उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश का दौर जारी है। गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी हो रही है, जबकि हर्षिल घाटी में तेज बर्फीली हवाएं चल रही हैं। दूसरी ओर, यमुनोत्री हाईवे पर यातायात अभी सुचारू है।
मैदानी इलाकों में बदला मौसम
. चमोली और कर्णप्रयाग में सोमवार रात से तेज बारिश हो रही है।
. मसूरी में देर रात हुई बारिश के बाद शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है, घने बादल और कोहरा छाया हुआ है।
. देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
. उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में तेज गर्जना का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
एवलांच अलर्ट जारी
. चमोली जिले में हिमस्खलन (Avalanche) का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
. 5 मार्च से पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा और चटक धूप निकलने से तापमान में बढ़ोतरी होगी।
उत्तराखंड में 2025 की चारधाम यात्रा की तारीखों का ऐलान हो गया है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर में धार्मिक गुरुओं द्वारा पूजा-अर्चना के बाद यह निर्णय लिया गया।
. केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे भक्तों के लिए खोले जाएंगे।
. बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।
. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर खुलेंगे।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बुधवार को इस घोषणा की पुष्टि की। चारधाम यात्रा के अंतर्गत देश-विदेश के श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
इस साल भी भक्तों के बीच चारधाम यात्रा को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है, और उत्तराखंड सरकार यात्रा के सुचारू संचालन के लिए विशेष तैयारियां कर रही है।
यमुनोत्री धाम में बर्फबारी, हेमकुंड साहिब में जमीं चार इंच तक बर्फ..
उत्तराखंड: यमुनोत्री धाम सहित आसपास की चोटियों पर बर्फबारी का सिलसिला जारी है। धाम में पहुंचे श्रद्धालुओं इस मनमोहक दृश्य का लुत्फ उठा रहे हैं। यमुनोत्री धाम से तीर्थ पुरोहित मनमोहन उनियाल का कहना है कि धाम में एक घंटे से बर्फबारी के साथ ही ओले भी पड़ रहें हैं। दोपहर बाद रोजाना बारिश बर्फबारी से तापमान में गिरावट जारी है।
दूसरी तरफ बर्फबारी के बाद प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब के प्राकृतिक सौंदर्य में निखार आ गया है। हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए 11 अक्तूबर को बंद हो गए थे। कपाट बंंद होने के बाद निरीक्षण के लिए श्री गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब ट्रस्ट की तीन सदस्यीय टीम हेमकुंड साहिब पहुंची।
चार इंच तक बर्फ जम गई..
गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि इस वक्त यहां चार इंच तक बर्फ जम गई है, यहां चारों ओर बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। उन्होंने बताया कि हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के बाद गोविंदघाट से किसी भी आम व्यक्ति को हेमकुंड साहिब जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिले के कुछ इलाकों में 23 और 24 अक्तूबर को हल्की बारिश की संभावना जताई है। हालांकि, अन्य जिलों में मौसम शुष्क रहेगा। बीते पांच सालों के आंकड़ों पर नजर डाले तो सिर्फ साल 2022 में दशहरा पर्व के दिन पूरे प्रदेश भर में बारिश हुई थी। जिसके चलते रावण दहन के लिए इंतजार करने के साथ आयोजन स्थल पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।
इस दिन बंद होंगे विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट..
उत्तराखंड: दशहरा के पावन पर्व पर विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि व मुहूर्त तय किया गया। मंगलवार को मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरशाली गांव स्थित मंदिर परिसर में पुरोहित समाज की बैठक में मुहूर्त निकाला गया। यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर बुधवार को भाई दूज के पावन पर्व पर 11 बजकर 57 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त (मकर लग्न) में विशेष पूजा अर्चना के बाद छह माह के लिए बंद किए जाएंगे।
आपको बता दें कि गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि व मुहूर्त शारदीय नवरात्र के पहले दिन तय किया गया था। गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए 14 नवंबर को अन्नकूट के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त की शुभ बेला पर 11 बजकर 45 मिनट पर बंद किए जाएंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने के शुभ मुहूर्त की घोषणा आज की जाएगी। जबकि 15 नवंबर को भैया दूज के दिन केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे।
यमुनोत्री धाम के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर आयी सामने..
उत्तराखंड: यमुनोत्री धाम के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है आपको बता दे कि धामी सरकार ने रोपवे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक एमओयू साईन किया हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में मुख्यमंत्री आवास में यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग और निजी निर्माण कंपनी के साथ एमओयू साईन किया गया।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना हैं कि खरसाली से यमुनोत्री धाम तक बनने वाला यह रोपवे मॉ यमुना के ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन धामों को एक साथ जोड़ने और उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं में एक और नये अध्याय का कार्य करेगा। परियोजना का क्रियान्वयन तय सीमा में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। 3.38 किमी लंबाई का यह रोपवे बनने से मात्र 15 मिनट में श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. इस रोपवे की यात्री क्षमता एक घंटे में लगभग 500 लोगों को ले जाने की होगी। यह रोपवे पर्यटन विभाग द्वारा पीपीपी मोड पर निर्मित किया जाना प्रस्तावित है। जिसकी लागत लगभग 166.82 करोड़ रूपये है.