कोरोना काल में कई बार रोगियों को अस्पतालों में हो रही ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री के आपात स्थिति नागरिक सहायता और राहत (PM CARES) फंड ट्रस्ट ने देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त 162 समर्पित प्रेशर स्विंग एडसोर्पश्न (पीएसए) चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कुल 154.19 मीट्रिक टन क्षमता वाले इन सयंत्रों को 32 राज्यों में लगाया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार इस धनराशि में से 137.33 करोड़ रुपये ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की आपूर्ति व कमीशनिंग आदि और 64.25 करोड़ रुपये वार्षिक रखरखाव की मद में खर्च किये जाएंगे। उपकरणों की खरीद का काम केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक स्वायत्तशासी संस्था केन्द्रीय चिकित्सा आपूर्ति स्टोर (सीएमएसएस) द्वारा की जाएगी। जिन सरकारी अस्पतालों में ये संयंत्र स्थापित किए जाने हैं, उनका चयन संबंधित राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से बातचीत के बाद कर ली गई है।
इन सयंत्रों की स्थापना से सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली और मजबूत होगी और किफायती तरीके से मरीजों को ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। कोविड-19 के औसत और गंभीर मामलों में रोगियों के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त और निर्बाध आपूर्ति आवश्यक है। इसके अलावा कई अन्य रोगियों को भी ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
केंद्र सरकार द्वारा ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर संयंत्रों की स्थापना से न केवल राज्यों के कुल ऑक्सीजन उपलब्धता पूल में वृद्धि होगी, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में रोगियों को समय पर ऑक्सीजन सहायता प्रदान करने में भी सुविधा होगी।
उत्तराखंड में 7 सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा असम 6, मिजोरम 1, मेघालय 3, मणिपुर 3, नागालैंड 3, सिक्किम 1, त्रिपुरा 2, हिमांचल प्रदेश 7, लक्षद्वीप 2, चंडीगढ़ 3, पुदुच्चेरी 6, दिल्ली 8, लद्दाख 3, जम्मू और कश्मीर 6, बिहार 5, छत्तीसगढ़ 4, मध्य प्रदेश 8, महाराष्ट्र 10, ओडिशा 7, उत्तर प्रदेश 14, पश्चिम बंगाल 5, आंध्र प्रदेश 5, हरियाणा 6, गोवा 2, पंजाब 3, राजस्थान 4, झारखंड 4, गुजरात 8, तेलंगाना 5, केरल 5 व कर्नाटक में 6 सयंत्र स्थापित होंगे।
उत्तराखंड सरकार ने कोरोना काल में उपजी परिस्थितियों के मद्देनजर उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. (उपनल) के माध्यम से होने वाली नियुक्तियों के द्वार सबके लिए खोल दिए हैं। इससे पहले उपनल से सिर्फ पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को ही आउटसोर्स के आधार पर रोजगार मिलता रहा है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने विगत 4 सितम्बर को इस महत्वपूर्ण फैसले को स्वीकृति दी थी। बुधवार को प्रदेश की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
सरकार ने कोरोना काल में बेरोजगारों को राहत देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है। लॉकडाउन के कारण बड़े स्तर पर प्रवासी उत्तराखंड वापस लौटे हैं। प्रदेश सरकार उनके लिए रोजगार के साधन खोजने में लगी हुई है। इसके लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना समेत अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में सरकार ने उपनल के माध्यम से ऑउटसोर्सिंग के आधार पर होने वाली नियुक्तियों में अन्य लोगों को भी रोजगार देने के लिए यह कवायद की है। स्वास्थ्य, हाउसकीपिंग, हॉस्पिटेलिटी और तकनीकी क्षेत्रों में सरकारी व निजी क्षेत्र की मांग के मुताबिक कई बार पूर्व सैनिक उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। ऐसे में सरकार के इस आदेश के बाद यह समस्या नहीं रहेगी।