कल पीएम मोदी, देंगे 17547 करोड़ की सौगात..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 दिसंबर यानी कल गुरुवार को उत्तराखंड के हल्द्वानी में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे उत्तराखंड को 17547 करोड़ की सौगात देने वाले हैं। जिसमें पीएम मोदी 14127 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास तो 3420 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पाण करेंगे।
वह ऊधमसिंह नगर में खुलने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सेटेलाइट सेंटर, पिथौरागढ़ मेडिकल कालेज और 300 मेगावाट की यूजेवीएनएल की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना समेत अन्य विकास योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही यूजेवीएन की पांच मेगावाट की सुरिंगड़ परियोजना, आलवेदर रोड, नगीना से काशीपुर तक तैयार सड़क जैसी बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे।
17 विकास योजनाओं का करेंगे शिलान्यास..
1- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14,127 करोड़ लागत की 17 विकास योजनाओं का शिलान्यास करने जा रहे हैं।
2- 5,747 करोड़ की 300 मेगावाट की यूजेवीएनल की लखवाड़ बहुउद्देश्यीय परियोजना।
3- 4,002 करोड़ लागत की 85.30 किमी मुरादाबाद-काशीपुर फोर लेन रोड परियोजना।
4- 1250 करोड़ की 13 जिलों में जल जीवन मिशन के तहत 73 वाटर सप्लाई स्कीम।
5- 627 करोड़ की पीएमजीएसवाई की स्टेज दो के 133 मार्ग।
6- 455 करोड़ के एम्स सेटेलाइट केंद्र।
7- 450 करोड़ के पीएमजीएसवाई के 151 मिसिंग पुल।
8- 455 करोड़ पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज।
9- 205 करोड़ 24 घंटे सातों दिन पेयजल आपूर्तिक योजना।
10- 199 करोड़ की नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत नौ एसटीपी।
11- 171 करोड़ के प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के 1256 यूनिट्स।
12- 35 करोड़ का काशीपुर सिडकुल में अरोमा पार्क।
13- 78 करोड़ का नैनीताल जिले में सीवरेज प्रणाली की सुदृढ़ीकरण योजना।
14- 66 करोड़ की सितारगंज में प्लास्टिक इंडस्ट्रियल पार्क।
15- 58 करोड़ की मदकोटा से हल्द्वानी सड़क मार्ग।
16- 54 करोड़ की किच्छा से पंतनगर सड़क मार्ग।
17- 53 करोड़ की खटीमा बाईपास।
18- 177 करोड़ की एशियन हाईवे से नेपाल तक कनेक्टिविटी।
इन योजनाओं करेंगे लोकार्पण
1- 25,36 करोड़ की 99 किमी कुमाऊं-गढ़वाल कनेक्टिविटी नगीना से काशीपुर।
2- 284 करोड़ के 32 किमी टनकपुर -पिथौरागढ़ ऑलवेदर रोड।
3- 267 करोड़ की टनकपुर-पिथौरागढ़ पर बेलखेत से चंपावत तक ऑलवेदर रोड।
4- 233 करोड़ की तिलोन से च्युरानी तक ऑलवेदर रोड परियोजना।
5- 50 करोड़ की यूजेवीएन की पांच मेगावाट की सुरिंगड जलविद्युत परियोजना।
6- 50 करोड़ की नमामि गंगे प्रोग्राम के तहत रामनगर-नैनीताल में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट।
केदारनाथ में होने जा रहा हैं शानदार काम, सीवरेज सिस्टम भी हो रहा तैयार..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही केदारपुरी को प्लास्टिक फ्री जोन बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने का भी शुरू कर दिया हैं। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को वहां ठोस कदम तो उठाए ही जाएंगे, केदारपुरी को प्लास्टिक की बोतलों से निजात दिलाने के मद्देनजर श्रद्धालुओं को तांबे की बोतलें उपलब्ध कराई जाएंगी। इनके डिजाइन और लागत के सिलसिले में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से संपर्क साधा जा रहा है। बोतलों का निर्माण अल्मोड़ा और बागेश्वर के ताम्र शिल्पियों से कराया जाएगा।
जून 2013 की आपदा में तबाह हुई केदारपुरी का पुननिर्माण प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। केदारपुरी में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं और द्वितीय चरण के चल रहे हैं। इन कार्यों की बदौलत केदारपुरी नए कलेवर में निखर चुकी है और श्रद्धालुओं के अधिक आकर्षण का केंद्र बनी है। केदारनाथ में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या इसका उदाहरण है। यही नहीं, प्रधानमंत्री ने सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण की मुहिम भी शुरू की है। यह केदारपुरी में भी आकार लेगी।
केदारपुरी को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने के लिए वहां प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा। इस कड़ी में श्रद्धालुओं को जागरूक करने के साथ ही प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को कदम उठाए जाएंगे। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना हैं कि इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर श्रद्धालु पीने के पानी के साथ ही केदारनाथ से मंदाकिनी व सरस्वती नदियों के संगम का पवित्र जल ले जाने के लिए प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करते हैं। प्लास्टिक की बोतलों से धाम को मुक्त करने के लिए तांबे की बोतलों को महत्व देने की योजना है।
सचिव पर्यटन जावलकर का कहना हैं कि केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को पानी के लिए तांबे की बोतलें उपलब्ध कराने की योजना है। प्रयास ये रहेगा कि ये रियायती दर पर श्रद्धालुओं को मिलें। इसी क्रम में तांबे की बोतलों के डिजाइन और लागत के सिलसिले में डीआरडीओ से संपर्क किया जा रहा है। बोतलों के निर्माण के लिए अल्मोड़ा व बागेश्वर के ताम्र शिल्पियों से बातचीत चल रही है।
डिजाइन व लागत का विषय हल होने पर इनके माध्यम से ही बोतलें बनवाई जाएंगी, जिससे उन्हें रोजगार उपलब्ध होगा और श्रद्धालुओं को सुविधा। सचिव पर्यटन के अनुसार केदारपुरी में सीवरेज सिस्टम भी तैयार किया जा रहा है। इसमें उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अपनाई जाने वाली तकनीक को अपनाया जा रहा है। इसके आकार लेने पर सीवरेज का भी निस्तारण हो सकेगा।
पीएम मोदी के सपने के अनुरूप बद्रीनाथ धाम भी सवंरेगा..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही केदारपुरी के बाद अब बद्रीशपुरी भी संवरेगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ से जिस तरह देवभूमि की ब्रांडिंग की, उससे अब देश के चारधामों में से एक बद्रीनाथ पर राज्य सरकार ध्यान केंद्रित करने जा रही है। प्रधानमंत्री के निर्देश पर ही बद्रीनाथ धाम के लिए चार सौ करोड़ से अधिक लागत की महायोजना तैयार की गई है। केदारनाथ की तरह बद्रीनाथ में भी तीन चरणों में सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा। अब सरकार की मंशा बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित करने की है।
प्रधानमंत्री के निर्देश पर बद्रीनाथ धाम के लिए चार सौ करोड़ से ज्यादा की लागत की महायोजना तैयार की गई है। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ यात्रा के दौरान देवभूमि की जमकर ब्रांडिंग की। इससे प्रभावित होकर राज्य सरकार अब बद्रीनाथ पर भी ध्यान केंद्रित करने जा रही है। केदारनाथ की तरह यहां भी तीन चरणों में सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा।
बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित करने की योजना है। केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान पीएम मोदी ने बद्रीनाथ धाम के लिए भी महायोजना बनाने के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार का मास्टर प्लान बनकर तैयार है। पीएम कार्यालय में इसका प्रजेंटेशन हो चुका है। धाम में सुविधाएं विकसित करने के लिए विभिन्न कंपनियों के सीएसआर फंड से दो सौ करोड़ से अधिक की राशि जुटाई जा चुकी है। प्रस्तावित कामों को धरातल पर उतारने के लिए प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट की तैनाती कर दी गई है।
प्रोजेक्ट के तहत धाम में केदारनाथ की तरह ही मंदिर के चारों तरफ जगह खुली रखी जाएगी। यात्रियों के लिए वन-वे सिस्टम बनेगा। बद्री व शेषनेत्र झील का सौंदर्यीकरण, अस्पताल का विस्तारीकरण, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, मंदिर व घाट का सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट स्कैपिंग और पार्किंग जैसे काम मास्टर प्लान का हिस्सा हैं। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना हैं कि बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रथम चरण के कार्य निर्धारित कर दिए गए हैं।
15 वें वित्त आयोग द्वारा उत्तराखण्ड को कुल 89,845 करोड़ रूपए की संस्तुति की गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह और आयोग के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे उत्तराखण्ड को विकास योजनाएं संचालित करने में काफी मदद मिलेगी। राज्य को प्रधानमन्त्री और केन्द्र सरकार का सदैव सहयोग मिलता रहा है। आयोग ने राज्य के पक्ष को समझा और अपनी महत्वपूर्ण संस्तुतियां दी हैं।
उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई में बड़ी राशि मिलने से सड़क से वंचित रह गए गांवों को सड़कों से जोड़ा जा सकेगा। आपदा प्रबंधन में भी पर्याप्त धनराशि की संस्तुति की गई है। निश्चित रूप से इससे राज्य में आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने में सहायता मिलेगी। राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण में भी मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि 15 वें वित्त आयोग द्वारा उत्तराखण्ड को कुल 89,845 करोड़ रूपए की संस्तुति की गई है। इसमें 47,234 करोङ रूपए की राशि केन्द्रीय करों में राज्य का हिस्सा है। केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय बजट की मुख्यमंत्री ने की सराहना
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि विपरीत परिस्थितियों में बहुत ही समावेशी बजट प्रस्तुत किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में प्रधानमंत्री की मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई देती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यतः 6 स्तम्भों पर आधारित इस बजट में आधारभूत संरचना के विकास, रोजगार सृजन के साथ ही गांवों और किसानों का ख्याल रखा गया है। इस बजट को सभी देशवासियों की आकांक्षाओं का बजट कह सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट से स्वस्थ और सुरक्षित भारत की परिकल्पना पूर्ण होगी। हेल्थ केयर में 137 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह बजट आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगा।
देश में कोविड-19 वैक्सीन के टीका लगाने का काम शनिवार को शुरू हो जाएगा। टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रातः 10:30 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे। देशभर में 3006 स्थानों पर टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इसे दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फेन्स के माध्यम से क्रमशः दून मेडिकल कॉलेज तथा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से भी जुड़ेंगे और टीकाकरण की गतिविधि को देखेंगे। इस अवधि में प्रधानमंत्री वहां उपस्थित वैक्सीनेशन कार्य में लगे हुए स्वास्थ्य अधिकारियों से वार्ता भी करेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राजधानी के दून अस्पताल से वर्चुअली इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा है कि प्रदेश में वैक्सीनेशन का पहले चरण के लिए पूरी तैयारी कर ली गयी हैं । उन्होंने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, इस पर किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से प्रदेश को पहली खेप के रूप में 01 लाख 13 हजार वैक्सीन दी गई हैं। प्रथम चरण में 50 हजार हेल्थ वर्कर्स को कोविड-19 की यह वैक्सीन लगाई जानी है। मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों से इस वैश्विक महामारी के खिलाफ अभियान में सहयोग की अपेक्षा की है।
कोविड-19 वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी देते हुए राज्य नोडल अधिकारी एवं मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका ने बताया कि आज राज्य के सभी जिलों के 13 चिकित्सालयों पर टीकाकरण किया जाएगा। सोनिका के अनुसार जनपद देहरादून में 5, हरिद्वार व उधमसिंहनगर में 4, नैनीताल में 3 तथा अन्य जनपदों में 02-02 स्थानों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे। टीकाकरण हेतु चिन्हित 34 स्थानों में 32 सरकारी चिकित्सा संस्थान हैं जिसमें एम्स ऋषिकेश तथा ऋषिकुल आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी भी सम्मिलित हैं जबकि 2 निजी चिकित्सा संस्थान हिमालयन मेडिकल कॉलेज एवं गुरु रामराय मेडिकल कॉलेज में भी टीकाकरण होगा।
मिशन निदेशक सोनिका ने बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर सभी 34 स्वास्थ्य ईकाईयो पर 100-100 लाभार्थियों को वैक्सीन दी जाएगी। इस प्रकार वैक्सीनेशन के पहले दिन लगभग 3400 हैल्थ केयर वर्कर्स का टीकाकरण किया जाएगा।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ0 अमिता उप्रेती ने बताया कि सभी जनपदों में वैक्सीन सुरक्षित पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि वह टीकाकरण के दौरान भारत सरकार की गाईड लाईन का सख्ती से अनुपालन करें।