पुष्कर सिंह धामी ने लगातार दूसरी बार ली शपथ, आठ मंत्रियों ने भी ली मंत्री पद की शपथ..
उत्तराखंड: पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (रि.) ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ आठ मंत्रियों ने भी शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद सभी संतों से मिलने पहुंचे। संतों ने सीएम योगी को आमंत्रित किया था। इस दौरान संतों ने सीएम योगी का सम्मान किया।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट की बैठक ले सकते हैं। इसमें समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर हाई पावर कमेटी बनाए जाने का फैसला लिया जा सकता है। बता दे कि धामी सचिवालय में पहली कैबिनेट बैठक ले सकते हैं। इस संभावना को देखते हुए शासन स्तर पर भी तैयारियां की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि पहली कैबिनेट में आगामी विधानसभा सत्र को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा भाजपा के चुनाव दृष्टि पत्र को सरकारी नीति दस्तावेज बनाए जाने का फैसला भी लिया जा सकता है।
सीएम पर सस्पेंस जल्द होगा ख़त्म, कुछ ही देर में शुरू होगी विधायक दल की बैठक..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजेगा, इसका फैसला आज हो जाएगा। विधायक मंडल दल की होने जा रही बैठक में बीजेपी विधायक दल के नेता चुना जाएगा। प्रदेश के पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देहरादून पहुंच गए हैं। उनकी मौजूदगी में देहरादून में होने वाली बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग जाएगी। भाजपा प्रदेश कार्यालय में होने वाली बैठक में पार्टी हाईकमान के फैसले के अनुसार मुख्यमंत्री के नाम पर एलान कर दिया जाएगा। बता दे कि बैठक में भाग लेने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम सोमवार दोपहर को देहरादून पहुंच गए हैं।। इसके अलावा चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी समेत प्रदेश के सभी राज्यसभा व लोकसभा सांसद और नवनिर्वाचित विधायक बैठक में पहुंच गए हैं।
भाजपा हाईकमान से मुलाकात के बाद,पुष्कर सिंह धामी ने कहा कुछ ऐसा..
उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव 2022 में सीएम पुष्कर सिंह धामी के खटीमा विधानसभा सीट से हार के बाद अब भाजपा विधायकों ने लॉबिंग भी शुरू कर दी है। कई विधायक सहित सांसद मुख्यमंत्री की रेस में शामिल होने की बात कह रहे हैं। आपको बता दे कि इसी के बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि भाजपा हाईकमान ही उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाएगी। उत्तराखंड की कमान किसके हाथों में दी जाएगी इस पर केंद्रीय नेतृत्व गहनता से विचार कर रहा है। विधायक दल की बैठक के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी। धामी के हारने के बाद करीब आधा दर्जन विधायकों ने उनके लिए सीट छोड़ने की भी पेशकश कर डाली है। अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा हाईकमान धामी पर दोबारा भरोसा जताती है या फिर विधायकों के बीच में से ही किसी को उत्तराखंड की कमान सौंपती है।
20 मार्च तक मुख्यमंत्री के नाम की हो सकती है घोषणा.
बता दे कि उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भाजपा हाईकमान 20 मार्च तक मुहर लगा सकती है। हाईकमान ने भाजपा के सभी निर्वाचित विधायकों को होली के बाद देहरादून में रहने की सख्त हिदायत दी है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत के बाद भी हाईकमान ने नेता सदन की चयन प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की है।
बताया जा रहा है कि 17 मार्च यानि आज तक होलाष्टक होना इसका मुख्य कारण है। मुख्यमंत्री चयन के लिए भाजपा हाईकमान भी काफी सतर्क है ताकि पिछली बार की तरह तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने जैसी स्थितियों न पैदा हो। ऐसे में हाईकमान सभी विकल्पों पर गहनता से विचार कर रही है।
उत्तराखंड में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के पास तीन-तीन विकल्प हैं। राजनैतिक सूत्रों की मानें तो पहला विकल्प कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी को रिपीट करने का होगा। तो दूसरे विकल्प के तौर पर भाजपा निर्वाचित विधायकों में से ही किसी विधायक को उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री बना सकते हैं। जबकि, तीसरे विकल्प की बात करें तो भाजपा विधायकों से बाहर किसी सांसद को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी भी सौंप सकती है।
उत्तराखंड में भाजपा अभी नहीं बना पाएगी सरकार..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन में शुक्रवार को राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया हैं। अब उत्तराखंड में बहुमत हासिल करने के बाद सबकी निगाहें नई सरकार के गठन पर लग गई हैं। लेकिन भाजपा के हलकों में यह चर्चा है कि नई सरकार के गठन में कुछ देरी हो सकती है। इसका कारण होलाष्टक माना जा रहा है। आपको बता दे कि 10 मार्च से होलाष्टक लगा है जो अगले आठ दिन होली तक रहेगा। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने भी ऐसे आसार जताए हैं कि होलाष्टक के कारण सरकार के गठन में देरी हो सकती है। बता दें कि माना जाता है कि होलाष्टक के दौरान कोई शुभ या मंगल कार्य नहीं होता।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार से भाजपा उत्तराखंड में सीएम पद पर नाम को लेकर उलझन में है। इस बीच पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। दोनों नेता जल्द होने वाली विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम पर विधायकों की राय से पार्टी नेतृत्व को अवगत कराएंगे। हालांकि विधायक दल की बैठक कब होगी, इसकी तारीख तय नहीं की गई है।
उत्तराखंड में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल करने का कीर्तिमान बनाया है। हालांकि चुनाव से चंद महीने पहले मुख्यमंत्री बनाए गए धामी खटीमा से चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर पशोपेश में है। पार्टी में नए सीएम के नामों पर कयासबाजी का दौर भी जारी है। अलग-अलग गुट इस पद के लिए अपने नेता की दावेदारी कर रहे हैं। दो विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट से इस्तीफा का प्रस्ताव दिया है। हालांकि पार्टी नेतृत्व धामी पर दांव लगाएगा या नया चेहरा पेश करेगा, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
बलूनी, निशंक, अजय व सतपाल महाराज के नाम चर्चा में..
प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने धामी के हाथ में सरकार की कमान देने की घोषणा की थी। पीएम राज्य में नया और युवा नेतृत्व को उभारना चाहते हैं। इसलिए पांच साल के कार्यकाल में राज्य को धामी के रूप में तीसरा मुख्यमंत्री मिला। हालांकि धामी की हार ने पार्टी का समीकरण बिगाड़ दिया है। नए दावेदारों में पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट का नाम लिया जा रहा है। सतपाल महाराज के नाम की भी चर्चा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व की पसंद युवा नेता ही होगी।
नतीजे के बाद नहीं हुई है विस्तृत चर्चा..
बता दे कि बृहस्पतिवार को नतीजे आने के बाद अलग-अलग राज्यों में सरकार के गठन को लेकर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हुई है। महज उत्तराखंड के लिए गोयल और प्रधान को पर्यवेक्षक बनाने का फैसला किया गया है। नतीजे के दूसरे दिन पीएम और गृहमंत्री शाह दोनों गुजरात में हैं। ऐसे में इनके वहां से लौटने के बाद संभवत: रविवार को अलग-अलग राज्यों में सरकार के गठन और शपथ की तारीख पर चर्चा होगी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा..
उत्तराखंड: देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आ रही है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से भेंट कर मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र सौंपा। पुष्कर सिंह धामी का इस्तीफ़ा स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने उनसे राज्य में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति होने एवं पदभार ग्रहण करने की अवधि तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।
पिछले साल जुलाई में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी ने धामी को राज्य की कमान सौंपी थी। इसके बाद धामी ने राजनीतिक कौशल का परिचय देकर पार्टी हाईकमान का ध्यान खींचने में सफलता पाई थी। यही वजह है कि पार्टी ने साफ कर दिया था कि विधानसभा चुनाव में धामी ही उसका चेहरा होंगे। पुष्कर सिंह धामी ही मेहनत का ही नतीजा रहा कि बीजेपी स्पष्ट बहुमत से सत्ता में आ गई, लेकिन वो अपना दुर्ग नहीं बचा पाए। धामी के चुनाव हारने के बाद कई विधायकों ने उनके लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की है। चंपावत से चुनाव जीतने वाले बीजेपी विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि अगर धामी दोबारा चुनाव लड़ने को तैयार हैं, तो वो उनके लिए सीट छोड़ सकते हैं। बहरहाल मुख्यमंत्री पद को लेकर कई दावेदार मैदान में है, हालांकि अभी इसे लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
एक लाख वोटों से जीते योगी, संगीत सोम को मिली मात..
देश-विदेश: उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतगणना जारी है। रुझानों में UP में 273 सीटों पर भाजपा ने बढ़त बना ली है। जबकि सपा 123 सीटों पर ही सिमटी दिखाई दे रही है। कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य हार गए हैं। मोहनलालगंज सीट से भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। देवबंद सीट से भाजपा प्रत्याशी बृजेश सिंह जीत गए हैं, वहीं जनसत्ता दल के खाते में प्रतापगढ़ का पहला नतीजा आया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 1,02,399 मतों के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। वहीं, मेरठ की सरधना सीट से भारतीय जनता पार्टी के संगीत सोम हार गए हैं। उन्हें सपा के अतुल प्रधान ने हराया। भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम नहीं लगा सके जीत की हैट्रिक। सरधना में पहली बार साइकिल दौड़ी। सरधना विधानसभा सीट से सपा रालोद गठबंधन के अतुल प्रधान ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को हरा दिया है। संगीत सोम इससे पहले दो बार यहां से चुनाव जीते थे, जबकि अतुल प्रधान दो बार चुनाव हारे थे। सरधना सीट पर ऐसा पहली बार हुआ है जब सपा का कोई प्रत्याशी जीता है। हार जीत का अंतर करीब 18000 वोटों का है। हालांकि, अभी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। जब चार राउंड की मतगणना होनी बाकी थी, उससे पहले ही संगीत सोम मोदीपुरम में कृषि विश्वविद्यालय स्थित मतगणना स्थल से चले गए थे।
लोहाघाट सीट पर 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी..
उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव के 23 दिन बाद आज उत्तराखंड में सभी 70 विधानसभा सीटों के चुनाव नतीजे आएंगे। इसके साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि इस बार सत्ता की बागडोर किस दल के हाथों में आएगी। शुरुआती एक घंटे के रुझानों में भाजपा ने बहुमत की 36 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है
लोहाघाट सीट पर 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी
लोहाघाट सीट कांग्रेस ने 10 साल बाद भाजपा से वापस ली। 6118 वोटों से जीते। उत्तराखंड में लोहाघाट विधानसभा का रिजल्ट आया सामने। लोहाघाट सें कांग्रेस की जीत हुई। कांग्रेस प्रत्याशी खुशाल सिंह अधिकारी को 32,244 वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी पूरन सिंह फर्तयाल को 26,126 वोट मिले। कांग्रेस के खुशाल सिंह अधिकारी ने 6,118 वोटो सें जीत हासिल की।
खटीमा में सीएम धामी को पछाड़कर कांग्रेस के भुवन कापड़ी 1068 मतों से आगे..
खटीमा सीट से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर पूरे प्रदेश की निगाह है, लेकिन सीटों की दौड़ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीसरे चरण के बाद भारी मतों से पीछे चल रहे हैं। खटीमा में तीसरे चरण की मतगणना पूरी हो गई है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 12,989 वोट मिले हैं। वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के भुवन कापड़ी को 14057 मत मिले हैं। जबकि तीसरे चरण तक कुल 203 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया है। आम आदमी पार्टी के कलेर को कुल 192 वोट मिले हैं। मतगणना के दौरान पहले चरण में भी मुख्यमंत्री धामी पीछे चल रहे थे। जबकि कहा जा रहा है कि दूसरे चरण में सीएम धामी आगे हो गए थे। ऐसे में अब तीसरे चरण में भी सीएम धामी पीछे हो गए हैं। फिलहाल मतगणना का कार्य जारी है।
योगी को कुटिया बनाने के लिए दे दूंगा जमीन- हरीश रावत..
देश-विदेश: प्रदेश में चुनाव संपन्न होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रचार में जुट गए हैं। बुधवार को प्रयागराज पहुंचे हरीश रावत ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा और कहा कि हार के बाद उन्हें कुटिया बनाने के लिए उत्तराखंड में जमीन दे देंगे। हरीश रावत का कहना हैं कि उत्तराखंड में बीजेपी की हार होगी। चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले ही सीएम पद के लिए दावेदारी जताने में जुटे हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस को बहुमत मिलेगा।
उन्होंने यूपी में भी बीजेपी की हार का दावा करते हुए सीएम योगी पर कटाक्ष किया। हरीश रावत ने कहा, ”बीजेपी को उत्तराखंड से भगा दिया गया है। हम सीएम योगी को (यूपी में चुनाव हारने के बाद) उत्तराखंड में कुटिया बनाने के लिए जगह दे देंगे।” गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ का जन्म अविभाजित यूपी के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था, जो अब उत्तराखंड में है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सिविल लाइंस के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नेहरू परिवार की पांचवीं पीढ़ी जनता से सेवा का मौका मांग रही है, उसे भी मौका दें। उन्होंने कहा कि मोती लाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के बाद अब राहुल और प्रियंका जनता की सेवा के लिए सामने आए हैं।
विधानसभा चुनाव के संदर्भ में हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा को खदेड़ दिया और अब यूपी में भी ऐसा होगा। प्रयागराज त्रिवेणी संगम का क्षेत्र है। प्रयाग की माटी से कांग्रेस का पुराना नाता है। इस लगाव को अब ऊर्जा देने का वक्त आ गया है। उनका कहना हैं कि भाजपा ने यूपी की जनता के अरमान रौंदने का काम किया। ऐसे में अब कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है। कोरोनाकाल में लोग बेबसी के हाल में घरों को लौटे। सरकार ने लोगों को मरने के लिए सड़कों पर छोड़ दिया था।
हरीश रावत का पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह के लिए छलका दर्द..
उत्तराखंड: भितरघात पर आए दिन उठ रहे तूफान के बीच पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी भाजपा की एक दुखती रग छेड़ दी। सोमवार को मीडिया से बातचीत में रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह के साथ काफी अपमानजनक व्यवहार किया गया है। उनके करीबियों के चुन चुन कर टिकट काटे गए। जिस व्यक्ति को पौने चार साल तक सीएम बनाकर रखा गया, उसे बिना कारण बताए हटा देना भला कहां उचित है?
आपको बता दे कि राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित भोज के दौरान हरीश रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र के साथ काफी बुरा किया गया है। उनके साथ नजदीकी को भी एक अपराध माना जाने लगा था। यह आचरण गलत है। नई सरकार पर ब्यूरोक्रेसी की उलझन पर रावत ने कहा कि राज्यहित में काम करने वाले किसी भी नौकरशाह को कांग्रेस की सरकार से दिक्कत नहीं होगी।
वही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान पर टिप्पणी करने से परहेज किया। त्रिवेंद्र का कहना हैं कि अभी मेरी जानकारी में रावत का बयान नहीं आया है। वैसे भी रावत जी मेरे बड़े भाई के समान हैं।
2023 तक हरिद्वार मेडिकल कालेज का कार्य पूरा करने का लक्ष्य-सीएम धामी..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जगजीतपुर में निर्माणाधीन मेडिकल कालेज और अस्पताल का जायजा लिया। इसके साथ ही निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से कार्यों की प्रगति भी जानी। इस दौरान सीएम धामी ने निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उनका कहना हैं कि कार्यों में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए।
बता दे कि हरिद्वार के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगस्त 2023 तक मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है। 2024 तक यह पूरी तरह से अस्तित्व में आ जाएगा। एक सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार आ रही है। इसके साथ ही उनका कहना हैं कि पार्टी के लोगों को अपनी बात पार्टी स्तर पर रखनी चाहिए। चाहे उसमें विधायक हो या पार्टी संगठन का कोई भी पदाधिकारी।