भाजपा नेता व पूर्व दर्जा धारी अजेंद्र अजय ने रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर बाबा केदारनाथ की शीतकालीन गद्दिस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ स्थित पौराणिक कोठा भवन के जीर्णद्धार के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि शीतकाल में श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने पर बाबा केदार की चल-विग्रह उत्सव मूर्ति ऊखीमठ स्थित औंकारेश्वर मंदिर में प्रवास करती है। औंकारेश्वर मंदिर का ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व है। मंदिर का कोठा भवन अपने अद्भुत शिल्प व बनावट के लिए प्रसिद्ध है।
भगवान औंकारेश्वर मंदिर, उषा-अनिरुद्ध विवाह मंडप व कोठा भवन के दर्शनों के लिए प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु व तीर्थ यात्री ऊखीमठ पहुंचते हैं। मगर देखरेख के अभाव में कोठा भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुका है। किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा/भूकंप इत्यादि के आने पर यह कोठा भवन ध्वस्त हो सकता है।
उन्होंने कोठा भवन के पौराणिक व परम्परागत शिल्प व स्थापत्य (Architecture) को दृष्टिगत रखते हुए इसका जीर्णोद्वार की मांग की।
अजेंद्र ने रुद्रप्रयाग जनपद की कई अन्य समस्याओं को लेकर भी मुख्यमंत्री को पत्र सौंपे, जिनमें अगस्त्यमुनि विकास खंड में द्वारीधार – दयुका मोटर मार्ग निर्माण, फाटा- रैलगांव- जाल मोटर मार्ग निर्माण, चुन्नी बैंड- विद्यापीठ मोटर मार्ग का विस्तारीकरण आदि प्रमुख हैं।
वर्ष 2013 की भीषण आपदा में बुरी तरह से तहस-नहस हुए विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य तेजी पर हैं। धाम में लगभग 180 करोड़ रूपये के काम पूरे होने को हैं। केदारनाथ में द्धितीय चरण में 128 करोड़ रूपये के निर्माण कार्य भी जल्द शुरू किए जाएंगे। केदार पुरी में आदि शंकराचार्य की मूर्ति बनकर तैयार हो गई है और शंकराचार्य की समाधि का कार्य भी जल्द पूर्ण हो जाएगा। धाम में श्रद्धालुओं को ध्यान लगाने के लिए तीन गुफाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा सरस्वती घाट भी बन कर तैयार हो चुका है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा राजधानी देहरादून में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ व बद्रीनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से निर्माण कार्यों की प्रगति की विस्तार से जानकारी ली को निर्देश दिए कि कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि बर्फवारी के कारण जो कार्य बाधित हुए उन कार्यों में तेजी लाएं।
मुख्यमंत्री ने आगामी समय में केदारनाथ व बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पूर्व श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण करने को कहा। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए बैठने, पेयजल एवं शेड की भी उचित व्यवस्था हो। जन सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मन्दिर के आस-पास सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाय।
प्रदेश के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने जानकारी दी कि केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में प्रथम चरण में मंडप से संबधित कार्य 85 प्रतिशत काम हो चुके हैं। आगामी15 अप्रैल तक यह कार्य पूर्ण हो जाएंगे। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि बद्रीनाथ धाम में प्रथम चरण में 245 करोड़ रूपये के कार्यों का प्लान तैयार हो चुका है। यात्रा सीजन को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण प्रकृति के कार्यों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी।
बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, अपर सचिव आशीष चौहान, आर. राजेश कुमार एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।