उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिन के उत्तराखंड के दौरे पर रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ केदारनाथ पहुंचे। केदारनाथ में हैलीपैड पर उतरने के तुरंत बाद दोनों मुख्यमंत्रियों ने वर्ष 2013 की आपदा के बाद वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। शाम को दोनों मुख्यमंत्री केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर रात्रि विश्राम भी वहीं करेंगे।
इससे पूर्व, योगी आदित्यनाथ दोपहर में राजकीय वायुयान से गोरखपुर से देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे। एयरपोर्ट पर योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री त्रिवेंद, प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत व मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी हैं।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट से वे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हेलीकॉप्टर से केदारनाथ के लिए रवाना हुए। 16 नवंबर की प्रातः शीतकाल के लिए केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद हो रहे हैं। दोनों मुख्यमंत्री प्रातः केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर कपाट बंद होने के कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे। इसके बाद दोनों प्रातः 7:30 बजे बद्रीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। बद्रीनाथ में प्रातः 8 से 9 बजे तक उनका पूजा-अर्चना का कार्यक्रम है।
पूजा-अर्चना के बाद वे बद्रीनाथ में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के पर्यटक आवास गृह के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां बता दें कि बद्रीनाथ में हेलीपैड के समीप उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटक आवास गृह का निर्माण प्रस्तावित है।
उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट रविवार को शीतकाल के लिए बंद हो गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु व तीर्थ-पुरोहित मौजूद रहे।
अन्नकूट– गोवर्द्धन पूजा के पर्व पर विधिवित पूजा-अर्चना के बाद 12:15 बजे कपाट बंद होने की रस्म पूरी हुई। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा के लिए रवाना हुई। इसके बाद श्रद्धालु अब आगामी छह माह तक मुखबा में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे।
कपाट बंद होने तथा उत्सव डोली के प्रस्थान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष मात्र साढ़े तेईस हजार श्रद्धालुओं ने ही मां गंगा के दर्शन किए।
इधर, द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर 16 नवंबर को बंद होंगे।केदारनाथ धाम में आज कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस क्रम में आज विधि-विधान के साथ बाबा केदार की चल-विग्रह डोली का पूजन किया गया। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उपस्थित रहेंगे।
16 नवम्बर को ही श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद होंगे। जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर बंद होंगे। द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर के कपाट भी 19 नवंबर को बंद हो रहे हैं। तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर और चतुर्थ केदार श्री रूद्रनाथ के कपाट 17 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15-16 नवंबर को दो दिन के उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे केदारनाथ व बद्रीनाथ के दर्शन करेंगे। साथ ही बद्रीनाथ में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के पर्यटक आवास गृह का शिलान्यास करेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस भ्रमण में उनके साथ रहेंगे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को दोपहर 2:50 बजे गोरखपुर से सरकारी जहाज से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। वहां से वे हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। केदारनाथ मंदिर में दर्शन व पूजन के बाद वे वहां का भ्रमण भी करेंगे। उस दिन रात्रि को योगी आदित्यनाथ केदारनाथ में ही रुकेंगे।
16 नवंबर को प्रातः 4:30 बजे से एक घंटे तक योगी आदित्यनाथ केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना कर कपाट बंद होने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद वे प्रातः 7:30 बजे बद्रीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। बद्रीनाथ में प्रातः 8 से 9 बजे तक उनका पूजा-अर्चना का कार्यक्रम है।
पूजा-अर्चना के बाद वे 10 बजे बद्रीनाथ में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के पर्यटक आवास गृह का शिलान्यास करेंगे। यहाँ बता दें कि बद्रीनाथ में हेलीपैड के समीप उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटक आवास गृह का निर्माण प्रस्तावित है। इस कार्यक्रम में वे एक घंटे तक शिरकत करेंगे। इसके बाद वे लखनऊ के लिए रवाना होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के प्रस्तावित मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण किया गया। साथ ही श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी भी प्रधानमंत्री को दी गई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए कि बद्रीनाथ धाम की आध्यात्मिकता व पौराणिकता बरकरार रखते हुए इसे स्पिरिचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम के प्रस्तावित मास्टर प्लान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहे। बद्रीनाथ धाम को मिनी स्मार्ट व स्पिरीचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए। वहां होम स्टे भी विकसित जा सकते हैं। निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोड़ा जाए। बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था हो जो आध्यात्मिक वातावरण के अनुरूप हो। मास्टर प्लान का स्वरूप पर्यटन पर आधारित न हो बल्कि पूर्ण रूप से आध्यात्मिक हो। प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम व श्री केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है। सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है। बदरीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। केदारनाथ की तरह बद्रीनाथ में भी 12 महीने कार्य किए जाएंगे।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा काफी सुविधाजनक हो जाएगी।
श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण करते हुए अधिकारियों ने बताया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। देवदर्शिनी स्थल विकसित किया जाएगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी। दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि आदि शंकराचार्य जी के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है। दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। नर्सरी के लिए बीज एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है। गरुड़ चट्टी में ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है।