उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज भू-कानून संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में प्रस्तुत किए जा सकते हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य रिपोर्टों को भी सदन पटल पर रखने के प्रस्ताव आने की संभावना है।
बजट सत्र के दौरान बुधवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक होगी, जिसमें भू-कानून में संशोधन सहित अन्य अहम प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती है। राज्य सरकार भू-कानून को और सख्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस सत्र में इससे जुड़ा विधेयक लाए जाने की संभावना है।
जनभावनाओं के अनुरूप फैसले का संकल्प
भू-कानून संशोधन को लेकर बनी अटकलों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार जनभावनाओं के अनुरूप कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि चाहे भू-कानून हो या अन्य कोई कानून या संकल्प, भाजपा सरकार जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
विपक्ष पर मुख्यमंत्री का तंज
मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर विपक्ष सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग करता है, लेकिन जब सदन चलता है, तब सार्थक चर्चा से बचता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सदन के समय का उत्पादक तरीके से उपयोग करना चाहिए, न कि हंगामे में बर्बाद करना चाहिए।
21 अगस्त से होगा गैरसैंण में होगा अगला विधानसभा सत्र..
उत्तराखंड: विधानसभा के मानसून को लेकर स्थिति साफ हो गई हैं। विधानसभा सत्र को लेकर आदेश जारी हो गए हैं। उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 21 अगस्त से 23 अगस्त तक चलेगा। उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र गैरसैण के भराड़ीसैंण में आहूत किया जाएगा। पिछली कैबिनेट बैठक में सीएम को विधानसभा सत्र संबंधित फैसले को लेकर अधिकृत किया गया था। जिसके बाद आज संसदीय कार्य मंत्री ने इस संबंध में बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया।
मानसून सत्र की तिथि और स्थान चिन्हित किए जाने को लेकर सीएम को अधिकृत किया गया था। 18 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक के दौरान विधानसभा मानसून सत्र आहूत किए जाने पर चर्चा की गई, लेकिन इस दौरान सत्र की तिथि, जगह पर बात नहीं बन सकी थी। जिसके चलते कैबिनेट ने सीएम धामी को इस बाबत अधिकृत किया थी। इसके बाद भी कई दिनों तक स्थितियां स्पष्ट नहीं हो पाई थी। जिस पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया था।विपक्ष लगतार सरकार पर गैरसैंण की उपेक्षा का आरोप लगा रहा था।
विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर के विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी का कहना हैं कि विधानसभा सचिवालय सत्र आहूत करने को लेकर के पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देशों के अनुसार गैरसैंण हो या फिर देहरादून विधानसभा सचिवालय हर परिस्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।उन्होंने बताया अब तक विधानसभा सचिवालय को माननीय विधायकों से तकरीबन 400 से ज्यादा सवाल आ चुके हैं।
क्या आपके राशन कार्ड में भी नहीं हो रही यूनिट दर्ज ?
मंत्री रेखा आर्य ने बताया क्यों हो रहा ऐसा..
उत्तराखंड: विधानसभा सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। उत्तराखंड विधानसभा में राशन कार्ड में यूनिट दर्ज ना होने का मुद्दा उठाया गया है। जिस पर मंत्री रेखा आर्य ने बताया है कि ऐसा क्यों हो रहा है। क्यों राज्य में राशन कार्ड नें यूनिट दर्ज नहीं हो पा रही है।विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सदन में राशन कार्ड में यूनिट दर्ज ना होने का मुद्दा उठा है। विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल ने सदन में ये मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय इलाकों में खासकर इस से लोग परेशान है। उन्हें बार-बार इस बारे में लोग पूछ रहे हैं। जिस पर मंत्री रेखा आर्य ने सदन में बताया कि ऐसा क्यों हो रहा है।
प्रदेश में यूनिट का टारगेट चल रहा है फुल..
मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा खाध योजना के तहत केंद्र ने यूनिट फिक्स की हैं। अंत्योदय और प्राथमिक परिवार कार्ड धारकों के लिए यूनिट फिक्स हैं। प्रदेश में यूनिट का टारगेट फुल चल रहा है। जिस कारण नई यूनिट दर्ज नहीं हो पा रही हैं।
विधायकों के सदन में फोन इस्तेमाल करने पर हुई नाराज हुई स्पीकर..
उत्तराखंड: विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गयी है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष ने पीठ से कड़ी चेतावनी दी। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को सदन में रहने के दौरान फोन का इस्तेमाल नहीं करने को कहा। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूडी का कहना हैं कि सत्र के पहले दिन कई विधायक फोन इस्तेमाल कर रहे थे। उनका कहना हैं कि अगर कोई विधायक फोन का इस्तेमाल करते हुए पकड़े गए तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए। आपको बता दें कि वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन पटल पर वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले अनुपूरक बजट के तहत 5440.43 करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान रखा है।
इस राशि से सरकार अपनी नई योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी ला सकेगी। इसके अतिरिक्त यह उन केंद्रीय पोषित योजनाओं में राज्य का अंशदान शामिल कर सकेगी, जिनकी स्वीकृति बाद में मिली। वित्त मंत्री अग्रवाल का कहना हैं कि 2022-23 का शुरुआती बजट 65,000,571 करोड़ था। कुछ केंद्रीय पोषित योजनाओं में मूल बजट के बाद केंद्र सरकार द्वारा बजट जारी किया। कुछ योजनाओं में सरकार बजट की उम्मीद कर रही थी। इसके लिए सरकार ने फंडिंग की व्यवस्था की है। अनुपूरक बजट के जरिये सरकार इस धनराशि की प्रतिपूर्ति भी कर सकेगी।
अनुपूरक बजट में कुछ इस तरह हुआ प्रावधान
कुल अनुपूरक बजट- 5440.43 करोड़
पूंजीगत मद- 3164.00 करोड़
राजस्व मद- 2276.43 करोड़