उत्तराखंड में होम स्टे योजना में सब्सिडी के लिए कमरों की संख्या बढ़ाने की तैयारी, नीति में संशोधन का प्रस्ताव..
उत्तराखंड: पर्यटकों को ठहरने की सुविधा और स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने को संचालित होम स्टे योजना में सब्सिडी के लिए कमरों की संख्या बढ़ाने की तैयारी है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद नीति में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। वर्तमान में नीति के तहत अधिकतम छह नए कमरों के निर्माण के लिए प्रति कमरा 60 रुपये रुपये की राशि दी जाती है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में होम स्टे योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत नए कमरों के निर्माण व पुराने कमरों की सजा सज्जा के लिए सब्सिडी दी जाती है।
नए कमरों के लिए प्रति कमरे 60 हजार दिए जाते हैं, जबकि पुराने कमरों की मरम्मत व सजा सज्जा के लिए 25 हजार प्रति कमरा दिया जाता है। प्रदेश में अब तक छह हजार से अधिक होम स्टे पंजीकृत हो चुके हैं। होम स्टे योजना से जहां पर्यटकों को सस्ते दरों पर ठहरने के लिए कमरे के साथ प्राचीन संस्कृति और खानपान से रूबरू होने का मौका मिला है। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। अब प्रदेश सरकार ने योजना में सब्सिडी के लिए कमरों की संख्या छह से बढ़ाकर 12 करने की तैयारी कर रही है।
टिहरी झील से नई टिहरी के लिए लगेगी ट्रॉली, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा..
उत्तराखंड: टिहरी झील उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश-विदेश से आने वाले सैलनियों के लिए एक मनपसंद पर्यटक स्थल है। यहां पर लोग प्रकृति का आनंद उठाते हुए बोटिंग के साथ ही कई अन्य वाटक स्पोर्टस का मजा लेते हैं। लेकिन अब एक सुविधा यहां आने वाले पर्यटकों को मिलने जा रही है। टिहरी झील वॉटर एडवेंचर स्पोर्टस में अपनी अलग पहचान बना रही है। दूर दराज से पर्यटक भी लहरों के रोमांच का लुत्फ उठाने टिहरी झील पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।
अब टिहरी झील के साथ साथ आसपास के क्षेत्र और नई टिहरी शहर को भी पर्यटन सर्किट से जोड़ने की योजना के तहत टिहरी झील से ट्राली लगाने की योजना है। बता दें कि टिहरी झील से नई टिहरी शहर के लिए ट्रॉली लगाई जाएगी। टिहरी झील से नई टिहरी शहर के लिए लगने वाली ट्रॉली के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि टिहरी झील पहुंचने वाले पर्यटक ट्राली के जरिए नई टिहरी शहर तक पहुंचेंगे। जिससे टिहरी शहर में भी पर्यटन गतिविधियां शुरू हो पाएंगी। इस सेवा के शुरू होने से टिहरी में पर्यटन को नए पंख लगेंगे।
चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर हक-हकूकधारियों ने किया बद्रीनाथ कूच..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर उत्तराखंड के चारों धाम में का आंदोलन जारी है। इसी क्रम में आज सोमवार को हक-हकूकधारियों ने बद्रीनाथ धाम कूच किया। जिसे देखते हुए बद्रीनाथ पुल के समीप पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई है। इस दौरान बद्रीनाथ धाम कूच कर रहे हक-हकूकधारियों को पुलिस ने बद्रीनाथ पुल पर रोक दिया। यहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई।
बैरिकेडिंग होने के कारण आगे नहीं बढ़ पाए हक-हकूकधारी..
हक-हकूकधारी हाथ में बद्रीनाथ धाम के प्रसाद के साथ साकेत तिराहे से बद्रीनाथ धाम के लिए निकले, लेकिन पुल पर पुलिस की बैरिकेडिंग होने के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाए। प्रसाद की थाली के साथ अभी भी आंदोलनकारी वहीं जमे हुए हैं। स्थानीय लोगों ने एलान किया कि जब तक यात्रा का संचालन शुरू नहीं किया जाता आंदोलन जारी रखा जाएगा। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। चारधाम यात्रा का संचालन न होने से यात्रा पड़ावों से लेकर धामों तक लोगों की आजीविका ठप पड़ गई है। सभी पर्यटन स्थल खोल दिए गए हैं, लेकिन चारधाम यात्रा का संचालन रोका गया हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विस्तार हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में धार्मिक एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोविड के कारण पर्यटन गतिविधियों में जरूर कमी आई है। मगर स्थिति सामान्य होने पर पर्यटन की स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे हैं। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें उत्तराखंड में रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रविवार को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विभिन्न जैव विविधताओं वाला राज्य है। बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाएं, बुग्याल, विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु एवं अच्छा मानव संसाधन देवभूमि उत्तराखण्ड की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी जनपद में स्नो लेपर्ड पार्क बनाया जा रहा है। प्रदेश में पर्यटन पर आधारित गतिविधियां पूरे साल हो, इसके लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। क्याकिंग, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल वातावरण है।
उन्होंने कहा कि राज्य में होम स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी 2200 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी में काफी अच्छे होम स्टे बनाये गये हैं। होम स्टे के प्रति लोगों का रूझान भी बढ़ा है। होम स्टे पर्यटकों को आकर्षित तो करता ही है। साथ ही यहां के लोगों के लिए रोजगार के भी अच्छे अवसर उपलब्ध करा रहा है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का उत्तराखण्ड की जीडीपी में अहम योगदान रहा है। हम पर्यावरण हित पर्यटन की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पर्यटन एवं तीर्थाटन के माध्यम से स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। हमारा प्रयास आपदा को अवसर में बदलने का है। विश्व पर्यटन की इस वर्ष की थीम ‘पर्यटन और ग्रामीण विकास है’। ग्रामीण विकास के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारे समग्र प्रयास से फिर उत्तराखण्ड की तस्वीर बदलेगी, पर्यटन गतिविधियों से लोगों की आजीविका में सुधार होगा।
वेबिनार में फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, मनीषा पाण्डे, डॉ. शिवम मणि, मनदीप सिंह, धनुष सिंह आदि पर्यटन गतिविधियों से जुड़े जानकारों ने अपने सुझाव दिये।