अब इस चुनाव प्रचार में उतरेंगे बीजेपी नेता..
उत्तराखंड: हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद अब दिल्ली के एमसीडी चुनाव में उत्तराखंड बीजेपी के नेता हुंकार भरेंगे। इसके लिए पार्टी द्वारा विधानसभा एवं वार्ड स्तर पर चुनाव प्रचार के लिए उत्तराखंड के 42 पदाधिकारियों व वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की सूची जारी की गई है। साथ ही कई नेताओं को दिल्ली भेजा गया है।
प्रदेश महामंत्री खिलेन्द्र चौधरी के नेतृत्व में 28 पदाधिकारियों व वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को वार्ड स्तर पर कार्य करने की जिम्मेदारी दी गई है। महिला मोर्चा आशा नौटियाल के नेतृत्व में महिला मोर्चा की टीम भी पहले से ही दिल्ली चुनाव प्रचार में लगी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने चुनाव प्रचार के लिए 42 पदाधिकारियों व वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की सूची जारी की।
सूची में प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेंद्र बिष्ट, कैलाश शर्मा, पुष्कर काला, दीपक मेहरा, विनय रुहेला, राकेश नैनवाल, सौरभ थपलियाल, नवीन ठाकुर, राजेश कुमार, नीरज पांथरी, गणेश ठाकुराठी, राकेश राणा, रविन्द्र कटारिया व प्रकाश हरबोला के नाम शामिल हैं। बताया जा रहा कि दिल्ली एमसीडी चुनाव में पहली बार उत्तराखंड मूल के रिकॉर्ड 10 कार्यकर्ताओं को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है। सभी नेताओं को चुनाव प्रचार में जाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री संगठन भी चुनाव प्रचार के लिए रवाना हो गए हैं।
70वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का सीएम ने किया उद्घाटन..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौचर में 70वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का विधिवत् उद्घाटन किया। मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने पर उनका बैंड की मधुर धुन के साथ फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गौचर मेला मैदान को मिनि स्टेडियम के रूप में विकसित करने और गौचर मेले के सफल संचालन के लिए 10 लाख देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण एक प्रसिद्व राजकीय मेला है और साल दर साल यह मेला अपनी ऊॅचाईयों को छू रहा है। उन्होंने मेले को भव्य एवं आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशिष्ट और ऐतिहासिक मेला हमारे राज्य के प्रमुख मेलों में से एक है और इसमें सरकार के अधिकांश विभाग भाग लेते हैं।
मेले हमारे जीवन में इन्द्रधनुषी रंगों की तरह हैं, जो जीवन में ताजगी और उत्साह भर देते हैं। प्राचीन समय में, जब संचार और परिवहन की कोई ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, तो इन मेलों ने सामाजिक ताने बाने को बुनने में बहुत मदद की और लोगों का सामाजिक और व्यावहारिक दायरा बढ़ाया। हमारे देश में और विशेष रूप से उत्तराखंड में अधिकतर मेले सांस्कृतिक मेल मिलाप का माध्यम रहे हैं, परंतु गोचर मेला विशेष है, क्योंकि संस्कृति की छठा बिखेरने के अलावा यह मेला यहां की जनता के व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ाता है। इस मेले में प्रदर्शित झांकियों ने उत्तराखंड की विशिष्ट एवं बहुआयामी संस्कृति को प्रदर्शित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाना है और इसके लिए औद्योगिक विकास का महत्व सर्वाधिक है। औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हम रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में विशेष ध्यान दे रहे हैं। पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और पर्यटन तो हमारे राज्य की लाईफ लाईन है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग द्वारा रोड कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और हमारी आर्थिकी को भी लाभ मिलेगा। प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तथा निर्माणाधीन रोप वे परियोजनाएं इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि किस प्रकार सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है, उन्होंने सभी को मेले के सफल आयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकार रमेश गैरोला को गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और यूथ फाउंडेशन संचालित करने के लिए अनिल नेगी को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने देवेश जोशी द्वारा लिखी पुस्तक ‘धूम सिंह चौहान’ का विमोचन भी किया।
गौचर मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुये मुख्य मेला द्वार तक क्रास कण्ट्री दौड़ का आयोजन किया गया। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। गौचर मेले में पारम्परिक पहाडी संस्कृति से सजा पांडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल एवं मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट ने गौचर मेले का शुभांरभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया और मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान के लिए मांग पत्र भी दिया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री/जनपद के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक श्रीमती शैला रानी रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, पूर्व विधायक श्रीमती मुन्नी देवी शाह, जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख श्रीमती चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अंजू बिष्ट, कमिश्नर गढवाल/मेला संरक्षक सुशील कुमार, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा, सहित बडी संख्या में मेलार्थी मौजूद थे।
महिला सुरक्षा को लेकर आज ऐप लांच करेंगे मुख्यमंत्री धामी..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण पर चर्चा करने के लिए आज अहम बैठक करेंगे। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला ऐप भी लांच किया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, संबंधित विभागीय अधिकारी, सभी जिलाधिकारियों, एसपी और एसएसपी बैठक में हिस्सा लेंगे।
शनिवार यानी आज होने वाली बैठक में पिछले तीन वर्षों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही समीक्षा बैठक में सीएम हेल्पलाइन, महिला हेल्प डेस्क, 112, पुलिस मुख्यालय आदि पर अपराधों संबंधित प्राप्त शिकायतों का विवरण भी समीक्षा बैठक में रखा जाएगा।
साथ ही इसमें प्राप्त शिकायतों, उनके निस्तारण, कार्रवाई आदि का ब्योरा भी रखा जाएगा। इसके साथ ही एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के संबंध में जिलावार प्राप्त शिकायतों एवं कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक में महिलाओं एवं बाल सुरक्षा से संबंधित विभिन्न केंद्रीय योजनाओं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री समर्थ योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना, प्रधानमंत्री मैत्री वंदना योजना आदि की जिलावार महिला लाभार्थियों की संख्या और कार्यवाही का विवरण भी रखा जाएगा।
पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा आंदोलन का इतिहास-सीएम धामी..
उत्तराखंड: सीएम धामी राज्य स्थापना दिवस के लिए कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इसके अतिरिक्त, वह गैरसैंण की ग्रीष्मकालीन राजधानी की यात्रा करेंगे, जहां भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में आयोजित राज्य स्थापना दिवस के समारोह में शामिल होंगे। बुधवार को स्थापना दिवस की सुबह सीएम पुष्कर सिंह धामी सबसे पहले कचहरी शहीद स्मारक पहुंचे। जहां उन्होंने शहीदों को सम्मानित किया। इसके बाद सीएम धामी देहरादून पुलिस लाइन गए और रैतिक परेड में शामिल हुए। वही राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनी) ने भी रैतिक परेड की सलामी ली ।
इस अवसर पर सीएम धामी ने घोषणा की कि आंदोलन के इतिहास को पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने एक ही समय में 19 हजार से अधिक भर्तियां कराने का उल्लेख किया। उनका कहना हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य के अनुरूप उत्तराखंड इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक होगा। 2025 तक हम इसे देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य में बदल देंगे। हमारी सरकार 2025 तक राज्य को क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए विकल्प रहित संकल्प का मूलमंत्र अपनाया है।
राज्यपाल ने जनता से मांगे दो संकल्प..
राज्य स्थापना दिवस पर राज्यपाल ने जनता से दो संकल्प मांगे। उनका कहना हैं कि ट्रैफिक नियमों का पालन करें और उत्तराखंड को स्वच्छता का रोल मॉडल बनाना है। हर घाट गली और गांव को साफ रखना है। इसके लिए सभी को साथ आना होगा।
सरकार की उपलब्धियां गिनाईं..
सीएम धामी का कहना हैं कि उत्तराखंड के युवा हमारा भविष्य हैं। इसीलिए हमने युवाओं के साथ धोखा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। भर्तियों में घोटाला करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में जारी भर्ती कैलेंडर के अनुसार सात हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में खेलों और एथलीटों को समर्थन देने के लिए एक नई खेल नीति पेश की गई है। 8 से 14 वर्ष की आयु के युवा एथलीटों को भी रुपये की खेल छात्रवृत्ति की पेशकश की जाती है। 1500 प्रति माह। भ्रष्टाचार से निपटने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त ऐप-1064 पेश किया गया है। इसके अतिरिक्त, वीरता के लिए राज्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले सैनिकों को दिए जाने वाले एकमुश्त वजीफे को बढ़ाया गया है।
आज किसान भवन में मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन..
उत्तराखंड: एससीईआरटी बुधवार से किसान भवन सभागार में दो दिवसीय सत्र की मेजबानी कर रहा है ताकि बच्चों में मातृभाषा की अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने और उनमें उन भाषाओं के प्रति सम्मान पैदा किया जा सके। कार्यक्रम में 18 विभिन्न भाषाओं का प्रतिनिधित्व किया जाएगा। शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी का कहना है कि कार्यक्रम का उद्घाटन शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत करेंगे।
कार्यक्रम में लोक गीतों और उत्तराखंड की लोक भाषाओं, जैसे गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी, मरछा और जड आदि में बच्चों को लोक भाषाओं में संवाद और लोक कथाओं के माध्यम से खुद को अभिव्यक्ति करने का अवसर मिलेगा। आपको बता दे कि कार्यक्रम में प्रदेशभर से चयनित कक्षा तीन से लेकर 8वीं तक के बच्चे प्रतिभाग करेंगे। उद्घाटन सत्र में शिक्षा सचिव रविंद्र नाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी भी उद्घाटन सत्र में विचार रखेंगे।
सीएम धामी ने उत्तराखंड में किया उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ..
उत्तराखंड: प्रदेश में उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ हो गया है। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। बताया जा रहा है कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धमेन्द्र प्रधान एवं सीएम धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।
सीएम धामी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किए जाने के की दिशा में, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी एवं चरणबद्ध रूप से सकारात्मक कदम बढ़ाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में तैयार की गई नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के नवीन, आधुनिक, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के नए आयाम खोलने वाली नीति है।
उन्होने इसे देश के ख्यातिलब्ध शिक्षाविदों द्वारा तैयार किया गया है और ये नए भारत की, नई उम्मीदों नई आवश्यकताओं की पूर्ति का सशक्त माध्यम है। यदि हम एक समृद्ध भविष्य चाहते हैं तो हमने अपने वर्तमान को सशक्त बनाना होगा, ठीक इसी प्रकार से यदि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को और भी अधिक प्रतिभाशाली बनाना चाहते हैं तो हमें उसके बचपन और उसकी शिक्षा पर आज से कार्य करना होगा।
वहीं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए उत्तराखंड सरकार को बधाई दी। उनका कहना हैं कि उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में इसका शुभारम्भ किया गया है। बाल वाटिका से प्रारम्भिक शिक्षा में उत्तराखंडने ही इसकी सबसे पहले शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने सीएम धामी एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड विद्वानों की भूमि है। इस देवभूमि से नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अभी अनेक विचार आयेंगे।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को 03 साल से फार्मल एजुकेशन से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत बाल वाटिका शुरू की गई है, बाल वाटिका में 03 साल सीखने के बाद बच्चा पहली कक्षा में प्रवेश करेगा, तब उसकी उम्र 06 साल होगी। बच्चों को नवजात से उनकी 21-22 साल की उम्र तक बेहतर एवं गुणात्मक शिक्षा के लिए उत्तराखण्ड में 40 लाख बच्चों का टारगेट लेकर आगे बढ़ना होगा।
सीएम धामी ने लिया केदारनाथ निर्माण कार्यों का फ़ीडबैक..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री मोदी के सम्भावित दौरे को देखते हुए ख़राब मौसम और बर्फ़बारी के बावजूद सीएम धामी मंगलवार सुबह केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लेने पहुंचे। सीएम ने केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों की विस्तृत जानकारी लेते हुए स्थानीय व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों से बातचीत की।
इसके साथ ही अधिकारियों को प्रधानमंत्री मोदी के सम्भावित दौरे की तैयारियों का फ़ीड बैक भी लिया। प्रधानमंत्री मोदी खुद केदारनाथ निर्माणकार्यों की मॉनिटरिंग करते हैं ऐसे में सीएम ने अधिकारियों को साफ़ शब्दों में संकेत भी दे दिए हैं कि पुनर्निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आपको बता दे कि वर्ष 2013 की आपदा में बुरी तरह से जमींजोद हो चुके केदारनाथ धाम मंदिर परिसर और आस-पास के इलाक़े में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा पुनर्निर्माण का काम लगातार जारी है, प्रधानमंत्री मोदी के विज़न कि अनुरूप सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार इन निर्माण कार्यों की बारीकी से मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पिछले कई सालों से लगातार चल रहे कामों के बाद अब भव्य केदारपुरी की तस्वीर देश दुनिया के सामने दिख रही है। यही कारण है कि केदारनाथ धाम में यात्रियों की संख्या के लगातार पिछले सभी सालों के रिकॉर्ड टूटते जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लगातार दौरों और निजी मॉनिटरिंग के बाद से केदारनाथ धाम में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है।
बता दे कि केदारनाथ धाम में जहां एक और भव्य मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य हो चुका है वहीं दूसरी ओर शंकराचार्य जी की समाधि स्थल का काम भी पूरा हो चुका है। इसके अलावा मंदाकिनी नदी के तट पर स्नान घाटों का निर्माण एवं केदारपुरी क्षेत्र में आस्था पथ का निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। इतना ही नहीं केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहित आवास और ध्यान गुफा भी बनकर तैयार हो चुकी है।
इधर इस साल चारधाम यात्रा ने भी चालीस लाख का आँकड़ा पार कर दिया है। मंगलवार शाम तक चारधाम पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या 4049150 है। जबकि श्री बद्रीनाथ तथा केदारनाथ धाम में मंगलवार शाम तक पहुंचे संपूर्ण तीर्थ यात्रियों की संख्या 2968404 है। इसी प्रकार श्री गंगोत्री यमुनोत्री पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या 1080746 है।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन कार्यक्रम में सीएम ने किया वर्चुअल प्रतिभाग..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने गृह एवं सहकारिता मंत्री, भारत सरकार अमित शाह की अध्यक्षता में प्राकृतिक कृषि एवं डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से सम्बंधित कार्यक्रम पर आयोजित बैठक में नैनीताल क्लब से वर्चुअल प्रतिभाग किया। बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कृषि मंत्रियों द्वारा वर्चुअल प्रतिभाग किया गया। नैनीताल से वर्चुअल कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सीएम धामी ने कहा कि प्राकृतिक कृषि से जुड़ी संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज जैविक मंथन किया जा रहा है।
इस मंथन से एक ऐसा अमृत प्राप्त होगा जो जैविक कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोलने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक दृष्टि से परम्परागत कृषि के लिए एक उपयुक्त राज्य है। उत्तराखण्ड जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। जैव विविधता के कारण उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटी और सुगन्धित पौध आदि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं जिस पर राज्य सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है व अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।
सीएम का कहना हैं कि हमारे किसान पर्वतीय अंचल में प्रचलित परम्परागत कृषि में आधुनिक तकनीकी ज्ञान का समावेश कर भूमि की उत्पादकता और फसलों के उत्पादन में वृद्धि ला रहे हैं। किसानों के इन प्रयासों को सरकार के स्तर से थोड़ा और बल दिए जाने पर किसानों की आय और उनके जीवन स्तर में अभूतपूर्व परिवर्तन लाया जा सकता है। राज्य सरकार की कोशिश है कि जैविक कृषि करने वाले किसानों के लिए व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाया जाए ताकि अधिक से अधिक किसान जैविक कृषि को अपनाकर अपनी आर्थिकी सशक्त करें।
प्रदेश की कुल कृषि योग्य भूमि में से 2.17 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल को जैविक कृषि के अंतर्गत आच्छादित किया गया है और यह क्षेत्रफल कुल कृषि भूमि का 34 प्रतिशत है।“आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान योजना“ के तहत राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 10 करोड़ की प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त 5 करोड़ रुपए से प्राकृतिक कृषि नमामि गंगा कॉरिडोर शुरू कर रहा है। इस योजना से गंगा तट पर 5 किमी की परिधि में प्राकृतिक कृषि के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा।
हमने प्राकृतिक कृषि उत्पाद की मार्केटिंग के लिए 2 डेडिकेटेड एफ.पी.ओ का गठन कर रहा है। यह सहकारिता विभाग द्वारा किया जायेगा। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती के सभी पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए “आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान बोर्ड“ का गठन किया जा रहा है। बेहतर उत्पादन के लिए “गोवर्धन“ की योजना को “प्राकृतिक कृषि योजना“के साथ एकीकृत किया जा रहा है। राज्य के दोनों कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक कृषि पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है।
प्राकृतिक कृषि बढ़ावा देने के लिए राज्य के सभी जनपदों में किसानों को प्राकृतिक कृषि विषयक प्रशिक्षण कराया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों के लिए विशेष कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्हें जैविक कृषि को लेकर बनी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्राकृतिक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ रही है।
राज्य सरकार का प्रयास है कि इसका अधिक से अधिक लाभ राज्य के किसानों को मिले। इस अवसर पर विधायक सरिता आर्य, राम सिंह कैडा, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनन्द भरणे,जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल,एसएसपी पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 संदीप तिवारी,अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, शिवचरण द्विवेदी के अलावा मंडल अध्यक्ष, सभासद, अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।
अमित शाह का दो दिवसीय गुजरात दौरा आज से..
देश-विदेश: केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह आज से दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। नवरात्रि के पहले दिन अपने गुजरात दौरे की शुरुआत अमित शाह ने अहमदाबाद के मेलडी माता मंदिर में दर्शन-पूजन करके की। इसके बाद शाह ने एक फ्लाईओवर और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया।
शाह ने एसपी रिंग रोड पर भदाज गांव के पास एक फ्लाईओवर का उद्घाटन किया।
यह फ्लाईओवर उनकी गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। छह लेन का यह फ्लाईओवर अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (AUDA) द्वारा 73 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसके अलावा उन्होंने विरोचननगर गांव में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया। आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, केंद्रीय मंत्री अहमदाबाद जिले के साणंद में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा संचालित एक अस्पताल की आधारशिला भी रखेंगे। दोपहर में वह बावला गांव में एक किसान सम्मेलन में शामिल होंगे।
सतत् विकास लक्ष्यों की 7 वीं वर्षगांठ के अवसर पर हस्ताक्षर अभियान का सीएम ने किया शुभारम्भ..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने सचिवालय में सतत् विकास लक्ष्यों की 7 वीं वर्षगांठ के अवसर पर सतत् विकास लक्ष्य हस्ताक्षर अभियान का शुभारम्भ किया एवं एस.डी.जी से संबंधित वीडियो का विमोचन किया। सीएम धामी का कहना हैं कि 2030 तक इन 17 सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभागों को रौडमैप के हिसाब से निरंतर आगे बढ़ना होगा। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जन भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। जन सहयोग एवं सामाजिक संस्थाओं एवं विभिन्न संस्थानों का भी पूरा सहयोग लिया जाए।
सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय संतुलन के साथ समावेशी विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि सतत् विकास लक्ष्यों में उत्तराखण्ड की रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन प्रदेश को प्रथम स्थान पर लाने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। 2018 में उत्तराखण्ड सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में 10वें स्थान पर था, जबकि अभी राज्य चौथे स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के पास प्राकृतिक संपदाओं का भण्डार है। इन प्राकृतिक संपदाओं का बेहतर तरीके से सदुपयोग करना होगा। उद्योगों के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड में अपार संभावनाएं हैं।
सतत् विकास लक्ष्य 2030 तक गरीबी के सभी रूपों को समाप्त करने के लिए एक साहसिक एवं सार्वभौमिक समझौता है जो सबके लिए एक समान, न्यायपूर्ण और सुरक्षित विश्व की रचना करेगा। इसके लिए 17 सतत विकास लक्ष्य रखे गये हैं। भुखमरी समाप्त करना, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण हासिल करना तथा सतत कृषि को बढ़ावा देना। स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन तंदुरुस्ती को बढ़ावा देना। समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन शिक्षा-प्राप्ति के अवसरों को बढ़ावा देना।लैंगिक समानता हासिल करना और सभी महिलाओं और बालिकाओं का सशक्तिकरण करना ।
सभी के लिए जल और स्वच्छता की उपलब्धता और सतत प्रबंधन सुनिश्चित करना। सभी के लिए किफायती, भरोसेमंद, सतत और आधुनिक ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करना। सभी के लिए सतत, समावेशी और संधारणीय आर्थिक विकास, पूर्ण और लाभकारी रोजगार और उचित कार्य को बढ़ावा देना। समुत्थानशील अवसंरचना का निर्माण करना, समावेशी और संधारणीय औद्योगीकरण को बढ़ावा देना और नवोन्मेष को प्रोत्साहित करना । राष्ट्रों के अंदर और उनके बीच असमानता को कम करना ।
शहरों और मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित, समुत्थानशील और संधारणीय बनाना। सतत उपभोग और उत्पादन पैटर्न सुनिश्चित करना । जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से निपटने के लिए तात्कालिक कार्रवाई करना। सतत विकास के लिए महासागरों, समुद्रों और समुद्रीय संसाधनों का संरक्षण करना और इनका संधारणीय तरीके से उपयोग करना ।
स्थलीय पारिस्थिकी-तंत्रों का संरक्षण और पुनरुद्धार करना और इनके सतत उपयोग को बढ़ावा देना, वनों का सतत तरीके से प्रबंधन करना, मरुस्थल-रोधी उपाय करना, भूमि अवक्रमण को रोकना और प्रतिवर्तित करना और जैव-विविधता की हानि को रोकना । सतत विकास के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी सोसाइटियों को बढ़ावा देना, सभी को न्याय उपलब्ध कराना तथा सभी स्तरों पर कारगर जवाबदेह और समावेशी संस्थाओं का निर्माण करना एवं कार्यान्वयन के उपायों का सुदृढ़ीकरण करना और सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी का पुनरुद्धार करना शामिल है ।