झाझरा में क्लोरीन गैस के रिसाव से मचा हड़कंप..
उत्तराखंड: राजधानी देहरादून के झाझरा में मंगलवार सुबह प्लाट में रखे गैस सिलिंडरों से क्लोरीन गैस का रिसाव हो गया। लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी।जिससे मौके पर हड़कंप मच गया है। आसपास के इलाकों को खाली कराकर रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय लोगों को घरों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार आज तड़के सुबह थाना प्रेम नगर को सूचना मिली कि झांझरा क्षेत्र में स्थित एक प्लॉट में रखें गैस सिलेंडरों से क्लोरीन गैस का रिसाव हो रहा है। सूचना पर थाना प्रेमनगर से पुलिस बल और पुलिस स्टेशन देहरादून से फायर कर्मियों की टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंची। इस बीच एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमो को सूचित करते हुए मौके पर बुलाया गया। रेस्क्यू टीमों ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ करते हुए आस-पास के क्षेत्र में स्थित घरों से लोगों को रेस्क्यू पर करते हुए सुरक्षित स्थानों पर ले गए। लोगों को आंखों में जलन की शिकायत थी। इसके बाद दो लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वहीं घटना की सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह खुद मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू कार्यो का जायजा लिया। मौके पर पुलिस ,फायर सर्विस व एन0डी0आर0एफ CBRN टीम भी मौजूद है। सभी के द्वारा संयुक्त आपरेशन चलाते हुए गैस लीकेज को रोकने व सिलिंडर को घटनास्थल से हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं वन मंत्री डॉ. हरक सिह रावत ने राजधानी देहरादून के झाझरा वन रेंज परिसर में उत्तराखण्ड सिटी फॉरेस्ट ‘आनन्द वन’ का लोकापर्ण किया। इस पार्क में प्रदेश की विभिन्न प्रजातियों के जीव-जन्तुओं एवं प्राकृतिक दृश्यों को प्रतिकृतियों के माध्यम से दिखाया गया और उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। नेचर एजुकेशन सेंटर के रूप में विकसित किए गए इस फारेस्ट सेंटर को नवरात्रि में आम जन के लिए खोला जायेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वन विभाग द्वारा प्रकृति से छेड़छाड़ किए बिना सिटी फॉरेस्ट तैयार किया गया है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें केवल प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया गया है। आनन्द वन में उत्तराखण्ड की उपकृति को दिखाने का अच्छा प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की संस्कृति ग्राम की जो परिकल्पना है, उसकी झलक भी लोगों को यहां पर देखने को मिलेगी। इससे लोगों को उत्तराखण्ड की संस्कृति, शिल्प, देवस्थानों एवं परम्पराओं के बारे में भी जानकारी मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सिटी पार्क पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने बताया कि एक सिटी फॉरेस्ट हल्द्वानी में विकसित किया जा रहा है।
वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि यह सिटी फॉरेस्ट वन विभाग द्वारा समाज को एक धरोहर के रूप में सौंपा जा रहा। हल्द्वानी और ऋषिकेश में भी थीम बेस्ड सिटी पार्क बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वन विभाग को 10 हजार लोगों को रोजगार का जो लक्ष्य दिया गया है, वह पूरा किया जाएगा। इस वर्ष कैम्पा के माध्यम से 400 करोड़ रूपये के कार्य किये जाएंगे। जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। भारत सरकार के सहयोग से देहरादून एवं कोटद्वार में नगर वन और अनेक विकास खण्डों में ‘नेचर वन’ बनाने की योजना बनाई गई है।
स्थानीय विधायक सहदेव पुण्डीर ने कहा कि झाझरा में सिटी फॉरेस्ट बनने से क्षेत्र में पर्यटन की गतिविधियां बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने कहा कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग सवा तीन साल लगे। इस अवसर पर वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार, मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक, साधना जयराज आदि अधिकारी उपस्थित थे।