हिमगिरि एक्सप्रेस का रुड़की में स्टॉपेज बहाल, यात्रियों को बड़ी राहत..
उत्तराखंड: तीन वर्षों के लंबे इंतजार के बाद हिमगिरि एक्सप्रेस ने एक बार फिर रुड़की रेलवे स्टेशन पर ठहराव लिया। शनिवार को ट्रेन के नए स्टॉपेज की शुरुआत के अवसर पर हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हिमगिरि एक्सप्रेस का रुड़की में ठहराव वर्ष 2021 से बंद था, जिससे स्थानीय यात्रियों को खासा असुविधा हो रही थी। अब ट्रेन का ठहराव बहाल होने से रुड़की और आसपास के इलाकों के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि “यह केवल एक ट्रेन का ठहराव नहीं, बल्कि जनता की सुविधा और मांग को मान्यता देने का प्रतीक है।” उन्होंने इस निर्णय के लिए रेलवे प्रशासन और केंद्रीय नेतृत्व का आभार भी जताया। वहीं स्थानीय नागरिकों और यात्रियों ने भी इस निर्णय का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हिमगिरि एक्सप्रेस के ठहराव से उत्तर भारत के कई बड़े शहरों तक सीधी पहुंच अब पहले से अधिक आसान और सुविधाजनक हो जाएगी।
करीब तीन साल के लंबे इंतजार के बाद हिमगिरि एक्सप्रेस ने सोमवार 7 अप्रैल की सुबह एक बार फिर रुड़की रेलवे स्टेशन पर ठहराव लिया। इस ऐतिहासिक मौके पर हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई प्रमुख लोगों ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य और सुविधा की बात है कि हिमगिरि एक्सप्रेस अब रुड़की में भी रुकेगी। इससे न केवल शहर के बल्कि आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। आपको बता दे कि वर्ष 2021 में रुड़की में हिमगिरि एक्सप्रेस का ठहराव बंद कर दिया गया था, जिससे यात्रियों को खासा असुविधा उठानी पड़ रही थी। अब इसका पुनः ठहराव बहाल होने से यात्रियों में खुशी और संतोष की लहर है। इस मौके पर स्थानीय नागरिकों ने भी खुशी जताई और कहा कि ट्रेन के ठहराव से अब उत्तर भारत के कई बड़े शहरों तक सीधी और सुविधाजनक यात्रा संभव हो सकेगी।
इस अवसर पर सांसद रावत ने कहा कि यह ठहराव केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि जनता की बहुप्रतीक्षित मांग की स्वीकृति है। उन्होंने कहा कि इससे रुड़की और आसपास के हजारों यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा और उत्तर भारत के प्रमुख शहरों तक पहुंचना अब और आसान हो जाएगा। आने वाले 3-4 महीनों में रुड़की रेलवे स्टेशन को पूर्ण सुविधाओं से युक्त कर दिया जाएगा। साथ ही 15 से 20 दिनों में झबरेड़ा-देवबंद रेलवे लाइन शुरू कर दी जाएगी, जिससे दिल्ली तक के सफर में 30 से 45 मिनट की बचत होगी। कहा कि सहारनपुर-लक्सर और हरिद्वार सटल एक्सप्रेस को दोबारा शुरू कराने के लिए प्रयास जारी हैं।
आपको बता दे कि जम्मू से हावड़ा के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है कि अब हिमगिरि एक्सप्रेस का स्टॉपेज फिर से रुड़की में शुरू हो गया है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश के कानपुर के देहात और उत्तराखंड आने जाने वाले यात्रियों को एक बड़ी राहत मिलने वाली है। हिमगिरि एक्सप्रेस का ठहराव करीब 3 साल से रुड़की में बंद था, जबकि रुड़की रेलवे स्टेशन ए श्रेणी में दर्ज है। जिसके कारण केंद्र सरकार की अमृत रेलवे स्टेशन योजना में रुड़की रेलवे स्टेशन बना है। इस स्टेशन से पूर्व से ही जम्मू और हावड़ा के लिए काफी यात्री है, लेकिन सियालदह और पंजाब मेल एक्सप्रेस में टिकट फुल होने पर यात्री सफर नहीं कर पाते थे। यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हिमगिरि एक्सप्रेस का संचालन फिर से शुरू करने की मांग उठी थी।
बता दे कि सप्ताह में तीन दिन ट्रेन का संचालन अपडाउन रहेगा, जबकि ट्रेन जम्मूतवी और हावड़ा तक करीब दो हजार किलोमीटर का सफर तय करेगी। 6 अप्रैल को जम्मूतवी स्टेशन से चलकर 2332 (जम्मूतवी-हावड़ा हिमगिरि एक्सप्रेस) रुड़की स्टेशन पर सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर पहुंची और 7 बजकर 40 मिनट पर रवाना हुई। वहीं हावड़ा स्टेशन से चलने वाली 12331 (हावड़ा-जम्मूतवी हिमगिरि एक्सप्रेस) रुड़की स्टेशन पर सुबह 3 बजकर 10 मिनट पर पहुंचेगी, जिसके लिए दो मिनट का स्टॉपेज होगा।
राधा रतूड़ी को RTI व्यवस्था की जिम्मेदारी, अधिसूचना जारी..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्य सचिव राधा रतूड़ी मुख्य सूचना आयुक्त बन गई हैं। शासन ने नियुक्ति को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। बता दें कि सीएस पद से राधा रतूड़ी का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो गया था। जिसके बाद राज्यपाल ने राधा रतूड़ी को मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया है। बता दें यह नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होगी। वे तीन साल की अवधि तक या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) पद पर रहेंगी। बता दें राधा रतूड़ी उत्तराखंड की चौथी पूर्व मुख्य सचिव हैं। जिन्हें राज्य मुख्य सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है।
वन संसाधनों से राजस्व बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए- सीएम धामी..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन विभाग और ऊर्जा निगम की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने वन विभाग को वनों के संरक्षण के साथ-साथ वन संपदाओं से राजस्व बढ़ाने के लिए और अधिक प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए। साथ ही ऊर्जा निगम को ऊर्जा क्षेत्र में नई संभावनाओं पर कार्य करने की सलाह दी। सरकार नवीकरणीय ऊर्जा, जलविद्युत और अन्य ऊर्जा स्रोतों के बेहतर उपयोग पर फोकस कर रही है, जिससे प्रदेश की ऊर्जा क्षमता को बढ़ावा दिया जा सके।
सीएम धामी ने वन विभाग को निर्देश दिए कि गेस्ट हाउस के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
इसके साथ ही उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए कारगर उपाय अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। सीएम ने कहा कि वन संपदाओं के बेहतर उपयोग से प्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार को बढ़ावा दिया जाए, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ हो सके।
बैठक में अधिकारियों ने कहा कि इको टूरिज्म के अंतर्गत इको कैंपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, पुराने फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के रिस्टोर, स्थानीय युवाओं को विभिन्न गतिविधियों जैसे नेचर गाइड का प्रशिक्षण और क्षमता विकास कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इको टूरिज्म के लिए समर्पित एक वेबसाइट बनाई जाएगी। अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में संचालित इको टूरिज्म क्षेत्र से स्थानीय युवाओं को लगभग पांच करोड़ रुपये, जिप्सी संचालन से 17 करोड़ और स्वयं सहायता समूह को 30 लाख की आय हुई है।
कागजों में नहीं धरातल पर दिखाई दें प्रयास..
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वनाग्नि (जंगल की आग) की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना और रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये प्रयास केवल कागजों तक सीमित नहीं रहने चाहिए, बल्कि धरातल पर प्रभावी रूप से लागू होने चाहिए। सीएम धामी ने यह भी कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन किया जाए और राज्य में इसके आधार पर एक ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। सरकार का उद्देश्य वन संरक्षण को मजबूत करने, जंगलों में आग की घटनाओं को कम करने और स्थानीय समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाओं पर कार्य करने की जरूरत..
सीएम धामी ने ऊर्जा निगम की समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य में ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। लघु जल विद्युत परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दें। कहा कि राज्य की मुख्य अवधारणा में ऊर्जा और पर्यटन प्रदेश था। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं, लेकिन ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाओं पर कार्य करने की जरूरत है। शहरी क्षेत्रों में बिजली लाइन को भूमिगत करने का कार्य मानसून शुरू होने से पहले पूरा किया जाए। सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप लगाने का कार्य जल्द पूरा करें। यूजेवीएनएल, यूपीसीएल की जो परिसंपत्तियां उपयोग में नहीं है, उनको उपयोग में लाने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाएं।
बैठक में अधिकारियों ने कहा कि वर्ष- 2023 में संशोधित जल विद्युत नीति के अनुसार वन टाइम एमनेस्टी के तहत कुल 160.80 मेगावाट के आठ प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई हैं। ये प्रोजेक्ट 2030 तक 1790 करोड़ की लागत से पूरे होंगे। साथ ही 121 मेगावाट के छह प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली है। इससे क्षेत्र का सामाजिक आर्थिक विकास होगा। यूजीवीएनएल 2028 से तीन पंप स्टोरेज का कार्य शुरू कर 2031 में पूरा करेगा। लगभग 5660 करोड़ की लागत इन तीनों पंप स्टोरेज में इच्छारी , लखवार-व्यासी और व्यासी-कटापत्थर प्रोजेक्ट शामिल हैं।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के लिए जल्द ट्रिब्यूनल का होगा गठन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की हजारों हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे हैं। उत्तराखंड सरकार जल्द ही इस पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि सरकार जल्द ही उत्तराखंड में ट्रिब्यूनल का गठन करने जा रही है। जिसके बाद कई नियम सख्त हो जाएंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने जानकारी देते हुए बताया कि वक्फ बोर्ड 2022 एक्सचेंज नोटिफिकेशन की संस्तुति कर दी गई है। जल्द ही इस महीने के अंत तक ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया जाएगा। जिसके बाद उत्तराखंड में बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शादाब शम्स ने बताया कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने फैसला लिया है कि वक्फ संपत्तियों का किराया बढ़ाया जाएगा।
वक्फ बोर्ड की सम्पतियों का बढ़ेगा किराया..
शादाब शम्स का कहना हैं कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की आय बहुत कम है और आज भी कई बड़ी संपत्तियों का किराया 20 और 25 रुपये प्रतिमाह के रूप में आ रहा है। जो किसी भी तरह से व्यवहारिक नहीं है और यह चिंता का विषय है। शम्स ने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसे बाजार मूल्य के करीब लाया जाएगा ताकि इस पैसे से उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की आय बढ़ाई जा सके और इस पैसे से गरीबों की मदद की जा सके। शादाब शम्स ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम इसलिए लाया जा रहा है ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि आज वक्फ संपत्तियों पर गरीबों का नहीं बल्कि अमीरों का कब्जा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 75 साल तक राज करने को मिला लेकिन उनके द्वारा वक्फ में कोई सुधार नहीं किया गया।
उत्तराखंड की वक्फ संपत्तियों पर बैठे अतिक्रमणकारियों के बारे में जानकारी देते हुए शादाब शम्स ने बताया कि कलियर में वक्फ संपत्ति पर कांग्रेस के बड़े नेता बैठे हैं, इसके साथ ही देहरादून की भगत सिंह कॉलोनी, आजाद कॉलोनी, 17 बीघा नंदा की चौकी, मुस्लिम कॉलोनी समेत प्रदेश भर में वक्फ बोर्ड की हजारों हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है, जिस पर अगले महीने से कार्रवाई शुरू की जाएगी। गौरतलब है कि इस समय प्रदेश में करीब 2500 वक्फ समितियों के पास करीब पांच हजार संपत्तियां हैं। जल्द ही इन सभी संपत्तियों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इनका सर्वे भी किया जाएगा और इन पर लेन-देन को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है।
धामी सरकार के 3 साल पूरे होने पर 23 मार्च को मनाया जाएगा सेवा दिवस..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वर्तमान सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर 22 से 25 मार्च तक प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के निर्देश दिए हैं। दिल्ली से वर्चुअल बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इन आयोजनों में जनता की अधिकतम भागीदारी हो। 23 मार्च को “सेवा दिवस” के रूप में मनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही विकासखंड स्तर पर बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन होगा, जिससे जनता को सीधी सरकारी सेवाएँ मिल सकें। स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिससे लोगों को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल सके। जन सरोकार से जुड़े कार्यों में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
सीएम धामी का कहना हैं कि हालांकि वे अभी दिल्ली प्रवास पर हैं लेकिन उनका मन हर पल राज्य के विकास के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि सरकार के तीन साल के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों में समाज के हर वर्ग और क्षेत्र के लोगों को जोड़ा जाए। विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वालों की सफलताओं की कहानियां आम लोगों तक पहुंचाई जाए। तीन साल के कालखंड में राज्य की जनभावनाओं के अनुरूप विकास के कई प्रतिमान स्थापित किए गए हैं। कई ऐसे निर्णय लिए गए, जो राज्य हित के लिए नितांत जरूरी हैं। समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी जैसे ऐतिहासिक कानून लागू किये गए, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर राज्य को अलग पहचान मिली। राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए पहली बार राज्य का बजट एक लाख करोड़ के पार पहुंचा है।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों के संवर्द्धन के साथ ही नहरों, कुओं, खड्डों और नदियों के पुनरुद्धार के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास किए जाएं। सीएम ने आगामी ग्रीष्म ऋतु के मद्देनजर पूरे राज्य में पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फैनई, आर मीनाक्षी सुंदरम, डीजीपी दीपम सेठ समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे
PM मोदी से मिले राज्यपाल गुरमीत सिंह..
उत्तराखंड: कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच सूबे के सीएम पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ पार्टी के कई विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ हैं। वैसे बताया जा रहा है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी शादी विवाह समारोह के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों में शिरकत करने दिल्ली गए हैं। इसी दौरान उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने भी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है।
उत्तराखंड राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार 19 मार्च को करीब एक बजे राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजभवन उत्तराखंड के डिजिटल और टेक्नोलॉजी पर आधारित नवाचारों का संस्करण गवर्नर डिजिटल हब भेंट किया।
इसके साथ ही उनके द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब के आध्यात्मिक मार्गदर्शन पर आधारित आई संचालित चैट बोर्ड इंटरनल गुरु की ब्रोशर्स भी भेट की गई। अपनी इस मुलाकात में राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि जिस तरह से उन्होंने (पीएम मोदी) उत्तराखंड में आकर पर्यटन और धार्मिक संस्कृति को बढ़ावा देने का संदेश दिया है, उसका असर अगले ही दिन से दिखाई देने लगा। पीएम के उत्तराखंड दौरों का असर भविष्य में प्रदेश की आर्थिक मजबूती पर दिखाई देगा।
बता दें कि उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह दो दिन से दिल्ली प्रवास पर हैं। इस दौरान वह कई कार्यक्रमों में भी शिरकत कर रहे हैं। दूसरी तरफ उत्तराखंड के विधायकों का दिल्ली का दौर लगातार जारी है। विधायकों के साथ-साथ कई मंत्री भी दिल्ली में संगठन के नेता और मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं। उम्मीद यही जताई जा रही है कि बहुत जल्दी उत्तराखंड में कुछ नेताओं की बल्ले बल्ले तो कुछ नेताओं को निराशा हाथ लग सकती है। क्योंकि उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है।
उत्तराखंड बनेगा शहद उत्पादन का हब, हर वर्ष सजेगा शहद महोत्सव..
उत्तराखंड: मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास परिसर में शहद निष्कासन कार्य किया गया। जिसमें पहले चरण में 57 किलोग्राम शहद निकाला किया गया। इस बार लगभग 200 किलोग्राम तक शहद निकालने का लक्ष्य रखा गया है। सीएम धामी ने इस पहल को पायलट प्रोजेक्टके रूप में लेते हुए शहद महोत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बी-कीपिंग कार्य को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेते हुए उद्यान विभाग को शहद महोत्सव आयोजित करने के लिए निर्देश दिए हैं। जिसमें मधुमक्खी द्वारा तैयार किए जाने वाले सभी प्रोडक्ट महोत्सव में रखने और हर साल शहद महोत्सव की एक तिथि भी निर्धारित करने के लिए कहा है।
सीएम धामी का कहना हैं कि उत्तराखंड में मौन पालन की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि यहां विभिन्न प्रकार के फूलों की प्रजातियां उपलब्ध हैं, जो जैविक शहद उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं। सीएम धामी ने कहा पहाड़ी क्षेत्रों में औषधीय गुणों वाला शहद तैयार करने के लिए लोगों प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही मौन पालन को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य में बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। देहरादून के विकासनगर और सहसपुर में प्रशासन ने बुधवार को 12 और मदरसों को सील कर दिया। इससे पहले 19 मदरसों पर कार्रवाई की जा चुकी थी, जिससे अब तक कुल 31 अपंजीकृत मदरसों को बंद किया जा चुका है। प्रशासन ने साफ किया है कि बिना पंजीकरण के संचालित किसी भी शैक्षणिक संस्थान को अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्य बिंदु:
. अब तक 31 अपंजीकृत मदरसों पर कार्रवाई
. शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता
. स्थानीय विरोध के बावजूद कार्रवाई जारी
. मुख्यमंत्री ने कहा – बच्चों के भविष्य के साथ समझौता नहीं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जरूरी है। प्रशासन ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थानों का सत्यापन किया जा रहा है और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।
उत्तराखंड में विधायक निधि खर्च को लेकर आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, 2022-23 से दिसंबर 2024 तक 70 विधायकों को 964 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से 61% (589.21 करोड़ रुपये) खर्च हुए।
कैबिनेट मंत्रियों में कौन आगे, कौन पीछे?
कैबिनेट मंत्रियों में सौरभ बहुगुणा (सितारगंज) ने 85% निधि खर्च कर शीर्ष स्थान हासिल किया। उनके बाद गणेश जोशी (72%), रेखा आर्य (64%), सुबोध उनियाल (57%) और सतपाल महाराज (56%) का स्थान रहा। हालांकि, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (33%) और डॉ. धन सिंह रावत (29%) निधि खर्च में सबसे पीछे रहे, जिन्हें अधिक सक्रियता दिखाने की जरूरत है।
विधायकों में प्रदीप बत्रा सबसे आगे, किशोर उपाध्याय सबसे पीछे
विधायकों में प्रदीप बत्रा (रुड़की) ने 90% निधि खर्च कर पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि किशोर उपाध्याय (टिहरी) सिर्फ 15% निधि खर्च कर सबसे पीछे रहे।
61% से कम खर्च करने वाले प्रमुख विधायक
बंशीधर भगत (कालाढूंगी) – 43%
भरत सिंह चौधरी (रुद्रप्रयाग) – 43%
किशोर उपाध्याय (टिहरी) – 15%
सुमित ह्रदयेश (हल्द्वानी) – 46%
यशपाल आर्य (बाजपुर) – 45%
उत्तराखंड में विधायक निधि खर्च में बड़े अंतर देखने को मिले हैं। जहां कुछ मंत्री और विधायक 85-90% तक निधि खर्च कर चुके हैं, वहीं कई 50% से भी कम खर्च कर पाए हैं। यह आंकड़े जनप्रतिनिधियों की सक्रियता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यशैली और प्रदेश के विकास में उनकी भूमिका की सराहना की। हर्षिल में भाषण समाप्त होने के बाद, जैसे ही मुख्यमंत्री पीएम मोदी के पास पहुंचे, प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और उनकी पीठ थपथपाकर प्रशंसा की।
सीएम धामी को छोटे भाई और ऊर्जावान नेता बताया
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सीएम धामी को “छोटे भाई” और “ऊर्जावान मुख्यमंत्री” कहकर संबोधित किया। उन्होंने उत्तराखंड सरकार की ओर से लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों—जैसे समान नागरिक संहिता (UCC) और राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की सराहना की।
शीतकालीन यात्रा को बताया अभिनव पहल
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड सरकार द्वारा शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के प्रयासों की जमकर तारीफ की। उन्होंने इसे राज्य के आर्थिक विकास से जोड़ते हुए अभिनव पहल बताया और इसके लिए सीएम धामी और उनकी सरकार को धन्यवाद दिया।
उत्तराखंड के विकास की प्रशंसा
पीएम मोदी ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का है, और राज्य सरकार बेहतरीन कार्य कर रही है। उन्होंने अपनी केदारनाथ यात्रा को याद करते हुए उत्तराखंड के तेजी से हो रहे विकास पर संतोष जताया।
जनसभा में दिखा जबरदस्त उत्साह
हर्षिल की जनसभा के दौरान “मोदी-मोदी” के नारों से माहौल गूंज उठा। प्रधानमंत्री ने कई बार मुस्कुराकर और हाथ जोड़कर जनता का अभिवादन किया। पारंपरिक परिधान और टोपी पहने पीएम मोदी ने अपने भाषण में स्थानीय आंचलिक शब्दों का भी उपयोग किया, जिससे जनता से उनका गहरा जुड़ाव झलका। प्रधानमंत्री की इस सराहना से साफ है कि मुख्यमंत्री धामी की नीतियों और उत्तराखंड सरकार की विकास योजनाओं को शीर्ष स्तर पर मजबूत समर्थन मिल रहा है।