उत्तराखंड में बढ़ेंगे 20 लाख रोजगार के अवसर..
नई सर्विस सेक्टर पॉलिसी को मिली मंजूरी..
उत्तराखंड: सरकार ने उत्तराखंड की सर्विस सेक्टर की नई पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इस पॉलिसी के जरिए प्रदेश में 20 लाख रोजगार के अवसर बढेंगे। इसके साथ ही 10 लाख श्रमिकों के कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखंड में सरकार ने सर्विस सेक्टर की नई पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। नई सर्विस सेक्टर की पॉलिसी के जरिए उत्तराखंड में 20 लाख रोजगार के मौके बढेंगे। इसके साथ ही प्रदेश के 10 लाख श्रमिकों के कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य में पहली बार सर्विस सेक्टर की पॉलिसी को मिली मंजूरी..
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में छह प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई है। मुख्य सचिव डा. एसएस संधु की मौजूदगी में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि उत्तराखंड में पहली बार सर्विस सेक्टर की पॉलिसी को मंजूरी मिली है। बता दें कि इसमें हॉस्पिटेलिटी, वेलनेस, आईटी, डेटा सेंटर, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल और फिल्म उद्योग आदि को शामिल किया गया है। इसके साथ ही इसमें कुछ रियायतें दी गई हैं। नई पॉलिसी के मुताबिक इसमें 25% कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी।
कैबिनेट बैठक में आज कई प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर..
उत्तराखंड: मंत्रिमंडल की बैठक आज मंगलवार को राज्य सचिवालय में होगी। बैठक में राज्य की नई खेल नीति के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, कृषि, उद्यान, राजस्व, पर्यटन, स्वास्थ्य से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है।
सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खेल नीति का प्रस्ताव कैबिनेट में लाए जाने के संकेत दिए। उनका कहना हैं कि प्रदेश सरकार राज्य के खिलाड़ियों के लिए खेल नीति में कई नए प्रावधान कर रही है। इससे राज्य के खेल और खिलाड़ियों, दोनों को फायदा होगा। बैठक में राशन डीलरों का अंशदान बढ़ाने, सरकारी क्षेत्र के उद्यानों को लीज पर देने व विभागीय सेवानियमावलियों के प्रस्ताव आ सकते हैं।
आपको बता दे कि इससे पहले मंत्रिमंडल की बैठक 11 नवंबर को होनी थी। लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों की कार्यक्रमों में व्यस्तता के कारण बैठक स्थगित कर दी गई थी।
पिछली बैठक में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को दी थी बड़ी सौगात..
इससे पहले पिछले माह हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को बड़ी सौगात दी थी। एमबीबीएस के छात्रों की एक साल की निर्धारित चार लाख रुपये की फीस को 1.45 लाख रुपये कर दिया गया था। मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद उत्तराखंड में ही सेवाएं देने का बांड भरने वाले छात्रों के लिए 50 हजार रुपये शुल्क तय किया गया था।