उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में फिर से मौसम बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है, जबकि मैदानी जिलों में चटक धूप खिलने से तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिले के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि, अन्य जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा। आगामी दिनों में, 13 से 15 मार्च के बीच 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ होगा सक्रिय
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के फिर से सक्रिय होने की संभावना है। इसका प्रभाव मुख्य रूप से पर्वतीय इलाकों में दिखाई देगा, जहां बर्फबारी और बारिश के आसार हैं। हालांकि, मैदानी इलाकों में इस बदलाव का ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा।
तापमान में बदलाव की उम्मीद
मैदानी इलाकों में दिनभर धूप खिलने से तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी संभव है।
पर्वतीय क्षेत्रों में ठंड बरकरार रहने की संभावना है, खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में जहां बर्फबारी हो सकती है।
रात के तापमान में गिरावट से ठिठुरन बनी रह सकती है।
यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए अलर्ट
मौसम विभाग ने यात्रियों और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खासतौर पर चारधाम यात्रा मार्ग और ऊंचाई वाले पर्यटन स्थलों पर जाने वाले लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत होगी। उत्तराखंड में फिर से मौसम करवट बदल सकता है। जहां पर्वतीय इलाकों में बरसात और बर्फबारी की संभावना बनी हुई है, वहीं मैदानी इलाकों में गर्म मौसम का असर दिखाई देगा। इस दौरान, यात्रा करने वालों और स्थानीय निवासियों को मौसम के बदलाव को ध्यान में रखते हुए योजना बनानी चाहिए।
धारचूला: तवाघाट-लिपुलेख मोटर मार्ग पर ग्लेशियर खिसकने से एक लोडर मशीन बर्फ में दब गई। गनीमत रही कि चालक ने समय रहते मशीन छोड़ दी, जिससे बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, मार्ग अब भी कई जगह बाधित है और इसके खुलने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है।
हिमपात के चलते बाधित हुआ मार्ग
हाल ही में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई, जिसके कारण तवाघाट-लिपुलेख मोटर मार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया। मंगलवार शाम नपल्च्यू के पास, जब एक लोडर मशीन ऑपरेटर सड़क से बर्फ हटाने में जुटा था, तभी खांगला ग्लेशियर का एक हिस्सा अचानक टूटकर मशीन पर गिर पड़ा। संयोगवश, चालक ने ग्लेशियर को खिसकते देख लिया और समय रहते मशीन छोड़ दी, जिससे वह सुरक्षित बच गया। मशीन को भी कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। बुधवार को मशीन को बर्फ से बाहर निकाल लिया गया।
सड़क पर अब भी जमा हैं हिमखंड
साक्ष्य प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इस समय नपल्च्यू से चाइना गेट तक सड़क के चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य कर रही है, लेकिन भारी हिमपात के चलते यह कार्य प्रभावित हो रहा है। सीमा सड़क संगठन (BRO) के कर्मचारी चाइना गेट से आगे सीपी तक सड़क पर जमा हिमखंडों को हटाने में जुटे हैं। जल्द मार्ग खुलने की उम्मीद जताई गई है, लेकिन अगर फिर से हिमपात होता है, तो इसमें और देरी हो सकती है। गुरुवार को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम सामान्य बना रहा, जबकि निचले इलाकों में धूप खिली रही। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि मार्ग जल्द से जल्द सुचारू हो सके।
उत्तराखंड का गोविंदघाट क्षेत्र आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील रहा है। पिछले 17 सालों में यह तीसरी बार हुआ है कि अलकनंदा नदी पर बना पुल टूट गया। इससे हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालु, फूलों की घाटी के पर्यटक और पुलना गांव के ग्रामीण गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं। बुधवार को भूस्खलन की वजह से पुल धराशायी हो गया, जिससे एक बार फिर लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बीते वर्षों में आई आपदाओं का दर्द फिर उभरा
गोविंदघाट का इतिहास बार-बार आई प्राकृतिक आपदाओं और पुल टूटने की घटनाओं से भरा रहा है।
. 2007 में हेमकुंड साहिब जाने वाला झूला पुल क्षतिग्रस्त हो गया था।
. 2008 में बना वाहन पुल 2013 की आपदा में बह गया।
. 2013 के बाद घोड़ा पड़ाव और गुरुद्वारा के पास अस्थायी झूला पुल बनाए गए।
. 2015 में 105 मीटर लंबा सस्पेंशन ब्रिज तैयार किया गया, लेकिन यह अब ध्वस्त हो गया।
गांव के लोग संकट में, अप्रैल में शादियों और डिलीवरी की चिंता
पुलना गांव के 101 परिवारों की रोजमर्रा की जिंदगी इस पुल पर निर्भर थी। पुल टूटने से न सिर्फ उनकी आवाजाही बाधित हो गई, बल्कि गांव में होने वाले जरूरी कार्यक्रमों पर भी असर पड़ा है।
. अप्रैल में गांव में दो शादियां हैं – एक युवक की बारात बाहर जाएगी और एक युवती की शादी में बारात गांव आएगी। अब परिवारों को चिंता है कि अगर जल्द समाधान न हुआ तो विवाह समारोह प्रभावित होंगे।
. एक गर्भवती महिला की डिलीवरी भी अप्रैल में होनी है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
वाहनों और रोजमर्रा की जरूरतों पर असर
. पुल टूटने से गांव के कई वाहन फंसे हुए हैं। कुछ गोविंदघाट में रह गए हैं तो कुछ पुलना की तरफ अटके हैं।
. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है।
अस्थायी पुलिया बनी सहारा
ग्रामीणों ने मवेशियों के लिए एक कच्ची पुलिया बनाई थी, जो अब मुख्य रास्ता बन गई है। लोग इसी से किसी तरह नदी पार कर रहे हैं, लेकिन यह भी सुरक्षित नहीं है।
समाधान की जरूरत
बार-बार पुल टूटने की घटनाएं दर्शाती हैं कि इस क्षेत्र में मजबूत और आपदा-रोधी आधारभूत संरचना विकसित करने की सख्त जरूरत है। यदि जल्द कोई स्थायी समाधान नहीं निकला, तो यहां के लोगों और श्रद्धालुओं की परेशानी लगातार बनी रहेगी।
उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश का दौर जारी है। गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी हो रही है, जबकि हर्षिल घाटी में तेज बर्फीली हवाएं चल रही हैं। दूसरी ओर, यमुनोत्री हाईवे पर यातायात अभी सुचारू है।
मैदानी इलाकों में बदला मौसम
. चमोली और कर्णप्रयाग में सोमवार रात से तेज बारिश हो रही है।
. मसूरी में देर रात हुई बारिश के बाद शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है, घने बादल और कोहरा छाया हुआ है।
. देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
. उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में तेज गर्जना का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
एवलांच अलर्ट जारी
. चमोली जिले में हिमस्खलन (Avalanche) का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
. 5 मार्च से पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा और चटक धूप निकलने से तापमान में बढ़ोतरी होगी।
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी और ओलावृष्टि हो रही है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में लगातार बारिश से ठंड में इजाफा हो गया है। मौसम विभाग ने 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
गंगोत्री-यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी
गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी जारी है। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और चम्पावत में बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, एक मार्च के बाद प्रदेश में मौसम खुलने की संभावना है।
सीजन में पहली बार पारा 12.3 डिग्री लुढ़का
देहरादून में सर्दियों के मौसम में पहली बार लगातार दो दिन की बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बीते बुधवार को अधिकतम तापमान 29.0 डिग्री था, जो बृहस्पतिवार को गिरकर 16.7 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस सीजन में पहली बार पश्चिमी विक्षोभ इतनी मजबूती से सक्रिय हुआ है, जिससे तापमान में तेज गिरावट आई है।
बदरीनाथ, हेमकुंड में बर्फबारी, निचले क्षेत्रों में बारिश
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, औली, गोरसों, नीती और माणा घाटियों में भारी बर्फबारी हो रही है। निचले क्षेत्रों में बारिश से ठंड और बढ़ गई है।
केदारनाथ में आधा फीट ताजी बर्फ जमी
केदारनाथ धाम में घने बादलों के बीच पिछले दो दिनों से बर्फबारी जारी है। धाम में आधा फीट ताजी बर्फ जम चुकी है, जबकि पहले से सवा फीट बर्फ जमा है। माणा, नीति घाटी, औली, मद्महेश्वर, तुंगनाथ, चोपता और त्रियुगीनारायण के ऊपरी क्षेत्रों में भी हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है।
ग्लेशियर रिचार्ज, जल संकट से मिलेगी राहत
फरवरी के अंत में हुई बर्फबारी से प्रदेश के ग्लेशियर और नदियां रिचार्ज हो गई हैं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे गर्मियों में जल संकट जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी और पानी की उपलब्धता बनी रहेगी।
उत्तराखंड में मौसम ने अचानक करवट ली है। ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे पहाड़ियां सफेद चादर में लिपट गई हैं। प्रदेशभर में झमाझम बारिश, कड़ाके की ठंड, और बर्फबारी का खूबसूरत नजारा देखने को मिल रहा है। आज सुबह से ही कई जिलों में हल्की बूंदाबांदी से लेकर तेज बारिश तक जारी है। उत्तरकाशी के हर्षिल घाटी और आस-पास के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी बर्फबारी का दौर जारी है, जिससे निचले इलाकों में घने बादल छाए हुए हैं।
मुखबा में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास का बर्फीला नजारा बेहद मनमोहक है। वहीं, खरसाली गांव, यमुनोत्री धाम, और आस-पास के क्षेत्रों में भी सुबह चार बजे से बर्फबारी हो रही है। बड़कोट तहसील जैसे निचले इलाकों में रिमझिम बारिश हो रही है।
धामों में सर्दी का प्रकोप, यात्रा तैयारियां प्रभावित
लगातार बर्फबारी के चलते बदरीनाथ धाम में करीब छह इंच तक ताजा बर्फ जम गई है। ठंड के बढ़ते असर को देखते हुए जिलाधिकारी ने अपने अधिकारियों के साथ धाम का दौरा रद्द कर दिया है। इस साल चारधाम यात्रा चार मई से शुरू होनी है, लेकिन मौसम की वजह से प्रशासनिक टीम अब तक धाम नहीं पहुंच पाई है। यात्रा के लिए पेयजल, बिजली, सीवर, और सड़क जैसे बुनियादी ढांचे को तैयार करना बाकी है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान:
मौसम विभाग के अनुसार, आज प्रदेश के कुछ हिस्सों में मौसम खराब रहेगा। हालांकि, 21 फरवरी से प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
बर्फबारी और ठंड के बीच उत्तराखंड की पहाड़ियां आज किसी जन्नत की तरह नजर आ रही हैं, लेकिन यात्रा तैयारियों और प्रशासनिक गतिविधियों पर इसका प्रभाव साफ दिख रहा है।
उत्तराखंड के 6 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने की सावधानी बरतने की अपील..
उत्तराखंड: प्रदेश में सोमवार को भी पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक मेघ बरसने की संभावना हैं। मौसम विभाग ने देहरादून समेत छह जिलों के लिए तेज बारिश का अलर्ट जारी कर सावधानी बरतने की अपील की है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार को राजधानी देहरादून समेत टिहरी, चमोली, चंपावत, नैनीताल और बागेश्वर जिले के कुछ इलाकों में तेज बारिश के आसार हैं। जिसे लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने येलो अलर्ट जारी किया है। जबकि अन्य जिलों में भी तेज बारिश की संभावना है। जिसे देखते हुए सावधानी बरतने की अपील की है।
मौसम विभाग ने तेज बारिश की चेतावनी जारी कर लोगों को सतर्क रहने के साथ ही आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क करने की सलाह दी है। बता दें आने वाले कुछ दिन में प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश के आसार हैं। जिससे नदी नालों के उफान में आने की संभावना देखते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
उत्तराखंड के 6 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने दी सतर्क रहने की सलाह..
उत्तराखंड: प्रदेश के पहाड़ी जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर के कुछ हिस्सों में गरज के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी है। इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। संभावित खराब मौसम के मद्देनज़र प्रशासन भी एहतियाती कदम उठाने की तैयारी में है।
आगामी दिनों में प्रदेश के विभिन्न पर्वतीय जिलों में गरज और बिजली के साथ भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। अगले पांच दिनों तक ये मौसम की गतिविधियां जारी रह सकती हैं। गुरुवार को दर्ज किए गए बारिश के आंकड़ों के अनुसार देहरादून के आशारोड़ी और सहस्रधारा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वर्षा हुई है, जहां आशारोड़ी में 35.5 मिमी और सहस्रधारा में 27.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके विपरीत प्रदेश में सबसे कम बारिश रुड़की में दर्ज की गई, जहां केवल 10 मिमी बारिश हुई।
मौसम विभाग ने जारी किया तीन जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट..
उत्तराखंड: प्रदेश में आज भी मौसम का मिजाज बदला रहेगा। मौसम विभाग ने तीन जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जबकि पांच जिलों में हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार गुरुवार को देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर जिले में कहीं-कहीं पर तेज बारिश की संभावना है। जिसे देखते हुए इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। जबकि टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, चंपावत और ऊधम सिंह नगर जिले में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। इसके साथ ही संवेदनशील इलाकों में सावधानी बरतने की हिदायत दी हैं। बीते दिन के तापमान पर नजर डालें तो बुधवार को राजधानी दून के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। जिससे लोगों को काफी हद तक गर्मी से राहत मिली। वही गुरुवार को देहरादून में अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रहने की संभावना है।
देहरादून समेत उत्तराखंड के 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट..
प्रशासन और एसडीआरएफ अलर्ट मोड पर..
उत्तराखंड: प्रदेश में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। बीते कई दिनों से प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। आज भी प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश होने की संभावना है। कुमाऊं के दो जिलों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि आठ जिलो के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में आज बारिश के आसार हैं। पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही देहरादून और हरिद्वार के साथ ही प्रदेश के आठ जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को नदियों के पास ना जाने की हिदायत दी गई है। मौसम विभाग ने टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, हरिद्वार, चमोली, चंपावत और नैनीताल जिलों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही इन जिलों में तेज गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने की भी संभावना है। कई इलाकों में बादल छाए रहने का अनुमान है।