नवम्बर में उत्तर प्रदेश की 10 और उत्तराखंड की खाली होने वाली 1 राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने कार्यक्रम घोषित कर दिया है। राज्य सभा के द्विवार्षिक चुनावों के लिए 20 अक्टूबर को अधिसूचना होगी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 27 अक्टूबर, मतदान की तिथि 9 नवंबर और 11 नवंबर तक चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 25 नवम्बर को उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से राज्य सभा के 11 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, कांग्रेस नेता पी.एल. पुनिया, अरुण सिंह, राम रामगोपाल यादव जैसे दिग्गज नेता उत्तर प्रदेश से हैं। उत्तराखंड से फिल्म अभिनेता व कांग्रेस नेता राज बब्बर सेवानिवृत हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश से सेवानिवृत होने वाले अन्य सदस्यों में डॉ चंद्रपाल सिंह यादव, जावेद अली खान, नीरज शेखर, रवि प्रकाश वर्मा, राजा राम व वीर सिंह शामिल हैं।
भारत निर्वाचन आयोग के अवर सचिव प्रफुल्ल अवस्थी द्वारा जारी बयान में जानकारी दी गई है कि इन द्विवार्षिक चुनावों के लिए 20 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 27 अक्टूबर होगी। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच और 2 नवम्बर नाम वापसी की अंतिम तिथि रहेगी। यदि आवश्यक होगा तो मतदान 9 नवम्बर को प्रातः 9 बजे से 4 बजे तक होगा और मतपत्रों की गिनती भी उसी दिन होगी। 11 नवम्बर तक चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी।
चुनाव आयोग के अनुसार मतदान के समय बैलेट पेपर पर वरीयता (अंक) को चिह्नित करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिए गए एकीकृत वायलेट कलर स्केच पेन का ही उपयोग किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में मतदाता दूसरे किसी पेन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव के दौरान कोविड-19 से बचाव व रोकथाम के निर्देशों का पालन कराने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती सुनिश्चित करें। आयोग ने इसके लिए विस्तृत निर्देश पूर्व में भी जारी किये हैं। आयोग ने संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इन चुनावों के लिए पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया है।
राज्यसभा में कृषि विधेयकों को पारित करने के दौरान विपक्षी सांसदों के व्यवहार से क्षुब्ध उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति व उप राष्ट्रपति को भावुक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि ‘राज्यसभा में जो कुछ हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा, तनाव और मानसिक वेदना में हूं। मैं पूरी रात सो नहीं पाया।’ उन्होंने घोषणा की है कि वह इसे लेकर एक दिन के उपवास पर रहेंगे।
उच्च सदन की मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई
उन्होंने लिखा है कि ‘सदन के माननीय सदस्यों द्वारा लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ। आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुई। उच्च सदन की हर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गयी।’ उन्होंने आगे लिखा कि लोग आएंगे- जायेंगे। ‘ समय और काल के सन्दर्भ में न उनकी स्मृति होगी न गणना। पर लोकतंत्र का यह मंदिर ‘ सदन’ हमेशा समाज और देश के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘मैं मानता हूँ कि मेरा निजी कोई महत्व नहीं है। पर इस पद का है।’
हरिवंश ने कहा कि ‘मुझे लगा कि उच्च सदन के मर्यादित पीठ पर मेरे साथ जो अपमानजनक व्यवहार हुआ, उसके लिए मुझे एक दिन का उपवास करना चाहिए। शायद मेरे उपवास से सदन में इस तरह के आचरण करने वाले माननीय सदस्यों के भीतर आत्मशुद्धि का भाव जागृत हो।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा सभी देशवासी पत्र जरूर पढ़ें
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सभा के सभापति हरिवंश द्वारा राष्ट्रपति को लिखे पत्र की सराहना करते हुए एक ट्वीट किया है। ट्वीट में मोदी ने कहा है, ‘माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें।’
संसद पहुंचा बॉलीवुड का बबाल, सपा सांसद जया बच्चन ने किए तीखे वार तो ‘बेबाक गर्ल’ कंगना का बड़ा पलटवार
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड में मचा बबाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। बॉलीवुड से शुरू होकर राजनीतिक पार्टियों से होता हुआ ये बबाल संसद तक पहुँच गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद व पूर्व अभिनेत्री जया बच्चन बॉलीवुड को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों पर मंगलवार को राज्यसभा में आक्रामक तेवरों में दिखीं। उन्होंने सांसद व भोजपुरी कलाकार रवि किशन और अभिनेत्री कंगना रनौत का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसमें ही छेद करते हैं। जया बच्चन के आरोपों पर पलटवार करने में कंगना ने देर नहीं लगाई। अपनी बात को बेबाकी से रखने वाली कंगना ने ट्वीट कर पूछा कि मेरी जगह आपकी बेटी श्वेता या बेटा अभिषेक होता तो तब भी क्या आप यही बात कहती ?
मंगलवार को जया ने राज्यसभा में तीखे तेवरों के साथ कहा कि कहा कि बॉलीवुड को बदनाम करने की साजिश चल रही है। जिन लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री से नाम कमाया, वे इसे गटर बता रहे हैं। मैं इस तरह की बातों से पूरी तरह से असहमत हूं। मुझे उम्मीद है कि सरकार ऐसे लोगों को इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं करने के लिए कहेगी। सिर्फ कुछ लोगों के कारण आप पूरी इंडस्ट्री की छवि को धूमिल नहीं कर सकते। सांसद रवि किशन का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, मुझे शर्म आती है कि कल लोकसभा में हमारे एक सदस्य, जो फिल्म उद्योग से हैं, ने इसके खिलाफ बात की। इस दौरान जया ने यह भी कहा की कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं। गलत बात है। जया ने कहा कि मनोरंजन इंडस्ट्री हर दिन 5 लाख लोगों को सीधे तौर पर रोजगार देती है। ऐसे वक्त में जब अर्थव्यवस्था बेहद बुरी हालत में है, लोगों का ध्यान हटाने के लिए बॉलिवुड के लोगों को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है।
दरअसल, कुछ दिन पूर्व कंगना ने एक ट्वीट में कहा था कि अगर नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो बॉलीवुड की जांच करता है तो पहलीं पंक्ति के कई सितारे सलाखों के पीछे होंगे। अगर ब्लड टेस्ट हुए तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आएंगे। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जी स्वच्छ भारत मिशन के तहत बॉलीवुड जैसे गटर को साफ करेंगे। जबकि भाजपा सांसद रवि किशन ने लोकसभा में ड्रग्स ट्रैफिकिंग का मसला उठाया था। उन्होंने कहा था कि इससे देश का युवा बर्बाद हो रहा है और बॉलीवुड में भी इसके बड़े कनेक्शन हैं। उन्होंने इसकी व्यापक जांच की मांग उठाई थी।
कंगना का पलटवार
जया बच्चन के राज्यसभा में भाषण देने के बाद कंगना ने पलटवार करने देर नहीं लगाई। कंगना ने ट्वीट कर पूछा जया जी आप तब भी यही बात कहतीं अगर मेरी जगह पर आपकी बेटी श्वेता को छोटी उम्र में पीटा गया होता, ड्रग्स दिए गए होते और छेड़छाड़ की गयी होती, क्या आप तब भी यही कहतीं अगर अभिषेक लगातार डराने- धमकाने और शोषण की बात करते और एक दिन फांसी से झूलते पाए जाते? थोड़ी दया हमसे भी दिखाइए।
रवि किशन ने भी व्यक्त की प्रतिक्रिया
भाजपा सांसद रवि किशन ने भी जया बच्चन के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि मुझे उम्मीद थी कि मैंने जो जो कहा, जया जी उसका समर्थन करेंगी। उद्योग में हर कोई ड्रग्स का सेवन नहीं करता है, लेकिन कुछ लोग हैं वे दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म उद्योग को खत्म करने की योजना का हिस्सा हैं। जब जया जी और मैं फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े थे, तो स्थिति ऐसी नहीं थी, लेकिन अब हमें इसके सरंक्षण की आवश्यकता है।