केदारनाथ में चिनूक हेलीकॉप्टर से पहुंचाई गई आदिगुरु शंकराचार्य की मूर्ति..
उत्तराखंड: केदारनाथ मंदिर के थोड़ा पीछे आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि इसी संत ने भारत में चार पावन धामों की स्थापना की थी, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं। इस प्रसिद्ध हिंदू दार्शनिक को 32 वर्ष की युवावस्था में निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि शंकराचार्य स्वयं ही धरती में समाहित हो गए थे।
हज़ारों की संख्या में श्रद्धालुगण यहां पर आते हैं, केदारनाथ में शंकराचार्य की समाधि बेहद लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। किंवदंती के अनुसार, शंकराचार्य 8वीं सदी में केदारनाथ आये थे और केदारनाथ मंदिर एवं अपने चार मठों में से एक का निर्माण कराया था। ऐसा माना जाता है कि शंकराचार्य ने अपने अनुयायियों के लिए गर्म पानी का कुंड बनाया था ताकि वे इलाके के बेहद ठंडे मौसम से बचाव कर सकें।
आपको बता दे कि आदिगुरू शंकराचार्य का समाधि स्थल पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। केदारनाथ धाम में बनाया जा रहा गुरु शंकराचार्य का समाधिस्थल इसी महीने के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। धाम में हो रहे द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्यों में आदि गुरू शंकराचार्य का समाधि स्थल प्रमुख रूप से है।
इस समाधि स्थल का कार्य अपने अंतिम चरण में है और अनुमान है कि अक्टूबर के अंत तक कार्य पूरा हो जाएगा। कर्नाटक से वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से शंकराचार्य की मूर्ति भी केदारनाथ पहुंच चुकी है। धाम के पुनर्निर्माण कार्य के प्रथम चरण में तीर्थ पुरोहितों के लिये घर और घाटों का निर्माण कार्य किया गया है।
निर्माणकार्य के द्वितीय चरण में धाम में शंकराचार्य समाधि स्थल सहित अन्य प्रकार के पुनर्निर्माण कार्य कर पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को अंतिम आकार दिया जा रहा है। शंकराचार्य समाधि स्थल का निर्माण केदारनाथ मंदिर के पीछे लगभग बीस मीटर दूर हो रहा है।
समाधि स्थल में स्थापित होने के लिये शंकराचार्य की मूर्ति चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिये केदारनाथ पहुंच चुकी है। इस मूर्ति को 18 भागों में केदारनाथ धाम पहुंचाया गया है। यह मूर्ति कर्नाटक से केदारधाम पहुंची है। 2013 की आपदा में ध्वस्त हुए आदिगुरु शंकराचार्य के समाधिस्थल के पुनर्निर्माण की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब की थी जब वे केदारनाथ पहुंचे थे।
इस समाधि स्थल को हाईटेक रूप तैयार किया जा रहा है और इसको इस प्रकार से तैयार किया जा रहा है कि भक्त समाधि स्थल की परिक्रमा भी कर पाएंगे। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल का कहना हैं कि गुरु शंकराचार्य का समाधिस्थल का कार्य जोरों-शोरों से चल रहा है। यह पीएम मोदी का प्रयास है कि अक्टूबर अंतिम सप्ताह तक कार्य पूर्ण कर लिया जाए।