया है।
वहीं एनडीआरएफ की टीमें जंगल एवं मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चला रही हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट कर अपडेट दिया है। उन्होंने लिखा कि यही तो है देवभूमि की ‘अतिथि देवो भवः’ की संस्कृति। केदारनाथ क्षेत्र में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रशासन को स्थानीय लोगों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है।
पोस्ट में कुछ लोगों का नाम लिखते हुए सीएम ने कहा कि ग्रामीण बढ़ चढ़कर स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव कार्यों में जुटे हैं। सभी लोगों के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि अतिवृष्टि की वजह से होने वाले बड़े नुकसान को रोका जा सका है। आप सभी का हृदय की गहराइयों से आभार। पुष्कर सिंह धामी ने दूसरे पोस्ट में लिखा कि केदारघाटी में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं अन्य बचाव दलों द्वारा किए गए बेहतरीन कार्य के फलस्वरूप हजारों तीर्थयात्रियों को सुरक्षित तरीके से आपदा प्रभावित क्षेत्रों से निकाल लिया गया है। ध्वस्त पड़े रास्तों और पैदल पुलों को ठीक करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
बता दे कि एमआई17 और एएलएच हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से काम कर रहे हैं, जबकि चिनूक गौचर हेलीपैड से काम कर रहा है और केदार घाटी से फंसे लोगों को निकालने के लिए कई उड़ानें भर रहा है। इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने बचाए जा रहे लोगों की सहायता के लिए गौचर में एक चिकित्सा शिविर भी स्थापित किया है। इसके साथ ही उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर जाकर स्थानीय लोगों को प्रशासन को मदद प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।
केदारनाथ सोना विवाद के बीच अब चांदी ‘गायब’ होने का आरोप, तीर्थ-पुरोहितों ने उठाए सवाल..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में 228 किलो सोने के घोटाले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि अब एक और मुद्दा सामने आया है। तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ से 230 किलो चांदी गायब होने के आरोप लगाया है। इस आरोप के बाद प्रदेश में फिर से चर्चाओं के बाजार गर्म हो गए हैं। केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किसन बगवाड़ी ने एक और खुलासा किया है। उन्होंने केदारनाथ से केवल सोना ही नही 230 किलो चांदी भी गायब होने की बात कही है। उनका कहना हैं कि केदारनाथ धाम में बहुत कुछ मनमाना हो रहा है। उन्होंने पूछा कि पहले तो सोने का घोटाला हुआ लेकिन जो चांदी धाम में दानदाता द्वारा चढ़ाई गई थी उसके बारे में भी कुछ पता नहीं है।
धाम में चढ़ाया गया सोना और चांदी कहां है ?
आपको बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड चारधाम तीर्थ महापंचायत और कार्यकारिणी सदस्य श्री केदार सभा केदारनाथ धाम के उपाध्यक्ष आचार्य संतोष त्रिवेदी भी आरोप लगा चुके हैं। किशन बगवाड़ी ने आरोप लगाया है कि सोने की प्लेटें लगाने से पहले जो चांदी की प्लेटें लगाई गई थी उनका कुछ पता नहीं है। उन्होंने पूछा है कि सोने की 528 प्लेटों के साथ ही चांदी की 230 प्लेटें कहां हैं ? धाम में चढ़ाया गया 230 किलो सोना कहां है ?
हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से जांच की मांग को किया गया अनसुना..
किशन बगवाड़ी का कहना है कि वो शुरू से ही केदानाथ में सोना घोटाले मामले की न्यायिक जांच करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन उनकी हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से जांच कराने की मांग को सरकार द्वाका अनसुना किया गया है। उन्होंने कहा कि जांच हुई लेकिन जांच रिपोर्ट का क्या हुआ कुछ पता नहीं चला। इसका खुलासा किया जाना चाहिए।
10 मई से 06 जून 7 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए केदारनाथ धाम के दर्शन..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। 10 मई से लेकर 6 जून तक केदारनाथ धाम में 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं दर्शन कर चुके हैं। बाबा केदार के दर्शन के लिए यहां भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी का कहना हैं कि केदारनाथ धाम में अब तक कुल 7,10,698 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। बता दें कि केदारनाथ धाम 11वें ज्योतिर्लिंग है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद इस साल 10 मई से यात्रा की शुरुआत हुई थी। बता दें कि केदानाथ धाम की यात्रा पर जाने से पहले हर श्रद्धालु को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है।
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में चारधाम यात्रा के लिए आने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने 22 मई को अनिवार्य पंजीकरण के लिए एक सलाह जारी की। फिलहाल हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण बंद कर दिए गए हैं। जबकि श्रद्धालु अब ऑनलाइन पंजीकरण कर चारधाम यात्रा पर जा सकते हैं। सरकार ने तीर्थयात्रियों को सलाह दी है कि वे रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही निर्धारित तिथि पर तीर्थयात्रा के लिए आएं।
आपको बता दें कि सिर्फ 2 जून को केदारनाथ धाम में दर्शन करने के लिए 19 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे। उत्तराखंड सरकार के अनुसार, मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 6,00,000 से अधिक हो गई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दो जून को 12,857 पुरुषों, 6,323 महिलाओं और 304 बच्चों सहित कुल 19,484 तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ में दर्शन किए। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, दो जून तक कुल 6,27,213 तीर्थयात्रियों ने श्री केदारनाथ धाम के दर्शन किए. बता दें कि रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा प्रदान की गई सहायता के कारण, केदारनाथ धाम में इस बार श्रद्धालुओं आराम से पहुंच रहे हैं। रुद्रप्रयाग पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि, “आज 2 जून 2024 को श्री केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं को कतार में खड़ा कर सुचारु रूप से दर्शन कराए जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं का आंकड़ा 10 लाख पार, केदारनाथ धाम में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन..
उत्तराखंड: चारधाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 10 लाख पार हो गया है। शुरुआती 15 दिनों में ही श्रद्धालुओं ने यह रिकॉर्ड बनाया है। प्रशासन के अनुसार 10 से 24 मई तक बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 10.30 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 4.47 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना हैं कि चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बिना पंजीकरण के यात्रा नहीं करने दी जाएगी। इस पर सख्ती बरती जा रही है। यात्रा मार्गों और धामों में भीड़ प्रबंधन के लिए आवश्यकता पड़ने पर एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद ली जाएगी। ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में तीन चार दिन के भीतर बिना पंजीकरण के रोके गए तीर्थ यात्रियों का बैकलॉग खत्म हो जाएगा। शुक्रवार को मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता में गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा सीएम पुष्कर सिंह धामी यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं। तीर्थ यात्रियों की सुरक्षित यात्रा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यात्रियों को यदि किसी स्थान पर ठहराया जा रहा है तो वहां पर उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
सफाई व्यवस्था की हर दो घंटे में रिपोर्ट..
चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में एक सप्ताह से रुके यात्रियों का पंजीकरण कर यात्रा पर भेजा जा रहा है। ऋषिकेश में 7500 लोग रुके हैं। उन्हें भी तीन से चार दिन में भेजा जाएगा। चारों धाम में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। धामों में साफ-सफाई व्यवस्था की निगरानी के लिए दो अधिकारियों की तैनाती की गई है। ठहराव वाले स्थानों पर स्पेशल सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के निर्देश दिए गए। सेक्टर मजिस्ट्रेट सफाई व्यवस्था की हर दो घंटे में रिपोर्ट भेजेंगे।
फर्जी पंजीकरण करने में 13 मुकदमे दर्ज..
चारधाम यात्रा के लिए फर्जी पंजीकरण करने में टूर ऑपरेटरों के खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज किए गए। इसमें ऋषिकेश में तीन, हरिद्वार में एक और रुद्रप्रयाग में नौ एफआईआर दर्ज की गई। सरकार की ओर से सख्त निर्देश दिए गए कि बिना रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन की तय तिथि से पहले यात्रा किसी भी दशा में नहीं करने दी जाएगी।