टीकाकरण धीमा, 15 में से 5 टीके ही उपलब्ध, 15 लाख खुराकों को मंजूरी का इंतजार..
देश-विदेश: एक तरफ देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर टीकाकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 15 में से महज पांच टीके लोगों के लिए उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं तीन माह बाद भी देश में एहतियाती टीकाकरण धीमी गति से बढ़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित केंद्रीय प्रयोगशाला में जांच के लिए टीका के नए बैच में करीब पांच गुना कमी भी दर्ज की गई है।
आपको बता दे कि 16 जनवरी 2021 से देश में कोरोना को रोकने के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना हैं कि सरकार ने अब तक कोविशील्ड, कोवाक्सिन, स्पूतनिक-वी, मॉडर्ना, जायडस, कोर्बोवैक्स, कोवोवैक्स, स्पूतनिक लाइट, जायडस कैडिला को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने की अनुमति दी है। इनके साथ ही स्पूतनिक, कोवाक्सिन व जॉनसन की एकल खुराक वाले टीका को भी अनुमति मिली है, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग आयु वर्ग में हो रहा है। वर्तमान में यह सभी टीका कार्यक्रम में शामिल नहीं हैं।
राज्यों को इस साल के आखिर तक पूरा करना होगा कोरोना आपात फंड
केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि इस साल के आखिर तक कोरोना आपात फंड का पूरा इस्तेमाल करें। महामारी में राज्यों की सहायता के लिए आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज-2 (ईसीआरपी-2) योजना शुरू की थी, जिसके तहत केंद्र अपनी शत फीसदी हिस्सेदारी राज्यों को भेज चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से राज्यों के अधिकारियों को कहा कि पैकेज के तहत जारी बजट का ज्यादा से ज्यादा उपयोग होना चाहिए। राज्यों को 100% केंद्रीय शेयर राशि जारी कर दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना हैं कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए अब जांच का दायरा बढ़ रहा है। बीते दो महीने में यह तीसरी बार है जब एक दिन में पांच लाख से अधिक सैंपल की जांच हुई है। बीते दिन 5.19 लाख सैंपल की जांच में 2.47 फीसदी कोरोना संक्रमित मिले हैं जिसे दैनिक संक्रमण दर माना जाता है। इसके अलावा साप्ताहिक संक्रमण दर बढ़कर 2.41 फीसदी तक पहुंच गई है। दो दिन पहले यह दर दो फीसदी थी लेकिन अब इसमें 0.41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
81.37 फीसदी नए मामले सिर्फ पांच राज्यों में
राज्यों की बात करें तो देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से आ रहे हैं। महाराष्ट्र में कोरोना के 4,255 मामले सामने आए हैं। इसके बाद केरल में 3,419 मामले, दिल्ली में 1,323 मामले, कर्नाटक में 833 मामले और हरियाणा में 625 मामले सामने आए हैं। इन पांच राज्यों को मिलाकर बीते एक दिन में 81.37 फीसदी नए मामले दर्ज हुए हैं। इनमें अकेले महाराष्ट्र से 33.12 फीसदी नए मामले मिले।
देश में 12,847 नए कोरोना संक्रमित मिले, 14 की मौत..
देश-विदेश: देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या रोज बढ़ रही है। हालांकि गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को वृद्धि की रफ्तार कुछ कम रही। शुक्रवार को 12,847 नए मरीज मिले हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार सुबह 8 बजे अपडेट आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में 14 लोगों ने कोरोना के चलते दम तोड़ दिया। गुरुवार को 12,213 नए संक्रमित मिले थे, जबकि शुक्रवार को 12,847। इस तरह कल की तुलना में आज 634 मरीज ज्यादा मिले हैं। कल की तुलना में आज मौतें भी ज्यादा हुई हैं। गुरुवार को 11 मौतें हुई थीं।
उत्तराखंड में मिले 12 नए कोरोना संक्रमित, 79 सक्रिय मरीजों का चल रहा इलाज..
उत्तराखंड: प्रदेश में छह जिलों में 12 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं जबकि एक मरीज ठीक हुआ है। 79 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है। तीसरी लहर में कुल संक्रमितों की संख्या 92846 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शुक्रवार को 1452 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। छह जिलों में 12 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। देहरादून जिले में सात, अल्मोड़ा, हरिद्वार, पौड़ी, ऊधमसिंह नगर और टिहरी जिले में एक-एक संक्रमित मिला है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण से होने वाले मौतें थमीं है। संक्रमितों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कम हुई है। इससे सक्रिय मामले बढ़ रहे हैं। वर्तमान में 11 जिलों में 79 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें अधिकतर संक्रमित होम आईसोलेशन में हैं।
देश में कोरोना के मामले 4000 पार..
देश-विदेश: भारत में कोरोना के दैनिक मामले तीन माह बाद फिर 4000 के पार पहुंच गए हैं। बीते 24 घंटे में भारत में 4041 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली में एक बार फिर मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सक्रिय केस में भी बीते 24 घंटे में 1668 की बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 21,177 हो गए। बीते कुछ दिनों में नए संक्रमित और सक्रिय केस लगातार बढ़े हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार आंकड़ों में दैनिक केस में तेज बढ़ोतरी नजर आई। इस दौरान 10 लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई। मंत्रालय के अनुसार देश में अब कुल संक्रमितों की संख्या 43,168,585 पर पहुंच गई है, वहीं कुल मृतक संख्या भी बढ़कर 5,24,651 हो गई। सक्रिय केस में भी बीते 24 घंटे में 1668 की बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 21,177 हो गए। बीते दिनों में नए संक्रमित और सक्रिय केस बढ़े हैं।
गुरुवार को देश में कोरोना केस 35.2 फीसदी बढ़े थे। गुरुवार सुबह समाप्त 24 घंटे में कोरोना के 3,712 नए केस मिले थे, वहीं पांच की मौत हुई थी। कोविड के नए मामले ज्यादातर केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और कर्नाटक में मिल रहे हैं। नए केसों में से 80 फीसदी से ज्यादा सिर्फ इन्हीं पांच राज्यों में मिले हैं।
देश में 24 घंटे में मिले 3,712 कोरोना संक्रमित, 5 की मौत..
देश-विदेश: कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। देश में करीब 22 दिनों के बाद मामले 3 हजार के आंकड़े को पार कर गए। 24 घंटे में देश में 3 हजार 712 नए मरीज मिले। जबकि इस दौरान 5 कोविड संक्रमितों की मौत हुई। नए आंकड़ों को मिलाकर देश में कोरोना मरीजों की संख्या 4 करोड़ 31 लाख 64 हजार 544 पर पहुंच गई है। वहीं, अब तक 5 लाख 24 हजार 641 मरीज जान गंवा चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना हैं कि गुरुवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 19,509 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.05 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,123 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.74 प्रतिशत है। जिसमें दैनिक संक्रमण दर 0.84 प्रतिशत, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 0.67 प्रतिशत है। देश में अभी तक कुल 4,26,20,394 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 से मृत्यु दर 1.22 प्रतिशत है। वहीं, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 193.70 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
एक ही या मिश्रित टीकों की तीन खुराक महामारी से बचाव में समान रूप से कारगर..
देश-विदेश: कोरोना महामारी से निपटने के लिए विकसित टीकों के असर को लेकर अब तक के सबसे बड़े अध्ययन की रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें दावा किया गया है कि एक ही तरह के कोविड टीके की तीन खुराक या मिश्रित टीकों की एक खुराक महामारी से बचाव में समान रूप से कारगर है। ये खुराक कोरोना के विभिन्न वैरिएंट्स से भी बचाव में प्रभावी हैं। अध्ययन के नतीजों में कहा गया है कि खुराक की संख्या इम्युनिटी बढ़ाने में निर्णायक भूमिका अदा करती है, बजाए अलग अलग वैक्सीनों की मिश्रित खुराक के। इस अध्ययन से स्वास्थ्य एजेंसियों को भविष्य में निर्णय लेने में सुविधा होगी।
शोधकर्ताओं का कहना हैं कि कोविड-19 के लिए एक ही टीके की प्रभावशीलता सबको स्पष्ट है, जबकि मिश्रित टीकों के असर को लेकर स्पष्टता कम है, खासकर बुजुर्गों और प्रतिरक्षा में अक्षम लोगों के मद्देनजर। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड संक्रमण और इससे मौतों में तीव्र गिरावट के बावजूद टीके की प्रतिरोधक क्षमता कम होने और नए वैरिएंट की आशंका को देखते हुए यह समझना महत्वपूर्ण है कि कौन से वैक्सीन कॉम्बिनेशन सबसे प्रभावी हैं।
चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 38 कोविड-19 डाटाबेस का विश्लेषण किया। इसमें कोविड वैक्सीन के स्वीकृत 24 मिश्रित टीकों और सात अलग-अलग वैक्सीन लेने वाले 10 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों को शामिल करते हुए 53 परीक्षण किए।
शोधकर्ताओं के अनुसार एमआरएनए वैक्सीन की तीन खुराक कोविड संक्रमण रोकने में सबसे प्रभावी पाई गई। इसी तरह कोई भी समान या अलग अलग तीन खुराकें भी संक्रमण रोकने में तुलनात्मक रूप से अच्छी तरह से काम करती हैं। इतना ही नहीं ये कोरोना के विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी हैं। एक ही वैक्सीन की तीन खुराक को सजातीय खुराक माना जाता है, जबकि तीसरी खुराक यदि पहले ली गई दो खुराकों से अलग हो तो उसे विषम खुराक कहा जाता है। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि किसी भी एमआरएनए वैक्सीन की तीन खुराक कम गंभीर संक्रमण से बचाव में सबसे ज्यादा यानी 96 फीसदी प्रभावी है। यह अस्पताल में भर्ती होने की जोखिम 95 फीसदी तक कम करने में सबसे ज्यादा असरकारी है।
उत्तराखंड में मिले 20 नए कोरोना संक्रमित, संक्रमण दर 1.28 प्रतिशत दर्ज..
उत्तराखंड: प्रदेश में बीते 24 घंटे के भीतर पांच जिलों में 20 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। जबकि 11 मरीज ठीक हुए हैं। वर्तमान में कुल 78 सक्रिय मामले हैं। तीसरी लहर में कुल संक्रमितों की संख्या 92761 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गुरूवार को 1548 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। पांच जिलों में 20 नए लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जिसमें उत्तरकाशी में आठ, देहरादून में सात, हरिद्वार में तीन, पौड़ी व टिहरी जिले में एक-एक संक्रमित मिला है। कोरोना मरीजों की कोई मौत नहीं हुई है। 11 मरीजों ने संक्रमण को मात दी है। इन्हें मिला कर 89153 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश की रिकवरी दर 96.10 प्रतिशत और संक्रमण दर 1.28 प्रतिशत दर्ज की गई है।
चीन ने कोविड से पहले ही आधी दुनिया को गुलाम बनाने की रची थी यह साजिश..
देश-विदेश: चीन ने कोविड से पहले ही आधी दुनिया को गुलाम बनाने की बड़ी साजिश रच ली थी। ताकि गरीब और विकासशील देश आर्थिक रूप से टूट जाएं और उसके गुलाम हो जाएं। आपको बता दे कि चीन ने ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ से दुनिया के सभी छोटे और कुछ बड़े देशों को अपने चंगुल में फंसा लिया है। इन देशों को कोविड से पहले चीन ने निवेश के नाम पर इतना कर्ज दिया कि वहां की अब अर्थव्यवस्था चौपट होने लगी। कोविड ने अर्थव्यवस्था चौपट की तो ये कर्जदार देश चीन की ग़ुलामी को बढ़ चले। श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश तो चीन किसी कुटिल चाल में फंस कर राजनीतक और आर्थिक स्तर पर पूरी तरीके से बर्बाद हो चुके हैं। विदेशी मामलों के जानकार कहते हैं कि अब चीनी कर्ज से लदे देशों को उसकी कुटिल चाल से बचने के लिए सोचना होगा।
बीआरआई को बनाया हथियार
एशिया की राजनीति को बहुत करीब से समझने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अभिषेक सिंह का कहना हैं कि चीन ने कोविड के पहले दुनिया के अलग-अलग छोटे बड़े और विकासशील समेत गरीब मुल्कों मे ऐसी साजिश रची कि आधी दुनिया उसके झांसे में आ गई। वे कहते हैं कि दरअसल चीन में बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के माध्यम से ऐसा जाल फेंका। प्रोफेसर अभिषेक के अनुसार चीन ने 2013-14 में पूरी दुनिया में व्यापार को सड़कों और समुद्री मार्गों से सुगम बनाने का खाका तैयार किया। जिसका नाम बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव रखा। इस रोडमैप के के लिए चीन ने जो मॉडल प्रस्तुत किया, उसमें पूरी दुनिया के देशों को एक रास्ते से जोड़ने का पूरा प्लान था। यह बिजनेस कॉरिडोर दुनिया के उन सभी देशों के बीच से होकर गुजरना था, जो इस प्रोग्राम के हिस्सेदार होंगे। छोटे देश और गरीब देश समेत कई विकासशील देश इस योजना के भागीदार बनने को राजी हो गए।
यूरेशियन इकोनॉमिक ट्रेड चेंबर के सलील अरोड़ा कहते हैं कि चीन ने इसी योजना के तहत ऐसे देशों में जमकर निवेश किया। यह निवेश चीन ने इन देशों में बराबर की भागीदारी के तहत क़िया। चीन की इस बराबर भागीदारी का मतलब यह था कि जितना निवेश चीन उस देश में कर रहा है, वह उसे कर्ज के तौर पर माना जाए। जिसे एक तय सीमा के भीतर उस देश को चीन को वापस करना होगा। विदेशी मामलों के जानकार और पूर्व भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे एसपी सिन्हा कहते हैं कि चीन ने यही दांव खेलकर दुनिया के कई देशों को अपने रोड जाल में फंसा लिया। इसमें फंसने वाले देशों में सबसे बुरा हाल श्रीलंका और पाकिस्तान का हुआ। जबकि एशिया के कई मुल्क अभी भी चीन की इस खतरनाक साजिश के शिकार होने की कगार पर हैं। दरअसल चीन ने एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के माध्यम से दुनिया के कई मुल्कों को इस रोड जाल के माध्यम से कर्ज दिलवाया। इसके अलावा बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव से संबंधित दस्तावेजों पर दस्तखत भी करवाए। इसमें श्रीलंका, मालदीव, मलेशिया, सिंगापुर समेत दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के देशों समेत अफ्रीकी महाद्वीप के कई देश शामिल हैं।
तेजी से बढ़ रहा हैं ओमिक्रॉन का स्टील्थ वैरिएंट..
देश-विदेश: भारत समेत दुनिया भर में कोरोना वायरस के नए केसों में लगातार गिरावट का दौर जारी है। इसके चलते उम्मीद की जा रही थी कि जल्दी ही देश को कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन अब यह उम्मीद कमजोर पड़ती दिख रही है। इसकी वजह ओमिक्रॉन वैरिएंट का एक नया सब वैरिएंट डिवेलप होना है, जिसका नाम स्टील्थ रखा गया है। चीन में इसके मामले तेजी से मिल रहे हैं। इसके अलावा इजरायल ने भी इसके दो मामले मिलने की पुष्टि की है। इस नए वैरिएंट के चलते दुनिया में कोरोना वायरस की चौथी लहर आने का डर सताने लगा है।
आपको बता दे कि स्टील्थ सब वैरिएंट इसलिए खतरनाक है क्योंकि इसे डिटेक्ट करना मुश्किल है। यह ओमिक्रॉन वैरिएंट से काफी अलग है। यह ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स से मिलकर बना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह सब-वैरिएंट भी ओमिक्रॉन के ही जितना खतरनाक है। वही WHO का कहना कि इस वैरिएंट पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है क्योंकि यह टेस्टिंग में कम मिलता है। इसके अलावा दुनिया भर में घटते केसों को लेकर भी संस्था ने कहा कि टेस्टिंग कम हुई है और इसके चलते भी मामले कम देखने को मिल रहे हैं।
क्या हैं कोरोना वायरस के स्टील्थ वैरिएंट के लक्षण..
आपको बता दे कि स्टील्थ वैरिएंट से संक्रमित लोगों में चक्कर आने, कमजोरी और थकान के लक्षण देखने को मिलते हैं। वायरस से संक्रमित होने के दो से तीन दिन बाद ये लक्षण पाए जाते हैं। इसके अलावा बुखार, खांसी, गला में खिंचाव होना, मांसपेशियों में दर्द, सर्दी लगना और दिल की धड़कनें तेज होना भी इसके लक्षण हैं। चीन में इस वैरिएंट के चलते तेजी से केसों में इजाफा हुआ है। वुहान में ही तीसरी बार कोरोना के केस 5,000 के पार पहुंच गए हैं। इसके अलावा इजरायल ने भी दो केसों की पुष्टि की है। भारत में 22 जून तक कोरोना की चौथी लहर शुरू हो सकती है, जो अगस्त के मध्य तक पीक पर होगी।
साल 2008-10 के बीच जन्मे बच्चे को आज से लग रही वैक्सीन..
देश-विदेश: 12 से 14 साल तक के बच्चों के लिए आज से कोरोना टीकाकरण शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के मौके पर की गई। बता दे कि 12 से 14 आयु वर्ग के लाभार्थियों को केवल हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई द्वारा विकसित कोर्बेवैक्स का टीका ही लगाया जाएगा। लाभार्थी ऑनलाइन पंजीकरण के अलावा सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर भी वैक्सीन लगवा सकेंगे। देश में इस आयु वर्ग के 4,74,73,000 बच्चों को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
केंद्र ने सभी राज्यों से कहा है कि 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को टीकाकरण में शामिल नहीं किया जा सकता है। टीका देने से पहले उक्त केंद्र के मुख्य अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि उम्र संबंधी दस्तावेज की जांच करने के बाद ही बच्चे का टीकाकरण किया जाए। मार्च 2022 तक इनकी आयु 12 से 14 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यानि, 2008 से 2010 के बीच जन्मे बच्चों को ही यह वैक्सीन लगाई जाएगी।
28 दिन के अंतराल पर लेनी होंगी दो खुराक..
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के साथ एक सूची भी साझा की है जिसके अनुसार देश में 12 से 13 साल के बीच 1,21,43,000 लड़के और 1,13,27,000 लड़कियां हैं। इसी तरह 13 से 14 साल के 1,22,50,000 लड़के और 1,14,23,000 लड़कियां हैं जिन्हें कोर्बेवैक्स की दो खुराक 28 दिन के अंतराल में देनी अनिवार्य है।
स्वास्थ्य सचिव का कहना हैं कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को एहतियाती डोज लगाए जा रहे हैं। इसमें उन लोगों को प्राथमिकता दी जाए, जिन्हें दूसरी खुराक लिए नौ माह से ज्यादा का वक्त हो चुका है। अब तक करीब एक करोड़ 87 लाख लोगों को पहली और करीब डेढ़ करोड़ को दूसरी डोज दी जा चुकी है। ऐसे में जिन लोगों के दूसरी डोज का समय नौ माह हो चुका है उन्हें एहतियाती डोज दी जाएगी। एहतियाती डोज उसी कंपनी की दी जाएगी, जिसके दोनों डोज पहले दिए जा चुके हैं।