मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश का रोडमैप तैयार, तीन लाख लोगों को मिलेगा रोजगार..
उत्तराखंड: राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को दोगुनी करने और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र में निवेश का रोडमैप तैयार किया है। पांच साल में 1.26 लाख करोड़ रुपये के निवेश से तीन लाख लोगों को रोजगार संभावित है। दिसंबर 2023 में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में एमओयू किए निवेश प्रस्तावों में अब तक 79 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो गया है। राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके साथ ही निवेश को आसान बनाने के लिए औद्योगिक नीतियों में संशोधन किया। सरकार ने 2028 तक राज्य की जीपीडी को दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए औद्योगिक निवेश पर विशेष फोकस है। विनिर्माण क्षेत्र में पांच साल के भीतर सरकार ने 1.26 लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है। इससे तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
2026 तक पूरे होंगे कई बड़े निवेश प्रोजेक्ट..
आपको बता दे कि प्रदेश सरकार ने प्रस्तावित निवेश में 1,741 करोड़ के बड़े प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसमें 194 करोड़ से फ्लैटेड फैक्टरी, 30 करोड़ से श्रमिक आवास, 177 करोड़ से इलेक्ट्रॉनिक पार्क, 30 करोड़ से वेयर हाउस, 30 करोड़ से प्लास्टिक उत्पाद मूल्यांकन सेंटर, 50 करोड़ से इंडस्ट्रियल पार्क, 650 करोड़ से एजुकेशन सिटी, 500 करोड़ से एयरो सिटी, 50 करोड़ से स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर शामिल हैं। उद्योग विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य गठन के बाद जनवरी 2024 तक 16,523 करोड़ का निवेश हुआ है। इससे कुल 84 हजार एमएसएमई और 330 बड़े उद्योग स्थापित हैं। इन उद्योगों में 4.25 लाख लोगों को रोजगार मिला है। लेकिन, वैश्विक निवेशक सम्मेलन में सरकार ने 3.56 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू हस्ताक्षर किए हैं। इसमें 79 करोड़ के प्रस्ताव पर काम शुरू हो गया है।
प्रदेश सरकार उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने को हैं संकल्पबद्ध-मुख्यमंत्री धामी..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि प्रदेश सरकार उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। भाजपा राज्य के आखिरी व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाने की चुनौती पर विशेष रूप से कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और भारतीय संस्कृति का मान, सम्मान व स्वाभिमान संपूर्ण विश्व में बढ़ रहा है। उत्तराखंड को भी प्रधानमंत्री का विशेष सहयोग मिल रहा है। आने वाले 10 वर्ष उत्तराखंड के होंगे, इसे ध्यान में रखकर हम 2030 की कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं।
भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में रविवार को मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। इस दौरान राजनीतिक प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सात साल के कार्यकाल में देश उन बुलंदियों पर पहुंचा है, जहां 70 वर्षों में नहीं पहुंच पाया था। देश में जो कार्य नामुमकिन प्रतीत होते थे, वे अब पूर्णता की ओर बढ़ रहे हैं। राज्य में चल रही केंद्रीय परियोजनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं।
उन्होंने कहा कि केंद्र के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत काम हुए हैं, जो नामुमकिन नजर आ रहे थे। केंद्र ने प्रदेश के लिए पांच वर्षों में तकरीबन एक लाख करोड़ की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तथा सामरिक और भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। चारधाम आल वेदर रोड व भारत माला परियोजना पर भी काम चल रहा है।
ये परियोजनाएं चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देंगी और अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगी। उनका कहना हैं कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन अभियान चल रहा है। प्रदेश सरकार ने सफलतापूर्वक कोविड रोधी वैक्सीन की प्रथम डोज लगाने का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। अनुमानित लाभार्थियों में से 50 प्रतिशत को दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है।
महामारी से प्रभावित पर्यटन व परिवहन क्षेत्रों में 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र में मजबूती और इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन देने के लिए 205 करोड़ तथा महिला सशक्तीकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 118 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया जा रहा है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी जा रही है। उनका कहना हैं कि शिक्षा जनस्वास्थ्य, बिजली, पानी, संचार, रोजगार, महिला सशक्तीकरण, खेती किसानी व सिंचाई, हर क्षेत्र में उत्तराखंड ने पांच वर्ष में अभूतपूर्व तरक्की की है।
उत्तराखंड में पांच अक्तूबर तक बढ़ाया गया कोविड कर्फ्यू..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू 15 दिन के लिए और बढ़ा दिया है। अब प्रदेश में कर्फ्यू की बंदिशें पांच अक्तूबर तक के लिए लागू रहेंगी। मुख्य सचिव एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने कोविड कर्फ्यू के संबंध में सोमवार को नई एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) जारी कर दी है। एसओपी में इस बार कोई राहत नहीं दी गई है। वही पुरानी बंदिशें भी बरकरार रहेंगी।
एसओपी में चारधाम यात्रा और प्राइमरी तक के स्कूलों को खोलने को लेकर यह स्पष्ट किया गया है कि उनकी अलग-अलग एसओपी का पालन सभी जिलों को सुनिश्चित करना होगा। वेडिंग हॉल की क्षमता के आधे लोग शादी समारोह में शामिल हो पाएंगे, लेकिन इसके लिए भी जिला प्रशासन से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। साथ ही कोरोना की जांच रिपोर्ट दिखानी होगी। प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा। बाजार सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक खुलेंगे। नगरीय क्षेत्रों में स्थित होटल रेस्तरां, भोजनालय व ढाबे रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहेंगे।
ये बंदिशें हैं बरकरार..
1- बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को कोरोना वैक्सीन की डबल डोज का प्रमाणपत्र न होने की स्थिति में 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाने पर ही राज्य में प्रवेश मिलेगा।
2- बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सभी यात्रियों को स्मार्ट सिटी के http://smartcitydehradun.uk.gov.in पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।
3- शवयात्रा में भी 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।
4- सभी तरह की सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, सांस्कृति और बड़ी सभाएं प्रतिबंधित रहेंगी।
5- दूसरे राज्यों से अपने पैतृक गांव लौटने वाले प्रवासियों के लिए ग्राम प्रधान की निगरानी में आवश्यकतानुसार सात दिन क्वारंटीन सेंटर में एकांतवास में रहना अनिवार्य होगा।
प्रदेश में सभी स्पा और सैलून खोलने की अनुमति है। सभी स्पा व सैलून 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। इसके साथ ही जिम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल व स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, ऑडिटोरियम व इनसे संबंधित सभी गतिविधियां 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है। वहीं, सरकार ने होटलों में स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल, स्पा व जिम को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी है।प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर के प्रशिक्षुओं के लिए सरकारी और गैरसरकारी प्रशिक्षण संस्थान कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ खोलने की अनुमति है।
21 सितंबर तक उत्तराखंड में बढ़ा कोविड कर्फ्यू..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू 21 सितंबर तक बढ़ा दिया है। मुख्य सचिव एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने कोविड कर्फ्यू के संबंध में सोमवार को नई एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) जारी कर दी है। नई एसओपी के तहत अब विवाह समारोह में अधिकतम 50 लोगों के शामिल होने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब शादी समारोह में अधिक लोग शामिल हो पाएंगे। लेकिन इसके लिए भी जिला प्रशासन से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। एसओपी में बाकी नियम और शर्तें पहले जैसी ही रखी गईं हैं।
रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा..
प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा। बाजार सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक खुलेंगे। नगरीय क्षेत्रों में स्थित होटल रेस्तरां, भोजनालय व ढाबे रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहेंगे।
ये बंदिशें हैं बरकरार..
1- कोरोना वैक्सीन की डबल डोज लेने के 15 दिन की रिपोर्ट पर राज्य में प्रवेश मिलेगा।
2- कोविड वैक्सीन की डबल डोज न लेने वालों के लिए 72 घंटे की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जरूरी।
3- शवयात्रा में भी 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।
4- दूसरे राज्यों से अपने पैतृक गांव लौटने वाले प्रवासियों के लिए ग्राम प्रधान की निगरानी में आवश्यकतानुसार सात दिन क्वारंटीन सेंटर में एकांतवास में रहेंगे।
प्रदेश में सभी स्पा और सैलून खोलने की अनुमति है। सभी स्पा व सैलून 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। इसके साथ ही जिम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल व स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, ऑडिटोरियम व इनसे संबंधित सभी गतिविधियां 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है। वहीं, सरकार ने होटलों में स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल, स्पा व जिम को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी है। प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर के प्रशिक्षुओं के लिए सरकारी और गैरसरकारी प्रशिक्षण संस्थान कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ खोलने की अनुमति है।
देवस्थानम बोर्ड को लेकर केदारनाथ में अनशन जारी..
उत्तराखंड: देवस्थानम बोर्ड के विरोध में केदारनाथ में तीर्थपुरोहित समाज का क्रमिक अनशन 28वें दिन सोमवार को भी जारी रहा। वहीं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्नल अजय कोठियाल का कहना हैं कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर सियासत करने के बजाय सरकार तत्काल बोर्ड को भंग करे। चारधामों के तीर्थपुरोहितों के हितों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार बोर्ड के नाम पर तीर्थपुरोहितों के साथ जनता को भी भ्रमित कर रही है।
कर्नल अजय कोठियाल का कहना हैं कि प्रदेश सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के नाम पर कभी पुनर्विचार तो कभी समिति बनाने की बात कह कर तीर्थपुरोहितों को गुमराह कर रही है। देवस्थानम बोर्ड बनाकर सरकार हजारों सालों से चली आ रही सांस्कृतिक परंपराओं पर कानूनी चाबुक चलाना चाहती है।
केदारनाथ धाम में अभी भी तीर्थपुरोहित बोर्ड भंग करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार सेम मुखेम को प्रदेश का छठवां धाम बनाने पर विचार कर रही है। पहले से ही धाम प्रदेश में स्थापित हैं, उनके तीर्थपुरोहितों के हक पर सरकार ने बोर्ड गठित कर डाका डालने का काम किया है। सरकार जल्द ही अध्यादेश लाकर देवस्थानम बोर्ड को भंग करे।
मुख्यमंत्री से वार्ता करने के बाद 13 सितंबर को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में प्रस्तावित प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है, लेकिन बोर्ड भंग होने तक केदारनाथ में क्रमिक अनशन जारी रहेगा। तीर्थपुरोहितों का कहना हैं कि सरकार मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो दोबारा उग्र आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
केदारनाथ में केदार सभा के महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती के नेतृत्व में आंदोलन जारी रहा। इस दौरान क्रमिक अनशन पर बैठे आंदोलनकारी तीर्थपुरोहितों का कहना था कि देवस्थानम बोर्ड भंग होने के साथ ही आंदोलन भी खत्म किया जाएगा। उन्होंने सरकार पर बोर्ड गठन के नाम पर चारधाम यात्रा व्यवस्था को प्रभावित करने का आरोप लगाया। उनका कहना हैं कि कोरोनाकाल के चलते दो वर्ष से चारधाम यात्रा ठप है।
इस कारण धामों से जुड़े हक-हकूकधारी, व्यापारी व अन्य लोगों की आजीविका ठप पड़ी है, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने जनहित में यात्रा का संचालन शुरू करने की मांग भी की। इस मौके पर राजकुमार शुक्ला, शशि अवस्थी, मनोज तिवारी, विमल तिवारी, रमाकांत शर्मा समेत अन्य मौजूद थे।
इधर, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हुई वार्ता व सफल आश्वासन के बाद जिला मुख्यालय में प्रस्तावित जुलूस-प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया है, लेकिन केदारनाथ में मांगपूर्ति तक आंदोलन जारी रहेगा।