धामी सरकार अब ऐसे कसेगी उपद्रवियों पर नकेल..
उत्तराखंड: प्रदेश में धामी सरकार उपद्रवियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। बता दें सरकार विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। बता दे कि धामी सरकार सदन में विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों पर लगाम लगाने के लिए 26 फरवरी यानी आज से शुरू होने वाले बजट सत्र में ‘उत्तराखंड सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक’ लाएगी। आपको बता दें इस बिल के तहत विरोध प्रदर्शन और हड़ताल के दौरान हुए नुकसान की वसूली उपद्रव में शामिल आरोपियों से की जाएगी। नुकसान की भरपाई के लिए सेवानिवृत्त जिला जज की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।
सीएम धामी के नेतृत्व में ऊर्जा प्रदेश बनने की राह में आगे बढ़ रहा उत्तराखंड..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनने का संकल्प सिद्ध होता हुआ नजर आ रहा है। इसी दिशा में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना बेहद सफल साबित हो रही है। ख़ास बात ये है कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक 20 से लेकर 200 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्रों की स्थापना के लिए प्रदेश के युवा खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर 13 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना (MSSY) को संशोधित का किया गया। इसके बाद प्रदेश में 20, 25, 50, 100 और 200 किलोवाट के ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पोर्टल msy.uk.gov.in पर 839 आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें 297 आवेदनों के LOI भी जारी की जा चुकी है।
MSSY से राज्य में बढ़ रहे रोजगार के अवसर..
पूर्ववर्ती MSSY योजना में 3.43 मेगावाट स्थापित क्षमता 13.6 करोड़ रूपए के अनुमानित निवेश की तुलना में मॉडिफाइड एमएसएसवाई योजना में 839 आवेदनों में से 297 संख्या ,संचयी क्षमता 44.94 MWp के एलओए, अब तक जारी किए जा चुके हैं। जिससे राज्य में रोजगार के अवसर के साथ-साथ लगभग 224 करोड़ रूपए के निवेश के अवसर पैदा होंगे। बता दें कि नई मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 44.94 मेगावाट की स्थापना के बाद प्रदेशवासियों के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।
सीएम धामी के नेतृत्व में सपना हो रहा साकार..
जहां एक ओर एमएसएसवाई योजना रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं तो वहीं प्रदेश का ऊर्जा प्रदेश बनने का सपना भी साकार हो रहा है। इस से ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर Net Zero लक्ष्य प्राप्त करने के अधिक अवसर पैदा होंगे। मॉडिफाइड MSSY योजना में उत्तराखंड के निवासी उत्सुकता से आवेदन कर रहे हैं। आवंटन प्रक्रिया 246 MWp संचयी लक्ष्य उपलब्धि तक जारी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन के साथ ही ग्रीन इकोनॉमी की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।
उत्तराखंड के 10 साहित्यकारों को साहित्य गौरव सम्मान से सीएम धामी करेंगे सम्मानित..
उत्तराखंड: भाषा संस्थान ने वर्ष 2023 के साहित्य पुरस्कारों की घोषणा करते हुए 10 साहित्यकारों को कई श्रेणियों में साहित्य गौरव सम्मान के लिए चुना। सीएम पुष्कर सिंह धामी 21 फरवरी को आईआरडीटी सभागार में सभी को सम्मानित करेंगे। दीर्घकालीन साहित्य सृजन के लिए साहित्यकार प्रो. लक्ष्मण सिंह बिष्ट बटरोही को सुमित्रानंदन पंत साहित्य गौरव, कथा साहित्य के लिए डॉ. सुशील उपाध्याय को शैलेश मटियानी सम्मान दिया जाएगा। उत्तराखंड भाषा संस्थान की निदेशक स्वाति एस भदौरिया का कहना हैं कि इस वर्ष कुमाऊंनी लोक साहित्य में दीर्घकालिक साहित्य सृजन के लिए देवकीनंदन भट्ट मयंक को गुमानी पंत पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
गढ़वाली लोक साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए भजन सिंह सिंह पुरस्कार गिरीश सुंदरियाल को प्रदान किया जाएगा। कुमाऊंनी एवं गढ़वाली में भिन्न बोलियों एवं उप बोलियों में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए गोविंद चातक पुरस्कार डॉ. सुरेश ममगाई को देने का निर्णय लिया गया। उर्दू साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार केए खान को मिलेगा। पंजाबी साहित्य दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए शिक्षक पूर्ण सिंह पुरस्कार प्रेम साहिल को, महाकाव्य, खंड काव्य एवं काव्य रचना के लिए महादेवी वर्मा पुरस्कार प्रो. शैलेय को, अन्य गद्य विद्या के लिए डाॅ. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार डाॅ. ललित मोहन पंत को एवं साहित्य की मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं के लिए भैरव दत्त धूलिया पुरस्कार गणेश खुगशाल गणी को दिया जाएगा।
मौलिक पुस्तक लेखन श्रेणी कथा साहित्य वर्ग में शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए चयनित डॉ. सुशील उपाध्याय को उनके उपन्यास सुनो, सबरीना के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है। यह उपन्यास एक उज्बेकिस्तानी लड़की के संघर्ष की कहानी है। अब तक डॉ. सुशील उपाध्याय की 18 किताबें प्रकाशित हुई हैं।
उत्तराखंड विधानसभा ने रचा इतिहास, सीएम धामी के नेतृत्व में पास हुआ यूसीसी बिल..
उत्तराखंड: आजादी के बाद देश का पहला समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पास हो गया। इसके साथ ही उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया है। इस बिल के आने के बाद क्या कुछ बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। यहां आसान भाषा में समझें।
UCC बिल पास कर उत्तराखंड ने रचा इतिहास
दो दिन लंबी चर्चा, बहस और तर्कों के बाद बुधवार की शाम सदन में समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 ध्वनिमत से पास हो गया। जहां एक ओर उत्तराखंड में अब लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की शादी की उम्र 21 वर्ष होगी तो वहीं प्रदेश में विवाह का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस बिल के प्रवाधान कुछ इस प्रकार है।
1- लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की शादी की उम्र 21 वर्ष होगी।
2- शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
3- पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान कारण और आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा वही पत्नी के लिए भी लागू होगा।
4- पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी। पहली पत्नी के जिंदा रहते दूसरी शादी नहीं हो सकेगी। हालांकि अनुसूचित जनजाति के लोग इस परिधि से बाहर रहेंगे
5 – उत्तराधिकार में लड़कियों को भी अब लड़कों के बराबर का हक मिलेगा। इसके साथ ही संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं किया गया है। नाजायज बच्चों को भी अब जैविक संतान माना जाएगा।
6- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन आवश्यक होगा। ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा। यानी लिव इन रिलेशनशिप की जानकारी परिजनों को देनी होगी। इसके साथ ही लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस कपल का जायज बच्चा ही माना जाएगा। उस बच्चे को जैविक संतान के समस्त अधिकार प्राप्त होंगे।
7- नौकरीशुदा बेटे की मृत्यु पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी होगी। अगर पत्नी दूसरी शादी करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले मुआवजे में माता-पिता का भी हिस्सा होगा।
8- अगर पत्नी की मृत्यु हो जाती है और उसके माता-पिता का कोई सहारा न हो तो उनके भरण पोषण के जिम्मेदारी पति की होगी।
9- सभी को अब गोद लेने का अधिकार मिलेगा।मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार मिलेगा। इसके साथ ही गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।
10- हलाला और इद्दत पर रोक होगी।
11- अगर पति-पत्नी के बीच झगड़े की स्थिति होती है तो ऐसे में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स यानी उने दादा-दादी को दी जा सकती है।
वन्यजीवों के हमले में मौत पर अब छह लाख का मुआवजा..
उत्तराखंड: प्रदेश में जहां वन्य जीवों का आतंक बढ़ रहा है वहीं धामी सरकार ने अब उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमले में मृत्यु अथवा घायल होने के मामलों में मुआवजा राशि बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। अब इसमें छह लाख रुपये तक मुआवजा राशि मिल सकेगी।आपको शासन ने वन्यजीवों के हमलों से जूझ रहे उत्तराखंड में मानव, पशु, भवन व फसल क्षति के मामलों में मुआवजा राशि में बढ़ोतरी कर दी गई है।
जिसको लेकर मानव-वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली में संशोधन की अधिसूचना जारी की गई है। जिसके बाद अब जंगली जानवरों के हमले में मृत्यु पर अब परिजनों को छह लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी। इतना ही नहीं घायल होने पर क्षति के अन्य मामलों में भी राशि बढ़ाई गई है। साथ ही ये मुआवजा राशि 15 दिन के भीतर पीड़ित को दी जाएगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल में हुई समीक्षा बैठक में वन्यजीवों से होने वाली क्षति के मामलों में दी जाने वाली मुआवजा राशि में वृद्धि से संबंधित अधिसूचना शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए थे। पहले वन्य जीव के हमले में मृत्यु के मामलों में परिजनों को अभी तक आपदा मोचन निधि से चार लाख रुपये की राशि दी जाती थी, जो अब छह लाख की गई है। इसमें दो लाख रुपये मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि से उपलब्ध कराए जाएंगे।
सीएम धामी ने पीएम मोदी को ताम्र शिल्प पर आधारित उत्पाद किए भेंट..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीएम नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में भेंट कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया और उन्हें बागेश्वर के प्रसिद्ध ताम्र शिल्प पर आधारित उत्पाद भेंट किए। इस अवसर पर उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट–2023 के दौरान निवेश की ग्राउंडिंग के लिए किए जा रहे विभिन्न कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। सहकारिता से जुड़े सभी सदस्यों के परिवारों की आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा के दृष्टिगत सहकारी किसान समृद्धि कार्ड योजना (नमो सहकारी कवच कार्ड) प्रारंभ करने के विषय में पीएम मोदी को अवगत कराया। देवभूमि उत्तराखण्ड के पर्यटन क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किए गए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन, हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर के विकास एवं प्रदेश को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने तथा हवाई सेवा के विस्तार हेतु किए जा रहे प्रयासों के बारे में सीएम धामी ने पीएम मोदी को जानकारी दी।
सीएम धामी ने PM Modi को दी योजनाओं की जानकारी..
पीएम मोदी लोकार्पित किए गए राज्य के स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग हेतु अंब्रेला ब्रांड के रूप में “हाउस आफ हिमालयाज” को और अधिक प्रभावी बनाकर स्थानीय उत्पादों व कलाकृतियों को एक बेहतर मंच प्रदान करते हुए उत्पादकों-शिल्पकारों को सशक्त बनाया जा रहा है। सड़क एवं परिवहन, ऊर्जा तथा नई टाउनशिप के विकास, आयुष के क्षेत्र में हो रहे विशेष कार्यों, उत्तराखण्ड स्टेट मिलेट मिशन की कार्ययोजनाओं और मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत प्रदेशवासियों को मिल रहे लाभ के विषय में जानकारी दी।
बता दे कि पीलीभीत-खटीमा राजमार्ग के 4 लेन के चौड़ीकरण हेतु परिसम्पत्तियों के हस्तांतरण के लिए कार्यदायी संस्था नामित करते हुए कार्य प्रारम्भ कराने, मसूरी में 2 लेन टनल परियोजना के कार्य हेतु लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था बनाने और टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते हुए व्यय का पूर्ण भार भारत सरकार द्वारा वहन करने का अनुरोध किया। राज्य को केन्द्रीय पूल के कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आवंटित करने, टनकपुर-देहरादून के मध्य एक जनशताब्दी रेल सेवा, टनकपुर एवं नई दिल्ली के मध्य एक फ़ास्ट ट्रेन और देहरादून-हरिद्वार-रामनगर सीधी रेल सेवा संचालित करने के साथ ही वायुसेना द्वारा चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी के नियमित रख-रखाव और जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के उच्चीकरण व विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के विकास-निर्माण की अनुमति देने का अनुरोध किया। उत्तराखण्ड के विकास के दृष्टिगत उक्त सभी योजनाओं पर सकारात्मक आश्वासन दिए जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी को सहर्ष धन्यवाद दिया।
सीएम धामी ने लांच किया ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल..
उत्तराखंड: राज्य सूचना आयोग में अब अपील और शिकायतों के पंजीकरण के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भी घर बैठे शिकायतों का पंजीकरण कराने के साथ ही अपील में भी शामिल हो सकेंगे। सीएम धामी का कहना हैं कि ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल से लोगों का काफी मदद मिलेगी। अपीलों की सुनवाई में आने-जाने में समय बचेगा। सूचना का अधिकार एक्ट से लोगों की ओर से शासन-प्रशासन से संबंधित अपनी व्यक्तिगत व सामुदायिक कठिनाइयों का निराकरण करने में और आसानी हो जाती है। कहा, आज शुरू की गई ऑनलाइन सुविधाओं का सबसे अधिक लाभ राज्य के दूरस्थ एवं पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को प्राप्त होगा।
उनका कहना हैं कि उन्हें सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन एवं प्रथम अपील ऑनलाइन रूप से करने की सुविधा प्राप्त होने के साथ-साथ द्वितीय अपील में भी अपने स्थान से ही शामिल होने की सुविधा मिलेगी। उन्होंने आशा जताई कि जनसामान्य की ओर से इन सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाया जाएगा। मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने कहा कि द्वितीय अपीलों एवं शिकायतों के ऑनलाइन पंजीकरण तथा हाईब्रिड मोड से सुनवाई में भाग लेने की दोनों सुविधा तत्काल जनसामान्य के लिए उपलब्ध करा दी गई। पोर्टल में समस्त विभागों के लोक सूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों की आईडी तैयार की जाएगी।
अधिकारियों को पोर्टल पर कार्य का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जल्द ही पोर्टल से जनसामान्य की ओर से सूचना आवेदनपत्र, आवेदन शुल्क व प्रथम अपील को ऑनलाइन रूप से भी प्रेषित किया जा सकेगा। कहा, दिसंबर 2023 में आयोग ने 521 सुनवाई करते हुए 299 वादों को निस्तारित किया। जनवरी 2022 से दिसंबर 2023 तक की अवधि में आयोग ने 11,037 सुनवाई से 6735 वादों का निस्तारण किया।
ऊर्जा क्षेत्र में सीएम धामी ने दिए उत्पादन बढ़ाने के निर्देश..
उत्तराखंड: वैश्विक निवेशक सम्मेलन में ऊर्जा क्षेत्र में एक लाख करोड़ के निवेश पर करार हुआ है। इससे राज्य ऊर्जा क्षेत्र में आगे बढ़ेगा। उन्होंने उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) से 2030 तक विद्युत उत्पादन के लक्ष्य 2200 मेगावाट को और अधिक बढ़ाने के निर्देश दिए। कहा, प्रदेश में स्थापित और नई परियोजना से उद्योगों की बिजली जरूरतों पर ध्यान देना होगा। शनिवार को शाम को यूजेवीएनल के 23वें स्थापना दिवस समारोह में सीएम धामी ने यूजेवीएनएल के नए कारपोरेट भवन का लोकार्पण किया। साथ ही निगम की ओर से सीएसआर फंड के तहत सरस्वती विद्या इंटर कॉलेज भानियावाला को दी गई बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने सीएम को 20.9 करोड़ लाभांश का चेक भेंट किया।
सीएम ने सभी विभागों और संस्थानों से बेहतर वर्क कल्चर के साथ जीरो पेडेंसी का संकल्प लेने को भी कहा। राज्य गठन के बाद यूजेवीएनएल का गठन उत्तराखंड को ऊर्जा राज्य बनाने के लिए किया गया था। ऊर्जा क्षेत्र की विकास योजनाओं को समय पर पूर्ण करने में केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है।लखवाड़ बहुउद्देश्यीय जल विद्युत परियोजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना से करीब 475 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हो सकेगा। जो प्रदेश के लिए ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर सृजित करेगा। जमरानी बांध परियोजना के लिए भी केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। इस पर शीघ्र काम शुरू किया जाएगा।
सरकार किसी भी सूरत में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगी..
सीएम ने सरकार ने नई जल विद्युत नीति लागू की है। जिसमें यूजेवीएनएल सहित अन्य संस्थानों को अपनी संपत्तियों का भी ध्यान रखने को कहा। ऐसे कई मामले संज्ञान में आ रहे है, जिनमें संस्था की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हुआ है। संस्थानों को सरकार की जमीन मिलती है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उनकी है। इसलिए सभी विभाग अपने-अपने क्षेत्र का अवलोकन करें और जमीनों को कब्जा मुक्त कराएं। सरकार किसी भी सूरत में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगी। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निगम की योजनाओं की जानकारी दी।
5433 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन..
उत्तराखंड जलविद्युत निगम लिमिटेड(यूजेवीएनएल) के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को सरकार के अंश पूंजी पर लाभांश के रूप में 20.9 करोड़ का चेक भेंट किया। उन्होंने कहा कि निगम की परियोजनाओं में वर्ष 2022-23 में 5433 मिलियन बिजली का उत्पादन किया गया। इससे 115.64 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया गया। यूजेवीएन लगातार पिछले सात वर्षों से प्रदेश सरकार को लाभांश दे रहा है। हनोल त्यूणी जल विद्युत परियोजना व लखवाड़ पंप स्टोरेज परियोजना समेत यूजेवीएन लिमिटेड व टीएचडीसी के संयुक्त उपक्रम को 489 मेगावाट की तीन जल विद्युत परियोजनाएं व 1230 मेगावाट की दो पंप स्टोरेज परियोजनाएं आवंटित किया गया। 2022-23 में सराहनीय प्रदर्शन पर विभिन्न विद्युतगृहों एवं परियोजनाओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
जल्द खुलेगा उत्तराखंड अप्रवासी प्रकोष्ठ कार्यालय, अधिकारियों को दिए गए ये निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड अप्रवासी सेल के संचालन को जल्द आरंभ करने हेतु सचिवालय में आज सम्बन्धित अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उनका कहना हैं कि उत्तराखंड अप्रवासी सेल अप्रवासियों को राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी सहित सभी क्षेत्रों से जोड़ने एवं निवेश के लिए प्रोत्साहित भी करेगा।
एसीएस ने उत्तराखंड अप्रवासी सेल के सम्बन्ध में देश और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे उत्तराखंड मूल के अप्रवासियों के सम्बन्ध में डाटा बेस तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस दिशा में देश विदेश में उत्तराखण्डी अप्रवासियों के संगठनों, एसोसिएशन एवं संस्थाओं की मदद ली जाएगी। उन्होंने उत्तराखंड अप्रवासी सेल की वेबसाइट को जल्द से जल्द आरंभ करने के भी निर्देश दिए। बैठक में उत्तराखंड अप्रवासियों के राज्य में समाज कल्याण, महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक उद्यमिता, ओल्ड एज होम आदि में निवेश एवं योगदान को प्रोत्साहित करने की योजना पर भी चर्चा की गई। वहीं बैठक में सचिव शैलेष बगौली, अपर सचिव नमामि बंसल एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
अटल ब्रिज पहुंचे सीएम धामी, उत्तराखंड में भी इस तरह के ब्रिज बनाने की संभावनाएं तलाशने को कहा..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अहमदाबाद में स्थित अटल फुट ओवर ब्रिज का किया भ्रमण किया। सीएम धामी ने इस दौरान ब्रिज का भ्रमण करने आए अन्य प्रदेशों के पर्यटकों से भी मुलाकात की।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को साबरमती रिवरफ्रंट के पश्चिम और पूर्वी हिस्से को जोड़ने वाले प्रतिष्ठित अटल फुट ओवर ब्रिज का भ्रमण किया। उन्होंने इसे आधुनिक तकनीकि का बेजोड़ नमूना बताया। उन्होंने कहा कि यह पुल अपने सुंदर संरचना से साबरमती के सौंदर्य से भी पर्यटकों को आकर्षित कराता है। इसमें लोगों के आवागमन की भी बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं।
उत्तराखंड में ब्रिज बनाने की संभावनाएं तलाशने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने अटल ब्रिज के प्रोजेक्ट हेड सुशांत से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने सचिव विनय शंकर पांडे को उत्तराखंड में भी अटल ब्रिज की तर्ज पर ब्रिज बनाए जाने की संभावनाएं तलाशे जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अटल ब्रिज देखने हेतु विभिन्न प्रदेशों से आए पर्यटकों से भी मुलाकात की।
सीएम धामी ने कहा कि ये उत्कृष्ट ब्रिज ‘गुजरात के विकास मॉडल’ की शानदार मिसाल है। यहां हर दिन बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड में भी विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों का विकास तेजी से किया जा रहा है। भविष्य में उत्तराखंड में भी विभिन्न नदियों पर रिवर फ्रंट को विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।