गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े की टक्कर से खाई में गिरी नेपाली मूल की महिला यात्री..
उत्तराखंड: गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चीरबासा हेलिपैड के समीप घोड़े की टक्कर लगने से एक महिला यात्री गहरी खाई में जा गिरी और उसकी मौत हो गई। एनडीआरएफ ने शव खाई से निकालकर हेलिपैड पहुंचाया। इसके बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर दीपक भट्ट और संजय भट्ट का कहना हैं कि शुक्रवार को शाम लगभग पांच बजे केदारनाथ से गौरीकुंड लौट रही महिला यात्री जिखाकोदरिम 45 वर्ष पत्नी जोगिन्द्र कोहरिन निवासी जिला बीरा नेपाल को चीरबासा में घोड़े ने टक्कर मार दी और वह गहरी खाई में जा गिरी। सूचना पर एनडीआरएफ और यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के जवान खाई में उतरे और शव निकालकर सड़क तक पहुंचाया। महिला को रेस्क्यू कर हॉस्पिटल लगाया गया था, जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
केदारनाथ में बचाव अभियान पांचवें दिन भी जारी..
सीएम धामी ने मदद के लिए स्थानीय लोगों का जताया आभार..
उत्तराखंड: प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने की वजह से केदारनाथ धाम के रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर सर्च अभियान पांचवें दिन भी जारी है। लोगों को खोजने के लिए स्निफर डॉग की मदद ली जा रही है।
लिनचोली से रामबाड़ा क्षेत्र तक सर्च अभियान पूरा किया जा चुका है। जिसमें अब तक किसी व्यक्ति के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। सोमवार सुबह को डीडीएमओ नंदन सिंह रजवार के नेतृत्व में रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया गया। श्री केदारनाथ धाम से 100 लोगों को सुरक्षाबलों की निगरानी में लिनचोली हेलीपैड रवाना किया गया है।
वहीं एनडीआरएफ की टीमें जंगल एवं मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चला रही हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट कर अपडेट दिया है। उन्होंने लिखा कि यही तो है देवभूमि की ‘अतिथि देवो भवः’ की संस्कृति। केदारनाथ क्षेत्र में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रशासन को स्थानीय लोगों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है।
पोस्ट में कुछ लोगों का नाम लिखते हुए सीएम ने कहा कि ग्रामीण बढ़ चढ़कर स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव कार्यों में जुटे हैं। सभी लोगों के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि अतिवृष्टि की वजह से होने वाले बड़े नुकसान को रोका जा सका है। आप सभी का हृदय की गहराइयों से आभार। पुष्कर सिंह धामी ने दूसरे पोस्ट में लिखा कि केदारघाटी में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं अन्य बचाव दलों द्वारा किए गए बेहतरीन कार्य के फलस्वरूप हजारों तीर्थयात्रियों को सुरक्षित तरीके से आपदा प्रभावित क्षेत्रों से निकाल लिया गया है। ध्वस्त पड़े रास्तों और पैदल पुलों को ठीक करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
बता दे कि एमआई17 और एएलएच हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से काम कर रहे हैं, जबकि चिनूक गौचर हेलीपैड से काम कर रहा है और केदार घाटी से फंसे लोगों को निकालने के लिए कई उड़ानें भर रहा है। इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने बचाए जा रहे लोगों की सहायता के लिए गौचर में एक चिकित्सा शिविर भी स्थापित किया है। इसके साथ ही उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर जाकर स्थानीय लोगों को प्रशासन को मदद प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।
केदारनाथ सोना विवाद के बीच अब चांदी ‘गायब’ होने का आरोप, तीर्थ-पुरोहितों ने उठाए सवाल..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में 228 किलो सोने के घोटाले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि अब एक और मुद्दा सामने आया है। तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ से 230 किलो चांदी गायब होने के आरोप लगाया है। इस आरोप के बाद प्रदेश में फिर से चर्चाओं के बाजार गर्म हो गए हैं। केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किसन बगवाड़ी ने एक और खुलासा किया है। उन्होंने केदारनाथ से केवल सोना ही नही 230 किलो चांदी भी गायब होने की बात कही है। उनका कहना हैं कि केदारनाथ धाम में बहुत कुछ मनमाना हो रहा है। उन्होंने पूछा कि पहले तो सोने का घोटाला हुआ लेकिन जो चांदी धाम में दानदाता द्वारा चढ़ाई गई थी उसके बारे में भी कुछ पता नहीं है।
धाम में चढ़ाया गया सोना और चांदी कहां है ?
आपको बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड चारधाम तीर्थ महापंचायत और कार्यकारिणी सदस्य श्री केदार सभा केदारनाथ धाम के उपाध्यक्ष आचार्य संतोष त्रिवेदी भी आरोप लगा चुके हैं। किशन बगवाड़ी ने आरोप लगाया है कि सोने की प्लेटें लगाने से पहले जो चांदी की प्लेटें लगाई गई थी उनका कुछ पता नहीं है। उन्होंने पूछा है कि सोने की 528 प्लेटों के साथ ही चांदी की 230 प्लेटें कहां हैं ? धाम में चढ़ाया गया 230 किलो सोना कहां है ?
हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से जांच की मांग को किया गया अनसुना..
किशन बगवाड़ी का कहना है कि वो शुरू से ही केदानाथ में सोना घोटाले मामले की न्यायिक जांच करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन उनकी हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से जांच कराने की मांग को सरकार द्वाका अनसुना किया गया है। उन्होंने कहा कि जांच हुई लेकिन जांच रिपोर्ट का क्या हुआ कुछ पता नहीं चला। इसका खुलासा किया जाना चाहिए।
10 मई से 06 जून 7 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए केदारनाथ धाम के दर्शन..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। 10 मई से लेकर 6 जून तक केदारनाथ धाम में 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं दर्शन कर चुके हैं। बाबा केदार के दर्शन के लिए यहां भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी का कहना हैं कि केदारनाथ धाम में अब तक कुल 7,10,698 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। बता दें कि केदारनाथ धाम 11वें ज्योतिर्लिंग है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद इस साल 10 मई से यात्रा की शुरुआत हुई थी। बता दें कि केदानाथ धाम की यात्रा पर जाने से पहले हर श्रद्धालु को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है।
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में चारधाम यात्रा के लिए आने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने 22 मई को अनिवार्य पंजीकरण के लिए एक सलाह जारी की। फिलहाल हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण बंद कर दिए गए हैं। जबकि श्रद्धालु अब ऑनलाइन पंजीकरण कर चारधाम यात्रा पर जा सकते हैं। सरकार ने तीर्थयात्रियों को सलाह दी है कि वे रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही निर्धारित तिथि पर तीर्थयात्रा के लिए आएं।
आपको बता दें कि सिर्फ 2 जून को केदारनाथ धाम में दर्शन करने के लिए 19 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे। उत्तराखंड सरकार के अनुसार, मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 6,00,000 से अधिक हो गई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दो जून को 12,857 पुरुषों, 6,323 महिलाओं और 304 बच्चों सहित कुल 19,484 तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ में दर्शन किए। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, दो जून तक कुल 6,27,213 तीर्थयात्रियों ने श्री केदारनाथ धाम के दर्शन किए. बता दें कि रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा प्रदान की गई सहायता के कारण, केदारनाथ धाम में इस बार श्रद्धालुओं आराम से पहुंच रहे हैं। रुद्रप्रयाग पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि, “आज 2 जून 2024 को श्री केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं को कतार में खड़ा कर सुचारु रूप से दर्शन कराए जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं का आंकड़ा 10 लाख पार, केदारनाथ धाम में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन..
उत्तराखंड: चारधाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 10 लाख पार हो गया है। शुरुआती 15 दिनों में ही श्रद्धालुओं ने यह रिकॉर्ड बनाया है। प्रशासन के अनुसार 10 से 24 मई तक बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 10.30 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 4.47 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना हैं कि चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बिना पंजीकरण के यात्रा नहीं करने दी जाएगी। इस पर सख्ती बरती जा रही है। यात्रा मार्गों और धामों में भीड़ प्रबंधन के लिए आवश्यकता पड़ने पर एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद ली जाएगी। ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में तीन चार दिन के भीतर बिना पंजीकरण के रोके गए तीर्थ यात्रियों का बैकलॉग खत्म हो जाएगा। शुक्रवार को मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता में गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा सीएम पुष्कर सिंह धामी यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं। तीर्थ यात्रियों की सुरक्षित यात्रा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यात्रियों को यदि किसी स्थान पर ठहराया जा रहा है तो वहां पर उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
सफाई व्यवस्था की हर दो घंटे में रिपोर्ट..
चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में एक सप्ताह से रुके यात्रियों का पंजीकरण कर यात्रा पर भेजा जा रहा है। ऋषिकेश में 7500 लोग रुके हैं। उन्हें भी तीन से चार दिन में भेजा जाएगा। चारों धाम में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। धामों में साफ-सफाई व्यवस्था की निगरानी के लिए दो अधिकारियों की तैनाती की गई है। ठहराव वाले स्थानों पर स्पेशल सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के निर्देश दिए गए। सेक्टर मजिस्ट्रेट सफाई व्यवस्था की हर दो घंटे में रिपोर्ट भेजेंगे।
फर्जी पंजीकरण करने में 13 मुकदमे दर्ज..
चारधाम यात्रा के लिए फर्जी पंजीकरण करने में टूर ऑपरेटरों के खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज किए गए। इसमें ऋषिकेश में तीन, हरिद्वार में एक और रुद्रप्रयाग में नौ एफआईआर दर्ज की गई। सरकार की ओर से सख्त निर्देश दिए गए कि बिना रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन की तय तिथि से पहले यात्रा किसी भी दशा में नहीं करने दी जाएगी।
इतिहास में पहली बार कपाट खुलने पर केदारनाथ धाम में पहुंचे इतने श्रद्धालु..
उत्तराखंड: अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर शुक्रवार सुबह 7:20 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। शुक्रवार को ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी खुल गए। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे। केदारनाथ धाम में पहले दिन दर्शन के लिए रिकॉर्ड संख्या में 29,030 श्रद्धालु पहुंचे। आपको बता दे कि पिछले साल कपाट खुलने के दिए 21,000 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए थे, जो रिकॉर्ड था, इस बार ये रिकॉर्ड टूट गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चारधााम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में कितना उत्साह है।
केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद दक्षिण की वीर शैव लिंगायत विधि से बाबा केदार की पूजा की गई। मंदिर की गद्दी पर कर्नाटक मूल के रावल आसानी हुए। जिसके बाद पूजा अर्चना कर कपाट खोले गए। मान्यता है कि बाबा केदार छह महीने समाधि में रहते हैं। कपाट बंद होते समय सवा क्विंटल भभूति चढ़ाई जाती है। कपाट खुलने के साथ बाबा समाधि से जागते हैं।
चंदग्रहण के चलते आज बंद किए जाएंगे चारों धाम के कपाट..
उत्तराखंड: चंदग्रहण के चलते शनिवार यानी आज बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट शाम चार बजे बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद मंदिरों के कपाट रविवार सुबह शुद्धिकरण के बाद खोले जाएंगे। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को रात एक बजकर चार मिनट पर लगेगा। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट नौ घंटे पहले सूतककाल लगने के कारण ही बंद कर दिए जाएंगे।
शनिवार को 11 बजे राजभोग लगेगा और दोनों मंदिरों की सफाई की जाएगी। दो बजे तक मंदिर बंद रहेगा। इसके बाद दोपहर दो बजे दोबारा मंदिर को खोला जाएगा और शाम के वक्त आरती की जाएगी। आरती के बाद चार बजे तक मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। 29 अक्टूबर को रविवार सुबह शुद्धिकरण के बाद ब्रह्ममुहुर्त में कपाट खोलकर महाभिषेक, रूद्राभिषेक सहित पूजा अर्चना के साथ खोले जाएंगे।
इसके साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी चंद्रग्रहण के चलते बंद किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने कहा कि शनिवार शाम चार बजे के गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।शाम को होने वाली आरती चार बजे तक कर ली जाएगी। चंद्रग्रहण के बाद कपाट सीधे अगले दिन तड़के सुबह चार बजे पूजा अर्चना के बाद खोले जाएंगे।
प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री भारत सरकार पीके मिश्रा ने किये केदारनाथ धाम के दर्शन..
उत्तराखंड: प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री भारत सरकार पीके मिश्रा केदारनाथ धाम पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर देश की खुशहाली एवं प्रगति की कामना की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारपुरी को दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए चल रहे निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्यों का प्रमुख सचिव ने संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर कार्यों की प्रगति का जायजा लिया।निर्माण कार्यों में जुटे मजदूरों एवं कर्मचारियों का ध्यान रखने एवं सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री भारत सरकार पीके मिश्रा के एक दिवसीय केदारनाथ भ्रमण में पहुंचने पर वीआईपी हैलीपैड़ में जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार एवं पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे ने स्वागत किया। इस अवसर पर मंदिर समिति एवं तीर्थ पुरोहित समाज ने परंपरागत मंत्रोच्चारण एवं रुद्राक्ष की माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने मंदिर में प्रवेश कर बाबा श्री केदारनाथ का रुद्राभिषेक एवं विशेष पूजा-अर्चना कर समस्त देशवासियों की खुशहाली एवं जनकल्याण की कामना की।
एक दिवसीय केदारनाथ भ्रमण पर पहुचें प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री भारत सरकार पीके मिश्रा, प्रधानमंत्री जी के सलाहकार अमित खरे, मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार एसएस संधु, उप सचिव पीएमओ मंगेश घिल्डियाल, पर्यटन विभाग उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) भास्कर खुल्बे, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे करीब 9 बजे वायु सेना के हेलिकॉप्टर से वीआईपी हैलीपैड पर पहुचें। जिसके बाद उन्होंने मंदिर में प्रवेश कर धर्मपत्नी के साथ बाबा केदारनाथ का रूद्राभिषेक एवं विशेष पूजा-अर्चना कर समस्त विश्व एवं जन कल्याण की कामना की।
करीब 30 मिनट की पूजा अर्चना के बाद उन्होंने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का निरीक्षण शुरू किया। इसी बीच उन्होंने तीर्थ पुरोहित समाज से मुलाकात कर केदारनाथ धाम के विकास कार्यों के लिए उनके सुझाव लिए एवं समस्याएं भी सुनी। सर्वप्रथम उन्होंने मुख्य सचिव से केदारपुरी में बने पुराने एवं नए आवासों की बनावट एवं क्षमता की जानकारी ली। जिसके बाद उन्होंने ईशानेश्वर मंदिर एवं भीम शिला के दर्शन किए। इस दौरान मुख्य सचिव ने उन्हें आपदा के समय भीम शिला ने कैसे मंदिर की रक्षा की यह जानकारी दी। इसके पश्चात् उन्होंने शंकराचार्य समाधि के दर्शन कर निर्माणाधीन शिव उद्यान का निरीक्षण कर प्रगति की जानकारी ली।
श्री केदारनाथ मंदिर परिसर के समाने बन रहे भवनों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने संबंधित एजेंसियों एवं जिलाधिकारी से भवनों का उद्देश्य पूछा वहीं सभी एजेंसियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने भवनों के निर्माण में आ रही समस्याओं की जानकारी भी ली। जिलाधिकारी को भवनों के अधिग्रहण में तेजी लाते हुए गोल चबूतरे से मंदिर परिसर तक कॉरिडोर का कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने रेन शेल्टर, मंदाकिनी एवं सरस्वती नदियों के घाट पर चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए पूरे क्षेत्र में क्या व्यवस्थाएं और सुविधा दी जाएगी उसकी जानकारी ली।
उन्होंने सभी अधिकारियों एवं संबंधित एजेंसियों को निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो रही सामग्री की जानकारी लेते हुए गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने समस्त अधिकारियों, कर्मचारी एवं निर्माण एजेंसियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर सभी के समन्वय से कठिन परिस्थितियों के बीच बेहतरीन कार्य हो रहा है इसे आगे भी जारी रखते हुए समय पर सभी कार्य पूरे किए जाएं। वहीं उन्होंने निर्माण कार्यों में जुटे मजदूरों एवं कर्मचारियों का ध्यान रखने एवं सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।
इस अवसर पर एडीएम बीर सिंह बुदियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी केडीए योगेन्द्र सिंह, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, सीओ विमल रावत, कार्यकारी अधिकारी आरसी तिवारी, एसएचओ केदारनाथ मंजुल रावत, केदार सभा के राजकुमार तिवारी समेत अन्य तीर्थ पुरोहित, अधिकारी, कर्मचारी एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।
’50 साल बाद पहुचें केदारनाथ’
प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री भारत सरकार पीके मिश्रा ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि वह करीब 50 साल बाद श्री केदारनाथ धाम में दर्शनों को पहुंचे हैं। अपनी पिछली यात्रा के दौरान उन्होंने पैदल यात्रा कर केदार घाटी का अनुभव लिया था। उन्होंने कहा कि पिछले 50 सालों में केदार घाटी में बड़े परिवर्तन हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यहां बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करना सौभाग्य की बात है।
बद्रीनाथ, केदारनाथ धाम में बर्फबारी देख उत्साहित हुए श्रद्धालु..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है। खराब मौसम में भी धामों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। धाम में पहुंचे श्रद्धालु बर्फबारी देखकर उत्साहित नजर आ रहे हैं। दूसरी और कई श्रद्धालु ऐसे भी है जो सुविधाओं के अभाव के चलते परेशान है।बता दें यमुनोत्री सहित यमुना घाटी में पिछले एक घंटे से झमाझम बारिश हो रही है। यमुनोत्री धाम के ऊपर बुग्यालों चोटियों सप्त ऋषि कुंड, बंदरपूंछ, कालिंदी पर्वत, गरुड़ गंगा टाप पर बर्फबारी जारी है। बारिश और बर्फबारी के चलते ठण्ड बढ़ गई है। धाम में पहुंचे तीर्थयात्री बर्फबारी का लुत्फ उठा रहे हैं।
कई यात्रियों को हो रही दिक्कते
कई श्रद्धालु ऐसे भी है जो ठंड से दुबकने को मजबूर हो गए हैं। पर्याप्त सुविधाएं न होने से श्रद्धालुओं को बारिश और बर्फबारी में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही केदारनाथ धाम में भी बारिश और बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के दौरान भी श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए लंबी कतार में खड़े हैं।वहीं दोपहर बाद बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी शुरू हुई। बर्फबारी के बाद बद्रीनाथ धाम में ठण्ड बढ़ गई। भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु भी बर्फ देखकर उत्साहित नजर आए।
उत्तराखंड। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगे सोने को पीतल में बदलने का सबसे पहले वीडियो वायरल करने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत खुद सवालों के घेरे में आ गए हैं। भाजपा ने केदारनाथ आपदा के समय आपदा राहत कार्यों को लेकर ना केवल तत्कालीन कांग्रेस सरकार को घेरा है, बल्कि आपदा घोटाले में मनोज रावत को भी कठघरे में खड़ा किया है।
भाजपा ने केदारनाथ में स्वर्णमंडन के कार्य में घोटाले का आरोप लगाने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें केदारनाथ आपदा में हुए घोटालों पर सही स्थिति जनता के सामने रखने की जरूरत है, क्योंकि सभी मामले उनके क्षेत्र से जुड़े हैं और उन्हें धार्मिक स्थलों को की छवि से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता बिपिन कैन्थोला ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में कांग्रेस घृणित राजनीति कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर मनोज रावत के नेतृत्व में केदारनाथ गए दल ने प्रेस कांफ्रेंस में जो आरोप लगाए वो भ्रामक व तथ्यहीन हैं। कांग्रेस नेताओं ने अब तक जितने भी आरोप लगाए हैं, उनका श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा बिंदुवार जवाब दे दिया गया है। इसके बावजूद कांग्रेस नेता बेवजह के आरोप-प्रत्यारोप लगा कर केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने का दुष्प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने को लेकर तमाम आरोप लगा रहे हैं। मगर उनके द्वारा अभी तक इसका कोई भी दस्तावेज अथवा प्रमाण जनता के सामने नहीं रखा गया है। इसके विपरीत केदारनाथ आपदा के समय आपदा के लिए आयी राहत राशि में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किस प्रकार से बंदरबांट की, यह जग जाहिर है। आपदा पीड़ितों के हिस्से की धनराशि को अनाप-शनाप तरीके से खर्च किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत को तत्कालीन हरीश रावत सरकार द्वारा “हिटो-केदार” अभियान के नाम पर लाखों रूपये दिए गए। आपदा के पैंसे को ट्रैकिंग के नाम पर लुटा दिया गया। गढ़वाल मंडल विकास निगम के माध्यम से माऊंटेनियर्स एंड ट्रैकर्स एसोसियशन (माटा) नाम की एक संस्था को आनन-फानन में ट्रैकिंग अभियान संचालित करने का जिम्मा सौंप दिया गया। माटा संस्था का सोसायटी रजिस्ट्रार के यहां 22 सितंबर, 2016 को पंजीकरण किया गया और उसी माह इस संस्था को ट्रैकिंग अभियान संचालित करने की अनुमति दे गयी।
इस संस्था के अध्यक्ष कांग्रेस नेता मनोज रावत थे। इस प्रक्रिया में नियम-कानूनों का किसी प्रकार से पालन नहीं किया गया। इस संस्था के पास किसी प्रकार का अनुभव नहीं था। ना ही संस्था के चयन के लिए कोई प्रक्रिया अपनायी गयी। मनोज रावत की संस्था को किस आधार पर यह कार्य दिया गया, इसमें प्रतिभागियों का चयन किसने किया और वो कौन थे, ये कहीं स्पष्ट नहीं है।