राष्ट्रीय खेल एंथम- मोबाइल की रिंग टोन व नगर निगम कूड़ा वाहनों में गूंजेगा..
उत्तराखंड: 38वें राष्ट्रीय खेलों का एंथम जल्द ही आपके मोबाइल की रिंगटोन बनेगा। खेल सचिवालय ने इसके लिए भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को पत्र भेजा है। National games इस महीने की 28 तारीख से शुरू होने हैं। खेल मंत्री रेखा आर्या ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि ये नेशनल गेम्स सिर्फ सरकार का आयोजन न बनकर जन-जन का उत्सव बने। भव्य मशाल यात्रा के साथ भी खेलों से जनता को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रचार के लिए होगा 30 सेकेंड के चंक का इस्तेमाल..
राष्ट्रीय खेल के एंथम का लोकार्पण 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था। खेल मंत्री का कहना हैं कि राष्ट्रीय खेल का एंथम काफी लंबा है लेकिन प्रचार की दृष्टि से एंथम के सिर्फ 30 सेकेंड के हिस्से का इस्तेमाल किया जाएगा। राष्ट्रीय खेल सचिवालय अपने पत्र पर बीएसएनएल के जवाब का इंतजार कर रहा है।
गली गली में गूंजेगा एंथम..
नगर निकाय क्षेत्रों में रोजाना कूड़ा उठाने वाले वाहनों से भी राष्ट्रीय खेलों का एंथम जिंगल के रूप में सुनाई देगा। एफएम समेत अन्य सभी प्रचार माध्यमों के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है। कोशिश ये ही है कि जिन जिलों में राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जानी हैं, वहां पर सफाई वाहनों और एफएम से ज्यादा प्रचार किया जाए। रेखा आर्या ने कहा कि मोबाइल रिंग टोन में राष्ट्रीय खेलों का एंथम सुनाई दे, इसके लिए हमने बीएसएनएल को पत्र भेजनें के साथ ही नगर निगम के कूड़ा सफाई वाहन व रेडियो के जरिये भी राष्ट्रीय खेलों का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए है, इसके जरिए आम लोग खासतौर से युवा भी राष्ट्रीय खेलों के एम्बेसडर बन सकेंगे। मंत्री ने युवाओं से अपील की है कि वे अपने सोशल मीडिया एकाउंट से भी नेशनल गेम्स के एंथम और अन्य प्रतीकों को दुनियाभर में फैलाएं।
राज्य खेल से चूके खिलाड़ियों के लिए आई नए वर्ष पर अच्छी खबर..
उत्तराखंड ओलंपिक संघ ने कहा कि पारदर्शिता का पूरा ख्याल रहेगा..
उत्तराखंड: राष्ट्रीय खेलों की तेज होती तैयारियों के बीच ओपन ट्रायल के दरवाजे भी खुल गए हैं। हैंडबॉल व वॉलीबॉल के उन खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है, जो कि राज्य खेलों में किन्हीं कारणों से भाग नहीं ले पाए थे। अब एक जनवरी 2025 को ऐसे खिलाड़ी ओपन ट्रायल में भाग ले पाएंगे। उत्तराखंड ओलंपिक संघ ने कहा है कि ओपन ट्रायल के दौरान पारदर्शिता का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए कई स्तरों पर तैयारियां चल रही हैं। विभिन्न स्थानों पर शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन स्थितियों के बीच उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डॉ डीके सिंह की ओर से जिला संघों को भेजे गए पत्र में एक जनवरी को ओपन ट्रायल कराने की जानकारी दी गई है। एक जनवरी को रुद्रपुर के श्री मनोज सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियम, रुद्रपुर में हैंडबॉल व वॉलीबॉल का यह ओपन ट्रायल होगा। ओपन ट्रायल प्रतिभाशाली एथलीटों का अधिकतम प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। यह पहल उन योग्य खिलाड़ियों को अवसर प्रदान करने से जुड़ी है, जो अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण हाल ही में संपन्न राज्य खेलों में भाग लेने में असमर्थ रहे। राष्ट्रीय स्तर पर हमारे राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें विकसित करने में ये ट्रायल महत्वपूर्ण साबित होंगे।
प्रदेश के खाते में जल्द जुड़ सकती है एक और उपलब्धि, बॉक्सिंग अकादमी खोलने की तैयारी..
उत्तराखंड: प्रदेश को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलने के बाद उसके खाते में जल्द एक और उपलब्धि जुड़ सकती है। बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और शासन के बीच राज्य में अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग अकादमी खोलने पर सहमति बनी है। बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) के महासचिव हेमंत कलिता के अनुसार उनकी इस संबंध में विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा बात हुई है। उन्होंने इस पर सहमति जताई है। वहीं विशेष प्रमुख सचिव खेल का कहना है कि इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) के महासचिव हेमंत कलिता इन दिनों देहरादून में हैं। उनका कहना हैं कि उत्तराखंड ने कई शानदार बॉक्सर दिए हैं। राज्य में बॉक्सिंग की संभावनाओं को देखते हुए यहां अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग अकादमी खुलनी चाहिए। इसके लिए उनकी विशेष प्रमुख सचिव खेल से बात हुई है। बीएफआई इसके लिए पूर्ण तकनीकी सहयोग देगा। यहां खुलने वाली अकादमी कजाकिस्तान की तर्ज पर होगी, जिसमें देश, विदेश से खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए आएंगे। खेल विभाग के पूर्व अपर निदेशक धर्मेंद्र प्रकाश भट्ट ने कहा कि अकादमी खुलने से राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार होंगे, वहीं अकादमी को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुभवी कोच मिल सकेंगे। इससे बॉक्सरों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा।
उत्तराखंड के चार खेल मलखम और योग हमेशा रहेंगे राष्ट्रीय खेलों में शामिल..
उत्तराखंड: 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के जिन चार स्थानीय खेलों को शामिल किया जाना है, वे आगे भी राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बने रहें, इसके प्रयास जारी हैं। राज्य को 38 खेल कराने की जिम्मेदारी दी गई है, जिनमें 34 खेल पहले से राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा हैं, बाकी चार खेलों में उत्तराखंड के मलखम और योगा को शामिल किया गया है। शेष किन दो खेलों को शामिल किया जाएगा, इसकी मुख्यमंत्री के स्तर पर समीक्षा हो रही है। घोषणा जल्द की जाएगी। खेल मंत्री रेखा आर्य का कहना हैं कि राज्य के स्थानीय खेल अगले 39वें राष्ट्रीय खेलों का भी हिस्सा रहें, इसकी कोशिश भी की जा रही है। राज्य के मलखम और योगा राष्ट्रीय खेलों का हमेशा के लिए हिस्सा बनेंगे तो राज्य और उनके खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा।
25 अक्टूबर को नई दिल्ली में भारतीय ओलंपिक संघ की बैठक प्रस्तावित है। उस बैठक से जो जानकारी या दिशा-निर्देश आएंगे, उनके आधार पर खिलाड़ियों के लिए शिविर लगाने शुरू कर दिए जाएंगे। खिलाड़ियों के चयन की जिम्मेदारी खेलों की फेडरेशन की है और राज्य उन्हें बेहतरीन सुविधाएं और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर पर तैयार है। पहले कैंप में राज्य के खिलाड़ियों को मौका मिलेगा। सभी फेडरेशन को राज्य सरकार की ओर से खिलाड़ियों के लिए देश और विदेश के बेहतरीन कोच उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है ताकि उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने के साथ पदक तालिका में बेस्ट फाइव में होने का गौरव हासिल कर सके।
कुदरत रही मेहरबान तो राष्ट्रीय खेलों के बाद प्रदेश में होंगे विंटर गेम्स..
उत्तराखंड: अगर कुदरत मेहरबान रही तो उत्तराखंड विंटर गेम्स कराने वाला देश का पहला राज्य बनने वाला है। खेल सचिवालय में सोमवार को खेल अधिकारियों और उत्तराखंड ओलंपिक संघ के बीच बैठक में विंटर गेम्स कराने को लेकर चर्चा हुई। उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह का कहना हैं कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के बाद उत्तराखंड विंटर गेम्स करवाने के लिए तैयार है, अगर औली में पर्याप्त बर्फ गिरी तो राज्य को राष्ट्रीय खेलों के साथ विंटर गेम्स के आयोजन का गौरव भी हासिल होगा।
इस सिलसिले में खेल अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है। फिलहाल प्राथमिकता पर राष्ट्रीय खेल हैं। खिलाड़ियों के चयन को लेकर मंगलवार को भी बैठक जारी रहेगी, जिसमें राज्य की सभी फेडरेशन को बुलाया गया है। वहीं दूसरी ओर सवाल उठ रहे हैं कि 28 जनवरी से 14 फरवरी के मध्य 38वें राष्ट्रीय खेल कराने की तारीख तय होने के बाद राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती बेहतर खिलाड़ियों के चयन की है, जिसके लिए अभी प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है।
चयन के बाद अभ्यास शिविर भी लगाए जाने हैं। उस लिहाज से समय कम है। इस बारे में खेल निदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि जहां तक तैयारियों का विषय है, उसके लिए संभावित स्थान, स्टेडियम, मैदान व अन्य जगहों पर बाकी काम पूरे करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। खिलाड़ियों का चयन राज्य ओलंपिक संघ और सभी खेल फेडरेशन को करना है। इसके लिए सोमवार को उत्तराखंड ओलंपिक संघ के साथ बैठक हुई, जिसे विस्तार देने के लिए मंगलवार को सभी खेल फेडरेशन को बुलाया गया है।
राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का मान बढ़ाएंगे प्रवासी खिलाड़ी..
उत्तराखंड: प्रदेश में पहली बार नए साल 2024 में राष्ट्रीय खेल होने जा रहे हैं। खास बात यह है कि इन खेलों में राज्य को पदक तालिका में सर्वश्रेष्ठ 10 राज्यों में शामिल करने के लिए दूसरे राज्यों से खेल रहे कई खिलाड़ी अपने राज्य उत्तराखंड लौटने को तैयार हैं। उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह के मुताबिक संघ की ओर से सभी खेल एसोसिएशनों को पत्र लिखकर कहा गया है कि 15 दिन के भीतर राज्य के अन्य राज्यों से खेल रहे खिलाड़ियों से संपर्क किया जाए। कुछ खिलाड़ी इस पर अपनी सहमति दे चुके हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खेल विभाग को अगले साल होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को टॉप 10 राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य दिया है। जिसके बाद खेल विभाग और खेल एसोसिएशनों की ओर से इसके लिए कसरत शुरू कर दी गई है।
राज्य से पलायन करने के बाद अन्य राज्यों से खेल रहे उत्तराखंड के खिलाड़ियों को राज्य से खेलने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह के अनुसार इसकी अच्छी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। अन्य राज्यों से खेल रहे राज्य के कुछ खिलाड़ी अपने राज्य उत्तराखंड लौटने को तैयार हैं। बॉक्सिंग में सर्विसेज से खेल रहे मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले पवन बड़थ्वाल और कपिल पोखरिया उत्तराखंड से खेलने के लिए सहमति दे चुके हैं।
खिलाड़ियों ने दी अपनी सहमति
गोवा से खेल रहे बॉक्सिंग खिलाड़ी हिमांशु नेगी, बीएसएफ से खेल रहे जूडो खिलाड़ी शुभम और सीआरपीएफ से वॉलीबाल खेल रहीं सीखा, एथलीट अंकिता ध्यानी भी इस साल होने वाले राष्ट्रीय खेलों में अपने राज्य से खेलने को तैयार हैं। कुछ अन्य खेल एसोसिएशनों को भी राज्य के खिलाड़ियों से इस संबंध में बात हुई है। इस पर खिलाड़ियों ने अपनी सहमति दी है। राज्य के होने के बावजूद राज्य के बाहर से खेल रहे खिलाड़ियों की सहमति के बाद इनकी सूची तैयार कर राष्ट्रीय खेलों से पहले इनके लिए प्रशिक्षण कैंप लगाए जाएंगे।
राज्य के खिलाड़ियों की प्रतिष्ठा से जुड़ा है सवाल
खेल विभाग के अधिकारियों एवं खेल एसोसिएशनों का कहना है कि पहले खिलाड़ियों के लिए राज्य में बेहतर सुविधाएं नहीं थीं, यही वजह है कि कई खिलाड़ी पलायन कर गए। लेकिन अब तमाम तरह की सुविधाएं हैं। राष्ट्रीय खेलों में पदक लाने वाले खिलाड़ियों के लिए सीधे सरकारी नौकरी तक की व्यवस्था है। राष्ट्रीय खेलों में राज्य के लिए पदक दिलाना राज्य के खिलाड़ियों की प्रतिष्ठा से जुड़ा सवाल है।
लक्ष्य, बोधित और चिराग भी उत्तराखंड से खेलेंगे
राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता लक्ष्य सेन मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के निवासी हैं। उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह के अनुसार लक्ष्य सेन ने उत्तराखंड से खेलने पर सहमति जताई है। इसके अलावा रेलवे से खेलने वाले बोधित जोशी व अल्मोड़ा निवासी चिराग सेन भी उत्तराखंड से खेलेंगे। पदक तालिका में राज्य को टॉप 10 में शामिल करने के लिए खेल विभाग खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा देने के लिए तैयार है। खेल मैदान, खेल प्रशिक्षक एवं अन्य सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।