सड़क दुर्घटनाओं में दो युवकों की मौत..
देश-विदेश: अलग-अलग स्थानों पर हुए सड़क हादसों में मथुरा और शाहजहांपुर निवासी दो युवकों की मौत हो गई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। बहादराबाद थाना प्रभारी रणवीर सिंह चौहान के अनुसार राजेंद्र रावत (58) निवासी शास्त्री नगर मथुरा भेल चौराहे के पास एक शादी समारोह में शामिल होने आया था। फार्म हाउस के बाहर हरिद्वार की ओर से आ रहे तेज रफ्तार वाहन ने उन्हें चपेट में ले लिया। हादसे में मौके पर ही उनकी मौत हो गई। वाहन चालक मौके से भाग निकला।
वहीं धनौरी-बहादराबाद मार्ग पर पुष्पेंद्र (28) निवासी थाना परारे शाहजहांपुर धनौरी रोड पर बाइक से जा रहे थे। इस दौरान अचानक जंगली जानवर बाइक से टकरा गया। बाइक अनियंत्रित होकर सड़क पर जा गिरी। हादसे में पुष्पेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। थाना प्रभारी रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी गई है। शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिए गए हैं।
सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद को आमजन को किया जाएगा प्रेरित..
उत्तराखंड: प्रदेश में हो रहे सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हर रोज कही न कहीं से सड़क हादसे की खबर सामने आ रही हैं। जिसमे लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। कभी तेज रफ्तार तो कभी खराब सड़कें लोगों के लिए मौत का सबब बानी हुई हैं। सड़क दुर्घटनाओं और इसमें होने वाली मौत की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब आमजन को दुर्घटना में घायलों की मदद के लिए प्रेरित करने की तैयारी है।
इस कड़ी में शासन ने पुलिस को किसी भी सड़क दुर्घटना की स्थिति में पीड़ित को मदद देने वालों को पुरस्कृत करने को कहा है। इसके लिए पुलिस को सड़क सुरक्षा राहत कोष से एक लाख रुपये भी जारी किए जाएंगे।
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में इस वर्ष जुलाई अंत तक 773 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें 468 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। दुर्घटनाओं में हुई मौत में यह जानकारी सामने आई कि इनमें से तकरीबन 70 फीसद व्यक्तियों की मृत्यु अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई थी। यह बताया गया कि समय से अस्पताल पहुंचाने पर मौत का यह आंकड़ा थोड़ा कम हो सकता था।
यह बात भी सामने आई कि दुर्घटना के दौरान घायलों की मदद के लिए आमजन के हाथ जल्दी आगे नहीं आए। पुलिस के आने के बाद ही अधिकांश दुर्घटनाओं में घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया गया। दुर्घटना में घायलों की मदद करने से आमजन के पीछे हटने का कारण कानूनी झमेलों में फंसने की आशंका भी रहा, जबकि यह नियम बन चुका है कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराने वाले से पुलिस अनावश्यक पूछताछ नहीं करेगी। राज्य सड़क सुरक्षा समिति ने इन सब मामलों को देखते हुए आमजन को इसके प्रति जागरूक करने का निर्णय लिया है।
इसी कडी में घायलों की मदद करने वालों को पुरस्कृत करने का भी निर्णय लिया गया है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा के दौरान घायलों की मदद करने वालों को पुलिस के जरिये पुरस्कृत कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को सार्वजनिक समारोह में पुरस्कृत व सम्मानित किया जाए ताकि अन्य भी दुर्घटना में घायलों के सहयोग को आगे आएं। उन्होंने इसके लिए सड़क सुरक्षा कोष से पुलिस को एक लाख रुपये जारी करने के भी निर्देश दिए हैं।