इतिहास में पहली बार कपाट खुलने पर केदारनाथ धाम में पहुंचे इतने श्रद्धालु..
उत्तराखंड: अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर शुक्रवार सुबह 7:20 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। शुक्रवार को ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी खुल गए। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे। केदारनाथ धाम में पहले दिन दर्शन के लिए रिकॉर्ड संख्या में 29,030 श्रद्धालु पहुंचे। आपको बता दे कि पिछले साल कपाट खुलने के दिए 21,000 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए थे, जो रिकॉर्ड था, इस बार ये रिकॉर्ड टूट गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चारधााम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में कितना उत्साह है।
केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद दक्षिण की वीर शैव लिंगायत विधि से बाबा केदार की पूजा की गई। मंदिर की गद्दी पर कर्नाटक मूल के रावल आसानी हुए। जिसके बाद पूजा अर्चना कर कपाट खोले गए। मान्यता है कि बाबा केदार छह महीने समाधि में रहते हैं। कपाट बंद होते समय सवा क्विंटल भभूति चढ़ाई जाती है। कपाट खुलने के साथ बाबा समाधि से जागते हैं।
चंदग्रहण के चलते आज बंद किए जाएंगे चारों धाम के कपाट..
उत्तराखंड: चंदग्रहण के चलते शनिवार यानी आज बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट शाम चार बजे बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद मंदिरों के कपाट रविवार सुबह शुद्धिकरण के बाद खोले जाएंगे। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को रात एक बजकर चार मिनट पर लगेगा। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट नौ घंटे पहले सूतककाल लगने के कारण ही बंद कर दिए जाएंगे।
शनिवार को 11 बजे राजभोग लगेगा और दोनों मंदिरों की सफाई की जाएगी। दो बजे तक मंदिर बंद रहेगा। इसके बाद दोपहर दो बजे दोबारा मंदिर को खोला जाएगा और शाम के वक्त आरती की जाएगी। आरती के बाद चार बजे तक मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। 29 अक्टूबर को रविवार सुबह शुद्धिकरण के बाद ब्रह्ममुहुर्त में कपाट खोलकर महाभिषेक, रूद्राभिषेक सहित पूजा अर्चना के साथ खोले जाएंगे।
इसके साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी चंद्रग्रहण के चलते बंद किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने कहा कि शनिवार शाम चार बजे के गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।शाम को होने वाली आरती चार बजे तक कर ली जाएगी। चंद्रग्रहण के बाद कपाट सीधे अगले दिन तड़के सुबह चार बजे पूजा अर्चना के बाद खोले जाएंगे।
प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री भारत सरकार पीके मिश्रा ने किये केदारनाथ धाम के दर्शन..
उत्तराखंड: प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री भारत सरकार पीके मिश्रा केदारनाथ धाम पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर देश की खुशहाली एवं प्रगति की कामना की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारपुरी को दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए चल रहे निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्यों का प्रमुख सचिव ने संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर कार्यों की प्रगति का जायजा लिया।निर्माण कार्यों में जुटे मजदूरों एवं कर्मचारियों का ध्यान रखने एवं सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री भारत सरकार पीके मिश्रा के एक दिवसीय केदारनाथ भ्रमण में पहुंचने पर वीआईपी हैलीपैड़ में जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार एवं पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे ने स्वागत किया। इस अवसर पर मंदिर समिति एवं तीर्थ पुरोहित समाज ने परंपरागत मंत्रोच्चारण एवं रुद्राक्ष की माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने मंदिर में प्रवेश कर बाबा श्री केदारनाथ का रुद्राभिषेक एवं विशेष पूजा-अर्चना कर समस्त देशवासियों की खुशहाली एवं जनकल्याण की कामना की।
एक दिवसीय केदारनाथ भ्रमण पर पहुचें प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री भारत सरकार पीके मिश्रा, प्रधानमंत्री जी के सलाहकार अमित खरे, मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार एसएस संधु, उप सचिव पीएमओ मंगेश घिल्डियाल, पर्यटन विभाग उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) भास्कर खुल्बे, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे करीब 9 बजे वायु सेना के हेलिकॉप्टर से वीआईपी हैलीपैड पर पहुचें। जिसके बाद उन्होंने मंदिर में प्रवेश कर धर्मपत्नी के साथ बाबा केदारनाथ का रूद्राभिषेक एवं विशेष पूजा-अर्चना कर समस्त विश्व एवं जन कल्याण की कामना की।
करीब 30 मिनट की पूजा अर्चना के बाद उन्होंने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का निरीक्षण शुरू किया। इसी बीच उन्होंने तीर्थ पुरोहित समाज से मुलाकात कर केदारनाथ धाम के विकास कार्यों के लिए उनके सुझाव लिए एवं समस्याएं भी सुनी। सर्वप्रथम उन्होंने मुख्य सचिव से केदारपुरी में बने पुराने एवं नए आवासों की बनावट एवं क्षमता की जानकारी ली। जिसके बाद उन्होंने ईशानेश्वर मंदिर एवं भीम शिला के दर्शन किए। इस दौरान मुख्य सचिव ने उन्हें आपदा के समय भीम शिला ने कैसे मंदिर की रक्षा की यह जानकारी दी। इसके पश्चात् उन्होंने शंकराचार्य समाधि के दर्शन कर निर्माणाधीन शिव उद्यान का निरीक्षण कर प्रगति की जानकारी ली।
श्री केदारनाथ मंदिर परिसर के समाने बन रहे भवनों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने संबंधित एजेंसियों एवं जिलाधिकारी से भवनों का उद्देश्य पूछा वहीं सभी एजेंसियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने भवनों के निर्माण में आ रही समस्याओं की जानकारी भी ली। जिलाधिकारी को भवनों के अधिग्रहण में तेजी लाते हुए गोल चबूतरे से मंदिर परिसर तक कॉरिडोर का कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने रेन शेल्टर, मंदाकिनी एवं सरस्वती नदियों के घाट पर चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए पूरे क्षेत्र में क्या व्यवस्थाएं और सुविधा दी जाएगी उसकी जानकारी ली।
उन्होंने सभी अधिकारियों एवं संबंधित एजेंसियों को निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो रही सामग्री की जानकारी लेते हुए गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने समस्त अधिकारियों, कर्मचारी एवं निर्माण एजेंसियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर सभी के समन्वय से कठिन परिस्थितियों के बीच बेहतरीन कार्य हो रहा है इसे आगे भी जारी रखते हुए समय पर सभी कार्य पूरे किए जाएं। वहीं उन्होंने निर्माण कार्यों में जुटे मजदूरों एवं कर्मचारियों का ध्यान रखने एवं सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।
इस अवसर पर एडीएम बीर सिंह बुदियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी केडीए योगेन्द्र सिंह, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, सीओ विमल रावत, कार्यकारी अधिकारी आरसी तिवारी, एसएचओ केदारनाथ मंजुल रावत, केदार सभा के राजकुमार तिवारी समेत अन्य तीर्थ पुरोहित, अधिकारी, कर्मचारी एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।
’50 साल बाद पहुचें केदारनाथ’
प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री भारत सरकार पीके मिश्रा ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि वह करीब 50 साल बाद श्री केदारनाथ धाम में दर्शनों को पहुंचे हैं। अपनी पिछली यात्रा के दौरान उन्होंने पैदल यात्रा कर केदार घाटी का अनुभव लिया था। उन्होंने कहा कि पिछले 50 सालों में केदार घाटी में बड़े परिवर्तन हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यहां बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करना सौभाग्य की बात है।
बद्रीनाथ, केदारनाथ धाम में बर्फबारी देख उत्साहित हुए श्रद्धालु..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है। खराब मौसम में भी धामों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। धाम में पहुंचे श्रद्धालु बर्फबारी देखकर उत्साहित नजर आ रहे हैं। दूसरी और कई श्रद्धालु ऐसे भी है जो सुविधाओं के अभाव के चलते परेशान है।बता दें यमुनोत्री सहित यमुना घाटी में पिछले एक घंटे से झमाझम बारिश हो रही है। यमुनोत्री धाम के ऊपर बुग्यालों चोटियों सप्त ऋषि कुंड, बंदरपूंछ, कालिंदी पर्वत, गरुड़ गंगा टाप पर बर्फबारी जारी है। बारिश और बर्फबारी के चलते ठण्ड बढ़ गई है। धाम में पहुंचे तीर्थयात्री बर्फबारी का लुत्फ उठा रहे हैं।
कई यात्रियों को हो रही दिक्कते
कई श्रद्धालु ऐसे भी है जो ठंड से दुबकने को मजबूर हो गए हैं। पर्याप्त सुविधाएं न होने से श्रद्धालुओं को बारिश और बर्फबारी में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही केदारनाथ धाम में भी बारिश और बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के दौरान भी श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए लंबी कतार में खड़े हैं।वहीं दोपहर बाद बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी शुरू हुई। बर्फबारी के बाद बद्रीनाथ धाम में ठण्ड बढ़ गई। भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु भी बर्फ देखकर उत्साहित नजर आए।
उत्तराखंड। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगे सोने को पीतल में बदलने का सबसे पहले वीडियो वायरल करने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत खुद सवालों के घेरे में आ गए हैं। भाजपा ने केदारनाथ आपदा के समय आपदा राहत कार्यों को लेकर ना केवल तत्कालीन कांग्रेस सरकार को घेरा है, बल्कि आपदा घोटाले में मनोज रावत को भी कठघरे में खड़ा किया है।
भाजपा ने केदारनाथ में स्वर्णमंडन के कार्य में घोटाले का आरोप लगाने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें केदारनाथ आपदा में हुए घोटालों पर सही स्थिति जनता के सामने रखने की जरूरत है, क्योंकि सभी मामले उनके क्षेत्र से जुड़े हैं और उन्हें धार्मिक स्थलों को की छवि से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता बिपिन कैन्थोला ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के मामले में कांग्रेस घृणित राजनीति कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर मनोज रावत के नेतृत्व में केदारनाथ गए दल ने प्रेस कांफ्रेंस में जो आरोप लगाए वो भ्रामक व तथ्यहीन हैं। कांग्रेस नेताओं ने अब तक जितने भी आरोप लगाए हैं, उनका श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा बिंदुवार जवाब दे दिया गया है। इसके बावजूद कांग्रेस नेता बेवजह के आरोप-प्रत्यारोप लगा कर केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने का दुष्प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने को लेकर तमाम आरोप लगा रहे हैं। मगर उनके द्वारा अभी तक इसका कोई भी दस्तावेज अथवा प्रमाण जनता के सामने नहीं रखा गया है। इसके विपरीत केदारनाथ आपदा के समय आपदा के लिए आयी राहत राशि में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किस प्रकार से बंदरबांट की, यह जग जाहिर है। आपदा पीड़ितों के हिस्से की धनराशि को अनाप-शनाप तरीके से खर्च किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत को तत्कालीन हरीश रावत सरकार द्वारा “हिटो-केदार” अभियान के नाम पर लाखों रूपये दिए गए। आपदा के पैंसे को ट्रैकिंग के नाम पर लुटा दिया गया। गढ़वाल मंडल विकास निगम के माध्यम से माऊंटेनियर्स एंड ट्रैकर्स एसोसियशन (माटा) नाम की एक संस्था को आनन-फानन में ट्रैकिंग अभियान संचालित करने का जिम्मा सौंप दिया गया। माटा संस्था का सोसायटी रजिस्ट्रार के यहां 22 सितंबर, 2016 को पंजीकरण किया गया और उसी माह इस संस्था को ट्रैकिंग अभियान संचालित करने की अनुमति दे गयी।
इस संस्था के अध्यक्ष कांग्रेस नेता मनोज रावत थे। इस प्रक्रिया में नियम-कानूनों का किसी प्रकार से पालन नहीं किया गया। इस संस्था के पास किसी प्रकार का अनुभव नहीं था। ना ही संस्था के चयन के लिए कोई प्रक्रिया अपनायी गयी। मनोज रावत की संस्था को किस आधार पर यह कार्य दिया गया, इसमें प्रतिभागियों का चयन किसने किया और वो कौन थे, ये कहीं स्पष्ट नहीं है।
केदारनाथ में अगले कुछ दिन मौसम रहेगा खराब, 15 मई तक पंजीकरण पर लगी रोक..
उत्तराखंड: 15 मई तक केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण पर अब रोक रहेगी। संयुक्त निदेशक पर्यटन योगेंद्र गंगवार का कहना हैं कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। 15 तक नए पंजीकरण पर रोक रहेगी लेकिन जो यात्री पहले पंजीकरण कर चुके हैं वे यात्रा कर सकेंगे। बता दें कि 13 मई तक केदारनाथ के लिए 1.45 लाख यात्री पंजीकरण करा चुके है।
आपको बता दे कि चारधाम यात्रा में अब तक दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा पांच लाख पार हो गया है। केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 1.75 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। पर्यटन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 22 अप्रैल से 7 मई तक केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 505286 लाख से अधिक यात्रियों ने दर्शन किए हैं। इसमें केदारनाथ धाम में 1.75 लाख, बद्रीनाथ में 1,18,116, गंगोत्री में 1.13 लाख, यमुनोत्री मंदिर में एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
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डीजीपी ने परखीं केदारनाथ धाम यात्रा व्यवस्थाएं..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में रुक-रुककर हो रही बारिश और बर्फबारी को देखते हुए रोके गए यात्रियों को प्रशासन ने आज रवाना करना शुरू कर दिया। सुबह आठ बजे तक सोनप्रयाग से 5887 तीर्थयात्रियों को धाम के लिए रवाना किया गया। आपको बता दें कि सोमवार को करीब नौ हजार यात्रियों को जगह-जगह रोक दिया गया था।
केदारनाथ धाम में मौसम के अधिक खराब होने पर तिलवाड़ा से फाटा तक करीब ढाई हजार, सीतापुर से सोनप्रयाग तक करीब छह हजार और गौरीकुंड में लगभग 500 यात्रियों को रोका गया था। वही यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में सुबह से ही बारिश हो जारी है। लेकिन मौसम की बेरुखी पर तीर्थयात्रियों की आस्था भारी पड़ रही है। बारिश के बीच पांच किमी की चढ़ाई चढ़ कर यात्री यमुनोत्री धाम पहुंच रहे हैं।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने केदारनाथ यात्रा को लेकर फाटा, सोनप्रयाग और गौरीकुंड का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन मर्यादा के तहत नशा के कारोबार पर नकेल कसने के निर्देश दिए। उन्होंने यात्रा मार्ग से लगे थाना, चौकी के प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में नियमित चेकिंग करने को कहा। पुलिस महानिदेशक ने गौरीकुंड में यात्रियों से बातचीत करते हुए व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया। उन्होंने पुलिस बल को बाबा केदार के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से सौम्य व्यवहार करने के निर्देश भी दिए।
केदारनाथ धाम में रात 11 से सुबह पांच बजे तक हो रही पूजाएं..
उत्तराखंड: केदारनाथ में रात 11 से सुबह पांच बजे तक भक्तों की बुकिंग की गई पूजाएं हो रही हैं। कपाट खुलने के बाद अभी भीड़ के चलते सिर्फ षोडषोपचार अभिषेक पूजा हो रही है। साथ ही सुबह पांच बजे से धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं जो अपराह्न तीन बजे तक हो रहे हैं। इसके बाद शाम पांच बजे से सांयकालीन आरती तक श्रृंगार दर्शन कराए जा रहे हैं। बता दे कि बीकेटीसी द्वारा पूजाओं को संपादित करने का समय रात 11 से सुबह पांच बजे तक निर्धारित किया गया है।
मंदिर समिति के अनुसार, कपाट खुलने के बाद प्रतिदिन 20 ऑनलाइन बुकिंग पूजाएं संपादित हो रही है। इसके साथ ही औसतन 102 पूजाएं ऑफलाइन की जा रही हैं। मंदिर समिति के पूजा प्रभारी प्रदीप सेमवाल का कहना हैं कि 25 अप्रैल को ऑफलाइन बुकिंग की 40 व ऑनलाइन बुकिंग की 20 पूजाएं संपादित की गईं जबकि 27 अप्रैल को ऑफलाइन 61 व 29 को 117 पूजाएं संपादित की गई हैं। साथ ही प्रतिदिन 20 ऑनलाइन पूजाएं हो रही हैं।
दान के लिए क्यूआर कोड बोर्ड लगाने पर बीकेटीसी ने पुलिस को दी तहरीर
केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर में कई स्थानों पर दान के लिए क्यूआर कोड के बोर्ड लगाने के मामले में बीकेटीसी ने पुलिस को तहरीर दी है। समिति का कहना है कि मंदिरों में दान के लिए क्यूआर कोड के बोर्ड बीकेटीसी की ओर से नहीं लगाए गए थे। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना हैं कि दोनों धामों में कपाट खुलने के दिन ये बोर्ड लगाए गए थे।
मामला बीकेटीसी के अधिकारियों के संज्ञान में आने पर उसी दिन बोर्ड उतार दिए गए थे। बीकेटीसी अधिकारियों ने पहले अपने स्तर से इस मामले की छानबीन की। इसके बाद रविवार को केदारनाथ मंदिर अधिकारी ने केदारनाथ पुलिस चौकी और बद्रीनाथ में प्रभारी अधिकारी की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना हैं कि बीकेटीसी की ओर से वर्तमान में अपने कामकाज में पेटीएम का प्रयोग नहीं किया जाता है।
बाबा केदार के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू, भैरवनाथ का किया आह्वान..
उत्तराखंड: भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भगवान केदारनाथ की निर्विघ्न यात्रा के लिए क्षेत्रपाल के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ की आराधना की गई। साथ ही देवता की पूरी-पकौड़ी से बनी मालाओं से श्रृंगार कर अष्टादश आरती उतारी गई।
गुरूवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ स्थित भैरवनाथ मंदिर में बाबा केदार की डोली के धाम प्रस्थान की पूर्व संध्या पर विशेष पूजा-अर्चना की गई। धाम के लिए नियुक्त पुजारी शिव लिंग द्वारा भगवान भैरवनाथ का पंच ब्रह्म मंत्र से अभिषेक किया गया।
साथ ही पंचामृत अभिषेक रुद्राभिषेक के साथ पूरी-पकौड़ी की माला से श्रृंगार किया गया। बाल भोग के बाद भगवान भैरवनाथ को महाभोग लगाया गया। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की अगुवाई में शिवाचार्य महास्वामी केदार लिंग, पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग द्वारा अष्टादश आरती उतारी गई। वहीं, मंदिर के वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी, मृत्युंजय हीरेमठ, आशाराम नौटियाल के वेद मंत्रोच्चारण के बीच सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया।
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छह माह पूजा-अर्चना का संकल्प कराया
रावल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ के लिए नियुक्त मुख्य पुजारी शिव लिंग को भगवान भैरवनाथ के समक्ष धाम की छह माह पूजा-अर्चना का संकल्प कराते हुए आशीर्वाद दिया। इसके बाद भगवान भैरवनाथ की पूजा में शामिल हुए सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटा गया। इस मौके पर बीकेटीसी के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, भाजपा की महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कार्याधिकारी रमेश तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल आदि मौजूद थे।
पायलेट को नहीं दिखाई दिया एयर रूट, पहाड़ी से टकराया हेलीकाॅप्टर..
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम से दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं का एक हेलीकाॅप्टर पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकाॅप्टर में पायलट समेत सात लोग सवार थे, जिनकी मौके पर मृत्यु हो गई। घटना के बाद केदारघाटी में हेली सेवाओं को बंद किया गया, जबकि इस दुखद घटना के बाद से केदारघाटी के साथ ही पूरे राज्य में शोक का माहौल है।
बता दें कि मंगलवार को आर्यन कंपनी के सात सीटर हेलीकॉप्टर ने छः यात्री के साथ केदारनाथ से गुप्तकाशी स्थित नाला हेलीपैड के लिए उड़ान भरी। इसी बीच 3 मिनट के अंतराल में ही गरुड़चट्टी के पास सुबह साढ़े 11 बजे के करीब हेलीकॉप्टर पहाड़ी से टकराते हुए क्रैश हो गया। हेलीकॉप्टर केदारनाथ से श्रद्धालुओं को लेकर वापस लौट रहा था। केदारनाथ से ढाई किमी पहले ये हादसा हुआ। जिस रास्ते पर ये हादसा हुआ, वो केदारनाथ धाम का पुराना रास्ता था। घटना में सभी सात लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि घने कोहरे के कारण हेलीकॉप्टर गरुड़चट्टी की पहाड़ी से टकरा गया, जिससे यह बड़ा हादसा हुआ। पायलेट को एयर रूट नहीं दिखाई दिया और हेलीकॉप्टर पहाड़ी से टकरा गया। इधर, घटनास्थल पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने सभी सात शव बरामद कर लिए हैं। एक शव आग से जल गया है, जबकि अन्य शवों की हेलीकॉप्टर से पहाड़ी से छिंटकर इधर-उधर टकराते हुए दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में तीन यात्री गुजरात एवं तीन यात्री तमिलनाडू समेत महाराष्ट्र निवासी पायलेट बताया गया है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि दुखद घटना में सभी सात लोगों की मौत हो गई। रेस्क्यू टीम ने सभी सात शव बरामद कर लिए गए हैं। वहीं घटना के बाद सभी हेलीकॉप्टर सेवाएं बंद रही। घटना के बाद जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार भी घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया हेली क्रैश का कारण अचानक मौसम खराब होना प्रतीत हो रहा है। केदारनाथ में अभी भी मौसम खराब है। यहां बर्फबारी हो रही है।
हेलीकाॅप्टर हादसे में मृतकों का विवरण..
1. अनिल सिंह, पायलट उम्र-57 निवासी महाराष्ट।
2. पूर्वा रामानुज, उम्र- 26 वर्ष निवासी गुजरात।
3. क्रुती बराड उम्र- 30 वर्ष निवासी गुजरात।
4. ऊर्वी बराड उम्र- 25 वर्ष निवासी गुजरात।
5. सुजाता उम्र- 56 वर्ष निवासी तमिलनाडू।
6. प्रेम कुमार उम्र- 63 वर्ष निवासी तमिलनाडू।
7. कला उम्र- 60 वर्ष निवासी तमिलनाडू।