सिलक्यारा पहुंचे सीएम धामी, पीएम मोदी ने की मजदूरों से बात, आज देहरादून में मनेगी इगास..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूर जहां सुरक्षित बाहर निकल आए, देशभर में इसकी खुशी मनाई गई। वहीं देहरादून में इस खुशी के बाद आज ईगास मनाई जाएगी। सीएम धामी ने सिलक्यारा पहुंच मजदूरों का हाल चाल जाना तो वहीं यहां से वह सीधे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ के लिए रवाना होंगे। जहां सभी 40 श्रमिकों को सहायता राशि की चेक वितरित किए जाएंगे। इसके बाद सभी श्रमिक मुख्यमंत्री के साथ ही हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। वहीं पीएम मोदी ने मजदूरों से बात की है।
सिलक्यारा टनल में फंसे सभी 41 श्रमिकों के सुरक्षित बाहर निकलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना की और श्रमिकों से फोन पर बात कर उनका हाल जाना। प्रधानमंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। मैं सभी श्रमिकों की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है।
वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सरकार एक एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा उनके इलाज और घर जाने तक की पूरी व्यवस्था की जाएगी।सिलक्यारा में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में इलाज पर होने वाला खर्चा सरकार उठाएगी। इसके अलावा परिजनों और श्रमिकों के खाने, रहने की भी व्यवस्था सरकार कर रही है।
सीएम ने कहा कि बाबा बौखनाग और देवभूमि के देवी-देवताओं की कृपा से ऑपरेशन सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि बौखनाग देवता का सिलक्यारा में भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकल आये हैं। ग्रामीणों ने बाबा बौखनाग के मंदिर बनाने की मांग उठाई है। इस मांग को सरकार पूरा करेगी। जल्द ही मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग, छुट्टियां हुई रद्द; एयरलिफ्ट की भी है तैयारी..
उत्तराखंड: सिलक्यारा में बचाव अभियान में आई तेजी के साथ ही सुरंग में फंसे श्रमिकों के बाहर निकलने की उम्मीद के साथ स्वास्थ्य विभाग ने भी तैयारी पूरी कर ली है। महानिदेशक चिकित्सा डा. विनिता शाह ने मंगलवार को सिलक्यारा में बनाए गए छह बेड के अस्थायी अस्पताल समेत आसपास के सभी अस्पतालों का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इसके साथ ही डा. विनिता शाह ने अग्रिम आदेशों तक उत्तरकाशी जनपद में सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है। जो चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी छुट्टी पर थे, उनकी छुट्टी रद्द करते हुए उन्हें तत्काल ड्यूटी पर लौटने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही घटनास्थल पर एंबुलेंस खड़ी कर दी गई हैं।
आपको बता दे कि सुरंग में गत 12 नवंबर की सुबह से फंसे 41 श्रमिकों के स्वास्थ्य का हाल जानने और उन तक आवश्यक दवा पहुंचाने के लिए चिकित्सकों की एक टीम पहले ही दिन से सिलक्यारा में तैनात है। सिलक्यारा में छह बेड का अस्थायी अस्पताल भी बनाया गया है। यहां की जिम्मेदारी जनरल फिजिशियन डा. प्रेम पोखरियाल को सौंपी गई है। मंगलवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक डा. विनिता शाह ने गढ़वाल मंडल स्वास्थ्य निदेशक डा. प्रवीण कुमार, निदेशक डा. केके टम्टा व सहायक निदेशक डा. विमलेश जोशी के साथ सिलक्यारा का भ्रमण किया।
श्रमिकों के स्वास्थ्य की जानकारी से रहे डॉक्टर
महानिदेशक सुरंग में उस स्थल तक भी पहुंचीं, जहां से चिकित्सक सुरंग में फंसे श्रमिकों के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं। महानिदेशक ने जिला अस्पताल में श्रमिकों के प्राथमिक उपचार के लिए तैयार किए गए वार्ड का भी निरीक्षण किया। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने की दशा में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के परीक्षण को पहुंची स्वास्थ्य महानिदेशक डा. विनीता शाह
स्वास्थ्य विभाग की हैं खास तैयारी
स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक जनरल फिजिशियन और दो मनोचिकित्सकों की तैनाती सिलक्यारा में पहले ही जा चुकी है। विभाग की ओर से यह भी तैयारी की जा रही है कि जैसे ही श्रमिकों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला जाएगा तो उनकी स्वास्थ्य जांच के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम सुरंग के बाहर तैनात रहे।
स्वास्थ्य रिपोर्ट के आधार पर ही श्रमिकों को अस्थायी अस्पताल सिलक्यारा, जिला अस्पताल या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट भेजा जाएगा। अगर श्रमिकों की स्थिति गंभीर हुई तो उन्हें एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजने की भी तैयारी की गई है। सिलक्यारा में 20 एंबुलेंस भी तैनात कर दी गई हैं। जिनमें आक्सीजन और जीवन रक्षक दवा आदि की पूरी व्यवस्था है।