उत्तराखंड के 12 शहरों के विकास के लिए सीएस ने 500 मिलियन की पीपीआर को दी मंजूरी..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को उत्तराखंड अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (यूयूएसडीए) की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक ली। बैठक में सीएस ने कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हल्द्वानी में प्रशासनिक और बस टर्मिनल बिल्डिंग (एसीबीटी) के निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, विकास एवं सौन्दर्यीकरण के प्रस्ताव, स्टोर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम और इंटेलिजेंट ट्रेफिक मेनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के डीपीआर को स्वीकृति दी। बता दे कि सीएस रतूड़ी ने उत्तराखंड में 12 शहरों के विकास के लिए 500 मिलियन डाॅलर के पीपीआर को भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग को प्रेषित करने की स्वीकृति दी. इसके साथ ही चारधाम यात्रा मार्ग पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 125 मिलियन डाॅलर की पीपीआर को भी अनुमोदित किया. सीएस ने इस प्रस्तावों को समय पर गुणवत्तापूर्ण ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए.
उत्तराखंड में 10 लाख महिलाएं बनेंगी ‘आपदा सखी’..
राहत और बचाव कार्यों में होगी अहम भूमिका..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में 65 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 10 लाख से अधिक महिलाओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। इन प्रशिक्षित महिलाओं को आपदा सखी नाम देते हुए आपदा के समय गांव और तहसील स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लेने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह सैनिक कल्याण विभाग से सभी जिलों में रहने वाले भूतपूर्व सैनिकों की जानकारी और डेटा लेकर उन्हें आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने और आपदा के समय स्थानीय स्तर पर उनकी मदद लेने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने सचिवालय में राज्य में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर सेंडाई (जापान) फ्रेमवर्क के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को आपदा प्रभावित क्षेत्रों व गांवों में जोखिम आंकलन के लिए मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम तत्काल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपदा जोखिम न्यूनीकरण में बीमा योजना की कार्ययोजना बनाने में ढिलाई पर नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य उत्तराखंड में बीमा योजना लोगों को विशेषकर जरूरतमंदों को बड़ी मदद कर सकती है। उन्होंने विभाग को इस विषय पर गंभीरता से विचार कर प्रभावी पहल करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड केन्द्रित आपदा प्रबंधन माॅडल तैयार करें..
मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अन्य देशों व राज्यों के मॉडल को अपनाने के बजाय उत्तराखंड की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य केंद्रित आपदा प्रबंधन मॉडल तैयार करने को कहा है। उनका कहना हैं कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अन्य देशों व राज्यों के मॉडल को अपनाने के बजाय उत्तराखंड की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य आधारित आपदा प्रबंधन मॉडल तैयार किया जाए। आपदाओं से निपटने व बचाव के लिए उत्तराखंड फ्रेमवर्क तैयार करते समय आपदा प्रबंधन विभाग को इसमें एनजीओ, सिविल सोसायटी, सामाजिक संगठनों व निजी विशेषज्ञों के सुझावों को भी शामिल करने के निर्देश दिए।
पाठयक्रम में आपदा प्रबंधन को शामिल करने के निर्देश..
मुख्य सचिव ने प्राथमिक विद्यालय स्तर से ही विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में आपदा प्रबंधन को शामिल करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में भारी निर्माण कार्यों पर चिंता जताई। मुख्य सचिव ने उच्च आपदा जोखिम के मद्देनजर चिह्नित गांवों में पुनर्वास योजना की स्थिति स्पष्ट करने को कहा। इसके साथ ही राज्य में हर साल आपदा से मरने वालों की संख्या की जानकारी मांगी गई। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि इस वर्ष 20 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। मुख्य सचिव ने सभी गांवों का आपदा जोखिम आकलन करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं।
मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को जीपीडीपी प्लान में गांवों का आपदा जोखिम आकलन शामिल करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में आपदाओं के तहत सड़क हादसों में होने वाली सर्वाधिक मौतों पर चिंता व्यक्त की गई। उन्होंने क्रश बैरियर विशेषकर बांस के क्रश बैरियर लगाने जैसे इनोवेटिव प्रयासों को अपनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव का कहना हैं कि उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है जहां पर राज्य, जिला, तहसील, पंचायत स्तर पर आईआरएस प्रणाली सक्रिय होने जा रही है। बैठक में गृह, सिंचाई, वन आदि विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव ने दिए निर्देश..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज सचिवालय में राज्य की जलवायु परिवर्तन योजना की समीक्षा की। सीएस ने जलवायु परिवर्तन से जुडी समस्याओं, राज्य के ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन की स्थिति, योजना के लिए वित्तीय मदद, माॅनिटरिंग और नियमित मूल्यांकन पर सभी सम्बन्धित विभागों से विस्तृत चर्चा की।मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बैठक में कृषि और उद्यान विभाग को जैविक खेती को बढ़ावा देने, सिंचाई की क्षमता बढ़ाने, स्थानीय फसलों को बढ़ाने, किसानों की ऋण, बीमा और आधुनिक मशीनों की सुविधा देने और सोलर पॉवर पम्प की सहायता से स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
सीएस ने पर्यटन विभाग को जलवायु परिवर्तन पर रिसर्च बढ़ाने, कार्यशालाएं आयोजित करने, पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों के लिए कागज रहित टिकट व्यवस्था जैसे नयी पहल करने को कहा। सीएस ने ऊर्जा विभाग को ऊर्जा बचने के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाएं आयोजित करने और ग्रीन बिल्डिंग पर चलाने और नए सोलर और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स पर काम करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने वन विभाग को जंगलों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए अनुसंधान और नीतियों पर काम करने और पिरूल और बायोमास को ऊर्जा बनाने के लिए उपयोग करने की दिशा में काम करने को कहा। सीएस ने सभी विभागों से कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मिलकर काम करें और राज्य में पर्यावरण को बेहतर बनाने के प्रयास को तेज करें।
पुराने हिसाब-किताब में उलझी बिजली की नई दरें, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक..
उत्तराखंड: यूपीसीएल के 4,300 करोड़ की उपभोक्ताओं से वसूली या सरकार से एडजस्टरमेंट के पुराने-हिसाब किताब की वजह से नए वित्तीय वर्ष का बिजली दरों का प्रस्ताव अटक गया है। यूपीसीएल ने नियामक आयोग से 15 दिन का समय मांगा है। उधर 4,300 करोड़ के मामले पर अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक में समाधान निकाला जाएगा। यूपी से अलग होने के बाद उत्तराखंड के हिस्से में 1,058 करोड़ के एसेट्स और देनदारियां आईं थीं। इनमें से 508 करोड़ का निपटारा तो यूपी के टैरिफ और फिर उत्तराखंड के टैरिफ में हो गया था, लेकिन बचे हुए 550 करोड़ को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ था। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने अस्तित्व में आने के बाद इस रकम को तभी सैटल करने का आदेश दिया, जबकि इस संबंध में कोई शासनादेश जारी हो, लेकिन आज तक शासनादेश जारी नहीं हुआ। इस वजह से ये देनदारियां बढ़ती हुईं 4,300 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक..
मंगलवार को मुख्य सचिव एवं निगम अध्यक्ष राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में 120वीं बोर्ड बैठक हुई। बैठक में नई विद्युत दरों पर चर्चा हुई तो 4,300 करोड़ का पुराना हिसाब-किताब फिर बीच में आ गया। चूंकि, यूपीसीएल पर करीब 5000 करोड़ की देनदारियां हैं।इसलिए यूपीसीएल प्रबंधन चाहता है कि 4,300 करोड़ का ये बोझ उपभोक्ताओं पर डालने के बजाए सरकार के साथ देनदारियों से एडजस्ट किया जाए। इसका प्रस्ताव दो बार वित्त विभाग रिजेक्ट कर चुका है। बैठक में तय हुआ कि इस मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी, जिसमें सचिव वित्त और सचिव ऊर्जा भी शामिल होंगे। बैठक में यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार समेत तमाम निदेशक मौजूद रहे।
कौशाम्बी तक रोडवेज बस संचालन की अनुमति नहीं मिली..
उत्तराखंड: दिल्ली रूट पर बस सेवा प्रभावित होने के बाद फिलहाल उत्तर प्रदेश के कौशांबी तक भी उत्तराखंड रोडवेज की बसें नहीं चल पाएंगी। दो दिन पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने परिवहन विभाग की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें विशेषकर वीकेंड पर दिल्ली मार्ग पर बसों के फेरे बढ़ाने और उत्तर प्रदेश के कौशांबी तक बस संचालन पर यूपी से बात करने के निर्देश दिए गए थे। परिवहन निगम के अधिकारियों ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश रोडवेज के अफसरों से बात की। उन्होंने अपनी बीएस-4 बसों को कौशांबी तक ले जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन यूपी के अफसरों ने जगह देने से इनकार कर दिया। उत्तराखंड रोडवेज की दिल्ली मार्ग पर रोजाना 504 बसें संचालित होती थी, लेकिन दिल्ली में कोर्ट का आदेश लागू होने के बाद रोडवेज की बीएस-4 बसों की एंट्री बंद हो गई है। परिवहन निगम किसी तरह से आधी बसों के साथ दिल्ली मार्ग पर संचालन कर रहा है। जिस कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है।
दिल्ली पहुंचीं मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, ‘उत्तराखंड निवास’ की तैयारियों का लिया जायजा..
उत्तराखंड: दिल्ली में छह नवंबर को नवनिर्मित उत्तराखंड निवास का शुभारंभ होने जा रहा है। इससे पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी दिल्ली पहुंचीं और उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सीएम के विजन के अनुरूप राज्य स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया जाए। यह आयोजन दिल्ली में रहने वाले उत्तराखंड मूल के अधिकारियों, कार्मिकों और प्रवासियों की भागीदारी से किया जाएगा। बैठक में सचिव ऊर्जा डॉ. आर. मीनाक्षी सुन्दरम, परियोजना प्रबंधक राकेश चन्द तिवारी, सहायक अभियन्ता प्रमोद कुमार कोठियाल और उत्तराखंड सदन के विशेष कार्याधिकारी रंजन मिश्रा सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में स्पष्ट निर्देश दिए गए, ताकि आयोजन भव्य और प्रभावी हो।
शिक्षा से वंचित दिव्यांग बच्चों की होगी गणना, प्रबंधकीय पदों पर कितनी महिलाएं, होगा सर्वे..
उत्तराखंड: सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेश में शिक्षा से वंचित दिव्यांग बच्चों की गणना करने के अफसरों को निर्देश दिए। कहा कि स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था की जाए। इसके लिए राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान (एनआईवीएच) सहित देश के चार प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों की मदद लेने के भी निर्देश दिए। उनका कहना हैं कि प्रसव पूर्व देखभाल के लिए तैनात एएनएम के भ्रमण की ट्रैकिंग की जाए।
राज्य सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में उन्होंने टोल फ्री नंबर 104 से ट्रैकिंग प्रणाली को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। हरिद्वार एवं ऊधम सिंह नगर में मातृ मृत्यु दर को कम करने पर विशेष प्रयास होने चाहिए। इन दोनों जिलों की रैंकिंग में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को प्रदेशभर में गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग, एएनसी, एनीमिया की स्थिति पर गैर सरकारी स्वास्थ्य संगठनों के साथ कार्य करने के लिए जल्द एक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुंदर, डॉ. आर राजेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
निजी क्षेत्र में प्रबंधकीय पदों पर कितनी महिलाएं, होगा सर्वे..
मुख्य सचिव ने श्रम विभाग को निर्देश दिए कि वह निजी क्षेत्र में प्रबंधकीय पदों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य के संबंध में सर्वेक्षण और डेटा एकत्रित करें। विभाग को इसके लिए नोडल बनाया गया। महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा के मामलों पर उन्होंने पुलिस विभाग को महिला हेल्प डेस्क पर आने वाली प्रताड़ित महिलाओं को सेफ हाउस में रखने और उनके अभिभावकों की काउंसलिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
आयुवार आत्महत्या के आंकड़े जुटाएगी पुलिस..
मुख्य सचिव ने राज्य में आत्महत्या के मामलों के संबंध में पुलिस विभाग को आयु के अनुसार आत्महत्या के आंकड़ों की जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए। ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की जा सकेगी। उन्होंने एससी व्यक्ति के खिलाफ हिंसा की घटनाओं की प्रभावी जांच एवं ससमय क्षतिपूर्ति वितरण के निर्देश दिए।
उत्तराखंड के 1500 युवाओं को विदेश में प्लेसमेंट का लक्ष्य..
अक्टूबर में होंगे 10 मार्केटिंग इवेंट..
उत्तराखंड: प्रदेश से 1500 युवाओं की विदेशों में प्लेसमेंट के लक्ष्य को दिसम्बर माह तक अनिवार्यतः पूरा करने का निर्देश देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के छात्र-छात्राओं को सरकार के इस कार्यक्रम के बारे में जागरूक करते हुए कौशल विकास विभाग द्वारा संचालित कोर्सेज में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक सरकार के ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम के तहत 23 छात्रों को केयर गिवर के रूप में जापान में प्लेसमेंट के लिए भेजा जा चुका है। इसके साथ ही 30 नर्सिंग स्टाफ का बैच 10 अगस्त तक जापान हेतु प्रशिक्षण की तैयारी शुरू करेगा। रतूड़ी ने युवाओं के प्रशिक्षण हेतु नए बैच शुरू करने के निर्देश दिए हैं ताकि 1500 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रक्रियाओं में तेजी आ सके।
ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम हेतु कौशल विकास विभाग द्वारा Navis, Learnet, Genrise, Envertis चार एजेंसियों को सूचीबद्ध किया गया है। 1500 युवाओं को दिसम्बर तक विदेशों में प्लेसमेंट करवाने के लक्ष्य को समय से पूरा करने तथा राज्य के प्रतिभाशाली व योग्य युवाओं को बेहतर अवसर प्राप्त हो इसके लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ओपन एडवरटाइसमेंट जारी करने तथा सम्बन्धित शैक्षणिक संस्थानों में एक दिन की वर्कशॉप आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक सूचीबद्ध एजेंसियों तथा एनएसडीसी (नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ) द्वारा 56 छात्रों को प्रशिक्षण हेतु दाखिला दिया गया है।
राज्य के विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं को अंग्रेजी भाषा की बाध्यता के कारण ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम से वंचित न होना पड़े, इसके लिए सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने आईटीआई में स्पोकन इंग्लिश के र्कोर्स संचालित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सचिवालय में सेतु (SETU) व कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सभी विभागों को कौशल विकास को फोकस में रखते हुए कार्य करने की नसीहत दी है। बैठक में जानकारी दी गई है कि राज्य के विभिन्न नर्सिंग व हॉस्पिटलिटी संस्थानों में कौशल विकास विभाग एवं सूचीबद्ध एजेंसियों द्वारा ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम व छात्रों के मोबिलाइजेशन हेतु वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। अक्टूबर में इसके लिए 10 मार्केटिंग इवेंट आयोजित किए जाएंगे। राज्य में वैश्विक स्तर के स्किल पार्क के विकास हेतु अडानी ग्रुप से बातचीत की जा रही है। राज्य में मॉडल आईटीआई के विकास के लिए आईटीई एडुकेशन सर्विसेज सिंगापुर से आरम्भिक चर्चा हो चुकी है, इस सम्बन्ध में सितम्बर तक एमओयू होने की संभावना है।
टाटा टेक्नॉलोजिस द्वारा राज्य में 13 आईटीआई के अपग्रेडेशन के प्रस्ताव को वित्त विभाग द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है तथा अब इसे नाबार्ड को भेज दिया गया है। जल्द ही इस सम्बन्ध में टाटा टेक्नॉलोजिस के साथ एमओयू होने की संभावना है। काशीपुर में जीआईटीआई में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के विकास के सम्बन्ध में पहले पांच बैच के लिए 95 प्रतिशत प्लेसमेंट हो चुके हैं। हरिद्वार में जीआईटीआई में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के विकास के सम्बन्ध में पहले चार बैच के 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हो चुके हैं। इन दोनों जीआईटीआई में जल्द ही भविष्य के बैच के लिए छात्रों का मोबिलाइजेशन किया जाएगा। अभी तक राज्यभर में 300 से अधिक छात्रों की मोबिलाइजेशन हेतु काउंसलिंग हो चुकी है। 6 से ज्यादा सेमिनार छात्रों के मोबिलाइजेशन के लिए संचालित किए गए।जल्द ही जापान, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम व आयरलैण्ड में प्लेसमेंट के लिए 4 बैच प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।
पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को घर के रखरखाव के लिए मिलेंगे एक लाख रुपये- CS..
उत्तराखंड: प्रदेश के पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को घर के रखरखाव के लिए एक लाख रुपये मिलेंगे। यह धनराशि 15 साल में एक बार मिलेंगी। सचिवालय में हुई उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारिणी समिति की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वहीं बैठक में देश के लिए बलिदान देने वाले प्रदेश के सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख का अनुदान देने पर सहमति बनी। बैठक में बालकों की तुलना में बालिकाओं की छात्रवृत्ति बढ़ाने की भी सिफारिश की गई, जिसे मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा।
उत्तराखंड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारिणी समिति की बैठक में पूर्व सैनिकों की मृत्यु पर आश्रितों को संस्था की ओर से अंतिम संस्कार के लिए 10,000 रुपये अनुदान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग के साथ अब कानून की शिक्षा के लिए 50,000 की छात्रवृत्ति, नॉन पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों, उनकी विधवाओं को आकस्मिकता अनुदान 25,000 रुपये हर साल, पूर्ण रूप से दिव्यांग पूर्व सैनिकों को दो लाख रुपये हर साल आर्थिक मदद देने पर सहमति बनी। जेसीओ रैंक तक के पूर्व सैनिक और सैनिक विधवाओं के आश्रितों को यह अनुदान राशि दी जाएगी। प्रदेश के पूर्व सैनिक आश्रितों के सेना, अर्द्धसैनिक बल एवं राज्य पुलिस में चयन पर 40,000 रुपये अनुदान देने पर सहमति बनी है। पहले भर्ती पूर्व प्रशिक्षण केंद्रों से प्रशिक्षण लेने वाले पूर्व सैनिक आश्रितों के भर्ती होने पर 20,000 रुपये का अनुदान दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 40,000 रुपये देने पर सहमति बनी है।
अनाथ एवं सैनिक विधवाओं के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति..
कक्षा एक से आठवीं तक बालकों को हर साल 12,000 रुपये व बालिकाओं को 15,000 रुपये, आठवीं से स्नातकोत्तर तक बालकों को हर साल 20,000 रुपये एवं बालिकाओं को 25,000 रुपये देने पर सहमति बनी। बैठक में सचिव दीपेंद्र चौधरी, समिति के सदस्य मेजर जनरल जीएस रावत (सेनि) आदि मौजूद रहे।
चारधाम यात्रा पर आईआईएम रोहतक ने प्रस्तुत की स्टडी रिपोर्ट, सीएस एक्शन प्लान बनाने के निर्देश..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम की धारण क्षमता पर आईआईएम रोहतक की रिपोर्ट की समीक्षा कर सुगम सुरक्षित यात्रा का एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा सचिवालय में मंगलवार को आईआईएम रोहतक के निदेशक व उनकी टीम द्वारा चारधाम यात्रा की धारण क्षमता तथा एसओपी को सुधारने तथा श्रद्धालुओं हेतु यात्रा को अधिकाधिक सुखद, सुगम व सुरक्षित बनाने हेतु तैयार की गई अध्ययन रिपोर्ट पर गहन चर्चा की गई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि सुगम व सुरक्षित चारधाम यात्रा हेतु बनने वाले एक्शन प्लान के लिए चारों धामों की धारण क्षमता के सटीक आकलन का प्रयास किया जाए। एक्शन प्लान में श्रद्धालुओं हेतु चिकित्सा एवं आपातकालीन सेवाओं की पुख्ता व्यवस्था, यात्रा के प्रभावी प्रबंधन एवं मॉनिटरिंग तथा स्थानीय इकोलॉजी को संरक्षित करते हुए स्थानीय आर्थिकी को मजबूत करने जैसे मुद्दों का विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक्शन प्लान में सड़कों की स्थिति में सुधार, ट्रैफिक जाम, कपाट खुलने के बाद धामों में प्रथम 40 दिनों में ओवरक्राउडिंग की समस्या के समाधान, श्रद्धालुओं की फीडबैक की व्यवस्था को प्रमुखता से रखने के निर्देश दिए हैं। बैठक में श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को सरल बनाने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान कार्ड आधारित पंजीकरण प्रणाली तथा आधार आधारित पंजीकरण पर चर्चा की गई। इसके साथ ही चारधाम यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा की दृष्टिगत एक एसएमएस मौसम अपडेट प्रणाली लागू करने, यात्रारुट पर पीपीपी मॉडल या सीएसआर के तहत मेडिकल सुविधा प्रदान करने, धामों में भीड़ नियंत्रण हेतु बैच वाइज दर्शन व्यवस्था को लागू करने और पार्किंग कैपेसिटी की समीक्षा करने पर भी चर्चा की गई।