मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में 1580 करोड़ की सौंग बांध पेयजल योजना के सम्बन्ध में उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित हुई । बैठक के दौरान इस परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु नीति का ड्राफ्ट भी प्रस्तुत किया गया।
बैठक में बताया गया कि सौंग बांध पेयजल परियोजना, सौंग नदी पर मालदेवता से 10 किमी अपस्ट्रीम में सौंदणा गांव में प्रस्तावित है। परियोजना की प्रस्तावित लागत 1580 करोड़ है। बांध की ऊँचाई 130.60 मी. एवं लम्बाई 225 मी. होगी। इससे निर्मित होने वाली झील की लम्बाई 3.5 कि.मी. तथा धारण क्षमता 264 लाख घनमीटर होगी।
परियोजना से देहरादून नगर की 10 लाख की जनसंख्या को वर्ष 2051 तक 150 एमएलडी पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। परियोजना से पेयजल आपूर्ति के बाद भूजल दोहन में कमी आएगी, जिसके फलस्वरूप नलकूपों के निर्माण, अनुरक्षण एवं संचालन में कमी के साथ ही इनके संचालन में विद्युत व्यय में भी कमी आएगी। बताया गया कि परियोजना के निर्माण से कुल 275 परिवार एवं 10.641 हैक्टेयर भूमि प्रभावित होगी।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पुनर्वास नीति में परियोजना से प्रभावित परिवारों को बेहतर जीवन स्तर उपलब्ध कराने हेतु प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि देहरादूनवासियों को इस योजना का लाभ समय पर मिल सके, इसके लिए परियोजना को धरातल पर लाने हेतु शीघ्रअतिशीघ्र प्रयास किए जाएं। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में सचिव नितेश झा, सौजन्या, सुशील कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने मंगलवार को सचिवालय में वर्ष 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर बैठक की और कुम्भ मेले के कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और आवश्यक सामग्रियों की पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कुम्भ मेले के आयोजन के लिए कम समय रह गया है। सभी कार्याें को समयबद्ध तरीके से किया जाए। साथ ही कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए लगातार माॅनिटरिंग की जाए। उन्होंने डाम कोठी के जीर्णोद्धार के कार्य को समय से पूरा करने को कहा। निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र में सीवर, पेयजल व विद्युत लाईन आदि के लिए सम्बन्धित विभागों से समन्वय बनाते हुए, पूर्व नियोजित तरीके से कार्य किए जाएं।
उन्होंने कहा कि आस्था पथ पर बाढ़ सुरक्षा कार्य को नदी में पानी का स्तर कम होते ही शुरू करने के निर्देश दिए और काँवड़ पटरी की ब्लैक टाॅपिंग का कार्य 15 नवम्बर तक पूर्ण करने के को कहा। उन्होंने कहा कि अस्थायी पुलों का निर्माण प्राथमिकता पर लेते हुए, इन्हें किसी भी दशा में 31 दिसम्बर तक तैयार करने को कहा। साथ ही कुम्भ मेले के लिए प्रस्तावित बस स्टैंड के लिए आवश्यक फाॅरेस्ट क्लीयरेंस लेकर कार्य तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कोविड-19 के दृष्टिगत कुम्भ मेले में विशेष व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने और चिकित्सकों एवं अन्य आवश्यक स्टाफ की तैनाती समय पर किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए 500 बेड की व्यवस्था रखी जाए। साथ ही पेशेंट केयर एवं टेस्टिंग की भी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले के लिए आवश्यक स्टाफ, मेला अधिकारी, उप मेला अधिकारी, सूचना अधिकारी, पुलिस फोर्स एवं होम गार्ड की तैनाती की प्रक्रिया भी शीघ्र पूर्ण कर ली जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन, सचिव आर.के. सुधांशु, शैलेश बगोली, नीतेश झा, राधिका झा, सौजन्या, मेलाधिकारी दीपक रावत व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री सलाहकार समूह की प्रथम बैठक आयोजित की गई। राज्य में नवाचार और उद्यमिता (innovation and entrepreneurship) को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता पर मुख्यमंत्री सलाहकार समूह स्थापित किया है। राज्य में स्टार्टअप ईकोसिस्टम विकसित करने के लिए इस समूह द्वारा नवाचार और उद्यमिता के लिए राज्य में एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने, अनुसंधान और नये उत्पादों, सेवाओं, व्यापार मॉडल के विकास को प्रोत्साहित करने, उपयुक्त पॉलिसी योजनाओं और आवश्यक समर्थन प्रणाली को विकसित करने हेतु परामर्श देना है। इसके अलावा पाठ्यक्रम, मॉड्यूल प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में नवाचार और उद्यमशीलता के बारे में जागरूकता, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निकायों और एजेंसियों के साथ आवश्यक साझेदारी हेतु सलाह देना है।
ये बनाये गए हैं सदस्य
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बनाये गये मुख्यमंत्री सलाहकार समूह में 07 सरकारी एवं 06 गैर सरकारी सदस्य शामिल हैं। सरकारी सदस्यों में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव उद्योग, सचिव वित्त, सचिव सूचना प्रौद्योगिकी, सचिव मुख्यमंत्री, महानिदेशक उद्योग, एवं निदेशक उद्योग शामिल हैं। जबकि गैर सरकारी सदस्यों में इंडियन एंजल नेटवर्क के फाउण्डर डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, सम्पर्क फाउण्डेशन के फाउण्डर विनीत नायर, क्वात्रो ग्लोबल सर्विस के चैयरमेन एवं प्रबंध निदेशक रमन रॉय, कन्ट्री हेड एच.एस.बी.सी नैना लाल किदवई, इन्फो एज के वाइस चैयरमेन संजीव बिखचंदानी एवं सन मोबिलिटी प्रा. लि. के वाइस चैयरमेन चेतन मणि शामिल है।
उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकल के लिए वोकल बनने की जो बात कही गई यह उस दिशा में प्रयास है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विविध जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां कि जैव विविधता का फायदा लेते हुए इस दिशा में अनेक कार्य हो सकते हैं। राज्य में इन्वेस्टर समिट के दौरान सवा लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। जिसमें से 25 हजार करोड़ के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड 19 के जिस दौर से हम गुजर रहे हैं, उससे औद्योगिक गतिविधियां जरूर प्रभावित हुई हैं। इस दौर दिक्कतें भी आई हैं और नई संभावनाएं भी विकसित हुई हैं। उन्होंने कहा कि ग्रुप के सभी सदस्यों के सुझावों पर गम्भीरता से कार्य किया जायेगा।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से विशेषज्ञों के सुझाव
इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से इंडियन एंजल नेटवर्क के फाउण्डर डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि राज्य में उद्यमिता के विकास के लिए जो भी योजना बने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से बने। स्टार्टअप के तहत जॉब क्रियेशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। उत्तराखण्ड के उत्पादों की अलग ब्रांडिंग हो, वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। हैल्थ केयर में मेडिकल टूरिज्म पर ध्यान देने की जरूरत है।
नैना लाल किदवई ने कहा कि रूरल टूरिज्म एवं होम स्टे को बढ़ावा दिया जाय। एग्रो प्रोसेसिंग एवं फोरेस्टरी सेक्टर में अनेक कार्य किये जा सकते हैं। विनीत नायर ने कहा कि मेंटल हैल्थ के क्षेत्र में अनेक कार्य हो सकते हैं। हमें सबसे पहले बच्चों के मेंटल हैल्थ पर फोकस करना होगा। स्टार्टअप का भविष्य साइंस और तकनीक पर आधारित है। इस दिशा में पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। रमन रॉय ने कहा कि लाईवलीहुड बिजनेस पर ध्यान देने की जरूरत है। राज्य बिजनेस के कल्चर को प्रमोट करने की जरूरत है। विभिन्न सेक्टर में कार्य करने के लिए प्रत्येक सेक्टर के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने होंगे। संजीव बिखचंदानी ने कहा कि राज्य में कुछ बड़े उद्योग स्थापित करने होंगे। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अनेक कार्य किये जा सकते हैं।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। कोरोना काल में साढ़े चार लाख से अधिक प्रवासी वापस उत्तराखण्ड आये हैं। उनको स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव आईटी आर.के. सुधांशु, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, सचिव कौशल विकास डॉ. रणजीत कुमार सिन्हा, महानिदेशक उद्योग एस.ए. मुरूगेशन, अपर सचिव कौशल विकास आर राजेश कुमार, अपर सचिव मुख्यमंत्री ईवा श्रीवास्तव, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल आदि उपस्थित थे।