उत्तराखंड (Uttarakhand) भाजपा (BJP) के तेज-तर्रार विधायकों (MLA) में शामिल सुरेंद्र सिंह जीना (Surendra Singh Jeena) का गुरूवार तड़के दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। पचास वर्षीय जीना को कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) पाए जाने के बाद पिछले सप्ताह अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके निधन पर तमाम वरिष्ठ नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
विधायक जीना की गंगाराम अस्पताल में उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विगत दिवस अस्पताल के निदेशक को फोन कर विधायक के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी और उचित देखभाल के निर्देश दिए थे। मगर गुरूवार तड़के लगभग 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। अभी लगभग दो सप्ताह पूर्व उनकी पत्नी नेहा जीना का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। बताया जाता है की पत्नी के निधन से उनको गहरा सदमा पहुंचा था।
मूल रूप से अल्मोड़ा जिले की भिक्यासैंण तहसील के सदीगांव निवासी सुरेंद्र सिंह जीना का जन्म 8 दिसंबर 1969 को हुआ था। दिल्ली में उनका अपना स्वतंत्र व्यवसाय था। वर्ष 2007 के विधान सभा चुनाव में उन्होंने प्रदेश की तत्कालीन भिक्यासैंण सीट से चुनाव लड़ा और विजयी हुए। इसके बाद वे लगातार 2012 व 2017 में अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। वे कुमायु मंडल विकास निगम (KMVN) के अध्यक्ष भी रहे हैं।
जीना को प्रदेश के बेहद प्रतिभाशाली व ऊर्जावान नेताओं में गिना जाता था। अपनी विधान सभा में वे खासे लोकप्रिय थे। उन्होंने अपने पिता प्रताप सिंह जीना के नाम से एक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया था। इसके माध्यम से वे गरीबों व जरूरतमंदों की हर तरह से सहायता करते थे। जीना बहुत बड़ी संख्या में अपने क्षेत्र के बेरोजगारों को दिल्ली आदि में रोजगार उपलब्ध कराते रहते थे।
उनके निधन पर प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, सांसद अजय भट्ट, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत आदि ने शोक व्यक्त किया है।