पार्टी शीर्ष नेतृत्व की बैठक में आज शामिल होंगे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत..
उत्तराखंड: कांग्रेस में मचा घमासान अब दिल्ली तक पहुंच चुका है। हरीश रावत के ट्वीट के बाद कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है। इसी क्रम में पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने हरीश रावत से बात भी की है। जिसके बाद आज हरीश रावत दिल्ली में एक पूर्व निर्धारित बैठक में शामिल होंगे। राज्य के और भी सीनियर कांग्रेस नेता दिल्ली पहुंच गए हैं।
आपको बता दे कि हरीश रावत के साथ पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहित पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली तलब किया गया है। जिसके बाद राहुल गांधी सभी नेताओं के साथ बैठकर बातचीत के बाद इस इस मामले पर बात करके समाधान निकालेंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस बीच प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के निर्देश पर आज और कल होने वाली पार्टी स्तर की सभी बैठकें और कार्यक्रम भी स्थगित कर दिए हैं।
बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है..
हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!
जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं- हरीश रावत
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट से कांग्रेस में सियासी घमासान मचा हुआ है। रावत के कुछ ऐसे ट्वीट सामने आए हैं जिससे पार्टी आलाकमान से उनकी नाराजगी दिख रही हैं। अपने ट्वीट में अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस आलाकमान के रवैये पर अंगुली उठाते हुए कुछ ऐसा भी लिख दिया है जिसे कुछ लोग उनके रिटायरमेंट से जोड़कर देख रहे हैं। इन सबके बीच हरीश रावत के सलाहकार सुरिंदर अग्रवाल का भी बयान सामने आया हैं। जिसमें उनका कहना है कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। अगर देवेंद्र यादव की मौजूदगी में राहुल गांधी की रैली से उनके पोस्टर हटा दिए जाते हैं तो उनकी भूमिका संदेह में आ जाती है। इसके बाद उन्होंने कहा कि संभावना है कि देवेंद्र यादव साजिश में शामिल हों।
सुरिंदर अग्रवाल का कहना है कि भाजपा ने हमारे किसी सदस्य को धमकाने के लिए ईडी या सीबीआई का इस्तेमाल किया होगा। उन्होंने हरीश रावत और हमारे सदस्यों के बीच मतभेद पैदा करने के अपने मकसद को पूरा करने के लिए हमारे किसी सहयोगी को गुमराह किया होगा। भाजपा ने पहले भी ऐसा किया है और यह उनके लिए एक छोटा सा काम है।
आपको बता दे कि हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!
बड़ी उहापोह की स्थिति में हूंं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे..
इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उहापोह की स्थिति में हूंं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवना केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
- सुभाष चमोली
उत्तराखंड की सल्ट विधानसभा के प्रतिष्ठापूर्ण उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बाजी मार ली। रविवार को हुई मतगणना में भाजपा प्रत्याशी महेश जीना ने कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली को 4697 मतों से पराजित किया।
चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जीना को 21,874 जबकि कांग्रेस की गंगा को 17,177 मत प्राप्त हुए। उप चुनाव में भाजपा, कांग्रेस समेत कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इस सीट पर मतदान 17 अप्रैल को हुआ था। चुनाव में कुल 43.28 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के मृत्यु के बाद खाली हुई इस सीट पर पार्टी ने उनके बड़े भाई महेश जीना को अपना प्रत्याशी बनाया था, जबकि कांग्रेस पार्टी ने विगत विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे चुकीं गंगा पंचोली को फिर से मैदान में उतारा था।
उत्तराखंड में अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में सल्ट विधानसभा उपचुनाव दोनों ही पार्टियों भाजपा व कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ था। उपचुनाव प्रदेश के नव नियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए इम्तिहान भी था। उनके नेतृत्व में यह कोई भी पहला चुनाव था। सल्ट के परिणामों ने उनके नेतृत्व पर मोहर मार दी और कोरोना काल में उन्हें घेर रहे विपक्ष को भी बड़ा झटका दे दिया है।
उधर, सत्ता में वापसी के लिए छटपटा रही कांग्रेस के लिए सल्ट उपचुनाव के परिणाम किसी सदमे से कम नहीं है। सल्ट में कांग्रेस ही नहीं, अपितु पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की साख भी दांव पर लगी थी। कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली को हरीश रावत के गुट का माना जाता है। इन चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस की राजनीति में नेतृत्व की लड़ाई के और तेज होने के आसार हैं।
उल्लेखनीय है कि हरीश रावत अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की बात उठा चुके हैं। इसके बाद हरीश रावत के समर्थकों द्वारा लगातार उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ाई जाने की मांग की जा रही थी। मगर सल्ट उपचुनावों से उनकी इस मुहिम को निश्चित ही धक्का पहुंचा है।