रुद्रपुर में सिलेंडर फटने से पिता और मासूम बेटे की मौत,पत्नी अस्पताल में भर्ती..
उत्तराखंड: रुद्रपुर में सिलिंडर में भड़की आग की चपेट में आकर पिता पुत्र की मौत हो गई। सोमवार रात करीब दस बजे ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र के ठाकुरनगर स्थित एक मकान में खाना बनाते समय सिलिंडर में आग लग गई।
इससे कमरे में मौजूद 30 वर्षीय केदार सिंह और पास ही सो रहा दो साल का बेटा वंश आग की चपेट में आ गए। जबकि कमरे से बाहर आई मृतक की पत्नी बच गई। हालांकि, पति और मासूम बेटे की मौत से महिला बेसुध है और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
केदार की पत्नी नेहा किसी काम से कमरे से बाहर आ गई थी जिससे वह बच गई। कमरे में भड़की आग देख नेहा चीखने चिल्लाने लगी और पति और बेटे को आग की लपटों से घिरा देख बेसुध हो गई। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए और ट्रांजिट थाने की पुलिस व अग्निशमन विभाग को हादसे की सूचना दी।
सूचना मिलते ही दरोगा विजय सिंह व कौशल भाकुनी मय पुलिस बल और दमकल कर्मी भी मय वाहन के आग बुझाने पहुंचे। पुलिस और दमकल कर्मियों ने मशक्कत कर आग पर तो काबू पा लिया लेकिन केदार सिंह और उनके मासूम बेटे की आग से झुलसकर मौत हो गई।
रुद्रपुर के सिडकुल में सीईपीटी प्लांट की चपेट में आकर 3 लोगों की मौत..
उत्तराखंड: रुद्रपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं। यहां सिडकुल के सीईपीटी प्लांट में मोटर खराब हो गई थी। तीन लोग मोटर ठीक करने गए थे, लेकिन वो सीईपीटी प्लांट के टैंक की खतरनाक गैस के असर के चलते मौत के मुंह में समा गए। सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ और दमकल कर्मियों की टीम ने किसी तरह शवों को बाहर निकाला।
घटना सिडकुल के सेक्टर सात की है, जहां सीईपीटी प्लांट है। इसमें उद्योगों के गंदे पानी का ट्रीटमेंट किया जाता है। इसका संचालन रेमकी कंपनी करती है। क्षेत्र में जलभराव होने की वजह से प्लांट की मोटर फुंक गई थी। जिसे कंपनी के कर्मचारी ठीक करने की कोशिश कर रहे थे।
सोमवार की शाम कंपनी का हेल्पर हरिपाल निवासी बरेली टैंक में सफाई करते हुए गिर गया था। इसके बाद उसे बचाने के लिए प्लांट हेड रमन निवासी रुद्रपुर और मार्केटिंग कर्मचारी अवधेश टैंक में उतरे थे। इस दौरान तीनों अमोनिया गैस की चपेट में आ गए और बाहर नहीं आ सके। जहरीली गैस की चपेट में आने और दम घुटने से तीनों की मौत हो गई।
हादसा होते ही कंपनी प्रबंधन के हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने पुलिस और एसडीआरएफ को सूचना दी। एसडीआरएफ और दमकल कर्मियों की टीम ने किसी तरह कड़ी मशक्कत कर शवों को टैंक से बाहर निकाला। कंपनी के सीओ आशीष भारद्वाज का कहना हैं कि तीनों लोग टैंक के अंदर गैस की चपेट में आए, जिससे दम घुटने के कारण उनकी मौत हो गई।