नाबालिग बच्ची के उत्पीड़न के आरोप में निलंबित चल रही हरिद्वार (Haridwar) की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) दीपाली शर्मा को नैनीताल हाई कोर्ट (High Court of Uttarakhand) के आदेश पर उत्तराखंड सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। प्रदेश की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।
शासन ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ द्वारा 14 अक्टूबर को पारित संकल्प के आधार पर शासन को प्रेषित संस्तुति के क्रम में निलंबित सिविल जज (सीनियर डिवीजन) दीपाली शर्मा की उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील), 2003 के प्रावधानों के तहत सेवा समाप्त की है।
यह था मामला
वर्ष 2018 को नैनीताल हाईकोर्ट को एक पत्र मिला था। पत्र के आधार पर हाई कोर्ट ने हरिद्वार के तत्कालीन जिला जज राजेंद्र सिंह चौहान और एसएसपी कृष्ण कुमार वीके को जज दीपाली शर्मा आवास पर छापा मारने के आदेश दिए थे। इस टीम ने दीपाली शर्मा के जजेज कॉलोनी स्थित आवास में छापा मारकर एक किशोरी को मुक्त कराया था।
जिला जज की मौजूदगी में जिला अस्पताल में किशोरी का मेडिकल कराया गया था। इस दौरान किशोरी के शरीर पर चोट के 20 निशान पाए गए थे। हाई कोर्ट के निर्देश पर दीपाली शर्मा के विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज किया गया था और बाद में उन्हें निलंबित कर दिया था। दीपाली शर्मा ने इस मामले में राहत पाने के लिए न्यायालय की शरण भी ली थी। मगर उन्हें कोई राहत नहीं मिली।