देहरादून में दो कोरोना संक्रमित मिलने के बाद विभाग अलर्ट..
उत्तराखंड: राजधानी देहरादून में दो बुजुर्ग कोरोना संक्रमित मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। दोनों संक्रमित के सैंपलों में कोविड के नए स्वरूप की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की जा रही है। इसकी रिपोर्ट आने वाले एक सप्ताह का समय लगेगा। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने लोगों से अपील की कि कोविड संक्रमण से घबराएं नहीं, सावधानी व सतर्कता बरतें। मैक्स अस्पताल में भर्ती रहे 77 वर्षीय पुरुष और दून मेडिकल कॉलेज में 72 वर्ष की महिला मरीज की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
कोविड के नए वैरिएंट जेएन.1 की पहचान के लिए दोनों संक्रमित मरीजों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की जा रही है। बताया, मैक्स अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। बताया, मरीज पूर्व से ही कई अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। जिनका उपचार अस्पताल में चल रहा है, जबकि दून अस्पताल में भर्ती महिला का कोविड वार्ड में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों की टीम महिला के स्वास्थ्य पर नजरें बनाए हैं।
स्वास्थ्य सचिव का कहना हैं कि सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कोविड प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। सभी डीएम, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों को चिकित्सालय स्तर पर कोविड के उपचार को लेकर सभी तैयारियों को लेकर लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।उनका कहना हैं कि स्वास्थ्य विभाग की टीम रोगी के निवास स्थाकोविड के नए वैरिएंट से निपटने के लिए प्रदेश सरकार की पुख्ता तैयारियां हैं। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है। साथ ही संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों की निगरानी की जा रही है। राज्य में कोरोना के नए स्वरूप से निपटने के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं और मानव संसाधन उपलब्ध हैं।
देहरादून में मिले दो कोरोना संक्रमित मरीज..
उत्तराखंड: सीजनल इंफ्लुएंजा के साथ देहरादून में कोविड का खतरा भी बढ़ने लगा है। लगातार दूसरे दिन कोविड का एक और मरीज मिला है। नए मरीज को दून अस्पताल में भर्ती किया गया है। इससे पहले शनिवार को मैक्स अस्पताल में एक मरीज मिला था। कोविड पॉजिटिव दोनों मरीजों की उम्र 70 पार है। वहीं, आठ साल के एक बच्चे को सीजनल इंफ्लुएंजा हो गया है। चिकित्सकों का कहना हैं कि कोविड और सीजनल इंफ्लुएंजा के लक्षण एक जैसे हैं।
दून अस्पताल के एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि शनिवार शाम कोविड पॉजिटिव 72 वर्षीय महिला दून अस्पताल आई थीं। उन्हें निजी अस्पताल में कोविड संक्रमित पाए जाने पर रेफर किया गया था। महिला को थायराइड और हाइपरटेंशन की समस्या भी है। महिला की हालत गंभीर नहीं है इसलिए जनरल आइसोलेशन में इलाज दिया जा रहा है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. सीएस रावत का कहना हैं कि शनिवार को इंफ्लुएंजा के पांच संदिग्ध मरीजों की जांच हुई थी। इसमें एक आठ साल के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसकी रिपोर्ट श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल की ओर से दी गई है। हालांकि, बच्चा अस्पताल में भर्ती नहीं है।
मरीजों की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग..
सर्दियों में लोग सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार और सांस की समस्या से पीड़ित हो रहे हैं। जिले में पिछले दो दिन में दो कोविड मरीज पॉजिटिव आ चुके हैं। वहीं, इंफ्लुएंजा के मरीज भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. सीएस रावत ने कहा कि कोविड के दोनों मरीजों की रिपोर्ट पोर्टल पर एक दिन बाद जारी हो रही है। मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग भी करवाई जाएगी। ऐसे में कोविड का वेरिएंट पता चल जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि स्वाइन फ्लू वायरस अब सीजनल इंफ्लुएंजा यानी मौसमी जुकाम-बुखार के रूप में संचारित हो रहा है। यह साधारण उपचार से ठीक हो जाता है।
देश में फिर कोरोना का कहर, इन राज्यों में मिले नए मरीज..
देश-विदेश: देश में कोरोनावायरस से एक बार फिर वापसी कर ली है। कई शहरों में मरीज मिल रहे हैं। अलग-अलग शहरों में मरीजों के मिलने से हड़कंप मच गया है। सरकार से लेकर प्रशासन अलर्ट है और लोगो को मास्क पहनने की और भीड़-भाड़ वाले इलाके में न जाने की सलाह दी जा रही है। देश में गुरुवार को पिछले 24 घंटे में 358 नए केस सामने आए हैं। कोविड ने नए सब वैरिएंट जेएन.1 की वजह से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटे में 6 मरीजों की मौत हो गई है। इनमें तीन केरल, दो कर्नाटक और एक पंजाब का है।
आपको बता दे कि यूपी के गाजियाबाद में एक मरीज कोरोना से संक्रमित पाया गया है। मरीज की आयु 36 साल है। इससे पहले गाजियाबाद में एक और मरीज संक्रमित पाया गया था। परिवार के सदस्य की दुबई से लौटने की ट्रैवल हिस्ट्री है। स्वास्थ्य विभाग कोविड संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान और उनकी जांच में जुटा है। वहीं नोएडा में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 संक्रमित मरीज मिला है। 42 साल का मरीज नेपाल से लौटा था और यहां नोएडा के सेक्टर 36 में रहता है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना से संक्रमित महिला मिली है। 75 साल की महिला मरीज मानक नगर थाना क्षेत्र के चंदननगर में रहती है। उसे दो दिन से सर्दी जुकाम और बुखार आ रहा था। वो हफ्ते पहले ही थाईलैंड से लौटी है। बिहार की राजधानी पटना में भी कोरोना के दो नए मरीज मिले हैं। एक मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री केरला है और दूसरे की असम मिली है। दोनों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिग करवाई जाएगी। दोनों युवकों की उम्र 25 और 29 साल है।
वही राजस्थान में भी कोरोना के नए सब वैरिएंट के 2 मामले सामने आए हैं। अब वहां नए कोरोना के नए सब वैरिएंट के 4 मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी की है। लोगों को हल्की सर्दी, जुकाम, खांसी बुखार या गले में खराश होने पर समय पर चिकित्सकीय सलाह देने की अपील की है। बुधवार को जैसलमेर में जेएन.1 सब वैरिएंट के दो मामले सामने आए थे। गुरुवार को जयपुर में असी सब वैरिएंट के दो और मामले सामने आए थे। एक मरीज झुंझनू का निवासी है, जबकि दूसरा भरतपुर का रहने वाला है।
WHO ने जारी की एडवाइजरी..
स्वास्थ्य विभाग और WHO का कहना है कि फिलहाल पैनिक होने की जरुरत नहीं है। बस सावधानी जरुर बरतें। WHO ने बुधवार को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रुप में वर्गीकृत किया है। गाइडलाइन में भीड़भाड़ वाले स्थान और दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
बीते तीन महीने में उत्तराखंड में मिले सबसे अधिक कोरोना संक्रमित..
उत्तराखंड: प्रदेश में पिछले तीन माह में मंगलवार को एक दिन में कोरोना के सर्वाधिक 139 नए मरीज सामने आये हैं। इसके साथ ही कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 350 पर पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटे में 139 मरीज सामने आए हैं।
जिसमें सर्वाधिक 69 मामले अकेले देहरादून के हैं। इसके साथ ही नैनीताल के 28, टिहरी व उत्तरकाशी के 9 अल्मोड़ा के 5 बागेश्वर व पिथौरागढ़ के 4 चंपावत के 3 पौड़ी के 2 और हरिद्वार के 6 मरीज शामिल हैं। वहीं, मंगलवार को कोरोना संक्रमित के 88 मरीज स्वस्थ भी हुए। अब प्रदेश में कोरोना के 350 सक्रिय मामले हैं।
भारत में 230 दिन के उच्चतम स्तर पर कोरोना के आंकड़े..
सक्रिय मामले 44 हजार के पार..
देश-विदेश: भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 10 हजार 158 नए केस मिले हैं। इसी के साथ देश में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 44 हजार 998 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार सुबह यह आंकड़े जारी किए। इसके अनुसार भारत में कोरोना संक्रमण की दैनिक दर 4.42 फीसदी और साप्ताहिक दर 4.02 प्रतिशत है।
देश में फिलहाल एक्टिव केसों की संख्या कुल मामलों का 0.10 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की दर 98.71 प्रतिशत है। भारत में संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5,31,035 हो गई है। अभी तक कुल 4,42,10,127 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220,66,24,653 खुराक लगाई जा चुकी हैं।
सात दिन के अंदर 42 हजार से ज्यादा मरीज बढ़े..
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले सात दिन के अंदर देश में 42 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। इस बीच, 97 लोगों की संक्रमण के चलते मौत भी हुई है। मंगलवार को एक दिन के अंदर सात हजार 830 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जो कि 223 दिन में सबसे ज्यादा हैं। इसी के साथ देश में एक्टिव केस की संख्या भी बढ़कर 40 हजार के पार हो गई है। अब देश में 40 हजार 215 मरीज ऐसे हैं, जो संक्रमित हैं। ये या तो अस्पताल में भर्ती हैं या फिर घर पर रहकर अपना इलाज करा रहे हैं।
क्या यह चौथी लहर की आहट है..
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर, गोरखपुर के निदेशक डॉ. रजनीकांत से हमने यही सवाल किया। उन्होंने कहा, ‘अभी चौथी लहर की कोई आहट नहीं है। देश में ज्यादातर लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है।
इसलिए डरने की नहीं बल्कि बचाव की जरूरत है। प्रिवेंशन के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। डॉ. रजनीकांत का कहना हैं कि ‘हर किसी को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। अगर किसी में कोई लक्षण मिलता है तो उसे तुरंत जांच करवाना चाहिए। इसके अलावा लक्षण मिलने पर मास्क जरूर पहनें।
कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, सात की मौत..
पांच महीने में पहली बार ऐसा हुआ..
देश-विदेश: कोरोना के मामलों में मंगलवार को रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज हुई है। एक दिन के अंदर 2,151 संक्रमितों की पहचान हुई। पांच महीने में पहली बार एक दिन के अंदर एक साथ दो हजार से ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं। इसी के साथ एक्टिव मामलों की संख्या भी बढ़कर 11 हजार 903 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को 2,151 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। इसके पहले 28 अक्तूबर को सबसे ज्यादा 2,208 मरीज मिले थे। आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे के अंदर सात लोगों ने संक्रमण के चलते जान गंवा दी। इनमें तीन महाराष्ट्र, एक कर्नाटक और तीन केरल के थे। मरने वालों का आंकड़ा अब पांच लाख 30 हजार 848 हो गया है।
पॉजिटिविटी रेट भी बढ़ा..
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार डेली पॉजिटिविटी रेट 1.51 प्रतिशत है। मतलब हर रोज जितने लोग कोरोना की जांच करवाते हैं, उनमें 1.51 प्रतिशत लोग संक्रमित मिल रहे हैं। वीकली पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो ये 1.53 प्रतिशत पहुंच गया है। अब तक कुल चार करोड़ 47 लाख नौ हजार 676 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 0.03 प्रतिशत मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 98.78 प्रतिशत लोग ठीक हो चुके हैं। 1.19 प्रतिशत मरीजों की मौत हो चुकी है। अब तक देशभर में 220.65 कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। वैक्सीनेशन ड्राइव लगातार जारी है।
प्रदेश में मिला नए वैरियंट का पहला मरीज, देहरादून के युवक में हुई पुष्टि..
उत्तराखंड: अमेरिका में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार एक्सवीवी 1.5 स्ट्रेन का एक नया मामला उत्तराखंड में पाया गया है। अमेरिका से लौटे देहरादून के एक युवक का दिल्ली एयरपोर्ट पर एहतियात के तौर पर सैंपल लिया गया है। जो जांच में कोरोना संक्रमित पाया गया था। युवक के सैंपल की देहरादून में जिनोम सीक्वेंसिंग की गई जिसमें एक्स बी बी 1.5 वैरियंट की पुष्टि हुई है। युवक में कोरोना से संबंधित किसी तरह की कोई लक्षण भी नहीं दिखाई देते थे। राज्य कोविड कंट्रोल रूम के नोडल अधिकारी डॉ पंकज सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
भारतीय सार्स कोच-2 जिनोनिकी संगठन (इसाकोग) के अनुसार अब देश में वायरस के इस वेरिएंट से संबंधित मामलों की कुल संख्या आठ हो गई है। इसाकोग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में स्ट्रेन का नया मामला उत्तराखंड में मिला है। इससे पहले गुजरात में तीन, कर्नाटक, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में एक-एक मामले मिले थे। एक्सबीबी 1.5 स्ट्रेन, ओमिक्रॉन एक्सबीबी वेरिएंट का रिश्तेदार है. जोकि ऑमिक्रॉन चीए 2.10.1 और बीए 2.75 का मिलाजुला रूप है।
एक्सवीची और एक्सबाबी 1.5 का संयुक्त रूप अमेरिका में कोविड मामलों में 44 प्रतिशत वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। वहीं, उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कमार का कहना है कि प्रदेश में अभी तक नए वैरिएट का कोई मामला सामने नहीं आया है। 30 दिसंबर से अब तक के मरीजों की जीनोम सीक्वसिंग चल रही है।
तीन और मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगी जीनोम सीक्वेसिंग,केंद्र से मांगी तीन लाख कोविड वैक्सीन..
उत्तराखंड: राज्य सरकार जल्द ही राजकीय मेडिकल कॉलेज दून के अलावा तीन और मेडिकल कॉलेजों में कोविड संक्रमित सैंपलों के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग लैब स्थापित करेगी। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) दिल्ली को ऐसा करने के लिए पंजीकरण प्राधिकरण के लिए कहा गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कोविड टीकाकरण की 3 लाख बूस्टर खुराक का अनुरोध किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के निर्देशन में शुक्रवार को सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस हुई। जिसमें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में राज्य की तैयारियों की जानकारी दी। उनका कहना हैं कि प्रदेश में कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाने के साथ ही चारों मेडिकल कॉलेजों में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब की स्थापना की जा चुकी हैं।
दून मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए परीक्षण किया जा रहा है। सरकार ने बूस्टर डोज अभियान शुरू किया है। इसके लिए राज्य को तीन लाख बूस्टर खुराक की जरूरत है। डॉ. आर.के. बैठक में राजेश, स्वास्थ्य सचिव डॉ. विनीता शाह, एनएचएम की निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, डॉ. पंकज सिंह सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए थे।
तैयारियों को परखने के लिए 27 दिसंबर को मॉक ड्रिल
बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को कोविड टीकाकरण दर, आरटीपीसीआर जांच और संक्रमित नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने का अधिकार दिया। 27 दिसंबर को सभी राज्यों के अस्पतालों में उनकी तैयारी का जायजा लेने के लिए मॉक ड्रिल कराई जाए। ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन, कर्मचारियों और संसाधनों की कितनी जरूरत होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगेगा।
मेडिकल कॉलेजों की लैब में प्रतिदिन 11 हजार आरटीपीसीआर जांच की क्षमता
देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी और अल्मोड़ा में राज्य के मेडिकल स्कूलों में प्रतिदिन 11,000 से अधिक आरटीपीसीआर परीक्षण किए जा सकते हैं, जबकि इन मेडिकल स्कूलों में स्थापित जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में मासिक रूप से 2,000 से अधिक जीनोम अनुक्रमित किए जा सकते हैं। दून मेडिकल कॉलेज में अभी संक्रमित सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है। पंजीकरण के लिए एनसीडीसी की मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही हल्द्वानी, अल्मोड़ा और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब का संचालन शुरू हो जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के पास 22428 ऑक्सीजन सिलिंडर
कोरोना की तीसरी लहर के लिए सरकार ने चिकित्सा उपकरणों का इंतजाम किया था। राज्य में वर्तमान में 86 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 9743 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर और 22428 ऑक्सीजन सिलेंडर संचालित हैं। सरकारी अस्पतालों में भी 1032 वेंटिलेटर, 8189 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड और 762 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। 11 सरकारी पैथोलॉजी लैब में रोजाना करीब 15 हजार आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है।
नेजल वैक्सीन को केंद्र की मंजूरी, पहले निजी अस्पतालों में होगी उपलब्ध..
देश-विदेश: बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच चीन समेत कई देशों में एक अहम फैसला किया गया है।देश में नेजल वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी दे दी गई है। आप इसे बूस्टर खुराक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। निर्णय के अनुसार, नेजल वैक्सीन पहले निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगी।
आपको बता दे कि यह इंट्रानेजल टीका व्यापक रूप से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करने में सहायता करेगा। सार्स-सीओवी-2 जैसे कई वायरस सामान्यतौर पर म्यूकोसा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। यह एक ऊतक है जो नाक के अंदर होता है। म्यूकोसल झिल्ली की कोशिकाएं और अणु वायरस से संक्रमित होते हैं।
ऐसे में शरीर के अंदर जाने से पहले वायरस से छुटकारा पाने के लिए नेजल शॉट का इस्तेमाल किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार इंट्रानैसल टीकाकरण शॉट इम्युनोग्लोबुलिन ए (IgA) का उत्पादन करता है, जो वायरस के प्रवेश के बिंदु यानी नाक पर ही एक शक्तिशाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्राप्त करके वायरस को बढ़ने से रोक सकता है।
ये बातें इस वैक्सीन को बनाती हैं बेहद खास..
1- भारत बायोटेक द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक यह नेजल वैक्सीन, अब तक प्रयोग में लाई जा रही अन्य वैक्सीन्स से काफी अलग और प्रभावी है। कुछ बातें इसे बेहद खास बनाती हैं।
2- यह वैक्सीन चूंकि नाक के माध्यम से दी जाती है जो नाक के भीतर प्रतिरक्षा प्रणाली तैयार करके वायरस के प्रवेश करते ही उसे निष्क्रिय कर देगी।
अब तक दी जा रही वैक्सीन्स से अलग, इसके लिए निडिल की आवश्यकता नहीं होगी।
3- इसे उपयोग में लाना भी आसान है घर पर भी इसको प्रयोग किया जा सकेगा। इसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की आवश्यकता भी नहीं है।
4- सुई से संबिधित जोखिमों जैसे संक्रमण, या वैक्सीनेशन के बाद होने वाले दर्द से मुक्ति मिलेगी।
5- बच्चों और वयस्कों के लिए आदर्श रूप से उपयुक्त है।
6- सबसे खास बात यह वायरस को शरीर में प्रवेश करने से पहले ही मारने की क्षमता वाली है, ऐसे में इससे शरीर के अंगों को होने वाली समस्याओं का जोखिम नहीं होगा।
बिग ब्रेकिंग- भारत में दम तोड़ने की कगार पर कोरोना..
देश-विदेश: देश में कोरोना के मामलों में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी शुक्रवार ( 25 नवंबर) के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटों में कोरोना के केवल 347 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस दौरान तीन मरीजों की मौत भी हुई। इसके अलावा देश में सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 5,516 हो गई है। महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 5,30,604 लोगों की मौत हुई है और 4,41,34,710 लोग स्वस्थ हुए हैं।
आपको बता दे कि बीते 24 घंटों में संक्रमण से दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक में एक-एक मरीज की मौत हुई है। इससे पहले गुरुवार को देश में कोरोना संक्रमण के 408 नए मामले दर्ज किए गए थे। जबकि पांच लोगों की मौतें हुई थी। कल के मुकाबले आज 61 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं। आंकड़ों के अनुसार, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.80 प्रतिशत है। जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 219.89 खुराक दी जा चुकी हैं।