देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में औद्योगिक वातावरण विकसित करने और युवाओं के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस वेंचर फंड के लिए बजट में 20 करोड़ रुपये का शुरुआती प्रावधान भी किया गया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट प्रस्तुति के दौरान कहा कि राज्य के युवा सिर्फ शिक्षा में डिग्री ही नहीं बल्कि कौशल भी विकसित करेंगे। स्टार्टअप्स के माध्यम से नए प्रयोगों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें सरकार युवाओं का पूरा समर्थन करेगी।
स्टार्टअप्स के लिए प्रमुख कदम:
. वेंचर फंड: स्टार्टअप्स को आर्थिक सहायता देने के लिए 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड।
. प्रारंभिक प्रावधान: बजट में 20 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन।
. युवाओं को प्रोत्साहन: स्टार्टअप्स में नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
महिला सशक्तीकरण को मिलेगा बूस्ट: जेंडर बजट में 16.66% की बढ़ोतरी
धामी सरकार ने राज्य के विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करने में महिलाओं की भूमिका को अहम मानते हुए जेंडर बजट में 16.66 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इस बार जेंडर बजट को बढ़ाकर 16,961 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
महिला सशक्तीकरण के लिए विशेष योजनाएं:
योजना का नाम बजट (करोड़ में)
नंदा गौरा योजना – 157.84
मातृत्व वंदन योजना – 21.74
सीएम बाल पोषण योजना – 29.9
महालक्ष्मी किट – 22.62
सीएम वात्सल्य योजना – 18.88
ईजा बोई शगुन योजना – 14.13
सीएम महिला पोषण योजना – 13.96
सीएम आंचल अमृत योजना – 14.00
महिला बहुमुखी विकास निधि – 08.00
विधवा की पुत्री का विवाह – 05.00
महिला एसएसजी सशक्तीकरण – 05.00
महिला उद्यमी विशेष सहायता – 05.00
अल्पसंख्यक मेधावी बालिका – 03.76
सतत आजीविका योजना – 02.00
सरकार की प्रतिबद्धता:
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण केवल महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि समाज और प्रदेश के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है। सशक्त महिलाएं परिवार, समाज, प्रदेश और देश की समृद्धि का आधार बनेंगी। धामी सरकार के इन प्रयासों से राज्य में नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
उत्तराखंड की धामी कैबिनेट ने राज्य में सशक्त भू-कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण कदम से राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक संसाधनों, और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांगों और भावनाओं का सम्मान करते हुए, हमारी सरकार ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दी है। यह निर्णय राज्य की मूल पहचान बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।”
नए भू-कानून के प्रमुख प्रावधान:
1. 2018 के सभी प्रावधान निरस्त:
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा लागू सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है।
2. बाहरी व्यक्तियों पर भूमि खरीद प्रतिबंध:
हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, शेष 11 जिलों में बाहरी व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद सकेंगे।
3. पहाड़ों में चकबंदी और बंदोबस्ती:
पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि के सही उपयोग और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।
4. जिलाधिकारियों के अधिकार सीमित:
अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी प्रक्रियाएं सरकारी पोर्टल के माध्यम से होंगी।
5. ऑनलाइन पोर्टल से निगरानी:
राज्य में भूमि खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां बाहरी व्यक्तियों द्वारा की गई सभी खरीद दर्ज होगी।
6. शपथ पत्र अनिवार्य:
राज्य के बाहर के लोगों को भूमि खरीदने के लिए शपथ पत्र देना होगा, जिससे फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं को रोका जा सके।
7. नियमित भूमि खरीद रिपोर्टिंग:
जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को भूमि खरीद की रिपोर्ट नियमित रूप से देनी होगी।
8. नगर निकाय सीमा में भू उपयोग:
नगर निकाय क्षेत्र में भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार होगा। नियमों के विरुद्ध उपयोग की गई भूमि सरकार में निहित हो जाएगी।
कानून का संभावित प्रभाव:
. बाहरी व्यक्तियों की अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।
. भूमि का बेहतर प्रबंधन, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में।
. भूमि की कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी पर नियंत्रण।
. राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत।
. सरकार का अधिक नियंत्रण, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
नया भू-कानून उत्तराखंड की संस्कृति, प्राकृतिक संसाधनों और स्थानीय नागरिकों के हकों की रक्षा करेगा, साथ ही राज्य के मूल स्वरूप को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उत्तराखंड हाईकोर्ट में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर एक और जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण फॉर्म में पूछे गए सवालों को लेकर है, जिन पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है और जवाब देने के लिए 21 फरवरी तक का समय दिया है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ में इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि लिव-इन रजिस्ट्रेशन फॉर्म में अनावश्यक और निजता से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं, जिनका उत्तर देना अनिवार्य किया गया है। इनमें आवेदक के विधवा, शादीशुदा या पूर्व संबंधों से जुड़ी जानकारियों को प्रस्तुत करने की बात कही गई है। याचिकाकर्ता ने इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन बताया है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह इन आपत्तियों पर अपना रुख स्पष्ट करे। अदालत ने अगली सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह में तय की है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामा चंद्रन और रोहित अरोड़ा ने पैरवी की। उन्होंने कोर्ट में लिव-इन रजिस्ट्रेशन फॉर्म प्रस्तुत करते हुए तर्क दिया कि ऐसे सवालों का कोई कानूनी औचित्य नहीं है और यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप के समान है।
इससे पहले भी UCC को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर लगातार सुनवाई हो रही है। अब सभी की निगाहें सरकार के जवाब पर टिकी हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर की समीक्षा बैठक में रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर के निर्माण में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
यातायात सुधार की दिशा में बड़ा कदम
राज्य सरकार शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और जाम की समस्या से राहत दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस परियोजना के तहत, रिस्पना नदी पर 11 किलोमीटर और बिंदाल नदी पर 15 किलोमीटर लंबे चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित है।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा कॉरिडोर
सीएम धामी ने केंद्र सरकार से अनुरोध करने के निर्देश दिए कि देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाए। इसके अलावा, उन्होंने बढ़ती आबादी और यातायात के मद्देनजर अन्य शहरों के लिए भी योजनाबद्ध विकास पर कार्य करने पर जोर दिया।
शीतलहर को लेकर सीएम धामी ने ली बैठक, दिए जरुरी दिशा निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने सोमवार को सचिवालय में शीतलहर से बचाव के लिए विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने प्रदेश में शीतलहर से बचाव के लिए सभी प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में रेन बसेरों में ठहरने वालों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। इसके साथ ही सीएम ने शासन के वरिष्ठ अधिकारी और जिलों के डीएम और एसएसपी को रेन बसेरों की व्यवस्थाओं का समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। सीएम का कहना हैं कि शीतलहर के दृष्टिगत जरूरतमंदों को कंबल, दस्ताने, मौजे और अन्य आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध कराई जाए। सीएम ने कहा सभी जनपदों में रात के समय जिन स्थानों पर अलाव की व्यवस्थाएं की गई हैं, उसकी लोगों को विभिन्न माध्यमों से जानकारी भी दी जाए। सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बर्फबारी के कारण सड़के अधिक देर तक बाधित न हों, जिन क्षेत्रों में बर्फबारी अधिक होती हैं, उन स्थानों पर सड़कों से बर्फ हटाने के लिए आवश्यक संसाधनों का उचित प्रबंधन किया जाए।
गर्भवती महिलाओं का डाटा किया जाए एकत्रित..
सीएम धामी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि शीतकाल के दृष्टिगत जनपदों में गर्भवती महिलाओं का सम्पूर्ण डाटा रखा जाए, ताकि किसी भी आपात परिस्थिति में उन्हें, यथाशीघ्र चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसके साथ ही निराश्रित पशुओं के लिए भी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बैठक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे सड़क निर्माण के कार्यों में तेजी लाने के लिए कहा।
पात्र व्यक्तियों को ही मिले सरकारी योजनाओं का लाभ..
सीएम धामी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार की योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को ही मिले। सभी डीएम भी सुनिश्चित करें कि सरकारी योजनाओं का कोई भी व्यक्ति गलत तरीके से फायदा न उठाये। इसके साथ ही चारों धाम समेत शीतकाल प्रवास स्थलों और उसके आस-पास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए।
सीएम धामी ने पार्वती कुंड के पास लगाया ध्यान, अब कांग्रेस ने पीएम मोदी को लेकर कही ये बात..
उत्तराखंड: पूर्व सीएम व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदि कैलाश क्षेत्र में पार्वती कुंड के पास ध्यान लगाने को लेकर तीन दिन बाद अपने ही अंदाज में टिप्पणी की। उन्होंने सीएम के इस कदम को सराहा, साथ में कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया। इंटरनेट पर अपनी पोस्ट में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सीएम धामी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अनुसरण करते हुए पार्वती कुंड के पास ध्यान लगाया। निश्चय ही उनके इस कार्य से आदि कैलाश परंपरागत यात्रा को बढ़ावा मिला है, लेकिन इस ध्यान में प्रायश्चित का भी समावेश होना चाहिए।
उत्तराखंड की गौरव अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रा कैलाश मानसरोवर इसी भू-भाग से होकर गुजरती थी। उन्होंने यह प्रयास किया था कि यूनेस्को यात्रा की प्राचीनता देखते हुए उसे मान्यता प्रदान करे, लेकिन मोदी सरकार ने हमसे हमारा गौरव कैलाश मानसरोवर यात्रा छीन ली। इससे तकलाकोट, सांगरू क्षेत्र से चीन के साथ हमारा व्यापार भी प्रभावित हुआ। चौदास-ब्यास की रंग संस्कृति को अभूतपूर्व बताते हुए उन्होंने स्थानीय निवासियों को सावधान किया कि जहां-जहां भाजपा की नजर पड़ी है, वहां-वहां जमीन बिकी हैं।
उन्होंने क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी और उनके सहयोगियों से कहा कि वे भी ध्यान लगाकर मुख्यमंत्री को कैलाश मानसरोवर की खो चुकी यात्रा के लिए ध्यान लगाने को बाध्य करें। राज्य सरकार ने इसे पूरी तरह विस्मृत कर दिया है। ये यात्रा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सौगात थी। यात्रा के पहले जत्थे के साथ कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा करने का साैभाग्य उन्हें और डॉ सुब्रमण्यम स्वामी को प्राप्त हुआ था।
उत्तराखंड के 10 साहित्यकारों को साहित्य गौरव सम्मान से सीएम धामी करेंगे सम्मानित..
उत्तराखंड: भाषा संस्थान ने वर्ष 2023 के साहित्य पुरस्कारों की घोषणा करते हुए 10 साहित्यकारों को कई श्रेणियों में साहित्य गौरव सम्मान के लिए चुना। सीएम पुष्कर सिंह धामी 21 फरवरी को आईआरडीटी सभागार में सभी को सम्मानित करेंगे। दीर्घकालीन साहित्य सृजन के लिए साहित्यकार प्रो. लक्ष्मण सिंह बिष्ट बटरोही को सुमित्रानंदन पंत साहित्य गौरव, कथा साहित्य के लिए डॉ. सुशील उपाध्याय को शैलेश मटियानी सम्मान दिया जाएगा। उत्तराखंड भाषा संस्थान की निदेशक स्वाति एस भदौरिया का कहना हैं कि इस वर्ष कुमाऊंनी लोक साहित्य में दीर्घकालिक साहित्य सृजन के लिए देवकीनंदन भट्ट मयंक को गुमानी पंत पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
गढ़वाली लोक साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए भजन सिंह सिंह पुरस्कार गिरीश सुंदरियाल को प्रदान किया जाएगा। कुमाऊंनी एवं गढ़वाली में भिन्न बोलियों एवं उप बोलियों में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए गोविंद चातक पुरस्कार डॉ. सुरेश ममगाई को देने का निर्णय लिया गया। उर्दू साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार केए खान को मिलेगा। पंजाबी साहित्य दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए शिक्षक पूर्ण सिंह पुरस्कार प्रेम साहिल को, महाकाव्य, खंड काव्य एवं काव्य रचना के लिए महादेवी वर्मा पुरस्कार प्रो. शैलेय को, अन्य गद्य विद्या के लिए डाॅ. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार डाॅ. ललित मोहन पंत को एवं साहित्य की मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं के लिए भैरव दत्त धूलिया पुरस्कार गणेश खुगशाल गणी को दिया जाएगा।
मौलिक पुस्तक लेखन श्रेणी कथा साहित्य वर्ग में शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए चयनित डॉ. सुशील उपाध्याय को उनके उपन्यास सुनो, सबरीना के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है। यह उपन्यास एक उज्बेकिस्तानी लड़की के संघर्ष की कहानी है। अब तक डॉ. सुशील उपाध्याय की 18 किताबें प्रकाशित हुई हैं।
सीएम धामी ने पीएम मोदी को ताम्र शिल्प पर आधारित उत्पाद किए भेंट..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीएम नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में भेंट कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया और उन्हें बागेश्वर के प्रसिद्ध ताम्र शिल्प पर आधारित उत्पाद भेंट किए। इस अवसर पर उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट–2023 के दौरान निवेश की ग्राउंडिंग के लिए किए जा रहे विभिन्न कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। सहकारिता से जुड़े सभी सदस्यों के परिवारों की आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा के दृष्टिगत सहकारी किसान समृद्धि कार्ड योजना (नमो सहकारी कवच कार्ड) प्रारंभ करने के विषय में पीएम मोदी को अवगत कराया। देवभूमि उत्तराखण्ड के पर्यटन क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किए गए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन, हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर के विकास एवं प्रदेश को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने तथा हवाई सेवा के विस्तार हेतु किए जा रहे प्रयासों के बारे में सीएम धामी ने पीएम मोदी को जानकारी दी।
सीएम धामी ने PM Modi को दी योजनाओं की जानकारी..
पीएम मोदी लोकार्पित किए गए राज्य के स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग हेतु अंब्रेला ब्रांड के रूप में “हाउस आफ हिमालयाज” को और अधिक प्रभावी बनाकर स्थानीय उत्पादों व कलाकृतियों को एक बेहतर मंच प्रदान करते हुए उत्पादकों-शिल्पकारों को सशक्त बनाया जा रहा है। सड़क एवं परिवहन, ऊर्जा तथा नई टाउनशिप के विकास, आयुष के क्षेत्र में हो रहे विशेष कार्यों, उत्तराखण्ड स्टेट मिलेट मिशन की कार्ययोजनाओं और मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत प्रदेशवासियों को मिल रहे लाभ के विषय में जानकारी दी।
बता दे कि पीलीभीत-खटीमा राजमार्ग के 4 लेन के चौड़ीकरण हेतु परिसम्पत्तियों के हस्तांतरण के लिए कार्यदायी संस्था नामित करते हुए कार्य प्रारम्भ कराने, मसूरी में 2 लेन टनल परियोजना के कार्य हेतु लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था बनाने और टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते हुए व्यय का पूर्ण भार भारत सरकार द्वारा वहन करने का अनुरोध किया। राज्य को केन्द्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आवंटित करने, टनकपुर-देहरादून के मध्य एक जनशताब्दी रेल सेवा, टनकपुर एवं नई दिल्ली के मध्य एक फ़ास्ट ट्रेन और देहरादून-हरिद्वार-रामनगर सीधी रेल सेवा संचालित करने के साथ ही वायुसेना द्वारा चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी के नियमित रख-रखाव और जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के उच्चीकरण व विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के विकास-निर्माण की अनुमति देने का अनुरोध किया। उत्तराखण्ड के विकास के दृष्टिगत उक्त सभी योजनाओं पर सकारात्मक आश्वासन दिए जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी को सहर्ष धन्यवाद दिया।
सात को दून में जुटेंगे भाजपा के दिग्गज, रैलियों के तय होंगे कार्यक्रम..
उत्तराखंड: लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए सात जनवरी को पार्टी के सभी बड़े दिग्गज जुटेंगे। इसमें लोकसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए दिशा तय की जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मी कांत वाजपेयी, पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम, सीएम पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री व सांसद शामिल होंगे।
पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण बैठक है। जिसमें 2024 लोकसभा चुनाव की सभी पांच सीटों को 75 फ़ीसदी मतों के साथ जीतने के लिए रणनीतिक बिंदुओं पर चर्चा होगी। इसमें केंद्र एवं राज्य के नेताओं के प्रवास तय होंगे। साथ ही स्टार प्रचारकों एवं सांगठनिक पदाधिकारियों की रैली कार्यक्रम भी बनाए जाएंगे। क्षेत्र समाज एवं वर्ग विशेष के प्रतिनिधियों को आमंत्रण अथवा स्थानीय एवं राष्ट्रीय चुनावी मुद्दों का चयन को लेकर भी मंथन होगा।
प्रदेश अध्यक्ष भट्ट का कहना हैं कि बैठक में प्रदेश के सभी मंत्रियों, सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं सभी सांसदों समेत प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। इन तमाम बिंदुओं को लेकर सभी से विस्तारपूर्वक चर्चा की जाएगी एवं उनसे सुझाव लिए जाएंगे। बैठक के निष्कर्षों का लोकसभा चुनावों की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
अटल ब्रिज पहुंचे सीएम धामी, उत्तराखंड में भी इस तरह के ब्रिज बनाने की संभावनाएं तलाशने को कहा..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अहमदाबाद में स्थित अटल फुट ओवर ब्रिज का किया भ्रमण किया। सीएम धामी ने इस दौरान ब्रिज का भ्रमण करने आए अन्य प्रदेशों के पर्यटकों से भी मुलाकात की।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को साबरमती रिवरफ्रंट के पश्चिम और पूर्वी हिस्से को जोड़ने वाले प्रतिष्ठित अटल फुट ओवर ब्रिज का भ्रमण किया। उन्होंने इसे आधुनिक तकनीकि का बेजोड़ नमूना बताया। उन्होंने कहा कि यह पुल अपने सुंदर संरचना से साबरमती के सौंदर्य से भी पर्यटकों को आकर्षित कराता है। इसमें लोगों के आवागमन की भी बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं।
उत्तराखंड में ब्रिज बनाने की संभावनाएं तलाशने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने अटल ब्रिज के प्रोजेक्ट हेड सुशांत से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने सचिव विनय शंकर पांडे को उत्तराखंड में भी अटल ब्रिज की तर्ज पर ब्रिज बनाए जाने की संभावनाएं तलाशे जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अटल ब्रिज देखने हेतु विभिन्न प्रदेशों से आए पर्यटकों से भी मुलाकात की।
सीएम धामी ने कहा कि ये उत्कृष्ट ब्रिज ‘गुजरात के विकास मॉडल’ की शानदार मिसाल है। यहां हर दिन बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड में भी विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों का विकास तेजी से किया जा रहा है। भविष्य में उत्तराखंड में भी विभिन्न नदियों पर रिवर फ्रंट को विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।