प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट गुरुवार को वैदिक विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए। गुरुवार को ही हिमालय में स्थित द्वितीय केदार के रूप में पूजे जाने वाले भगवान मद्महेश्वर के कपाट भी बंद हो गए।
कपाट बंद होने के मौके पर बद्रीनाथ मंदिर को फूलों से भव्य सजाया गया था। ब्रह्म मुहुर्त में मंदिर को पूजा के लिए खोला दिया गया था। इसके बाद नित्य भोग लगा कर अपराह्न में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
परंपरा के अनुसार बद्रीनाथ के निकट स्थित माणा गांव की महिलाओं द्वारा बुना गया घृत कंबल भगवान बद्रीविशाल को ओढ़ाया गया। इसके साथ ही विभिन्न धार्मिक रस्मों का निर्वहन करते हुए अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिए गए।
इस अवसर पर उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, धर्माधिकारी भुवन उनियाल सहित प्रशासन, पुलिस व सेना के अधिकारी मौजूद रहे।
उधर, मद्महेश्वर में मुख्य पुजारी टी.गंगाधर लिंग ने स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा कर कपाट बंद होने की प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद बाबा मद्महेश्वर की डोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए रवाना हुई। शीतकाल में भगवान मद्महेश्वर की पूजा- अर्चना उखीमठ में ही होती है।
प्रसिद्ध उद्योगपति व रिलायंस समूह के मुखिया मुकेश अंबानी के पुत्र एवं श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य अनंत अंबानी ने कोरोना काल के आर्थिक हालात को देखते हुए उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड हेतु 5 करोड़ की धनराशि दान दी है। धनराशि का चेक बुधवार को चारधाम विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं व देवस्थानम् बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा।
उल्लेखनीय है कि अंबानी परिवार की श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ सहित उत्तराखंड के चारों धामों में अपार आस्था है। पहले भी उनके द्वारा करोड़ों रुपये का दान श्री बदरीनाथ-केदारनाथ धाम को दिया जाता रहा है। कोरोना महामारी से इस यात्रा वर्ष देवस्थानम् बोर्ड की आर्थिकी भी प्रभावित हुई है। इसके मद्देनजर अंबानी परिवार द्वारा 5 करोड़ रुपये देवस्थानम् बोर्ड को दान स्वरूप दिये हैं।
देवस्थानम् बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन तथा अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह ने अंबानी परिवार का आभार जताया है।