चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान, अब इस उम्र के युवाओ का भी बन जायेगा वोटर कार्ड..
उत्तराखंड: चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बता दे कि अब 17 वर्ष उम्र वाले युवा भी वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकेंगे। अब तक वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवाओं को ही पात्रता थी। लेकिन अब इस एज लिमिट को कम कर दिया गया है। आपको बता दे कि चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार 17 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवा एडवांस में ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। अब युवाओं को मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करने के लिए साल के 1 जनवरी का इंतजार नहीं करना होगा।
इससे पहले 18 साल की आयुसीमा को पूरा करने के बाद 1 जनवरी को ही नाम जोड़ने का आवेदन किया जा सकता था। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट से आधार लिंक करने की कवायद शुरू कर दी है। आधार लिंक की प्रक्रिया को अप्रैल 2023 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा है। सभी मतदाताओं तक पहुंचकर उनका आधार नंबर लेने का प्रयास किया जाएगा। एक बार मतदाताओं के नाम आधार नंबर से जुड़ जाने के बाद मतदाता सूची में कोई डुप्लीकेट नाम नहीं रहेगा। यदि किसी मतदाता के पास आधार नंबर नहीं है तो उसे शपथ पत्र देना होगा।
उत्तराखंड : भाजपा ने श्री बद्रीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के गठन के मुद्दे को चुनाव आयोग में ले जाने और इस पर हो- हल्ला मचाने पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि इससे कांग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता एक बार फिर उजागर हो गई है। पार्टी ने कहा कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ है कि कांग्रेस की मंशा आगामी चारधाम यात्रा में रोड़ा अटकाने की है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा मठ- मंदिरों के सनातनी कार्यों और परम्पराओं में रोड़ा अटकाती रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति का गठन पूर्ण वैधानिक तरीके से गया है। विगत दिनों उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के पश्चात प्रदेश सरकार द्वारा मंदिर समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। चुनाव आचार संहिता के लागू होने से पहले इसका गठन कर दिया गया था।
मगर मंदिर समिति का गठन करना कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है। मंदिर समिति को लेकर कांग्रेस का चुनाव आयोग में शिकायत करने के पीछे उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ चार धाम यात्रा की प्रक्रिया में विध्न डालना है। सभी जानते हैं कि देवस्थानम बोर्ड भंग होने के बाद से मंदिर समिति की व्यवस्था को शीघ्र पुनः लागू करना जरूरी था। क्योंकि आगामी 5 फरवरी को बसंत पंचमी से कपाट खुलने की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही चार धामयात्रा के सुचारु संचालन हेतु अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में मंदिर समिति का गठन किया है, ताकि यात्रा का संचालन कार्य सुचारू ढंग से हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से विगत वर्ष कोरोना काल में भी चारधाम यात्रा ऐतिहासिक रही। श्रद्धालुओं की संख्या ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। इससे प्रदेश की आर्थिकी को भी मजबूती मिली है।
उन्होने खुला आरोप लगाया कि सनातन धर्म के कामों में रोड़ा अटकाए बिना कांग्रेस को चैन नहीं आता है। मंदिर समिति के गठन को लेकर हो – हल्ला मचाए जाने से यह आभास हो रहा है कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि आगामी यात्रकाल में व्यवस्थाएं चुस्त – दुरुस्त हों।
उन्होंने कहा कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ है कि कांग्रेस पार्टी अपने राजनीतिक लाभ के लिए प्रदेश की आर्थिकी और हिंदू मान्यताओं व परंपराओं से छेड़छाड़ करने से भी नहीं चूकती है। उन्होंने कहा कि यात्रा व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार के प्रयासों को संकीर्ण राजनीति में घसीटना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक कारण से ही नहीं, बल्कि प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ होने की वजह से भी चारधाम यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। ग्रीष्मकाल में मंदिरों के कपाट खुलने से कई महिनों पहले ही यात्रा को लेकर सभी तैयारियां पूरी करनी पड़ती है। इस सबको पूरा करने के लिए मंदिर समिति का आधिकारिक रूप में कार्य करना अतिआवश्यक है। यही वजह है कि इस दैवीय यात्रा को निष्कंटक और सुगम बनाने के प्रयासों के तहत ही प्रदेश सरकार ने नियमों के अनुसार समिति का गठन किया है।