उत्तराखंड भाजपा ने जारी किया संकल्प पत्र..
सीएम धामी बोले- जनता जरूर बनाएगी ट्रिपल इंजन की सरकार..
उत्तराखंड: निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है। बता दें सभी निकायों के लिए एक संयुक्त रूप से संकल्प पत्र तैयार किया गया है। जबकि 11 नगर निगमों के लिए संकल्प पत्र अलग-अलग तैयार किया है। बता दें निकाय चुनाव के लिए पहली बार घोषणा पत्र जारी हुआ है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजित किया गया है। सीएम पुष्कर धामी ने संकल्प पत्र का लोकार्पण किया है। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी , कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी मौजूद थे।
भाजपा की गारंटी का है संकल्प
आपको बता दें घोषणा पत्र 11 नगर निगमों के लिए अलग-अलग तैयार किया गया है। जबकि सभी निकायों के लिए संकल्प पत्र एक संयुक्त रूप से तैयार किया है। सीएम धामी ने कहा कि नगर निगम चुनाव के लिए जारी संकल्प पत्र शहरी विकास के प्रति ट्रिपल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह संकल्प पत्र आने वाले पांच साल तक भाजपा की गारंटी का संकल्प है।
जनवरी में लागू होगा UCC
सीएम का कहना हैं कि प्रदेश में विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रत्येक नागरिक को देने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए लखपति दीदी जैसी योजनाओं को शुरू किया गया है। वहीं युवाओं को कौशल संपन्न बनाने के लिए भी योजनाएं चलाई जा रही है। सीएम ने कहा इसी माह यूसीसी को लागू करने की तैयारी है।
BJP का संकल्प पत्र
भाजपा सरकार ने सैनिकों की बहुप्रतीक्षित वन रैंक वन पेंशन (OROP) की मांग को लागू किया है. इसके साथ ही शहीद सैनिकों के परिजनों को अनुदान राशि को बढ़ाकर 50 लाख कर दिया है।
भाजपा सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय होमस्टे योजना के अंतर्गत होमस्टे का विकास करने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में 33% और मैदानी क्षेत्र में 25% तक की सब्सिडी।
भाजपा सरकार द्वारा स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए पीएम मुद्रा के तहत 27.08 लाख लाभार्थियों को 23, 350 करोड़ का ऋण
पीएम स्वनिधि के तहत 41,327 लाभार्थियों को 62 .51 करोड़ का पूंजी ऋण
भाजपा सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कोशल विकास योजना और मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना के तहत युवाओं को वैश्विक रोजगार के लिए स्किल डेवलेपमेंट प्रशिक्षण
बीजेपी निकाय चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक आज, चुनावी रणनीति पर होगा विचार-विमर्श..
उत्तराखंड: निकाय चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कमर कस ली है। नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को प्रत्याशियों ने पूरे दमखम के साथ नामांकन किया। अब चुनाव की तैयारियों के लिए आज उत्तराखंड बीजेपी निकाय चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक होने जा रही है। निकाय चुनावों को लेकर बीजेपी कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यही कारण है कि बीजेपी एक बार फिर से चुनावी मोड में आ गई है। आज उत्तराखंड बीजेपी निकाय चुनाव प्रबंधन समिति की आज बैठक होगी। दोपहर 12 बजे बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में बैठक होगी। आज होने वाली उत्तराखंड बीजेपी निकाय चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में निकाय चुनावों के लिए चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी। बैठक में प्रदेश महेंद्र भट्ट, प्रदेश महामंत्री संगठन अजय कुमार दिशा-निर्देश देंगे। इसके साथ ही बैठक में चुनाव प्रबंधन और चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श भी किया जाएगा।
निकाय चुनाव से पहले करन माहरा का दिल्ली दौरा, वरिष्ठ नेताओं से करेंगे मुलाकात..
उत्तराखंड: प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है। इसी बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा दिल्ली दौरे पर हैं। जहां पर वो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। जहां वे वरिष्ठ जनों से मुलाकात कर तमाम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि करन माहरा दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर हैं जहां वे प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी से मुलाकात करेंगे। मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान राजनीतिक मुद्दों ओर हालातों पर चर्चा होगी। वहीं आगामी समय में प्रदेश में निकाय पंचायत व अन्य चुनाव हैं इसको लेकर और संगठन की मजबूती के लिए ये दिल्ली दौरा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोशिश है कि अध्यक्ष करन माहरा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात करें।
छह महीने के अंदर होंगे निकाय चुनाव, हाईकोर्ट में पेश हुए शहरी विकास सचिव ने दी जानकारी..
उत्तराखंड: मंगलवार को नैनीताल हाईकोर्ट में उत्तराखंड के शहरी विकास सचिव नितिन भदौरिया पेश हुए। उन्होंने हाईकोर्ट को कहा कि छह महीने में प्रदेश में नगर निकायों का चुनाव करा लिए जाएंगे। प्रदेश में अगले छह महीने के अंदर स्थानीय निकाय चुनाव करवा लिए जाएंगे। मंगलवार को हाईकोर्ट में शहरी विकास सचिव नितिन भदौरिया ने कोर्ट को इस बारे में आश्वस्त किया। कोर्ट ने सचिव के बयान रिकॉर्ड कर दोनों याचिकाओं को लंबित रखा है। राज्य में समय पर निकाय चुनाव न कराए जाने पर दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की। मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि निकाय चुनावों को कराने की प्रक्रिया को भी शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही आरक्षण तय करने के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन भी किया गया है। आपको बता दें कि जसपुर निवासी मो. अनीश और नैनीताल निवासी राजीव लोचन साह ने समय पर निकाय चुनाव ना होने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सरकार निकायों का चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं कर रही है।
निकाय चुनाव को लेकर शासन ने जारी किया आदेश..
उत्तराखंड: प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर शासन ने चुनाव तारीख और सभी के कार्यकाल पूरे होने के बाद राज्य की तमाम जिला पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिला अधिकारी को प्रशासक नियुक्त किया है। जिसके आदेश जारी कर दिए गए है। बता दे कि शहरी विकास निदेशालय के अनुसार साल 2018 में निर्वाचित 84 नगर निकाय का कार्यकाल 1 दिसंबर 2023 को पूरा हो रहा है। जिसके बाद अब उत्तराखंड में आठ नगर निगमों समेत 97 नगर निकाय शनिवार से प्रशासकों के हवाले हो जाएंगे। नगर निकायों का कार्यकाल खत्म होने के दृष्टिगत शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। जिलाधिकारियों को प्रशासक का जिम्मा सौंपा गया है। अब एक दिसंबर के बाद तमाम जगहों के नगर पालिका अध्यक्ष नगर पंचायत और नगर निगम के मेयर ने निवर्तमान कहलाएंगे।
बताया जा रहा है कि शहरी विकास मंत्रालय ने परिसीमन राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा था। जिसमें क्षेत्र बढ़ाने की वजह से वोटरों की सूची भी तैयार करने की बात कही गई थी। इन्हीं सब मामलों को देखते हुए चुनाव को आगे कराए जाने का आग्रह भी किया गया था। दो निकायों नगर निगम रुड़की व नगर पालिका परिषद बाजपुर के चुनाव बाद में होने के कारण उनका कार्यकाल अगले वर्ष खत्म होना है। इसके साथ ही बद्रीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री नगर पंचायतों में चुनाव नहीं होते।
1 दिसंबर से अगले 6 महीने या फिर नए बोर्ड का गठन होने तक सभी जगह पर प्रशासन नियुक्त किया जाएं, क्योंकि सभी का कार्यकाल 1 दिसंबर को पूरा हो रहा है। नगर निगम और नगर पालिका अधिनियम के अनुसार कार्यकाल खत्म होने से 15 दिन पहले अथवा बाद में निकायों के चुनाव कराए जाने चाहिए। निदेशालय ने उप नगर पालिका अधिनियम 1916 और उप नगर निगम अधिनियम 1959 के तहत नगर निकायों में प्रशासक तैनात करने की सिफारिश की थी, जिसे आज मान लिया गया है।