गंगोत्री व यमनुोत्री के लिए नई एसओपी जारी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए उत्तरकाशी पुलिस ने यात्रा को लेकर एसओपी (विशेष कार्य योजना) जारी की है। जिसके तहत अब रात आठ बजे के बाद किसी भी वाहन को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम नहीं जाने दिया जाएगा। रात 11 बजे के बाद यात्रा प्रतिबंधित रहेगी। वहीं, शाम पांच बजे बाद कोई भी यात्री जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम दर्शन के लिए नहीं जा पाएगा।
एसपी अर्पण यदुवंशी की ओर से जारी एसओपी के अनुसार यमुनोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे के बाद डामटा, नौगांव, बड़कोट, दोबाटा, खरादी, पालीगाड से आगे जाने नहीं दिया जाएगा। इसी तरह गंगोत्री धाम जाने वाले वाहनों को रात आठ बजे बाद नगुण, उत्तरकाशी शहर, हीना, भटवाड़ी व गंगनानी से आगे नहीं भेजा जाएगा।
वहीं यमुनोत्री पैदल मार्ग पर सुबह चार बजे से ही आवागमन शुरू होगा। शाम पांच बजे के बाद किसी को भी पैदल मार्ग पर नहीं भेजा जाएगा। इस दौरान डंडी-कंडी व घोड़ा-खच्चर भी प्रतिबंधित रहेंगे। वहीं डंडी-कंडी व घोड़ा खच्चर के लिए रोटेशन की व्यवस्था लागू रहेगी। भीड़ बढ़ने पर घोड़ा-खच्चरों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जाएगा। दोनों ही धामों में रात साढ़े आठ बजे के बाद गंगा व यमुना आरती के उपरांत कोई भी अनावश्यक रूप से मंदिर परिसर में नहीं रह सकेगा। किसी भी पड़ाव पर यात्री वाहनों को दो घंटे से ज्यादा नहीं रोका जाएगा।
प्रत्येक दिन सुबह पांच बजे से यातायात व्यवस्था का आवागमन सुचारू रूप से होगा। हालांकि आपातकालीन स्थिति में यात्री व श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधाार पर आकस्मिक सेवा स्थल तक जाने दिया जाएगा। इसके अलावा धाम जाने वाले श्रद्धालु रात आठ बजे के बाद होटल बुकिंग तक जा सकेंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को बैरियरों पर तैनात पुलिसकर्मी को होटल बुकिंग के संबंध में जानकारी व आवश्यक प्रमाण उपलब्ध कराना जरूरी होगा। रात 11 बजे के बाद यात्रा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी।
संकरे स्थानों पर लागू रहेगा गेट सिस्टम..
यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ से जानकीचट्टी के बीच 25 किमी संकरे हिस्से में जाम से निपटने के लिए बड़े वाहनों को लिए गेट सिस्टम लागू रहेगा। बड़े वाहनों को रोककर एक निश्चित समय बाद छोड़ा जाएगा। जबकि छोटे वाहन चलते रहेंगे। इधर, गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी से डबरानी पांच किमी, सुक्की से झाला सात किमी तथा हर्षिल से झाला 14 किमी तक वन-वे प्रभावी रहेगा।
पहली बार एक दिन में बद्रीनाथ पहुंचे 28 हजार श्रद्धालु..
एक लाख पार हुई दर्शनार्थियों की संख्या..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम की यात्रा ने अब रफ्तार पकड़ ली है। रविवार को बद्रीनाथ धाम में 28 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। यात्रा के इतिहास में यह पहली बार है जब धाम में एक दिन में इतने अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। वहीं बद्रीनाथ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक लाख के पार हो गई है। बद्रीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हुई थी। शुरू के चार दिन यात्रा की रफ्तार धीमी रही, लेकिन अब यात्रा नए रिकॉर्ड बना रही है। शनिवार और रविवार को धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। आलम यह रहा कि दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की करीब ढाई किमी लंबी लाइन लगी हुई थी। बद्रीनाथ मंदिर से इंद्रधारा तक (माणा की ओर) श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। सुबह लगी लाइन देर शाम तक खत्म नहीं हो पाई थी। धाम में रविवार को 28,055 श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचे। वहीं अब तक धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 1,20,757 हो गई है। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ का कहना हैं कि रविवार को बद्रीनाथ धाम में 28 हजार श्रद्धालु पहुंचे। धाम में एक दिन में आने वाले श्रद्धालुओं की यह अभी तक की सबसे अधिक संख्या है। धाम में अब तक एक लाख 20 हजार तक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।
सीएम धामी ने संभाली चारधाम यात्रा की कमान , यात्रा व्यवस्थाओं का रुख करने पहुंचे उत्तरकाशी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा में बढ़ती अव्यवस्थाओं के बाद सूबे के मुखिया ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। शुक्रवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा को लेकर हुई समीक्षा बैठक के बाद सीएम धामी खुद उत्तरकाशी के बड़कोट पहुंच गए हैं। बड़कोट में सीएम यमुनोत्री धाम यात्रा की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उच्चाधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में देहरादून, उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ शासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। बैठक के बाद सीएम धामी उत्तरकाशी के बड़कोट पहुंचे। बता दें बड़कोट में सीएम धामी यमुनोत्री धाम यात्रा की व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। सीएम धामी के साथ उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट और गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय भी मौजूद हैं।
केदारनाथ यात्रा के लिए लाइन व्यवस्था लागू, उमड़ रही भीड़ के चलते लिया फैसला..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम की यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने सोनप्रयाग से लाइन व्यवस्था को लागू किया है। बता दें कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सोनप्रयाग से लाइन व्यवस्था को लागू किया गया है। जिसमें श्रद्धालु गौरीकुंड से शटल पार्किंग का उपयोग कर सकें। यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए ये फैसला लिया गया है। सोनप्रयाग शटल पार्किंग जाने के लिए पुलिस यात्रियों को अपनी लाइन में लगने के लिए अनाउंसमेंट करने के साथ ही लाइन लगवा रही थी। इस बीच कुछ यात्री लाइन में न लगते हुए सीधे आगे बढ़ने लगे। तभी ड्यूटी पर नियुक्त पुलिसकर्मी ने यात्रियों को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान श्रद्धालु पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता और मारपीट पर उतारू हो गए। किसी तरह श्रद्धालुओं को वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने शांत करवाया।
इतिहास में पहली बार कपाट खुलने पर केदारनाथ धाम में पहुंचे इतने श्रद्धालु..
उत्तराखंड: अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर शुक्रवार सुबह 7:20 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। शुक्रवार को ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी खुल गए। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे। केदारनाथ धाम में पहले दिन दर्शन के लिए रिकॉर्ड संख्या में 29,030 श्रद्धालु पहुंचे। आपको बता दे कि पिछले साल कपाट खुलने के दिए 21,000 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए थे, जो रिकॉर्ड था, इस बार ये रिकॉर्ड टूट गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चारधााम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में कितना उत्साह है।
केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद दक्षिण की वीर शैव लिंगायत विधि से बाबा केदार की पूजा की गई। मंदिर की गद्दी पर कर्नाटक मूल के रावल आसानी हुए। जिसके बाद पूजा अर्चना कर कपाट खोले गए। मान्यता है कि बाबा केदार छह महीने समाधि में रहते हैं। कपाट बंद होते समय सवा क्विंटल भभूति चढ़ाई जाती है। कपाट खुलने के साथ बाबा समाधि से जागते हैं।
श्रद्धालुओं के लिए खुले केदारनाथ और गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट..
उत्तराखंड: केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा का श्रीगणेश हो गया है। आज विधि-विधान से सुबह सात बजे पहले केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले गए। इस दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। हजारों श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंची है। इसके बाद यमुनोत्री और फिर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं।
कल देर शाम तक 16 हजार से अधिक श्रद्धालु भी पहले दिन बाबा केदार के दर्शन के लिए केदारपुरी पहुंच गए थे। आज सुबह केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 10.29 बजे और फिर गंगोत्री धाम के कपाट 12.25 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। अब बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह छह बजे खुलेंगे।
चारधाम यात्रा- चेकपोस्ट पर ग्रीन कार्ड-ट्रिप कार्ड की होगी चेकिंग..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए परिवहन विभाग ने पांच चेकपोस्ट पर अधिकारी-कर्मचारी मुस्तैद कर दिए हैं। सभी चेकपोस्ट पर यात्रा में आने वाले व्यावसायिक वाहनों के ग्रीन कार्ड, ट्रिप कार्ड चेक किए जाएंगे। संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना हैं कि चारधाम यात्रा चेकपोस्ट के लिए सभी अधिकारी-कर्मचारियों की रोस्टरवार ड्यूटी लगाई गई है। डामटा चेकपोस्ट को हटाकर विकासनगर-यमुना पुल मार्ग पर बाड़वाला चेकपोस्ट बनाया गया है। बाकी भद्रकाली, तपोवन, कुठालगेट, सोनप्रयाग चेकपोस्ट पर भी अधिकारी-कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। सभी जगहों पर टैक्सी, मैक्सी, मिनी बस, बस आदि व्यावसायिक वाहनों की चेकिंग की जाएगी।
ये काम हैं जरूरी..
यात्रा के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण, ट्रिप कार्ड जरूर लें।
यात्रा में संचालित सभी कॉमर्शियल वाहनों का ग्रीन कार्ड भी जरूरी है।
वाहन के सभी प्रपत्र आरसी, फिटनेस, बीमा, प्रदूषण, परमिट, उत्तराखंड में मोटर वाहन का कर जमा करा प्रमाणपत्र, चालक का लाइसेंस, ग्रीन कार्ड, ट्रिप कार्ड, यात्री सूची की वैध मूल प्रमाण प्रति साथ रखें।
चालक के लाइसेंस में पर्वतीय मार्गों का पृष्ठांकन जरूरी है।
चारधाम यात्रा मार्गों पर एक धाम की यात्रा तीन दिन, दो धाम की यात्रा पांच दिन, तीन धाम की यात्रा सात दिन, चारधाम की चात्रा के लिए 10 दिन की अवधि निर्धारित है।
चालक, परिचालक वर्दी पहनें। यात्रा शुरू करते समय व वापसी में यात्रा चेकपोस्ट पर वाहन की प्रविष्टि जरूर कराएं।
यात्रा के दौरान ये न करें
पर्वतीय मार्गों पर अकुशल एवं अप्रशिक्षित वाहन चालक के साथ यात्रा न करें।
ओवर स्पीड न करें।
चालक लगातार स्टेयरिंग ड्यूटी न करें, विश्राम भी करें।
पर्वतीय मार्गों पर रात 10 बजे से सुबह चार बजे तक वाहन संचालन प्रतिबंधित है।
यात्रा में पदनाम के बोर्ड, सायरन, हूटर, लाल, पीली, नीली बत्ती, प्रेशर हॉर्न, मल्टी टोन हॉर्न व फैंसी लाइट लगाना प्रतिबंधित है।
वाहनों को प्राकृतिक स्त्रोतों के पानी में न धोएं। वाहन खाई की ओर पार्क न करें।
उत्तराखंड में खुले में बिक रहे सभी मसालों की जांच के आदेश..
चारधाम यात्रा मार्गों पर भी होगी सैंपलिंग..
उत्तराखंड: प्रदेश में खुले में बिक रहे सभी मसालों की जांच होगी। जांच के बाद अगर कुछ गड़बड़ी सामने आई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चारधाम यात्रा मार्गों पर भी खाद्य पदार्थों के साथ ही मसालों की सैंपलिंग की जाएगी। राज्य खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इसकी शुरुआत कर दी है। कई देशों में एमडीएच, एवरेस्ट मसालों की गुणवत्ता जांच पर सवाल उठने पर देश में भी ब्रांडेड, नॉन ब्रांडेड मसालों की गुणवत्ता जांच शुरू हो गई है। इसके तहत ही बाजारों में खुले में बिक रहे मसालों की जांच शुरू कर दी गई है।
चारधाम यात्रा मार्गों पर सैंपलिंग के लिए मोबाइल वैन ऋषिकेश से रवाना कर दी गई। प्रदेश में तमाम स्वयं सहायता समूह ऐसे हैं जो अपने स्तर से मसाले पिसवाकर बाजार में बेच रहे हैं। तमाम ऐसी चक्कियां भी हैं, जहां मसाले पीसकर बाजार में बेचे जाते हैं। इन पर भी नजर रखी जाएगी।राज्य औषधि विश्लेषण प्रयोगशाला रुद्रपुर में ही मसालों की भी जांच होगी। चूंकि प्रदेश में एकमात्र लैब है, जहां सभी तरह के खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच को भेजे जाते हैं। इसलिए मसालों की जांच में थोड़ा समय लग सकता है। जांच रिपोर्ट आने तक मसालों की बिक्री रोकना मुश्किल है। प्रदेश में ब्रांडेड, नॉन ब्रांडेड के साथ ही खुले में बिक रहे सभी मसालों की सैंपलिंग की जाएगी। इसके लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। कुछ जगहों पर सैंपलिंग शुरू की जा चुकी है।
चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था शुरू..
उत्तराखंड: प्रदेश में 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है इसके लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था कर दी है। सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण के साथ ही ऑफलाइन पंजीकरण के द्वार खोल दिये हैं, अब श्रद्धालु ऋषिकेश और हरिद्वार से ऑफलाइन पंजीकरण भी करवा पाएंगे। शनिवार को पर्यटन विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया है बता दें कि अब श्रद्धालु 8 मई से ऋषिकेश और हरिद्वार में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा पाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे का कहना हैं कि श्रद्धालु हरिद्वार में राही मोटल तथा ऋषिकेश में यात्रा पंजीकरण कार्यालय एवं ट्रांजिट कैम्प में यात्री अपना ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। प्रत्येक धाम के लिए प्रतिदिन ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सीमा ऋषिकेश में एक हजार और हरिद्वार में 500 निर्धारित की गयी है। श्रद्धालु चारों धामों की यात्रा के लिए पंजीकरण काउन्टरों पर अधिकतम तीन दिन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों के साथ समन्वय के लिए अहम फैसला किया गया है। पर्यटन विभाग और तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पुरोहित के साथ बैठक में चारों धाम में समन्वय के लिए तीर्थ पुरोहित तय किए गए हैं। हर धाम में दो तीर्थ पुरोहित को इसके लिए चुना गया है।
तीर्थ पुरोहित धामों के यात्रा प्रबन्धन की वास्तविक स्थिति से पर्यटन विभाग को समय पर अवगत करवाते रहेंगे। साथ ही श्रद्धालुओं हेतु अतिरिक्त सुविधाओं के लिए विभाग को अपने सुझाव भी देंगे। पयर्टन सचिव का कहना हैं कि तीर्थपुरोहित और पर्यटन विभाग के समन्वय से यात्रा के दौरान आने वाली समस्याओं को शीघ्रता से हल करने में सुविधा होगी। साथ ही भविष्य के लिए बेहतर योजना तैयार करने में सहायता मिलेगी। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा बहुत जल्द शुरू होने वाली है इसके लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था कर दी है। सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण के साथ ही ऑफलाइन पंजीकरण के द्वार खोल दिये हैं, अब श्रद्धालु ऋषिकेश और हरिद्वार से ऑफलाइन पंजीकरण भी करवा पाएंगे। शनिवार को पर्यटन विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया है बता दें कि अब श्रद्धालु 8 मई से ऋषिकेश और हरिद्वार में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा पाएंगे।
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने कहा कि श्रद्धालु हरिद्वार में राही मोटल तथा ऋषिकेश में यात्रा पंजीकरण कार्यालय एवं ट्रांजिट कैम्प में यात्री अपना ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। प्रत्येक धाम के लिए प्रतिदिन ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सीमा ऋषिकेश में एक हजार और हरिद्वार में 500 निर्धारित की गयी है। श्रद्धालु चारों धामों की यात्रा के लिए पंजीकरण काउन्टरों पर अधिकतम तीन दिन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों के साथ समन्वय के लिए अहम फैसला किया गया है। पर्यटन विभाग और तीर्थ पुरोहित महापंचायत के पुरोहित के साथ बैठक में चारों धाम में समन्वय के लिए तीर्थ पुरोहित तय किए गए हैं। तीर्थ पुरोहित धामों के यात्रा प्रबन्धन की वास्तविक स्थिति से पर्यटन विभाग को समय पर अवगत करवाते रहेंगे। साथ ही श्रद्धालुओं हेतु अतिरिक्त सुविधाओं के लिए विभाग को अपने सुझाव भी देंगे। पयर्टन सचिव ने कहा कि तीर्थपुरोहित और पर्यटन विभाग के समन्वय से यात्रा के दौरान आने वाली समस्याओं को शीघ्रता से हल करने में सुविधा होगी। साथ ही भविष्य के लिए बेहतर योजना तैयार करने में सहायता मिलेगी।
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी रेल लाइन तैयार, 2025 में ट्रेन से कर सकेंगे चारधाम यात्रा..
उत्तराखंड: रेलवे की चारधाम परियोजना का काम तेजी के साथ चल रहा है। रेलवे का दावा है कि अगले साल की यात्रा भक्त ट्रेन से कर सकते हैं। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम अबतक लगभग पूरा हो गया है। अगले साल यानी 2025 में आप ट्रेन से चारधाम की यात्रा कर सकेंगे। रेलवे की चारधाम परियोजना के तहत गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ व बद्रीनाथ को रेलवे से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। रेलवे बोर्ड की सीईओ जया वर्मा सिन्हा पिछले दिनों इसका निरीक्षण कर चुकी हैं।
इस परियोजना में 327 किमी का रेलवे ट्रैक तैयार किया जाना है। तीन चरणों में बंटी इस परियोजना को रेलवे 2025 तक पूरा करने की दावा कर रही है। इसकी शुरुआत मुरादाबाद रेल मंडल से काफी पहले हो चुकी है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है। अब सुरंगों में फिनिशिंग व उन्हें मौसम की दृष्टि से मजबूत बनाने का काम चल रहा है। भारी बारिश व भूकंप का असर भी यहां नहीं होगा। रेल प्रशासन का कहना है कि कार्य पूरा होने के बाद ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच की दूरी मात्र डेढ़ से दो घंटे में पूरी हो जाएगी। ट्रैक को इस प्रकार बनाया जा रहा है कि ट्रेन 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सके।
चारधाम की यात्रा करने में जहां लोगों को 15 दिन लग जाते थे। वहीं रेलवे की इस परियोजना के पूरा होने के बाद यह यात्रा चार से से पांच दिन में हो जाएगी।
105 किमी हिस्से में सिर्फ सुरंगें इस परियोजना में 153 किमी का रेल रूट मुरादाबाद मंडल में आता है। इसमें से 125 किमी का रेल रूट कुल 16 हजार 216 करोड़ रुपये की लागत से तैयार गो रहा है। इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी। इस लाइन के बीच कुल 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।जिसमें कुछ रेलवे स्टेशनों व सुरंगों का निर्माण पूरा हो चुका है। इस परियोजना को विस्तार देकर बद्रीनाथ और केदारनाथ तक बढ़ाया जाएगा। 125 किमी का रेल रूट कुल 16 हजार 216 करोड़ रुपये से तैयार हो रहा है। इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी।