आम जनमानस को मिले सरकारी योजनाओं का लाभ: सीडीओ..
उत्तराखंड: कराने के लिए मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार की अध्यक्षता में खंड विकास कार्यालय सभागार अगस्त्यमुनि में गहन समीक्षा की गई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने खंड विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों तथा संबंधित जेई को निर्देश दिए कि केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से विकास खंड के माध्यम से ग्राम स्तर पर कई महत्वकांक्षी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिनका लाभ आम जनमानस को उपलब्ध कराने के लिए गुणवत्ता के साथ समय से कार्य पूरा किया जाए। जिससे योजनाओं का लाभ आम जनता को मिल सके।
उन्होंने सभी अधिकारियों को हिदायत दी कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही क्षम्य नहीं की जाएगी। किसी अधिकारी या कार्मिक द्वारा ऐसा किया जाता है तो उनके विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा के दौरान ग्राम विकास अधिकारी नरेश कोहली एवं प्रिंस पटवाल के बिना अवकाश स्वीकृत कराए अनुपस्थित रहने पर सीडीओ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 78 योजनाएं संचालित हो रही हैं, जिसमें 55 योजनाओं पर कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
22 योजनाओं पर कार्य प्रगति पर है, जिसमें एक योजना पर कार्य शुरू नहीं किया गया है। उन्होंने सभी ग्राम पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन योजनाओं पर कार्य प्रगति पर हैं, उन योजनाओं में यथाशीघ्र कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें। जिला योजना के तहत जिन ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्रों का मरम्मत किया जाना है उन कार्यों को भी शीर्ष प्राथमिकता से यथाशीघ्र पूर्ण कराएं। जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि जिन गांवों में हर घर जल उत्सव के तहत बैठकें आयोजित नहीं की गई हैं, उन गांवों में यथाशीघ्र बैठकें कराएं। जिन गांवों में 55 एमपीसीडी पानी पर्याप्त मात्रा में है, वहां से जहां सर्टिफिकेशन होना है उनका सर्टिफिकेशन कराएं।
अमृत सरोवर की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी ग्राम विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन अमृत सरोवरों में कार्य पूर्ण नहीं किया गया है वहां 15 सितंबर तक किसी भी दशा में कार्य पूर्ण कराएं। मनरेगा की समीक्षा के दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि मनरेगा के तहत जो भी योजनाएं संचालित हो रही हैं तथा जो योजनाएं पूर्ण नहीं हुई हैं, उन योजनाओं को भी यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाए।
इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि दैवीय आपदा के कारण जो भी परिसंपत्तियां एवं योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, उन योजनाओं का तत्काल निरीक्षण करते हुए उन योजनाओं का प्रस्ताव तत्काल उपलब्ध कराएं। साथ ही इसकी सूचना अनिवार्य रूप से तहसील को भी उपलब्ध की जाए। उन्होंने कहा कि दैवीय आपदा में जो कार्य मनरेगा से किए जा सकते हैं, उन कार्यों का तत्काल प्रस्ताव तैयार करते हुए कार्य शुरू किया जाए ताकि क्षेत्रीय जनता को किसी प्रकार की कोई परेशानी एवं असुविधा न हो।