अब इस नदी में भी उठा सकते है राफ्टिंग का लुत्फ..
उत्तराखंड: अगर आप एडवेंचर और रिवर राफ्टिंग के शौकीन हैं तो आपके लिए खुशखबरी है।अब ऋषिकेश के साथ ही आप भागीरथी नदी में भी रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग का लुत्फ उठा सकते है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड पर्यटक विभाग ने इसकी अनुमति दे दी है आपको बता दे कि रिवर राफ्टिंग कम्पनी भागीरथी नदी में हर्षिल से रिवर राफ्टिंग क्याकिंग गतिविधियों को आरंभ करने के लिए लाइसेंस दे दिया है।
लाइसेंसधारी कम्पनी ने सफलता पूर्वक पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को रिवर राफ्टिंग करायी है। उनका कहना हैं कि जल्द ही स्थानीय युवकों को रिवर राफ्टिंग को व्यवसाय के रूप आरंभ करने के लिए प्रेरित कर उन्हें लाइसेंस देकर भागीरथी नदी में साहसिक पर्यटन से रोजगार शुरू किया जाएगा।
इससे अब पर्यटक गंगोत्री हर्षिल घाटी में राफ्टिंग का लुफ्त उठा सकेंगे। बताया जा रहा है कि इस साल गंगोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भागीरथी नदी के किनारे मौजूद विश्व विख्यात खूबसूरत पर्यटक स्थल हर्षिल में रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकते हैं। जोकि यात्रा के दौरान एक अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र बनेगा।
वहीं राज्य की अन्य नदियों को भी तकनीकी समिति की जांच के बाद रिवर राफ्टिंग के खुलने की राह आसान हो गई है। बताया जा रहा है कि गंगा नदी के साथ अब अन्य नदियों को रिवर राफ्टिंग खोल कर राज्य भर में पर्यटन के माध्यम से रोजगार के द्वार खोले जाऐंगें।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के ऋषिकेश में दुनिया भर से लोग रिवर राफ्टिंग करने आते हैं। इसी के चलते उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDB) ने पिछले माह यानी अप्रैल में भागीरथी नदी में हर्षिल से आगे 15 किमी की दूरी तक के नदी क्षेत्र को रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग एक्टिविटी के लिए मुफीद पाया था। जिसके बाद अब यहां राफ्टिंग का शुभारंभ किया गया है।
आज से शुरू हुआ ऋषिकेश में राफ्टिंग का सफर..
उत्तराखंड: टिहरी प्रशासन की ओर से गंगा में राफ्टिंग के लिए हरी झंडी मिल गई है। जिससे राफ्ट संचालकों के चेहरे खिल उठे हैं। पितृ पक्ष शुरू होने से पूर्व राफ्ट संचालकों ने खारास्रोत में गंगा पूजन कर दिया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण रविवार को राफ्ट का संचालन शुरू नहीं हो पाया था। आपको बता दे कि शनिवार को देहरादून से आई एक तकनीकी टीम ने गंगा नदी में रैकी किया। रैकी टीम ने नदी का जलस्तर एक मीटर बढ़ा हुआ बताया। रीवर राफ्टिंग करने के लिए गंगा का जलस्तर 137 मीटर होना चाहिए। जबकि उस समय नदी का जलस्तर 138 मीटर था। जो एक मीटर बढ़ा हुआ था।
बीते दिनों नदी का जलस्तर सामान्य हो गया था। लेकिन जैसे ही पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश हो रही है। उससे गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। रैकी टीम ने अब जलस्तर सामान्य बताया है। जिसके बाद से राफ्टिंग को टिहरी प्रशासन की ओर से इसे हरी झंडी मिल गई है।
राफ्टिंग का संचालन करीब 20 दिन देर से शुरू..
कोरोनाकाल से पहले वर्ष भर में केवल दो महीने जुलाई और अगस्त में राफ्टिंग का संचालन बंद होता था। 1 सितंबर से लेकर 30 जून तक राफ्टिंग संचालित होती थी। लेकिन इस बार कोरोनाकाल और गंगा के जलस्तर के कारण राफ्टिंग का संचालन करीब 20 दिन देर से शुरू हो रहा है।
इन स्थानों से होगी राफ्टिंग की शुरूआत..
1- कौडियाला से रामझूला, नीमबीच -35 किमी
2- कौडियाला से शिवपुरी -20 किमी
3- मरीन ड्राइव से शिवपुरी-10 किमी
4- मरीन ड्राइव से रामझूला, नीमबीच – 25 किमी
5- शिवपुरी से रामझूला, नीमबीच- 15 किमी
6- ब्रह्मपुरी से रामझूला, नीमबीच – 9 किमी
7- क्लब हाउस से रामझूूला, नीमबीच- 9 किमी
