एक लाख वोटों से जीते योगी, संगीत सोम को मिली मात..
देश-विदेश: उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतगणना जारी है। रुझानों में UP में 273 सीटों पर भाजपा ने बढ़त बना ली है। जबकि सपा 123 सीटों पर ही सिमटी दिखाई दे रही है। कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य हार गए हैं। मोहनलालगंज सीट से भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। देवबंद सीट से भाजपा प्रत्याशी बृजेश सिंह जीत गए हैं, वहीं जनसत्ता दल के खाते में प्रतापगढ़ का पहला नतीजा आया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 1,02,399 मतों के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। वहीं, मेरठ की सरधना सीट से भारतीय जनता पार्टी के संगीत सोम हार गए हैं। उन्हें सपा के अतुल प्रधान ने हराया। भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम नहीं लगा सके जीत की हैट्रिक। सरधना में पहली बार साइकिल दौड़ी। सरधना विधानसभा सीट से सपा रालोद गठबंधन के अतुल प्रधान ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को हरा दिया है। संगीत सोम इससे पहले दो बार यहां से चुनाव जीते थे, जबकि अतुल प्रधान दो बार चुनाव हारे थे। सरधना सीट पर ऐसा पहली बार हुआ है जब सपा का कोई प्रत्याशी जीता है। हार जीत का अंतर करीब 18000 वोटों का है। हालांकि, अभी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। जब चार राउंड की मतगणना होनी बाकी थी, उससे पहले ही संगीत सोम मोदीपुरम में कृषि विश्वविद्यालय स्थित मतगणना स्थल से चले गए थे।
BJP ने पांच राज्यों में नियुक्त किए प्रभारी..
उत्तराखंड: भारतीय जनता पार्टी अगले साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। बुधवार को बीजेपी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया। पार्टी ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को आगामी चुनाव के लिए उत्तराखंड का प्रभारी नियुक्त किया है वहीं, लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी और सरदार आरपी सिंह को सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी है। उत्तराखंड के अलावा भाजपा ने अन्य चार चुनावी राज्यों के लिए भी अपने प्रभारियों के नाम का ऐलान कर दिया है।
देश की राजनीति में सबसे अहम रोल निभाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया गया है जबकि सह प्रभारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर होंगे। बीजेपी ने पंजाब विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ-साथ हरदीप पुरी, मीनाक्षी लेखी, विनोद चावड़ा के हाथों सौंपी है। पार्टी ने इस सभी को पंजाब चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है।
इसके अलावा गोवा में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके लिए बीजेपी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कंधों पर पार्टी के जीत की जिम्मेदारी रखी है। वहीं, मणिपुर के विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रभारी बनाया गया है।
आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने पांचों राज्यों में अपने प्रभारी नियुक्त कर चुनावी बिगुल बजा दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगल साल मार्च से अप्रैल के बीच में इन राज्यों में मतदान की तारीख का ऐलान हो सकता है।
चुनाव के मद्देनजर बीजेपी-कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों ने भी कमर कस ली है, दिलचस्प बात ये है कि इनमें से चार राज्यों में भाजपा की सरकार है। ऐसे में बीजेपी के लिए यह चुनाव मिशन 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर उन्हें विगत दिवस जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा में सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्यों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने शाह से राज्य में हिमनद एवं जल संसाधन शोध केन्द्र की स्थापना, राज्य के दुर्गम-अति दुर्गम आपदा संभावित क्षेत्रों और अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं की निरंतर देखरेख एवं निगरानी हेतु हैलीकॉप्टर उपलब्ध कराने तथा आपदा प्रबंधन व सीमा प्रबंधन के दृष्टिगत गैरसैंण में आईआरबी बटालियन की स्थापना की स्वीकृति का अनुरोध किया। साथ ही आगामी हरिद्वार कुंभ के दृष्टिगत, एन्टी ड्रोन तकनीक से संयोजित एक विशेष टीम की तैनाती की मांग भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाए जाने के लिए राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ का बजट उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य में समय-समय पर तैनात सुरक्षा बलों की तैनाती के फलस्वरूप देय धनराशि रू0 36.46 करोड़ की छूट तथा भविष्य के लिए पूर्वोत्तर राज्यों/विशेष श्रेणी के राज्य की भांति 90ः10 के अनुपात में भुगतान की व्यवस्था निर्धारित करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से चमोली के नीति घाटी तथा उत्तरकाशी के नेलांग घाटी को बेहतर सीमा प्रबंधन हेतु इनर लाईन परमिट की व्यवस्था समाप्त किए जाने का आग्रह किया, ताकि इन क्षेत्रों के गांवों में पर्यटन से आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हो सके। केंद्रीय गृह मंत्री ने उक्त सभी बातों पर सैद्धांतिक सहमति देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को हर संभव सहयोग दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने देर सांय भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी शिष्टाचार भेंट की। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय शहरी विकास व उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी से भी भेंट की।
कुछ लोगों के लिए सुशासन की बात एक राजनीतिक नारा मात्र हो सकती है। मगर यह स्पष्ट देखा और अनुभव किया जा सकता है कि केंद्र व प्रदेशों में जब भी सरकारों का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी ने किया, उसने सुशासन के सिद्धांत को न केवल आत्मसात किया, अपितु इसके प्रति अपना दृढ़ संकल्प भी प्रदर्शित किया है। भाजपा सरकारों ने अपनी नीतियों, योजनाओं व व्यवहार से सुशासन को मूर्त रूप देना का प्रयास किया है। सीधे शब्दों में कहा जा सकता है कि सुशासन सदैव भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा का केंद्र बिंदु रहा है।
पहले चर्चा करते हैं अटल बिहारी वाजपेयी के राजनैतिक काल की। अटल जी की राजनीतिक यात्रा का सूक्ष्म विश्लेषण करें तो उनके जीवन में ऐसे अनेक मौके आए जहां कोई अन्य व्यक्ति होता तो शायद निजी हित को ही ऊपर रखता। मगर ये अटल जी के आदर्श ही थे, जिससे उन्होंने राजनीतिक शुचिता का नया उदाहरण प्रस्तुत किया। फिर चाहे वह एक वोट से अपनी सरकार को गिरने देना हो अथवा विपक्ष में होते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में पूरी जोरदारी से भारत का पक्ष रखना। हर एक परिस्थिति में उनके द्वारा अपनाए गए मानदंड भारतीय राजनीति में एक विशिष्ट परम्परा की यशस्वी गाथा कहते हैं जो भविष्य की पीढ़ियों को सतत प्रेरित करते रहेंगे। वाजपेयी सरकार ने अपने कार्यकाल में देश में आधारभूत ढांचे के निर्माण में नए आयाम स्थापित किए। टेलीकॉम क्षेत्र में सुधार हों, अर्थव्यवस्था में लाया गया अनुशासन हो अथवा तमाम जन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन, इन सबके द्वारा वे सरकार को जन के नजदीक ले गए। पोखरण परमाणु परीक्षण के माध्यम से उन्होंने भारत की शक्ति का अहसास दुनिया को कराया।
फिर आया वर्ष 2014। इस वर्ष हुए लोकसभा के आम चुनाव में भारतीय जनमानस ने अटल जी की ही परंपरा से निकले नरेंद्र मोदी पर विश्वास व्यक्त किया। मोदी सरकार द्वारा उज्जवला योजना के माध्यम से करोड़ों महिलाओं के जीवन में लाया गया सुधार हो, आयुष्मान योजना द्वारा परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना हो अथवा 2022 तक सभी को आवास उपलब्ध कराने जैसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य हों, ये सभी उनके सुशासन के प्रति समर्पण को ही दर्शाते हैं। ये सभी निर्णय सुनिश्चित करते हैं कि गरीब से गरीब व्यक्ति को मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहना पड़े।
मोदी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र के साथ काम कर रही है जो पं. दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय का ही एक मूर्त रूप है। भाजपा के मूलभूत सिद्धांत इसी विचारधारा पर आधारित हैं जिनका अनुसरण करते हुए मोदी सरकार जन कल्याण के कार्य कर राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है। आज की तारीख में हो रहे बहुत से छोटे-छोटे परिवर्तन शायद नगण्य प्रतीत होते हों, परन्तु उनके दूरगामी सुखद परिणाम होंगे। उदाहरणस्वरूप, भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया मिशन कर्मयोगी- जो सरकार में कार्यरत अधिकारियों के क्षमता निर्माण के लिए केंद्र सरकार की एक योजना है।
एक समूह को यह सरकार का अनावश्यक व्यय प्रतीत हो सकता है, परन्तु सुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। सरकारी कर्मचारियों को नए ज़माने के अनुरूप तकनीकी एवं मानव संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में पुनः प्रशिक्षित करना मील का पत्थर साबित होगा। इसी प्रकार जब लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने हर घर तक शौचालय पहुंचाने की बात कही तो एक वर्ग ने इसे नकारात्मक रूप में लिया। हालांकि इस योजना के दूरगामी परिणामों के मद्देनज़र संयुक्त राष्ट्र संघ सहित अनेक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इस प्रयास की सराहना की। इन योजनाओं का सबसे अधिक महत्वपूर्ण पहलू एक गरीब व्यक्ति के जीवन में आया परिवर्तन, समाज में उसकी स्थिति में आया सुखद बदलाव है जो शायद समाज के एक वर्ग के लिए समझना मुश्किल हो।
राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ जब कोई पार्टी अथवा व्यक्ति चुनाव जीत कर सरकार बनाता है तब यही भावना सरकार के निर्णयों में सुशासन के रूप में परिलक्षित होती हैं। भाजपा आज देश के अनेकों राज्यों में एक मजबूत नेतृत्व के साथ सुशासन के लिए प्रतिबद्ध सरकारें चला रही है। केंद्र सरकार के सुशासन का ही परिणाम है कि आज तक जिन राज्यों में भाजपा गौण स्थिति में थी, उन राज्यों में भी एक मजबूत विकल्प के तौर पर उभरी है। भाजपा जैसे विचारधारा आधारित संगठन से जनता की अत्यधिक अपेक्षाएं होना स्वाभाविक है।
आज 18 करोड़ कार्यकर्ताओं के साथ विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बन चुकी भाजपा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करने की क्षमता रखती है। इस दल की विचारधारा अपने साधारण से साधारण कार्यकर्ता को अपने नेतृत्व क्षमता में सुशासन को समाहित करना सिखाती है। ताकि जब उसे किसी भी प्रकार का दायित्व मिले तब उसके मनो मस्तिष्क में सदैव यह विचार गूंजता रहे कि वह किस प्रकार सुशासन के माध्यम से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन में बदलाव ला सके। समाज के विभिन्न तबकों एवं वर्गों से आने वाले करोड़ों कार्यकर्ताओं द्वारा समर्थित एक दल जब सुशासन के सिद्धांतों पर संचालित होता है तो यह विचार देश के नागरिकों को एक बेहतर समाज एवं राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रेरित करता है।
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष की अन्य पार्टियां कृषि कानून पर भ्रम फैलाने में जुटी हैं लेकिन सितंबर से लेकर दिसंबर के बीच देश के जिस भी हिस्से में चुनाव हुए हैं, वहां भाजपा को बड़ी जीत मिली है। उन्होंने कहा कि जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास करती है।
सोमवार को दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए स्मृति ने देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए निकाय चुनाव और पंचायत चुनावों में भाजपा को मिली शानदार सफलता को प्रधानमंत्री मोदी और उनकी नीतियों में विश्वास बताया।
उन्होंने कहा कि इन सभी चुनावों में पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक समग्र राष्ट्र की जनता का आशीर्वाद प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को मिला है। इन चुनावों में भाजपा को मिली ऐतिहासिक विजय यह दर्शाती है कि देश को माननीय प्रधानमंत्री में एवं उनकी नीतियों में अटूट विश्वास है। देश की जनता ने कांग्रेस सहित विपक्ष की नकारात्मक और समाज को बांटने वाली राजनीति को सिरे से खारिज किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस लगातार सिमटती जा रही है। जबकि भारतीय जनता पार्टी को देश के ग्रामीण इलाकों में व्यापक समर्थन मिल रहा है और वह भी तब, जब किसान आंदोलन के नाम पर विपक्ष लोगों को भ्रमित करने का काम कर रहा है। जब से कृषि सुधार बिल देश की संसद ने पारित किए, तब से विपक्षी दल एक भ्रांति फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का आरोप रहा है कि देश की ग्रामीण जनता भारत सरकार के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त कर रही है लेकिन आज हम उन राज्यों में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर रहे हैं, जहां कांग्रेस की सत्ता थी तो ये कई मायनों में खास है। उन्होंने कहा कि केरल में भी भारतीय जनता पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है जबकि वहां हमारे कार्यकर्ताओं को लगातार मौत के घाट उतारा जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (Jagat Prakash Nadda) ने अपनी टीम का विस्तार करते हुए विभिन्न प्रदेशों के प्रभारी का सह प्रभारियों की नियुक्ति की है। उत्तराखंड का प्रभार राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम को सौंपी गई है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा को उत्तराखंड का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम को उत्तराखंड के अलावा पंजाब व चंडीगढ़ का प्रभार भी सौंपा गया है। गौतम ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। भाजपा में लम्बे समय तक विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। वे भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में वे हरियाणा से राज्यसभा सदस्य हैं।
उत्तराखंड की सह प्रभारी बनाई गईं रेखा वर्मा पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के साथ- साथ उत्तर प्रदेश की धौरहरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वर्ष 2014 में रेखा वर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद को हराकर लोकसभा पहुंचीं। 2019 के चुनाव में भी रेखा ने वहीं इतिहास दोहराया। इस बार उनकी जीत का अंतर और बढ़ गया।
इसके साथ भूपेंद्र यादव को किसान मोर्चा, अरुण सिंह को अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा, दुष्यंत कुमार गौतम को महिला मोर्चा, तरुण चुग को युवा मोर्चा, डी. पुरंदेश्वरी को अल्पसंख्यक मोर्चा, सीटी रवि को अनुसूचित जाति मोर्चा और दिलीप सैकिया को अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रभारी बनाया गया है।


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित पार्टी के मुखपत्र ‘कमल सन्देश’ के विशेषांक ‘नए भारत के प्रणेता’ का विमोचन किया। इस मौके पर नड्डा ने आरोप लगाया कि कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे लोग बिचौलियों की भाषा बोल रहे हैं।
भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की हर योजनाओं में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति स्पष्टतः दिखाई देती है। चाहे वह हर गाँव, हर घर में बिजली पहुंचाने की योजना हो, आयुष्मान भारत योजना हो, स्टार्ट-अप व स्टैंड-अप योजना हो, कृषि सम्मान निधि हो, जन-धन योजना हो या फिर उज्ज्वला योजना।
उन्होंने कहा कि गुरुवार को कृषि से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 लोक सभा में पारित हुए हैं। एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में अमेंडमेंट वाला विधेयक दो दिन पहले ही पारित हुआ है। कृषि से जुड़े ये तीनों विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे। इन विधेयकों के लागू होने के बाद किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा और किसान सशक्त होंगे।
नड्डा ने जोर देते हुए कहा कि नए कृषि विधेयक में एमएसपी अर्थात न्यूनत समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद अर्थात एपीएमसी की व्यवस्था बनी रहेगी। विधेयक किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं। इसके तहत एक परिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का प्रावधान किया गया है, जिसमें किसान कानूनी बंधनों से आजाद होंगे। किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। किसानों को उपज बेचने का विकल्प देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है। इस विधेयक के अनुसार जरूरी नहीं कि किसान राज्य की सीमाओं में रहकर ही फसलों की बिक्री करें। साथ ही बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन की सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझ कर किसानों को गुमराह कर रहे हैं ताकि किसान लाभ न उठा सकें।
नड्डा ने कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में यह वादा किया था कि किसानों को एपीएमसी से बाहर निकाल कर लायेंगे और एसेंशियल कमोडिटी एक्ट को बदलेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग इन कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, वे वास्तव में किसान और उनके उत्पाद की बिक्री के बीच में मौजूद बिचौलियों की भाषा बोल रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी कहा है कि हमें दबाव की राजनीति में नहीं आना है और हमारी सरकार वह काम करती रहेगी जो देश के गाँव, गरीब और किसान के लिए जरूरी हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में हर क्षेत्र में आज बदली हुई तस्वीर दिख रही है। उन्होंने याद दिलाया कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करते समय भी इस योजना का जम कर विरोध किया गया था लेकिन आज वही आयुष्मान भारत योजना देश के गरीबों के लिए सबसे बड़ी वरदान साबित हो रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित विशेषांक के प्रकाशन के लिए लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास समिति एवं कमल संदेश की पूरी टीम को बधाई दी और इसे एक सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिवस (17 सितंबर) के अवसर पर 14 से 20 सितंबर तक ‘सेवा सप्ताह’ मना रही है। पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता देश भर में सेवा कार्य में लगे हुए हैं। सेवा सप्ताह के दौरान पार्टी कार्यकर्ता ब्लड डोनेशन, प्लाज्मा डोनेशन, दिव्यांगों को जरूरी उपकरणों का वितरण, वृक्षारोपण, गरीब बस्तियों में स्वच्छता कार्यक्रम, बच्चों में फलों और पुस्तकों का वितरण और अस्पतालों में फलों का वितरण जैसे सेवा कार्य कर रहे हैं।
कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन, ‘कमल संदेश’ के संपादक डॉ शिवशक्ति, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास के सचिव नंद किशोर गर्ग, न्यास के कोषाध्यक्ष गोपाल कृष्ण अग्रवाल और राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रमुख डॉ संजय मयूख भी उपस्थित थे।