टिहरी में यहां मकान ढह, कई घरों में आई दरारे, ग्रामीणों में दहशत..
उत्तराखंड: प्रदेश में बारिश ने कहर बरसाया तो वहीं टिहरी जिला भी इससे अछूता नहीं रहा है। बता दे कि लगातार हो रही तेज बारिश के चलते टिहरी झील के समीप बसे पीपोला गांव में एक मकान ढह गया। वहीं कई मकानों पर दरारें पड़ गई है। जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। जानकारी के अनुसार टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर के कारण गांव के मकानों में दरारें पड़ रही हैं और इन्हीं के कारण मकान खतरे की जद में आ रहे हैं। बीते दिनों एक घर अचानक ध्वस्त हो गया है।
गनीमत रही कि रात को मकान के अंदर सो रहे लोग आनन-फानन में बाहर आ गए। वरना बड़ा हादसा हो सकता था।वहीं गांव भू-धंसाव की चपेट में है, इसलिए ग्रामीणों ने जल्द उनका पुनर्वास करने की मांग की है। टिहरी जिले के जाखणीधार ब्लॉक के पिपोला-खास गांव के ग्रामीणों ने डीएम से मुलाकात कर समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा है।
ग्रामीणों का कहना है कि टिहरी बांध की झील के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के चलते गांव के मकानों में दरारें आ गई हैं। 23 परिवारों को संयुक्त विशेषज्ञ समिति ने विस्थापन की संस्तुति की है, इसके बावजूद भी टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। गांव के 7 ऐसे परिवार हैं, जिनके भवनों का मूल्यांकन हो चुका है, लेकिन सर्वे सीट पुनर्वास विभाग में धूल फांक रही है। वहीं डीएम ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि जल्द समस्या का समाधान किया जाएगा।
नगालैंड में शहीद हुआ उत्तराखंड का जवान..
उत्तराखंड: नगालैंड के मोन जिले में शनिवार को सैन्य बलों की फायरिंग में 13 लोगों की मौत के बाद रविवार को भी तनाव चरम पर रहा। जानकारी के अनुसार इस घटना के बाद हुई हिंसा में टिहरी जिले के नौली गांव (हिंसरियाखाल पट्टी) निवासी सेना के पैराटू्रपर गौतम लाल (24) शहीद हो गए। शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को जौलीग्रांट देहरादून लाया जाएगा।
वहीं गौतम के शहीद होने की खबर से क्षेत्र में शोक है। रमेश लाल और रूपा देवी के सबसे छोटे पुुत्र गौतम वर्ष 2018 में पैराशूट रेजीमेंट की 21वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। इन दिनों वह नगालैंड ड्यूटी में थे। राजकीय इंटर कॉलेज हिंसरियाखाल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद वह सेना में भर्ती हो गए थे।
वह अक्तूबर मेें एक माह की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। गौतम लगभग हर दो दिन के अंतराल में घर में फोन करके माता-पिता व परिजनों का हाल जानते थे। शुक्रवार को भी उनका फोन आया था। उन्होंने जनवरी में घर आने की बात की थी।
क्या थी घटना
आपको बता दे कि नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी की दो घटनाओं में 13 कोयला खदान कर्मियों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। पुलिस का कहना हैं कि फायरिंग की पहली घटना शनिवार शाम को गलत पहचान के चलते हुई, जिसमें जवानों ने कार्यकर्ताओं को युंग ओंग गुट का उग्रवादी समझकर गोलियां चला दी। इस घटना में छह मजदूरों की मौत हो गई। ये सभी मजदूर जब घर नहीं लौटे तो स्थानीय युवक व ग्रामीण इनकी तलाश में निकले और सेना के वाहनों को घेर लिया। इसके बाद हुई हिंसा में एक जवान शहीद हो गया और सेना के वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। भीड़ से बचने के लिए सैनिकों ने फिर से फायरिंग की, जिसमें 7 और स्थानीय लोगों की मौत हो गई। घायलों में दो की हालत गंभीर है, जिन्हें इलाज के लिए गुवाहाटी भेजा गया है।
असम राइफल्स के कैंप को तहस-नहस किया..
घटना को लेकर रविवार को भी स्थानीय स्तर पर तनाव बना रहा और गुस्साई भीड़ ने कोनयाक यूनियन और असम राइफल के कैंप को तहस-नहस कर दिया। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने मोन जिले में मोबाइल, इंटरनेट, डाटा सेवा, बल्क एसएमएस पर रोक लगा दी है। पुलिस सेना द्वारा किए गए गलत पहचान के दावे की जांच कर रही है। सेना ने भी घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित कर दी है और घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है।
ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर आ गिरा पहाड़, बाल-बाल बची स्कूटी सवार की जान, देखिए वीडियो..
उत्तराखंड: प्रदेश में बरस रही आफत की बारिश से हर जगह तबाही का मंजर सामने आ रहा है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन के चलते सड़कें बंद हैं, तो वहीं मैदानों में लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। जगह-जगह पहाड़ दरक कर सड़कों पर गिर रहे हैं, जिससे हादसे का डर बना हुआ है। एक ऐसी ही एक तस्वीर टिहरी गढ़वाल से आई, जहां नागनी में पहाड़ टूटकर सड़क पर आ गिरा।
हादसे के वक्त दो स्कूटी सवार युवक वहां से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने सामने खड़े लोगों की चीख सुनी, जिसके बाद युवकों ने तुरंत स्कूटी दौड़ा दी। समय पर लिए गए एक फैसले ने इन दोनों युवकों की जान बचा ली, लेकिन वो अब तक सदमे में हैं। घटना टिहरी के नागनी की बताई जा रही है, जिसका वीडियो देखकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे।
वीडियो में दो युवक मौत के मुंह से भागते हुए नजर आ रहे हैं। पहाड़ के दूसरे इलाकों की तरह टिहरी गढ़वाल में भी बारिश के चलते एनएच-94 ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाईवे पर नागनी के पास लगातार भूस्खलन हो रहा है। सोमवार दोपहर यहां बड़े-बड़े बोल्डर तेजी से सड़क पर गिरने लगे। इसी दौरान पहाड़ के पास से दो स्कूटी सवार युवक निकल रहे थे।
शुक्र रहा कि स्कूटी सवार युवकों ने सामने खड़े लोगों की चीख सुनकर तुरंत स्कूटी की स्पीड बढ़ा ली और जल्दी से वो वहां से निकल गए, जिससे उनकी जान बच गई। लोगों के देखते ही देखते पलभर में पूरा पहाड़ दरक कर सड़क पर आ गिरा। पहाड़ के सड़क पर गिरते ही हाईवे बंद हो गया, जिससे सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। फिलहाल प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। मार्ग खोलने की कार्रवाई की जा रही है।