देश में फिर कोरोना का कहर, इन राज्यों में मिले नए मरीज..
देश-विदेश: देश में कोरोनावायरस से एक बार फिर वापसी कर ली है। कई शहरों में मरीज मिल रहे हैं। अलग-अलग शहरों में मरीजों के मिलने से हड़कंप मच गया है। सरकार से लेकर प्रशासन अलर्ट है और लोगो को मास्क पहनने की और भीड़-भाड़ वाले इलाके में न जाने की सलाह दी जा रही है। देश में गुरुवार को पिछले 24 घंटे में 358 नए केस सामने आए हैं। कोविड ने नए सब वैरिएंट जेएन.1 की वजह से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटे में 6 मरीजों की मौत हो गई है। इनमें तीन केरल, दो कर्नाटक और एक पंजाब का है।
आपको बता दे कि यूपी के गाजियाबाद में एक मरीज कोरोना से संक्रमित पाया गया है। मरीज की आयु 36 साल है। इससे पहले गाजियाबाद में एक और मरीज संक्रमित पाया गया था। परिवार के सदस्य की दुबई से लौटने की ट्रैवल हिस्ट्री है। स्वास्थ्य विभाग कोविड संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान और उनकी जांच में जुटा है। वहीं नोएडा में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 संक्रमित मरीज मिला है। 42 साल का मरीज नेपाल से लौटा था और यहां नोएडा के सेक्टर 36 में रहता है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना से संक्रमित महिला मिली है। 75 साल की महिला मरीज मानक नगर थाना क्षेत्र के चंदननगर में रहती है। उसे दो दिन से सर्दी जुकाम और बुखार आ रहा था। वो हफ्ते पहले ही थाईलैंड से लौटी है। बिहार की राजधानी पटना में भी कोरोना के दो नए मरीज मिले हैं। एक मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री केरला है और दूसरे की असम मिली है। दोनों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिग करवाई जाएगी। दोनों युवकों की उम्र 25 और 29 साल है।
वही राजस्थान में भी कोरोना के नए सब वैरिएंट के 2 मामले सामने आए हैं। अब वहां नए कोरोना के नए सब वैरिएंट के 4 मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी की है। लोगों को हल्की सर्दी, जुकाम, खांसी बुखार या गले में खराश होने पर समय पर चिकित्सकीय सलाह देने की अपील की है। बुधवार को जैसलमेर में जेएन.1 सब वैरिएंट के दो मामले सामने आए थे। गुरुवार को जयपुर में असी सब वैरिएंट के दो और मामले सामने आए थे। एक मरीज झुंझनू का निवासी है, जबकि दूसरा भरतपुर का रहने वाला है।
WHO ने जारी की एडवाइजरी..
स्वास्थ्य विभाग और WHO का कहना है कि फिलहाल पैनिक होने की जरुरत नहीं है। बस सावधानी जरुर बरतें। WHO ने बुधवार को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रुप में वर्गीकृत किया है। गाइडलाइन में भीड़भाड़ वाले स्थान और दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
अगले चार माह में नहीं मिले खरीदार तो बर्बाद हो जाएंगी करोड़ों वैक्सीन..
देश-विदेश: भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में एक बार फिर से इजाफा देखने को मिल रहा है। कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या एक महीने पहले की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हो गई है। अचानक बढ़ते मामलों की वजह से एक बार फिर से लोगों के बीच डर का माहौल बनने लगा है। बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान भी जारी है। लोगों को बूस्टर डोज़ भी दी जा रही है। हालांकि इसी बीच कोविड-19 के टीकों के इस्तेमाल की मियाद कम होने और मांग घटने के कारण वैक्सीन की करोड़ों खुराक अगले तीन से चार महीनों में एक्सपायर यानी बेकार होने जा रही हैं।
भारत बायोटेक जैसी कंपनियां अपना स्टॉक बेचने के लिए पिछले कुछ महीनों से निजी अस्पतालों के साथ पूरी सक्रियता से काम कर रही हैं। कंपनी एक्सपायर हो चुकी खुराकों की जगह दूसरी खुराक दे रही हैं और उन्हें स्टॉक खपाने में मदद कर रही हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि कोवॉक्सिन की कितनी खुराकों की मियाद खत्म होने जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पास कोविशील्ड की करीब 20 करोड़ खुराक हैं, जिन्हें दिसंबर में बनाया गया था और जो सितंबर में एक्सपायर हो जाएंगी। अगर कंपनी इन खुराकों को खपाने की योजना सफल नहीं रही तो इन्हें नष्ट करना होगा। हालांकि सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन पिछले महीने दावोस में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए कंपनी के के सीईओ अदार पूनावाला ने संकेत दिया था कि कंपनी की कम से कम 20 करोड़ खुराक बर्बाद हो जाएंगी। कंपनी को इन्हें नष्ट करना होगा, क्योंकि उनकी मियाद इस साल अगस्त-सितंबर में खत्म होने जा रही है। कोवॉक्सिन की मियाद 12 महीने की होती है। जबकि कोविशील्ड नौ महीने में एक्सपायर हो जाती है। भारत में टीकाकरण में करीब 80 फीसदी खुराक कोविशील्ड की लगी हैं।
राज्य और कंपनी के पास हैं करोड़ों खुराक
इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सीरम ने इतनी खुराकों को खत्म करने का सोचने से पहले इन्हें फ्री में उपलब्ध करवाने या इन्हें राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में इस्तेमाल करने के लिए मंत्रालय से कोई भी संपर्क नहीं किया। सीरम ने दिसंबर से उत्पादन रोक दिया था, क्योंकि 25 करोड़ खुराकों का स्टॉक पहले ही तैयार हो गया था। इनके पास बल्क में भी करीब 20 से 25 करोड़ खुराक हैं। इसके बाद कंपनी ने निर्यात, अंतरराष्ट्रीय करारों और भारत में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र को आपूर्ति के करारों के जरिए अपना कुछ स्टॉक बेचा है। कंपनी के पास पुणे में अब भी एस्ट्राजेनेका के टीके और कोविशील्ड की 20 करोड़ तैयार खुराक हैं। इसके अलावा राज्यों के पास भी बड़ी मात्रा में खुराक हैं, जिनमें से कई एक्सपायर होने के कगार पर हैं। हालांकि राज्यों का केंद्र सरकार और कंपनी को तर्क दिया है कि वे इस स्टॉक को इस्तेमाल करेंगे, क्योंकि बूस्टर डोज के कारण टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी है।
देश में तेजी से बढ़ रही है कोरोना के नए मामलों की संख्या..
देश-विदेश: कोरोना वायरस के नए और अधिक संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने के साथ देश में संक्रमण के मामलों में एक बार फिर खतरनाक तेजी देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में कोरोना के 90,928 नए मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण के मामलों की संख्या भी 2620 हो गई है। इनमें से 995 मरीज ठीक हो चुके हैं।
महामारी की दूसरी लहर की तरह ही इस बार भी इस वायरस से महाराष्ट्र और दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित होते दिख रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन से संक्रमण के 797 मामले सामने आए हैं वहीं दिल्ली में इनकी संख्या 465 है। राजस्थान में 236, केरल में 234, कर्नाटक में 226, गुजरात में 204 और तमिलनाडु में ओमिक्रॉन संक्रमण के 121 मामलों की पुष्टि हुई है।
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 26,538 नए मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना हैं कि प्रदेश में अब तक कुल 260 रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार मे कुछ प्रतिबंध लागू किए हैं लेकिन सरकार पूर्ण लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है। मुंबई में भी संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है।
कोविड-19 को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की तैयारियां..
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर चुनाव आयोग के अधिकारियों को जानकारी देने के लिए चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचे। इसके अलावा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर आज शाम समीक्षा बैठक करेंगे। उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई हैं। उन्होंने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।
विश्व का एकमात्र ऐसा देश जहां नहीं पहुंच सका कोरोना..
देश-विदेश: कोरोना वायरस महामारी ने बीते दो सालों में दुनियाभर के ज्यादातर देशों को अपनी चपेट में ले लिया हैं। कारण अभी तक तकरीबन 50 लाख लोगों की मौत हो गई है। कोरोना वायरस के कारण बीते लंबे समय से लोग जहां खुद को अपने घरों में कैद करने को मजबूर हो गए हैं।
वहीं दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जो अभी तक कोरोना महामारी से अछूता रहा है। जानकारी के अनुसार दक्षिणी अटलांटिक महासागर के बीच में सिर्फ 120 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले द्वीप में कोरोना अभी तक नहीं पहुंच पाया है। बताया जा रहा है कि सेंट हेलेना नाम का द्वीप दुनिया के उन कुछ स्थानों में से एक है जहां कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
आपको बता दे कि फिलहाल कोरोना महामारी के काल में सेंट हेलेना में एक भी संक्रमण के मामला सामने नहीं आने के कारण यहां अभी तक न तो मास्क पहनने और न ही सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत है. हालांकि यहां के लोगों को व्यक्तिगत तौर पर स्वच्छ रहने की सलाह दी गई है। कोरोना संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए इस द्वीप पर आने वाले सभी विजिटर्स को मूल रूप से हवाई अड्डे के कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास के रूप में बनाए गए ब्रैडली कैंप में 14 दिनों का आइसोलेशन पूरा करना होता है।
ब्रिटेन के ग्रीन जोन में है सेंट हेलेना..
ब्रिटेन ने महामारी के दौरान कई देशों के यात्रियों के लिए कड़े नियम बनाए हैं। वहीं दक्षिणी अटलांटिक महासागर के इस द्वीप से वापस ब्रिटेन जा रहे नागरिकों को छूट मिली हुई है। ब्रिटेन ने सेंट हेलेना द्वीप को अपनी लिस्ट में ग्रीन जोन में रखा है। इसी तरह इस द्वीप से लौटने वालों को अमेरिका में क्वारंटाइन करने की आवश्यकता नहीं है।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर संक्रमण में आयी कमी के बाद सरकारी अथवा व्यक्तिगत कार्य से सचिवालय में आने वाले बाहरी आगन्तुकों व मीडियाकर्मियों को पूर्व की भांति कतिपय प्रतिबन्धों के साथ सचिवालय में प्रवेश हेतु अनुमति प्रदान की गई है।
कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत इसके रोकथाम एवं बचाव हेतु सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा गैर सरकारी बाहरी व्यक्तियों और मीडियाकर्मियों का सचिवालय में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था।
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार सचिवालय में आने वाले आगुंतकों द्वारा मास्क/ फेस कवर का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाएगा। बगैर मास्क/फेस कवर के आगन्तुक को सचिवालय परिसर में प्रवेश की अनुमति नही दी जाएगी।
सचिवालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी का दायित्व होगा कि वह अपने अधीन सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दें कि वे आगन्तुक को स्पष्ट अवगत कराएं कि जिस अधिकारी से भेंट हेतु प्रवेश पत्र दिया गया है उसी अधिकारी से भेंट करें। सचिवालय में अन्य अधिकारियों के कार्यालय में अनावश्यक प्रवेश न करें, शासकीय कार्यों में व्यवधान उत्पन्न न हो।
इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आगान्तुक पास जारी होने के समय से दो घण्टे की अवधि से अधिक समय तक सचिवालय परिसर में नहीं रहेंगे।