उत्तराखंड में ढाई लाख से ज्यादा हैं पूर्व सैनिक, इन्ही के सहारे उत्तराखंड का सियासी समर..
उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों के बीच पूर्व सैनिक परिवारों से जुड़े करीब साढ़े बारह लाख वोटरों को रिझाने के लिए सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से चाल चल रही हैं। आने वाले समय में कांग्रेस भी पूर्व सैनिकों के वोटों को साधने के लिए दांव चल सकती है। जिसके चलते सैनिकों व पूर्व सैनिकों के वोटों के लिए होड़ मचनी शुरू हो गई है।
आपको बता दे कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड में नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के सांसद अजय भट्ट को केंद्र में रक्षा राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके साथ ही मंत्री अजय भट्ट भी पूर्व सैनिकों से बातचीत आगे बढ़ाने में जुट गए हैं। मंत्री बनने के बाद से वह लगातार पूर्व सैनिकों के संपर्क में नजर आ रहे हैं। सोमवार को निकाली गई जन आशीर्वाद यात्रा में भी कई पूर्व सैनिक शामिल हुए। सूत्रों का कहना है कि सेना, सैनिक व पूर्व फौजी भाजपा का सबसे बड़ा फोकस है। यही वजह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराखंड दौरे में पूर्व सैनिकों का एक अलग कार्यक्रम रखा गया है।
इसके साथ ही अब आम आदमी पार्टी ने कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल पर दांव खेलकर सैन्य बहुल उत्तराखंड में फौजी वोट बैंक पर सेंध लगाने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कर्नल (सेवानिवृत्त) अजय कोठियाल को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर खलबली मचा दी। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस भी बहुत जल्द पूर्व फौजियों को रिझाने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकती है।
आपको बता दे कि प्रदेश में पूर्व सैनिकों की संख्या ढाई लाख से ज्यादा है। बताया जा रहा है कि हर पूर्व सैनिक के परिवार में औसतन पांच वोटर होंगे। इसलिए साढ़े बारह लाख से ज्यादा वोटरों पर सभी की निगाहें हैं। इसके अलावा वर्तमान फौजियों के परिवार भी बड़ी संख्या में उत्तराखंड में रहते हैं। पूर्व फौजी उनके भी मतों पर असर डालते हैं। इसके साथ ही कई परिवार ऐसे भी हैं जिनमें पूर्व के साथ ही वर्तमान फौजी भी हैं। विधानसभा चुनावों में ये वोट कई सीटों पर हार-जीत का फैसला भी करते हैं। पूर्व में भी पार्टियों के बीच इन वोटरों को लेकर खींचतान रही है। भाजपा इन वोटों पर ज्यादा सेंध लगाती है। इस बार भी राजनीतिक पार्टियां इस होड़ में जुट गई हैं।
भाजपा के दो बड़े मुद्दों पर केजरीवाल ने की चोट..
वही भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सैनिक और हिंदुत्व के एजेंडों पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चोट करने का प्रयास किया है। एक ओर जहां उन्होंने हिंदुओं के लिए उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा कर हिंदुत्व के एजेंडे पर चोट की है तो दूसरी ओर पूर्व सैनिकों के वोट बैंक को लेकर उन्होंने कर्नल को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है। सैन्य बहुल हमारे प्रदेश में बड़ी संख्या पूर्व सैनिक और उनके परिवार की है। आज भी उनकी कई समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। उनका कहना हैं कि हमें मौका मिलेगा तो उनकी समस्याओं के समाधान सर्वोच्च प्राथमिकता पर किए जाएंगे।
भाजपा सरकार का मेगा इवेंट आज,हर विस के लिए 12 लाख रुपये की व्यवस्था..
उत्तराखंड: आचार संहिता लागू होने से पहले शुक्रवार को राज्य की भाजपा सरकार का मेगा इवेंट होगा। राज्य के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें राज्य सरकार की उपलब्धियों को पांच साल तक साझा किया जाएगा। साथ ही हर विधानसभा विकास कार्य का शिलान्यास व उद्घाटन भी होगा।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा के कार्यक्रम में होंगे, जबकि हर विधानसभा में कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के विधायक करेंगे। जहां पार्टी का कोई विधायक नहीं है, वहां जिलाधिकारी अपने विवेक से एक जन प्रतिनिधि से कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इस मेगा इवेंट के आयोजन के लिए राज्य सरकार ने 8.40 करोड़ रुपये का बजट भी प्रावधान किया है।
इसके साथ ही प्रत्येक विधानसभा के कार्यक्रम पर 12 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। कार्यक्रम के आयोजन के लिए सरकार की ओर से सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री के लाइव संबोधन की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री खटीमा से संबोधित करेंगे। जो कि सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सुना जाएगा। प्रत्येक विधानसभा में आयोजन स्थल पर एलईडी लगाई जाएगी।
क्या बीजेपी देगी उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका?
उत्तराखंड: प्रदेश में चुनाव से पहले पार्टियों के बीच आने और जाने का सिलसिला लगातार जारी है। आने और जाने के इन सिलसिलों के बीच कुछ वक्त से एक खबर राजनीतिक हलकों में तैर रही थी। जो कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्य़ाय को लेकर थी। आपको बता दे कि काफी दिनों से चर्चाएं सामने आ रही थी कि किशोर उपाध्य़ाय बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। बता दे कि इन बातों को बल तब मिला जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय बीजेपी के नेताओं के साथ रेसकोर्स स्थित बीजेपी के महामंत्री संगठन अजय कुमार के फ्लैट में दिखाई दिए।
किशोर उपाध्याय काफी देर तक यहां बैठे नजर आए। इस दौरान उनके साथ चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी भी मौजूद रहे। जिसे देखते हुए चर्चाओं का दौर फिर से शुरू हो गया हैं। अब देखना यहां होगा कि क्या भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में कांग्रेस को जल्द ही बड़ा झटका देगी ? सूत्रों का कहना हैं कि किशोर उपाध्याय लगातार बीजेपी आलाकमान के संपर्क में है। बताया जा रहा था कि कुछ ही वक्त में किशोर उपाध्याय बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
बीजेपी में जाने की खबरों के बीच किशोर उपाध्याय का बयान भी सामने आया है उनका कहना कि यह सब अफवाह है। वो वनाअधिकार आंदोलन के मुद्दों को लेकर सभी से मिल रहे हैं। किशोर उपाध्याय ने यह भी कहा कि विघ्न संतोषी ही इस मुलाकात को दूसरे रूप में ले रहे हैं। उनका कहना है कि मैंने पहले भी कहा है कि उन मुद्दों पर लड़ने या स्वीकार करने वालों के साथ वार्तालाप में मुझे कोई हर्ज नहीं लगता इसलिए अफवाहों पर ध्यान ना दें।
तो आखिर सीएम लेंगे पुलिस कर्मियों के ग्रेड-पे पर फैसला..
उत्तराखंड: शुक्रवार को कैबिनेट ने पुलिस कर्मियों के ग्रेड पे मामले में फैसला लेने के लिए सीएम को अधिकृत किया है। पुलिस कर्मियों के ग्रेड पे के विवाद में सीएम पुष्कर सिंह धामी अंतिम निर्णय लेंगे। साथ ही पीआरडी कर्मियों को साल में 300 दिन रोजगार देने और लोनिवि के संविदा कर्मियों के मामले में भी सीएम ही निर्णय लेंगे कैबिनेट में आए सात महत्वपूर्ण प्रस्तावों में तीन के लिए कैबिनेट ने सीएम को फैसला करने का अख्तियार दे दिया। ये तीनों ही विषय काफी महत्वपूर्ण और संवेदनशील बन चुके हैं।
पुलिस कर्मियों के परिजन पिछले काफी दिनों से आंदोलन कर रहे हैं कई बार रैलियां निकाल चुके हैं। पीआरडी जवान भी साल में 300 दिन का सुनिश्चित रोजगार देने की मांग करते आ रहे हैं। लोनिवि में संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का मामला भी पिछले काफी दिनों से गरमाया हुआ है। आर्थिक पेंच की वजह से लंबे समय से ये मामले लटके हुए हैं। कैबिनेट ने सर्वसम्मति से तय किया कि सीएम जो भी निर्णय लेंगे वो सर्वस्वीकार्य होगा।
कुमाऊं में पीएम मोदी करेंगे एम्स का शिलान्यास- मुख्यमंत्री धामी..
उत्तराखंड: 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हल्द्वानी दौरे पर रहेंगे। अपने हल्द्वानी दौरे में प्रधानमंत्री एम्स का शिलान्यास भी करेंगे। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को दी। मुख्यमंत्री ने गंगोलीहाट में 21 करोड़ 57 लाख 7 हजार की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री का कहना हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री से ऋषिकेश की तरह ही कुमाऊं मंडल के लिए एम्स का आग्रह किया था। जिसे स्वीकार करते हुए उन्होंने सहमति दी और अब 30 दिसंबर को हल्द्वानी आगमन पर प्रधानमंत्री कुमाऊं में एम्स का शिलान्यास करेंगे।
आपको बता दे कि जीआईसी गंगोलीहाट मैदान में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने सड़कों के डामरीकरण सुधारीकरण का लोकार्पण और जीआईसी कांडा किरोली में अतिरिक्त कक्ष, नगर पंचायत बेरीनाग का भवन, जीआईसी दसाईथल में अतिरिक्त कक्ष का शिलान्यास किया। अपने 37 मिनट के संबोधन में मुख्यमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी का गुणगान करते नजर आए। उनका कहना हैं कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में काशी, अयोध्या, मथुरा, बद्रीनाथ और केदारनाथ आदि मंदिरों का निर्माण व पुनर्निर्माण किया जा रहा है।
नाम बदलने की लगी होड़, जोशीमठ का नाम बदलकर कर दिया ज्योतिर्मठ..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अपनी सरकार के फैसले की घोषणा करते हुए जोशीमठ का नाम बदलकर ‘ज्योतिर्मठ’ कर दिया। आपको बता दे कि राज्य सरकार ने हाल ही में चमोली जिले के घाट ब्लॉक का नाम बदलकर नंदननगर कर दिया था। जोशीमठ बद्रीनाथ देवता की शीतकालीन सीट है और आठवीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार ‘मठों’ में से एक है, अन्य तीन श्रृंगेरी, पुरी और द्वारका में हैं।
सीएम धामी ने चमोली जिले में 56 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए कहा, ”हमारा लक्ष्य विकास को अंतिम व्यक्ति तक ले जाना है और इसे हासिल करने के लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं।
पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले नाम बदलने की होड़ में है। सीएम धामी ने नंदनगर में आयोजित भाजपा की विजय संकल्प रैली में कहा कि मोदी के निर्देशन में और राज्य के मुख्य सेवक के रूप में हमारा संकल्प है कि जब हम राज्य की स्थापना का 25वां स्थापना दिवस मनाएंगे, तो हमारे राज्य की गणना की जानी चाहिए. भारत के सर्वश्रेष्ठ और अग्रणी राज्य में से एक है।
प्रगति की ऊर्जा का पावर हाउस है डबल इंजन की सरकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व पीएम और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर भाषण की शुरुआत की थी। उनका कहना है कि आज वाजपेयी जयंती है जिन्होंने पीएम रहते हुए हमें उत्तराखंड दिया और आज पीएम मोदी के भावपूर्ण लगाव से उत्तराखंड को हर क्षेत्र में आगे ले जाने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकारों को डबल इंजन की सरकार बताते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार प्रगति की ऊर्जा का पावर हाउस है।
इसके साथ ही उन्होंने विजय संकल्प रैली में मौजूद राज्य के पूर्व सीएम और गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत की जमकर तारीफ की। बैठक और रैली में मौजूद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कार्य और दूरदृष्टि की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री का कहना हैं कि पीएम के नेतृत्व में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल मार्ग का कार्य प्रगति पर है।
जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं- हरीश रावत
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट से कांग्रेस में सियासी घमासान मचा हुआ है। रावत के कुछ ऐसे ट्वीट सामने आए हैं जिससे पार्टी आलाकमान से उनकी नाराजगी दिख रही हैं। अपने ट्वीट में अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस आलाकमान के रवैये पर अंगुली उठाते हुए कुछ ऐसा भी लिख दिया है जिसे कुछ लोग उनके रिटायरमेंट से जोड़कर देख रहे हैं। इन सबके बीच हरीश रावत के सलाहकार सुरिंदर अग्रवाल का भी बयान सामने आया हैं। जिसमें उनका कहना है कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। अगर देवेंद्र यादव की मौजूदगी में राहुल गांधी की रैली से उनके पोस्टर हटा दिए जाते हैं तो उनकी भूमिका संदेह में आ जाती है। इसके बाद उन्होंने कहा कि संभावना है कि देवेंद्र यादव साजिश में शामिल हों।
सुरिंदर अग्रवाल का कहना है कि भाजपा ने हमारे किसी सदस्य को धमकाने के लिए ईडी या सीबीआई का इस्तेमाल किया होगा। उन्होंने हरीश रावत और हमारे सदस्यों के बीच मतभेद पैदा करने के अपने मकसद को पूरा करने के लिए हमारे किसी सहयोगी को गुमराह किया होगा। भाजपा ने पहले भी ऐसा किया है और यह उनके लिए एक छोटा सा काम है।
आपको बता दे कि हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!
बड़ी उहापोह की स्थिति में हूंं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे..
इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उहापोह की स्थिति में हूंं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवना केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
उत्तराखंड में नई खेल नीति लागू,राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को नौकरी देगी प्रदेश सरकार..
उत्तराखंड: नई खेल नीति को कैबिनेट की मंजूरी के बाद राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को सरकार नौकरी और खेल का माहौल उपलब्ध कराएगी। इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसके साथ ही छोटी उम्र के उभरते खिलाड़ियों के लिए भी सरकार की ओर से खजाना खोला गया है। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत 8 से 14 साल तक के खिलाड़ियों को शारीरिक टेस्ट और दक्षता के आधार पर हर महीने 1500 रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
आपको बता दे कि प्रदेश की नई खेल नीति के अनुसार ओलंपिक खेल में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी को समूह ख पद (ग्रेड पे-5400) पर नियुक्ति दी जाएगी। जबकि ओलंपिक खेल में प्रतिभाग, विश्व चैंपियनशिप, विश्वकप, एशियन खेल एवं राष्ट्रमंडल खेल के पदक विजेता खिलाड़ी को ग्रेड पे-4600 एवं 4800 के सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति दी जाएगी।
अधिसूचना के अनुसार, सैफ खेल व राष्ट्रीय खेल में पदक विजेता खिलाड़ियों, एशियन खेल, राष्ट्रमंडल खेल, मान्यता प्राप्त खेल संघों की ओर से आयोजित विश्व चैंपियनशिप, विश्वकप के प्रतिभागियों, एशियन चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के पदक विजेता खिलाड़ियों को उनकी खेल प्रतिस्पर्धा के स्तर एवं उसकी महत्ता के अनुसार विभागों के चिह्नित समूह ग के पदों पर नियुक्ति दी जाएगी।
आपको बता दे कि प्रदेश के 14 से 23 साल तक के मेधावी खिलाड़ियों को खेल संबंधी जरूरतों के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। हर साल 2,600 खिलाड़ियों को दो हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा भी दी जाएगी।
प्रदेश के खिलाड़ियों को शैक्षणिक, तकनीकी संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए पांच फीसदी खेल कोटा दिया जाएगा। साथ ही प्रदेश में मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की भी स्थापना की जाएगी।
उत्तराखंड बोर्ड मेधावी छात्र-छात्राओं के खाते में लैपटॉप के लिए 40 हजार रुपये देगी सरकार..
उत्तराखंड: प्रदेश में उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्र-छात्राओं के खातों में डीबीटी के माध्यम से इस सप्ताह तक सरकार लैपटॉप के लिए 40 हजार रुपये देगी। शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी का कहना हैं कि विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द मेधावी छात्रों को डीबीटी के माध्यम से लैपटॉप की रकम दे दी जाए।
उत्तराखंड बोर्ड के वर्ष 2019-20 के मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिए जाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए तय किया गया था कि विभाग की ओर से लैपटॉप उपलब्ध कराए जाएंगे, लेकिन अब तक मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए लैपटॉप नहीं खरीदे जा सके हैं। विभाग ने इसके लिए अब तक टैंडर भी नहीं निकाले हैं। अब जब विधानसभा चुनाव सिर पर आ गए हैं तो मेधावी छात्रों को लैपटॉप खरीदकर देने के बजाए डीबीटी के माध्यम से इसकी रकम देने का निर्णय लिया गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं की मेरिट सूची में टॉप 25 में आए छात्र-छात्राओं के खातों में यह रकम दी जाएगी। इसके लिए विभाग ने विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर से ऐसे छात्र-छात्राओं की सूची मंगा ली है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के टॉप 25 छात्र-छात्राओं में करीब 125 छात्र-छात्राएं इस दायरे में आ रहे हैं। जिन्हें लैपटॉप के लिए धनराशि दी जाएगी। जिसके लिए 50 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। शासन से आदेश मिलते ही छात्रों को इसके लिए धनराशि दे दी जाएगी।
आचार संहिता लगने से योजना शुरू करने पर जोर
आपको बता दे कि चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सरकार का मेधावियों को लैपटॉप दे देने पर जोर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षा के मेधावियों को लैपटाप देने की घोषणा की थी। सरकार इस कोशिश में है कि आचार संहिता लगने से पहले मेधावियों को लैपटाप मिल ही जाए। सरकार लैपटॉप खरीद कर देने के बजाय सीधे डीबीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं के खाते में 40 हजार रुपये की राशि जमा करेगी।
2.59 लाख छात्रों को इसी मह मिलेगा टैबलेट का पैसा
प्रदेश के समस्त महाविद्यालयों और उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के 2.59 लाख छात्र-छात्राओं को इसी महीने टैबलेट के लिए पैसे मिल जाएंगे। विभाग की इसके लिए 25 दिसंबर को विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में समारोह आयोजित करने की तैयारी कर ली है। फिलहाल कुछ विधानसभा क्षेत्रों के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बना दिया गया है।
हर विधान सभा क्षेत्र में होंगे कार्यक्रम..
टैबलेट के पैसे देने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित होंगे। हर विधान सभा क्षेत्र के कार्यक्रम में 100-100 बच्चों को बुलाने की तैयारी की गई है।
विधानसभा चुनाव के लिए cds रावत के नाम का सहारा ले रही है ये दो पार्टिया..
उत्तराखंड: प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस नेता, भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हर मुद्दे पर एक दूसरे से झगड़ रहे हों लेकिन दोनों पार्टियां मतदाताओं से एक आम वादा कर रही हैं- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के ‘सपनों और परिकल्पना’ को साकार करना, जिनकी पिछले हफ्ते एक हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी।
जहां सत्तारूढ़ पार्टी के नेता राज्य के विकास के अपने संकल्प को बढ़ावा देने के लिए बार-बार जनरल रावत के नाम का आह्वान करते हैं, वहीं कांग्रेस ने उनके लिए भारत रत्न की मांग की है। आपको बता दे कि राज्य में सेवारत और रिटायर्ड रक्षा कर्मियों तथा उनकी विधवाओं की अनुमानित संख्या 2.5 लाख है- जो एक बड़ा वोट बैंक है।
जनरल रावत पौड़ी गढ़वाल ज़िले में पैदा हुए थे और उन्होंने क्षेत्र के विकास में अपनी रूचि बनाए रखी। उन्होंने अपना रिटायरमेंट समय भी उत्तराखंड में ही बिताने की उनकी योजना थी। रविवार को जनरल रावत के गृह जिले पौड़ी में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रण किया कि वो स्वर्गीय सीडीएस के ‘सपनों और परिकल्पना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड के विकास पर काम करेंगे।
धामी का कहना हैं कि ये जमीन शहीद जनरल बिपिन रावत की है। हमने जनरल से ज्यादा एक अभिभावक को खोया है, जो हमेशा उत्तराखंड के विकास और प्रगति का सपना देखते थेरविवार को एक और बयान में सीएम ने रावत का नाम लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। जाहिरी तौर पर प्रियंका गांधी के एक आदिवासी नृत्य में शामिल होने के वीडियो का हवाला देते हुए धामी ने कहा, ‘जब देश जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य लोगों की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत पर शोक मना रहा था, तो एक अन्य राजनीतिक पार्टी गोवा में मजे कर रही थी।
वही पूर्व उत्तराखंड मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि जनरल रावत का बार-बार नाम लेने के कोई ‘राजनीतिक अर्थ’ नहीं हैं लेकिन अन्य बीजेपी नेताओं ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि अगर चुनाव प्रचार के दौरान राज्य की तरक्की के लिए स्वर्गीय सीडीएस के विचारों को बार-बार आगे बढ़ाया जाता है, तो पार्टी को उसका लाभ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी संभावना है कि विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तराखंड के लिए जनरल रावत की योजनाओं का बार-बार उल्लेख किया जाएगा।
वही कांग्रेस नेता भी स्वर्गीय जनरल के नाम का आह्वान कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें भी एक अवसर चाहिए कि वो राज्य के विकास के लिए उनके विचारों को अमलीजामा पहना सकें।
जनरल रावत की इच्छाओं को पूरा करने का मौका चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस भी अपने विचारों के जनरल रावत के विजन के अनुरूप होने का प्रसारण कर रही है और उसने मांग की है कि उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। पूर्व उत्तराखंड सीएम और प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कहना हैं कि स्वर्गीय सीडीएस ‘राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रतीक’ थे और उन्हें ‘एक विशेष समारोह में भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वो जनरल रावत के विचारों पर अमल करेगी- हरीश रावत
पूर्व सीएम ने कहा, ‘मुझे कुछ मौकों पर स्वर्गीय सीडीएस से बात करके उत्तराखंड के बारे में उनके विचार जानने का मौका मिला। वो एक ईमानदार ऑफिसर थे जिन्होंने कई योजनाओं के बारे में बात की, जो उत्तराखंड के लोगों, खासकर दूर-दराज पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के कल्याण के लिए अमल में लाई जा सकती थीं। अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है, तो हम राज्य के लिए उनके विचारों तथा इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।