अफसर फोन नहीं उठाते, बीजेपी विधायक बंबा लाल दिवाकर का आरोप..
देश-विदेश: योगी सरकार में पहले मंत्री दिनेश खटीक ने सरकार पर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया और अब बीजेपी विधायक ने ऐसी ही शिकायत दर्ज की है। आपको बता दे कि बीजेपी विधायक का आरोप है कि अधिकारी उनका फोन नहीं उठाते और गलत भाषा का इस्तेमाल करते हैं। उन्नाव के सफीपुर से विधायक बंबा लाल दिवाकर ने डीएम और सीडीओ को चिट्ठी लिखकर अपने इलाके के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
विधायक बंबा लाल दिवाकर का आरोप है कि एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रजनीश चंद्र अनुरागी उनका फोन नहीं उठाते और अगर फोन उठाते भी हैं तो उसने अनुचित और असभ्य भाषा में बात करते हैं। विधायक बंबा लाल दिवाकर ने एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रजनीश चंद्र अनुरागी को अक्षम बताते हुए डीएम और सीडीओ से उनका ट्रांसफर करने की मांग की है। साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग की है।
आपको बता दे कि योगी सरकार में मंत्री दिनेश खटीक ने भी बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इस्तीफा सौंपते हुए आरोप लगाया था कि दलित होने की वजह से पार्टी में उनका सम्मान नहीं किया जाता। यही नहीं, उन्होंने कहा था कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते। दिनेश खटीक की बुधवार रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात हुई।
बताया जा रहा है कि जेपी नड्डा के आवास पर हुई इस बैठक में जेपी नड्डा ने उनकी बात सुनी और समस्या के समाधान का आश्वासन भी दिया। बताया जा रहा है कि जेपी नड्डा ने दिनेश खटीक से ये भी कहा कि पार्टी और सरकार के मसले पार्टी फोरम पर ही उठाएं। इस तरह सार्वजनिक तौर पर मुद्दे ना उठाएं।
भाजपा महिला नेता पर बीच सड़क में बाइक सवारों ने किया हमला..
देश-विदेश: भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे की महिला प्रदेश अध्यक्ष सुल्ताना खान पर रविवार रात करीब 11 बजे हमला हुआ हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया, सुल्ताना खान पर धारदार हथियार से हमला किया गया। हालांकि, हमलावर कौन थे? इस बारे में जानकारी नहीं हो पाई है। सुल्ताना खान रविवार रात अपने पति के साथ डॉक्टर के यहां जा रहीं थीं।
तभी मुंबई की मीरा रोड के पास दो बाइक सवारों ने उनकी गाड़ी रोक ली और सुल्ताना खान पर हमला किया। इस दौरान उनके पति ने हमलावरों का विरोध किया, जिसके बाद उनसे भी गाली गलौच की गई। हमले के बाद पति के शोर मचाने पर वहां पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसके बाद सुल्ताना खान को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आपको बता दे कि सुल्ताना के पति ने शक जाहिर किया है कि इस हमले के पीछे पार्टी के कुछ कार्यकर्ता भी हो सकते हैं। दरअसल, सुल्ताना ने कुछ दिन पहले ही लिखित रूप से पार्टी के आला अधिकारियों से शिकायत की थी। हालांकि, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना हैं कि पीड़िता काफी डरी हुई है, इसलिए वह अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है।
जापान से लौटते ही काम में जुटे पीएम मोदी, बुलाई कैबिनेट बैठक..
देश-विदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिवसीय जापान यात्रा से वापस लौट चुके हैं। वह आज सुबह ही दिल्ली पहुंचे हैं, भारत लौटते ही अपने काम में जुट गए। प्रधानमंत्री ने सुबह ही कैबिनेट बैठक बुला ली। जानकारी के अनुसार पीएम मोदी सभी मंत्रियों के साथ कैबिनेट बैठक कर रहे हैं। इस दौरान सभी मंत्री मौजूद हैं। बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान यात्रा के दौरान करीब 24 बैठकें की। मंगलवार को भी मोदी 11 घंटे के अंदर करीब 12 कार्यक्रमों में शामिल हुए। वह 22 मई की रात आठ बजे जापान के लिए रवाना हुए थे। पीएम ने डेढ़ घंटे तक विमान में अधिकारियों के साथ बैठक की। 23 मई की सुबह साढ़े सात बजे वह टोक्यो पहुंचे थे। 40 मिनट बाद यानी सुबह 8ः30 बजे से नौ कार्यक्रम में शामिल हुए। 23 मई को कुल 12 घंटे तक पीएम बैठक व अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए।
अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई कांग्रेस..
उत्तराखंड: प्रदेश में पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से शुरू होने जा रहा है, लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। कहा जा रहा है कि विधानमंडल दल की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन यह बैठक कब होगी, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। आपको बता दे कि विधानसभा चुनाव में अपेक्षित नतीजे नहीं मिल पाने पर पार्टी हाईकमान की ओर से राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजा गया था। तमाम प्रत्याशियों और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ हार के कारणों पर मंथन करने के बाद वह अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप चुके हैं। बताया जा रहा था कि रिपोर्ट मिलने के बाद पार्टी हाईकमान नेता प्रतिपक्ष के मसले को शीघ्र सुलझा लेगा। लेकिन फिलहाल ऐसे कोई आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।
पार्टी के भीतर की अलग-अलग गुटों की ओर से लॉबिंग शुरू..
बता दे कि 15 मार्च को गणेश गोदियाल भी प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे के साथ ही कार्यकारिणी भी निष्प्रभावी हो गई है। पूरे दस दिन गुजर जाने के बाद भी दोनों पदों पर नियुक्ति को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के भीतर की अलग-अलग गुटों की ओर से लॉबिंग शुरू हो गई है। प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पद पर शीर्ष नेतृत्व शीघ्र फैसला लेगा। जहां तक 29 से विधानसभा सत्र शुरू होनेे की बात है तो ऐसी कोई सांविधानिक बाध्यता नहीं है कि नेता प्रतिपक्ष का चयन उससे पहले होना जरूरी है। उधर, निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि दोनों ही पदों की नियुक्ति पर पार्टी हाईकमान को फैसला लेना है। जो फैसला होगा, सभी को मंजूर होगा।
रितु खंडूरी प्रदेश की छठी और पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष..
उत्तराखंड: कोटद्वार से भाजपा विधायक रितु भूषण खंडूरी आज उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा की अध्यक्ष बन गई। वह निर्विरोध निर्वाचित हुई हैं। सदन में संसदीय कार्यमंत्री की भूमिका में प्रेमचंद अग्रवाल होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्रवाल को अधिकृत किया। वहीं, शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक विधानसभा सचिव को किसी दल या सदस्य ने कोई नामांकन नहीं किया। शनिवार को निर्वाचन की प्रक्रिया विधानसभा में सुबह 11 बजे से सभामंडप में शुरू हुई।
आपको बता दे कि इस अवसर पर विधानसभा के सभी सदस्य उपस्थित रहे। चुनाव कराने तक वरिष्ठ विधायक एवं प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका रहे। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने उन्हें निर्वाचन अवधि तक के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया है। कार्यसूची के अनुसार बंशीधर भगत ने रितु खंडूरी को निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की।
इसके बाद उनका उद्बोधन हुआ और फिर नवनिर्वाचित अध्यक्ष रितु ने आसन ग्रहण किया। प्रेमचंद अग्रवाल, भरत सिंह चौधरी, कैलाश चंद्र गहतोड़ी, सतपाल महाराज, उमेश शर्मा काऊ, खजान दास, मुन्ना सिंह चौहान, सरिता आर्य, दुर्गेश्वर लाल, चंदन राम दास, प्रमोद नैनवाल, सविता कपूर, महेश जीना, बिशन सिंह, मदन कौशिक व विनोद कंडारी विधानसभा अध्यक्ष पद पर रितु खंडूरी के प्रस्तावक हैं।
रितु खंडूरी कर सकती हैं आज विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन..
उत्तराखंड: कोटद्वार से विधायक रितु खंडूरी को विधानसभा अध्यक्ष बनाने की तैयारी है। आज रितु खंडूरी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर सकती हैं। सोमवार से विधानसभा सत्र आहूत किए जाने की संभावना जताई जा रही है। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना हैं कि विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए पार्टी ने दो विधायकों के नाम प्रस्तावित किए हैं। इनमें पहला नाम राजपुर रोड के विधायक खजानदास का है और दूसरा कोटद्वार की विधायक रितु खंडूरी का। लेकिन प्रदेश मंत्रिमंडल में चंदन राम दास को जगह मिलने के बाद अनुसूचित जाति वर्ग से जुड़े खजानदास का पलड़ा हलका हो गया है।
आपको बता दे कि यमकेश्वर से टिकट कटने के बाद अचानक कोटद्वार सीट पर उतारी गईं रितु खंडूरी की जीत ने प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व को बेहद प्रभावित किया है। पार्टी महिलाओं को प्राथमिकता देना चाहती है। इसी कड़ी में उनसे विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कराया जा सकता है। सोमवार से विधानसभा सत्र हो सकता है। बृहस्पतिवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में विधानसभा सत्र की तिथि को लेकर निर्णय हो सकता है।
रितु खंडूरी को बनाया पहली महिला स्पीकर..
उत्तराखंड: भाजपा ने उत्तराखंड के राजनैतिक इतिहास में नया अध्याय जोड़ा है। प्रदेश को रितु खंडूरी के रूप में पहली महिला स्पीकर मिली है। इस बार के विधानसभा चुनाव में कोटद्वार के दिग्गज कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह नेगी को हराकर विधायक बनी रितु खंडूरी ने कई मिथक तोड़े हैं।उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार महिला स्पीकर बनने जा रही है। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी की बेटी रितु खंडूरी को विधानसभा स्पीकर बनाए जाने का यह बड़ा फैसला लिया है। उत्तराखंड में भाजपा ने यह नया इतिहास लिखा है। रितु कोटद्वार से विधायक चुनकर आई हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कोटद्वार से उनकी यह जीत कई मायनों में खास रही है। कोटद्वार सीट से चुनाव जीतकर उन्होंने अपने पिता की हार का बदला लिया था। अब इसके साथ ही अब पहली महिला स्पीकर का बनकर इतिहास रच रही हैं। रितु खंडूरी भूषण ने कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ 3687 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। रितु दूसरी बार मैदान में उतरीं थीं। 2022 के विधानसभा चुनाव में रितु खंडूरी को बीजेपी ने आखिरी समय पर यमकेश्वर से हटाकर कोटद्वार सीट से प्रत्याशी बनाया था। और आज रितु ने पहली महिला स्पीकर के रूप में शपथ भी ली।
पुष्कर सिंह धामी ने लगातार दूसरी बार ली शपथ, आठ मंत्रियों ने भी ली मंत्री पद की शपथ..
उत्तराखंड: पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (रि.) ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ आठ मंत्रियों ने भी शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद सभी संतों से मिलने पहुंचे। संतों ने सीएम योगी को आमंत्रित किया था। इस दौरान संतों ने सीएम योगी का सम्मान किया।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट की बैठक ले सकते हैं। इसमें समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर हाई पावर कमेटी बनाए जाने का फैसला लिया जा सकता है। बता दे कि धामी सचिवालय में पहली कैबिनेट बैठक ले सकते हैं। इस संभावना को देखते हुए शासन स्तर पर भी तैयारियां की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि पहली कैबिनेट में आगामी विधानसभा सत्र को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा भाजपा के चुनाव दृष्टि पत्र को सरकारी नीति दस्तावेज बनाए जाने का फैसला भी लिया जा सकता है।
उत्तराखंड में भाजपा अभी नहीं बना पाएगी सरकार..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन में शुक्रवार को राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया हैं। अब उत्तराखंड में बहुमत हासिल करने के बाद सबकी निगाहें नई सरकार के गठन पर लग गई हैं। लेकिन भाजपा के हलकों में यह चर्चा है कि नई सरकार के गठन में कुछ देरी हो सकती है। इसका कारण होलाष्टक माना जा रहा है। आपको बता दे कि 10 मार्च से होलाष्टक लगा है जो अगले आठ दिन होली तक रहेगा। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने भी ऐसे आसार जताए हैं कि होलाष्टक के कारण सरकार के गठन में देरी हो सकती है। बता दें कि माना जाता है कि होलाष्टक के दौरान कोई शुभ या मंगल कार्य नहीं होता।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार से भाजपा उत्तराखंड में सीएम पद पर नाम को लेकर उलझन में है। इस बीच पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। दोनों नेता जल्द होने वाली विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम पर विधायकों की राय से पार्टी नेतृत्व को अवगत कराएंगे। हालांकि विधायक दल की बैठक कब होगी, इसकी तारीख तय नहीं की गई है।
उत्तराखंड में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल करने का कीर्तिमान बनाया है। हालांकि चुनाव से चंद महीने पहले मुख्यमंत्री बनाए गए धामी खटीमा से चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर पशोपेश में है। पार्टी में नए सीएम के नामों पर कयासबाजी का दौर भी जारी है। अलग-अलग गुट इस पद के लिए अपने नेता की दावेदारी कर रहे हैं। दो विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट से इस्तीफा का प्रस्ताव दिया है। हालांकि पार्टी नेतृत्व धामी पर दांव लगाएगा या नया चेहरा पेश करेगा, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
बलूनी, निशंक, अजय व सतपाल महाराज के नाम चर्चा में..
प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने धामी के हाथ में सरकार की कमान देने की घोषणा की थी। पीएम राज्य में नया और युवा नेतृत्व को उभारना चाहते हैं। इसलिए पांच साल के कार्यकाल में राज्य को धामी के रूप में तीसरा मुख्यमंत्री मिला। हालांकि धामी की हार ने पार्टी का समीकरण बिगाड़ दिया है। नए दावेदारों में पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट का नाम लिया जा रहा है। सतपाल महाराज के नाम की भी चर्चा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व की पसंद युवा नेता ही होगी।
नतीजे के बाद नहीं हुई है विस्तृत चर्चा..
बता दे कि बृहस्पतिवार को नतीजे आने के बाद अलग-अलग राज्यों में सरकार के गठन को लेकर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हुई है। महज उत्तराखंड के लिए गोयल और प्रधान को पर्यवेक्षक बनाने का फैसला किया गया है। नतीजे के दूसरे दिन पीएम और गृहमंत्री शाह दोनों गुजरात में हैं। ऐसे में इनके वहां से लौटने के बाद संभवत: रविवार को अलग-अलग राज्यों में सरकार के गठन और शपथ की तारीख पर चर्चा होगी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा..
उत्तराखंड: देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आ रही है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से भेंट कर मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र सौंपा। पुष्कर सिंह धामी का इस्तीफ़ा स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने उनसे राज्य में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति होने एवं पदभार ग्रहण करने की अवधि तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।
पिछले साल जुलाई में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी ने धामी को राज्य की कमान सौंपी थी। इसके बाद धामी ने राजनीतिक कौशल का परिचय देकर पार्टी हाईकमान का ध्यान खींचने में सफलता पाई थी। यही वजह है कि पार्टी ने साफ कर दिया था कि विधानसभा चुनाव में धामी ही उसका चेहरा होंगे। पुष्कर सिंह धामी ही मेहनत का ही नतीजा रहा कि बीजेपी स्पष्ट बहुमत से सत्ता में आ गई, लेकिन वो अपना दुर्ग नहीं बचा पाए। धामी के चुनाव हारने के बाद कई विधायकों ने उनके लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की है। चंपावत से चुनाव जीतने वाले बीजेपी विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि अगर धामी दोबारा चुनाव लड़ने को तैयार हैं, तो वो उनके लिए सीट छोड़ सकते हैं। बहरहाल मुख्यमंत्री पद को लेकर कई दावेदार मैदान में है, हालांकि अभी इसे लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।