पीएम मोदी के 74वें जन्मदिन पर CM धामी ने दी शुभकामनाएं..
उत्तराखंड: आज देश के पीएम नरेंद्र मोदी का 74वां जन्मदिन मनाया जा रहा हैं। पीएम मोदी अपने 74वें जन्मदिन पर जहां ओडिशा की राजदानी भुवनेश्वर के गड़कना में 26 लाख पीएम आवास घरों का उद्घाटन किया, वही सुभद्रा योजना का शुभारंभ भी किया। इधर देशभर में पीएम मोदी के जन्मदिन पर हुए ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम आयोजित है। देहरादून में ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। उन्होंने लोगों को स्वच्छ भारत की शपथ दिलाई। इस मौके पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘उत्तराखंड की जनता की ओर से मैं पीएम मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं उनकी लंबी उम्र की कामना करता हूं। उनके नेतृत्व में देश ने काफी तरक्की की है और आगे भी करता रहेगा।
आपको बता दे कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार भारत का प्रधानमंत्री बनने पर 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था। तब से समय-समय पर स्वच्छ भारत अभियान चलता है। इस बार 2 अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम चलेगा। अभियान में स्वच्छता में जन भागीदारी, सम्पूर्ण स्वच्छता तथा सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों का आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य स्वभाव स्वच्छता और संस्कार में स्वच्छता है। कहा गया है कि स्वच्छता और पवित्रता देवत्व के समीप है।
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के सभी जनपदों के सभी परंपरागत और चुनौतीपूर्ण कचरा स्थलों (ब्लैक स्पॉट) को चिन्हित किया जाएगा। सामूहिक श्रमदान के माध्यम से इन स्थानों को साफ किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर और विकास खंड स्तर से इसकी सूचना प्राप्त कर फोटोग्राफ्स वेबसाइट पर ऑनलाइन किए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों एवं सार्वजनिक उपक्रमों, गंदे स्थलों का चुनाव करके स्वच्छता लक्षित इकाई के रूप में चयन करते हुए एक अक्टूबर 2024 तक लगातार अभियान संचालन होगा। उत्तराखंड के सीएम धामी ने स्वच्छता ही सेवा-2024 कार्यक्रम में लोगों को शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम की सफलता के लिए जनजागरूकता एवं जनभागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। सभी लोग प्रशासन के साथ मिलकर ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम को सफल बनाएं।
CM का एलान, स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को बिजली में मिलेगी 4 प्रतिशत छूट..
उत्तराखंड: प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने वाले बिजली उपभोक्ताओं को वर्तमान दरों में चार प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसकी शुरुआत सोमवार से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कर दी है। मीटर लगने पर बिजली बिल की जरूरत खत्म होगी। मोबाइल की भांति रिचार्ज करना होगा। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रदेश में 15 लाख 84 हजार उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं। बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए वर्तमान में 59,212 ट्रांसफार्मर और 2,602 फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो चुका है।
उनका कहना हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं को बिजली दरों में चार प्रतिशत की छूट मिलेगी। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि यह योजना उपभोक्ताओं के लिए वरदान साबित होगी। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने पर मोबाइल की तर्ज पर बिजली का भी रिचार्ज होगा। बिलों की समस्या दूर हो जाएगी। उपभोक्ता का रिचार्ज खत्म होने से पहले ही एसएमएस आ जाएगा। कभी भी वह अपना बिजली खर्च मोबाइल एप के माध्यम से देख सकेंगे, ताकि उसी हिसाब से बिजली खर्च पर नियंत्रण पाया जा सके। लाइन हानियां भी कम हो जाएंगी।
उपभोक्ता के बिजली खर्च की पूरी जानकारी..
यूपीसीएल मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां सभी बिजली उपभोक्ताओं के खर्च की पूरी जानकारी अपडेट रहेगी। किस महीने कितनी बिजली खर्च की गई, लगातार खर्च बढ़ने पर उसी हिसाब से कनेक्शन का लोड भी बढ़ जाएगा। रिचार्ज खत्म होने पर कुछ समय के लिए बिजली आपूर्ति सुचारू रहेगी और फिर निर्धारित अवधि के बाद बिजली स्वत: बंद हो जाएगी।
कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन पर बोले सीएम धामी, राहुल गांधी से पूछे ये सवाल..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी आज सचिवालय के मीडिया सेंटर पहुंचे जहां उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन को लेकर बात की। सीएम धामी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में चुनाव की तिथियां घोषित हो रही हैं। जिस प्रकार कांग्रेस पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस के बीच में संगठन सामने आया है। ये सत्ता के साथ देश की अखंडता के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी जिन्होंने कश्मीर को 3 दशकों तक पीछे धकेलना का काम किया है।
कश्मीर को बर्बाद करने के लिए जोड़ा संगठन..
सीएम धामी ने कहा कि कश्मीर को बर्बाद करने के लिए कांग्रेस ने नेशनल कांफ्रेंस के साथ संगठन जोड़ा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राहुल गांधी से हमारे 10 सवाल हैं।
कांग्रेस अलग झंडा का समर्थन जम्मू कश्मीर में करती है ?
कांग्रेस क्या फिर से जम्मू कश्मीर में धारा 370 लागू करना चाहती है ?
कांग्रेस क्या फिर से पत्थर बाजी की घटनाओं में उनको सरकारी नौकरियों में फिर से बहाल करके आतंकवाद फिर से वहां पर लाने का समर्थन करते हैं ?
कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देगी ?
क्या कांग्रेस जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को फिर से गिराना चाहती है ?
कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर की ऑटोनॉमी देने की नेशनल कांफ्रेंस की विभाजनकारी सोच को उन नीतियों का कांग्रेस का समर्थन करती है ?
राजनीति को राष्ट्रनीति से बढ़कर बीजेपी नहीं मानती..
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि धारा 370 समाप्त होने के बाद कश्मीर का अमन चैन बढ़ा है। तेजी से विकास हो रहा है। इसके साथ ही अलगाववादी ताकतों पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राजनीति को राष्ट्रनीति से बढ़कर नहीं मानती है।
सीएम धामी ने दी कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धांजलि..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस पर युद्ध में शहीद हुए बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। बता दें कारगिल युद्द को आज 25 साल पूरे हो गए हैं। कारगिल युद्द में उत्तराखंड के 75 जवान शहीद हुए थे। सीएम ने देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कारगिल की विजय गाथा उत्तराखंड के वीर जवानों की चर्चा के बिना पूरी नहीं होती। युद्ध में हमारे वीर जवानों ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे। सीएम धामी ने कहा भारत की सेना विश्व की सबसे सशक्त सेनाओं में से एक है। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सशक्त बना है. सेना को मजबूती मिली है।कुछ लोग भारत को कमजोर करना चाहते हैं। सीएम धामी ने विपक्ष पर तंज कस्ते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव में प्रधानमंत्री को रोकने की कोशिश की।
किसी भी निर्णय को लेने के लिए स्वतंत्र है सेना..
सीएम धामी ने कहा एक समय था जब भारत विश्व के मंचों पर अपनी बात नहीं रख पाता था लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। आज नए भारत का निर्माण हो रहा है। आज हमारी सेना किसी भी निर्णय को लेने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है जबकि, एक समय हमें गोली का जवाब देने के लिए भी पूछना पड़ता था।
सीएम का कहना हैं कि अब हमारे सैनिक दुश्मन को घर में घुस कर मारते हैं। आज पोएम मोदी के नेतृत्व में सरकार एक ओर सैनिकों के आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है। वहीं सैनिकों और उनके परिवार वालों को मिलने वाली सुविधा को भी बढ़ा रही है। प्रदेश सरकार भी सैनिकों के कल्याण को पूरी तरह से समर्पित है। सैनिकों को मिलने वाली अनुदान राशि पर कोई मतभेद न हो। उनके माता-पिता और पत्नी को भी इसका लाभ मिले इस पर हम काम कर रहे हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार अग्निवीरों के सरकारी नौकरी में आरक्षण पर भी विचार कर रही है। देश आज प्रधानमंत्री के विकसित भारत के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहा हैं। आज का दिन हमें प्रेरणा देता है। अमर जवानों की शहादत के कारण ही हम अपने घरों में चैन की नींद ले पा रहे हैं।
कठुआ आतंकी हमले में शहीद हुए उत्तराखंड के 5 जवान, सीएम धामी ने जताया दुख..
उत्तराखंड: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले की सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निंदा की हैं। सीएम धामी ने कहा कि किसी भी क़ीमत पर आतंकवादी बख्शे नहीं जाएंगे। बता दें कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए। इस खबर के बाद से उत्तराखंड में शोक की लहर है। सीएम धामी ने कहा कठुआ, जम्मू कश्मीर में हुए कायराना आतंकी हमले के दौरान उत्तराखण्ड के पांच वीर-जवान वीरगति को प्राप्त हो गए। यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का क्षण है क्योंकि हमने भाई और बेटा भी खोया है। हमारे रणबाँकुरों ने उत्तराखण्ड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए मां भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
सीएम धामी का कहना हैं कि मां भारती की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध शहीदों का यह सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस कायरतापूर्ण हमले के दोषी, मानवता के दुश्मन आतंकवादी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे और इनको पनाह देने वाले लोगों को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा सैन्यभूमि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों को जन्म देने वाली भूमि है। यहां के जवानों ने हमेशा से ही मां भारती की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देकर अपने राष्ट्रधर्म का निर्वहन किया है। शहीद हुए सैनिकों का बलिदान हम किसी भी हालत में व्यर्थ नहीं जाने देंगे।
आतंकियों ने कठुआ के बदनोता के बरनूड इलाके में जेंडा नाले के पास सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए। पांचों जवान उत्तराखंड के गढ़वाल के हैं। जबकि कई जवानों के घायल होने की जानकारी भी मिल रही है। बता दे कि पांच जवानों की शहादत की खबर के बाद से देवभूमि शोक में डूब गई है। आतंकी हमले में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह, लैंसडौन निवासी हवलदार कमल सिंह, कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी, टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह, रिखणीखाल निवासी राइफलमैन अनुज नेगी शहीद हो गए।
जल्द नौकरशाही में बड़ा फेरबदल, इस बार DM और SSP हटेंगे..
उत्तराखंड: प्रदेश में उपचुनाव के बाद नौकरशाही में बड़ा फेरबदल होने की चर्चाएं हैं। उपचुनाव के बाद कई जिलों के एसपी-एसएसपी और डीएम बदले जाएंगे। बता दें कि हालहई में उत्तराखंड की नौकरशाही में फेरबदल किया गया। कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के दायित्व में फिर फेरबदल किया गया और उन्हें इधर से उधर किया गया। वहीं अब कई जिलाधिकारियों और जिले कप्तानों के तबादले जल्द हो सकते हैं।
आपको बता दे कि उत्तराखण्ड में उप चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी कभी भी बड़ा फैसला ले सकते हैं। हाल ही में 15 आईएएस समेत 17 अफसरों के दायित्वों में फेरबदल किया था। इसके बाद से अब जिलों में डीएम और पुलिस कप्तानों के तबादलों की चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। इनके तबादलों पर प्रारंभिक कसरत भी शुरू हो चुकी है। कई ऐसे जिले हैं जहां जिलाधिकारी को एक ही जिले में टिके हुए दो या दो साल से अधिक का समय हो गया है। बात करें देहरादून की तो देहरादून डीएम सोनिका सिंह को भी 2 साल से ज्यादा हो गया है जिसके बाद अब खबर है कि कई जिलों के डीएम बदले जाएंगे। बात करें अन्य जिले पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर के जिलाधिकारियों के भी दो-तीन माह बाद दो साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी भी कुछ महीने बाद रिटायर होने वाले हैं ऐसे में नया डीएम पदभार संभालेंगे।
उत्तराखंड। साल 2020 में कोरोना नामक वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया की गति अनायास रोक दी थी। उत्तराखंड भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ। पहले लॉकडाउन और उसके बाद महामारी से जूझने के लिए अमल में लाई गई उपायों की लंबी श्रृंखला ने चारधाम यात्रा को लगभग ठप्प कर दिया था। इससे श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की वित्तीय स्थिति भी डगमगा गयी थी।
महामारी के भय से उबरी दुनिया ने जब दोबारा गति पकड़ी तो प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से यात्रा मार्गों पर भी हलचल नज़र आने लगी। वर्ष 2022 प्रदेश सरकार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता अजेंद्र अजय को बीकेटीसी के अध्यक्ष का दायित्व सौंपा। अजेंद्र के नेतृत्व में बीकेटीसी ने नई ऊर्जा के साथ काम शुरू किया और शासन के सहयोग से यात्रा के लिए आवश्यक अवस्थापना विकास से लेकर परिवेश निर्माण तक के कार्यों को गतिमान किया।
पूर्व में कार्मिकों के वेतन, दैनिक क्रियाकलापों के संचालन और विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए बीकेटीसी को आर्थिक कठिनाइयों से जूझना पड़ता था। अजेंद्र के कार्यकाल में आय के नए स्रोतों के समुचित नियोजन से बीकेटीसी का वित्तीय तलपट आशातीत लाभ दर्शाने लगा है। विगत ढाई वर्षों में बीकेटीसी की परिधि में आने वाले अनेक पौराणिक मंदिरों के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण की सराहनीय पहल की गई। इसके साथ ही यात्रा मार्गों पर स्थित विभिन्न विश्राम गृहों के उच्चीकरण के भी अभूतपूर्व कार्य किये गए।
बाबा केदार की शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में कोठा भवन के जीर्णोद्वार और मंदिर परिसर के विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण की मांग स्थानीय जनता द्वारा तीन दशकों से मांग उठायी जाती रही है। राजनीतिक लाभ के लिए पूर्व में करीब आधा दर्जन से अधिक बार यहां पर भूमि पूजन भी किये गए। मगर अजेंद्र ने इस परियोजना को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया और वर्तमान में न्यू इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के सहयोग से पांच करोड़ रूपये की लागत से प्रथम चरण के कार्य तेजी से गतिमान हैं।
वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ धाम में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके श्री ईशानेश्वर मंदिर का निर्माण गत वर्ष एक दानीदाता के सहयोग से एक वर्ष के रिकॉर्ड समय में कराया गया। गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में ध्वस्त हो चुके भैरव मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग क्षेत्रीय जनता करीब एक दशक से उठाती रही है। मगर अजेंद्र के प्रयासों से कुछ माह पूर्व शुरू हुआ मंदिर निर्माण का कार्य शीघ्र ही पूरा होने को है। इसके अलावा तुंगनाथ व विश्वनाथ मंदिर की जर्जर हो चुकी छतरियों का पुनर्निर्माण कार्य भी सम्पन्न कराये गए हैं।
अजेंद्र के कार्यकाल का सबसे चर्चित कार्य केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित कराना रहा है। सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, सिद्धि विनायक, राम मंदिर अयोध्या जैसे तमाम प्रमुख मंदिरों में स्वर्ण मंडित विभिन्न कार्य कराने वाले मुंबई के लाखी परिवार ने केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को पूरी तरह से स्वर्ण मंडित किया। हालांकि, राजनीतिक कारणों से कुछ लोगों ने इस पर विवाद खड़ा करने की कोशिश की। मगर कुछ लोगों के दुष्प्रचार को नजरअंदाज कर दिया जाए तो वास्तव में बाबा केदार के गर्भगृह की स्वर्णमयी आभा देश-विदेश के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी हुयी है।
बीकेटीसी में वित्तीय नियोजन एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। आश्चर्यजनक रूप से पूर्व में यहां इसके नियंत्रण की कोई सटीक व्यवस्था नहीं थी। अजेंद्र ने पदभार ग्रहण करते ही सबसे पहले वित्तीय पारदर्शिता के लिए वित्त अधिकारी का पद सृजित करने की पहल की और इस पर शासन से प्रदेश वित्त सेवा के अधिकारी की तैनाती करवाई। इससे आर्थिक गतिविधियों का नियामन त्रुटिहीन हो गया है। कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिणाम है कि बीकेटीसी आधारभूत ढांचे के विकास के लिए विभिन्न निर्माण कार्यों को सम्पादित करने के बावजूद आर्थिक दृष्टि से मजबूत स्थिति में आ गयी है। बीकेटीसी ने वर्तमान यात्राकाल में केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में यात्रा सुविधाओं के विकास के लिए प्रदेश सरकार को दस करोड़ रूपये की धनराशि प्रदान की। प्रदेश के इतिहास में यह पहला अवसर होगा कि जब किसी निगम अथवा बोर्ड ने प्रदेश सरकार को सहयोग के रूप में धनराशि दी होगी।
वर्ष 1939 में अंग्रेजों के समय में गठित बीकेटीसी में कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति आदि के लिए कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं थी और ना ही कार्मिकों के लिए कोई सेवा नियमावली थी। बीकेटीसी के इतिहास में पहली बार अजेंद्र ने इसके लिए पहल की और तमाम गतिरोधों के बावजूद सेवा नियमावली बनायीं। धार्मिक संस्थाओं के लिए इस तरह की नियमावली का निर्माण करना दरअसल एक संवेदनशील विषय रहा है। प्रचलित परंपराओं के साथ आवश्यक वैधानिक शर्तों का संयोजन एक चुनौतीपूर्ण टास्क होता है। लिहाजा, इससे पूर्व किसी ने भी इस संवेदनशील विषय को छूने का साहस नहीं किया।
प्रशासनिक व्यवस्था के निर्बाध प्रचालन और कार्य संस्कृति में बदलाव लाने के लिए भी कई प्रयास किये गए। इसमें सबसे प्रमुख निर्णय कार्मिकों का स्थानांतरण था। मंदिर समिति के इतिहास में पहली बार कार्मिकों के स्थानांतरण किये गए। स्थानांतरण प्रक्रिया ने मंदिर समिति में भूचाल ला दिया था। मगर अध्यक्ष ने कुशल प्रशासनिक क्षमता का परिचय देते हुए स्थानांतरण आदेशों को लागू करा कर छोड़ा। कर्मचारियों की लंबित पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उनके मनोबल को बढ़ाने के साथ कार्मिकों को गोल्डन कार्ड सुविधा प्रदान करने जैसे अनेक निर्णय लिए गए।
सुधारों के क्रम में धामों में दर्शन व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए बीकेटीसी ने अपना सुरक्षा संवर्ग बनाने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा है। इसको सरकार ने स्वीकृति दे दी है। उम्मीद है कि शीघ्र ही बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिरों में दर्शन व सुरक्षा की कमान बीकेटीसी के सुरक्षाकर्मियों के पास होगी।
हालांकि, सुधारों की राह कभी भी आसान नहीं होती है। बीकेटीसी में भी सुधार की बयार कुछ लोगों को पसंद नहीं आयी और वे अध्यक्ष अजेंद्र के विरुद्ध लगातार बात-बेबात के मुद्दों को लेकर विवाद खड़ा करने का प्रयास करते रहते हैं। मगर अजेंद्र ने सारे विरोधों को दरकिनार करते हुए अपना अभियान जारी रखा है।
श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क मिलेगी तकनीकी शिक्षा, श्रम विभाग उठाएगा जिम्मा..
उत्तराखंड: प्रदेश में श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क तकनीकी शिक्षा देने का जिम्मा अब श्रम विभाग उठाएगा। तकनीकी शिक्षा के साथ ही विद्यार्थियों को रहने-खाने की भी निःशुल्क सुविधा दी जाएगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी 28 जून को इसकी घोषणा करने वाले हैं। श्रम विभाग के भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) में पंजीकृत श्रमिकों को इसका लाभ दिया जाएगा। हालांकि, तकनीकी शिक्षा का ज्ञान लेने के लिए हर साल प्रदेश में सिर्फ 75 विद्यार्थियों को ही चुना जाएगा। इन विद्यार्थियों का चयन एक कमेटी करेगी।
आइटीआइ या पालीटेक्निक के विभिन्न कोर्सों में रुचि रखने वाले श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा सहायता देने के लिए श्रम विभाग यह पहल करने जा रहा है। इससे पूर्व निर्माण साइटों पर रहने वाले श्रमिकों के बच्चों को बेसिक ज्ञान देने के लिए श्रम विभाग ने डिजिटल लर्निंग बस शुरू की थी, जिसमें 400 से अधिक बच्चों को बस में डिजिटल तकनीक से शिक्षा का ज्ञान दिया गया।
विभाग अब 10वीं व 12वीं पास विद्यार्थियों को विभिन्न तकनीकी कोर्स कराने के लिए उन्हें निश्शुल्क शिक्षा दिलाएगा। विद्यार्थियों को आवासीय छात्रावास के साथ ही भरपेट भोजन भी दिया जाएगा। इसके बाद तकनीकी कोर्स पूरा कर उन्हें कंपनियों में नौकरी के लिए प्लेसमेंट भी दिया जाएगा। तकनीकी कोर्स करने के बाद विद्यार्थी स्वरोजगार भी कर सकते हैं। नौनिहालों को डिजिटल शिक्षा देने के लिए श्रम विभाग ने नैनीताल व देहरादून जिले में डिजिटल लर्निंग बस शुरू की है। अब इसकी तर्ज पर हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिले में भी लर्निंग बस शुरू की जाएगी, जिसका सीएम पुष्कर सिंह धामी 28 जून को उद्घाटन करेंगे। इसके बाद दोनों जिलों में कंस्ट्रक्शन साइट में कार्य करने वाले श्रमिकों के बच्चों को बस के अंदर बैठाकर डिजिटल शिक्षा दी जाएगी।
धामी सरकार इन 16 मंदिरों का कराएगी सुंदरीकरण..
उत्तराखंड: देवभूमि में चारधाम की भांति अब मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं क्षेत्र के तीर्थाटन, पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदिरों और धार्मिक स्थलों को संवारने के लिए सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस मिशन के अंतर्गत प्रथम चरण में 16 में नौ मंदिरों को निखारने के लिए 30.12 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। इसमें शामिल प्रसिद्ध कैंचीधाम में हेलीपैड की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। इसके लिए उपयुक्त भूमि मिलने पर हेलीपैड का निर्माण कराया जाएगा। जिससे आने वाले समय में देश-विदेश से श्रद्धालु हेली सेवा से आसानी से कैंचीधाम पहुंच सकेंगे।
केदारखंड में चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धामों की यात्रा प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस वर्ष अब तक 26 लाख से अधिक तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। चारधाम यात्रा की तरह ही मानसखंड यानी कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों को भी तीर्थाटन व पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के उद्देश्य से सरकार ने मानसखंड मंदिर माला मिशन शुरू किया है। इसकी जिम्मेदारी यूटीडीबी (उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड) को सौंपी गई है। जिसके प्रथम चरण में 16 मंदिरों को मिशन में शामिल किया गया है। अब इनमें यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत अवस्थापना संबंधी कार्य तेजी से कराने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में बोर्ड ने नौ मंदिरों में होने वाले विभिन्न कार्यों के लिए 70 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया है। इनमें से प्रथम किस्त के तौर पर 30.12 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। निर्माण कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। लोनिवि ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ये होंगे निर्माण कार्य..
मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत सभी मंदिरों में पार्किंग, रोशनी, सुंदरीकरण, आस्था पथ का निर्माण, पहुंच मार्गों का सुंदृढ़ीकरण सहित कई कार्य कराए जाएंगे। वहीं कैंचीधाम में मल्टीलेवल पार्किंग बनेगी। इसके अलावा मंदिर के प्रवेश द्वार पर वन-वे व्यवस्था होगी। मंदिर में पीछे की तरफ निकासी द्वार बनेगा, जो सीधे पार्किंग से जुड़ेगा। इससे वहां उमड़ने वाली भीड़ भी नियंत्रित रहेगी।
इन मंदिरों का होगा कायाकल्प..
जागेश्वर धाम – अल्मोड़ा -11 करोड़
बैजनाथ – बागेश्वर – 1.87 करोड़
नैना देवी – नैनीताल – 11 करोड़
कैंची धाम – नैनीताल – 28.15 करोड़
पाताल रुद्रेश्वर – चंपावत – 2.31 करोड़
पाताल भुवनेश्वर – पिथौरागढ़ – 2.43 करोड़
हाटकालिका मंदिर – पिथौरागढ़ – 6.58 करोड़
मां बाराही देवी – चंपावत – 12.54 करोड़
नंदा देवी मंदिर – अल्मोड़ा – 04 करोड़
मानसखंड मंदिर माला मिशन में शामिल नौ मंदिरों के विकास के लिए 30.12 करोड़ रुपये बजट जारी हुआ है। जल्द ही सभी मंदिरों में निर्माण कार्य शुरू होंगे। कैंचीधाम में हेलीपैड बनाने की संभावना भी तलाशी जा रही है।
सीएम धामी ने पार्वती कुंड के पास लगाया ध्यान, अब कांग्रेस ने पीएम मोदी को लेकर कही ये बात..
उत्तराखंड: पूर्व सीएम व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदि कैलाश क्षेत्र में पार्वती कुंड के पास ध्यान लगाने को लेकर तीन दिन बाद अपने ही अंदाज में टिप्पणी की। उन्होंने सीएम के इस कदम को सराहा, साथ में कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया। इंटरनेट पर अपनी पोस्ट में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सीएम धामी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अनुसरण करते हुए पार्वती कुंड के पास ध्यान लगाया। निश्चय ही उनके इस कार्य से आदि कैलाश परंपरागत यात्रा को बढ़ावा मिला है, लेकिन इस ध्यान में प्रायश्चित का भी समावेश होना चाहिए।
उत्तराखंड की गौरव अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रा कैलाश मानसरोवर इसी भू-भाग से होकर गुजरती थी। उन्होंने यह प्रयास किया था कि यूनेस्को यात्रा की प्राचीनता देखते हुए उसे मान्यता प्रदान करे, लेकिन मोदी सरकार ने हमसे हमारा गौरव कैलाश मानसरोवर यात्रा छीन ली। इससे तकलाकोट, सांगरू क्षेत्र से चीन के साथ हमारा व्यापार भी प्रभावित हुआ। चौदास-ब्यास की रंग संस्कृति को अभूतपूर्व बताते हुए उन्होंने स्थानीय निवासियों को सावधान किया कि जहां-जहां भाजपा की नजर पड़ी है, वहां-वहां जमीन बिकी हैं।
उन्होंने क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी और उनके सहयोगियों से कहा कि वे भी ध्यान लगाकर मुख्यमंत्री को कैलाश मानसरोवर की खो चुकी यात्रा के लिए ध्यान लगाने को बाध्य करें। राज्य सरकार ने इसे पूरी तरह विस्मृत कर दिया है। ये यात्रा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सौगात थी। यात्रा के पहले जत्थे के साथ कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा करने का साैभाग्य उन्हें और डॉ सुब्रमण्यम स्वामी को प्राप्त हुआ था।