घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज में अनियमितताओं की होगी जांच, CM धामी ने SIT के गठन के दिए निर्देश..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने पौड़ी जिले के घुड़दौड़ी स्थित गोविंद बल्लभ पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में नियुक्तियों, पदोन्नतियों और अन्य प्रशासनिक मामलों में अनियमितताओं को लेकर विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। सीएम का कहना है कि इन मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए नए सिरे से एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए। SIT पूरे मामले की गहराई से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। सरकार का उद्देश्य है कि शैक्षिक संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित किया जाए। जल्द ही SIT का गठन कर जांच प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सीएम धामी ने मंगलवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों की समीक्षा के दौरान पिथौरागढ़ के मड़धूरा में बने नन्हीं परी सीमांत इंजीनियरिंग संस्थान को लेकर गंभीर नाराजगी जताई। सीएम ने सवाल उठाया कि जब संस्थान के भवन में आज तक कक्षाएं शुरू नहीं हुईं, तो फिर इस स्थान का चयन किस आधार पर किया गया? उनका कहना हैं कि क्या मड़धूरा का स्थान इंजीनियरिंग संस्थान के लिए उपयुक्त था? अगर नहीं, तो इस स्थान पर संस्थान बनाने का निर्णय क्यों और किसने लिया? सीएम धामी ने पूरे मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य के संसाधनों के दुरुपयोग की किसी भी स्थिति में अनदेखी नहीं की जाएगी।
सीएम धामी ने मंगलवार को सचिवालय में इंजीनियरिंग संस्थानों की समीक्षा बैठक के दौरान पिथौरागढ़ के मड़धूरा में बने सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने सवाल किया कि जब भवन पर लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, तो अब तक कक्षाओं का संचालन वहां क्यों शुरू नहीं हुआ है? बैठक में जानकारी दी गई कि कॉलेज फिलहाल जीआईसी (राजकीय इंटर कॉलेज) के भवन से संचालित हो रहा है, जबकि मड़धूरा में बने भवन का कोई उपयोग नहीं हो रहा। इस पर मुख्यमंत्री ने जवाबदेही तय करने और विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिए।
तय मानकों के अनुसार फैकल्टी की तैनाती हो..
सीएम ने कहा कि इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए योग्य फैकल्टी, अवस्थापना, आधुनिक लैब और अन्य सुविधाएं जुटाएं। युवाओं को उद्योग जगत की मांग के अनुसार दक्ष बनाएं। राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए बेहतर सड़क कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करें। तय मानकों के अनुसार फैकल्टी की तैनाती की जाए।
भर्ती प्रक्रिया और छात्रों के कम पंजीकरण पर नाराजगी जताई..
सीएम ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया के लिए बनाई गई व्यवस्था के अनुसार भर्तियां न होने पर नाराजगी व्यक्त की। वह छात्र पंजीकरण की कमी से नाराज थे। कहा कि बच्चों को कैंपस से ही प्लेसमेंट के लिए भी अच्छी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
हिमगिरि एक्सप्रेस का रुड़की में स्टॉपेज बहाल, यात्रियों को बड़ी राहत..
उत्तराखंड: तीन वर्षों के लंबे इंतजार के बाद हिमगिरि एक्सप्रेस ने एक बार फिर रुड़की रेलवे स्टेशन पर ठहराव लिया। शनिवार को ट्रेन के नए स्टॉपेज की शुरुआत के अवसर पर हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हिमगिरि एक्सप्रेस का रुड़की में ठहराव वर्ष 2021 से बंद था, जिससे स्थानीय यात्रियों को खासा असुविधा हो रही थी। अब ट्रेन का ठहराव बहाल होने से रुड़की और आसपास के इलाकों के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि “यह केवल एक ट्रेन का ठहराव नहीं, बल्कि जनता की सुविधा और मांग को मान्यता देने का प्रतीक है।” उन्होंने इस निर्णय के लिए रेलवे प्रशासन और केंद्रीय नेतृत्व का आभार भी जताया। वहीं स्थानीय नागरिकों और यात्रियों ने भी इस निर्णय का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हिमगिरि एक्सप्रेस के ठहराव से उत्तर भारत के कई बड़े शहरों तक सीधी पहुंच अब पहले से अधिक आसान और सुविधाजनक हो जाएगी।
करीब तीन साल के लंबे इंतजार के बाद हिमगिरि एक्सप्रेस ने सोमवार 7 अप्रैल की सुबह एक बार फिर रुड़की रेलवे स्टेशन पर ठहराव लिया। इस ऐतिहासिक मौके पर हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई प्रमुख लोगों ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य और सुविधा की बात है कि हिमगिरि एक्सप्रेस अब रुड़की में भी रुकेगी। इससे न केवल शहर के बल्कि आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। आपको बता दे कि वर्ष 2021 में रुड़की में हिमगिरि एक्सप्रेस का ठहराव बंद कर दिया गया था, जिससे यात्रियों को खासा असुविधा उठानी पड़ रही थी। अब इसका पुनः ठहराव बहाल होने से यात्रियों में खुशी और संतोष की लहर है। इस मौके पर स्थानीय नागरिकों ने भी खुशी जताई और कहा कि ट्रेन के ठहराव से अब उत्तर भारत के कई बड़े शहरों तक सीधी और सुविधाजनक यात्रा संभव हो सकेगी।
इस अवसर पर सांसद रावत ने कहा कि यह ठहराव केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि जनता की बहुप्रतीक्षित मांग की स्वीकृति है। उन्होंने कहा कि इससे रुड़की और आसपास के हजारों यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा और उत्तर भारत के प्रमुख शहरों तक पहुंचना अब और आसान हो जाएगा। आने वाले 3-4 महीनों में रुड़की रेलवे स्टेशन को पूर्ण सुविधाओं से युक्त कर दिया जाएगा। साथ ही 15 से 20 दिनों में झबरेड़ा-देवबंद रेलवे लाइन शुरू कर दी जाएगी, जिससे दिल्ली तक के सफर में 30 से 45 मिनट की बचत होगी। कहा कि सहारनपुर-लक्सर और हरिद्वार सटल एक्सप्रेस को दोबारा शुरू कराने के लिए प्रयास जारी हैं।
आपको बता दे कि जम्मू से हावड़ा के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है कि अब हिमगिरि एक्सप्रेस का स्टॉपेज फिर से रुड़की में शुरू हो गया है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश के कानपुर के देहात और उत्तराखंड आने जाने वाले यात्रियों को एक बड़ी राहत मिलने वाली है। हिमगिरि एक्सप्रेस का ठहराव करीब 3 साल से रुड़की में बंद था, जबकि रुड़की रेलवे स्टेशन ए श्रेणी में दर्ज है। जिसके कारण केंद्र सरकार की अमृत रेलवे स्टेशन योजना में रुड़की रेलवे स्टेशन बना है। इस स्टेशन से पूर्व से ही जम्मू और हावड़ा के लिए काफी यात्री है, लेकिन सियालदह और पंजाब मेल एक्सप्रेस में टिकट फुल होने पर यात्री सफर नहीं कर पाते थे। यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हिमगिरि एक्सप्रेस का संचालन फिर से शुरू करने की मांग उठी थी।
बता दे कि सप्ताह में तीन दिन ट्रेन का संचालन अपडाउन रहेगा, जबकि ट्रेन जम्मूतवी और हावड़ा तक करीब दो हजार किलोमीटर का सफर तय करेगी। 6 अप्रैल को जम्मूतवी स्टेशन से चलकर 2332 (जम्मूतवी-हावड़ा हिमगिरि एक्सप्रेस) रुड़की स्टेशन पर सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर पहुंची और 7 बजकर 40 मिनट पर रवाना हुई। वहीं हावड़ा स्टेशन से चलने वाली 12331 (हावड़ा-जम्मूतवी हिमगिरि एक्सप्रेस) रुड़की स्टेशन पर सुबह 3 बजकर 10 मिनट पर पहुंचेगी, जिसके लिए दो मिनट का स्टॉपेज होगा।
राधा रतूड़ी को RTI व्यवस्था की जिम्मेदारी, अधिसूचना जारी..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्य सचिव राधा रतूड़ी मुख्य सूचना आयुक्त बन गई हैं। शासन ने नियुक्ति को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। बता दें कि सीएस पद से राधा रतूड़ी का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो गया था। जिसके बाद राज्यपाल ने राधा रतूड़ी को मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया है। बता दें यह नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होगी। वे तीन साल की अवधि तक या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) पद पर रहेंगी। बता दें राधा रतूड़ी उत्तराखंड की चौथी पूर्व मुख्य सचिव हैं। जिन्हें राज्य मुख्य सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है।
वन संसाधनों से राजस्व बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए- सीएम धामी..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन विभाग और ऊर्जा निगम की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने वन विभाग को वनों के संरक्षण के साथ-साथ वन संपदाओं से राजस्व बढ़ाने के लिए और अधिक प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए। साथ ही ऊर्जा निगम को ऊर्जा क्षेत्र में नई संभावनाओं पर कार्य करने की सलाह दी। सरकार नवीकरणीय ऊर्जा, जलविद्युत और अन्य ऊर्जा स्रोतों के बेहतर उपयोग पर फोकस कर रही है, जिससे प्रदेश की ऊर्जा क्षमता को बढ़ावा दिया जा सके।
सीएम धामी ने वन विभाग को निर्देश दिए कि गेस्ट हाउस के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
इसके साथ ही उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए कारगर उपाय अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। सीएम ने कहा कि वन संपदाओं के बेहतर उपयोग से प्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार को बढ़ावा दिया जाए, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ हो सके।
बैठक में अधिकारियों ने कहा कि इको टूरिज्म के अंतर्गत इको कैंपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, पुराने फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के रिस्टोर, स्थानीय युवाओं को विभिन्न गतिविधियों जैसे नेचर गाइड का प्रशिक्षण और क्षमता विकास कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इको टूरिज्म के लिए समर्पित एक वेबसाइट बनाई जाएगी। अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में संचालित इको टूरिज्म क्षेत्र से स्थानीय युवाओं को लगभग पांच करोड़ रुपये, जिप्सी संचालन से 17 करोड़ और स्वयं सहायता समूह को 30 लाख की आय हुई है।
कागजों में नहीं धरातल पर दिखाई दें प्रयास..
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने वनाग्नि (जंगल की आग) की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना और रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये प्रयास केवल कागजों तक सीमित नहीं रहने चाहिए, बल्कि धरातल पर प्रभावी रूप से लागू होने चाहिए। सीएम धामी ने यह भी कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन किया जाए और राज्य में इसके आधार पर एक ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। सरकार का उद्देश्य वन संरक्षण को मजबूत करने, जंगलों में आग की घटनाओं को कम करने और स्थानीय समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाओं पर कार्य करने की जरूरत..
सीएम धामी ने ऊर्जा निगम की समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य में ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। लघु जल विद्युत परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दें। कहा कि राज्य की मुख्य अवधारणा में ऊर्जा और पर्यटन प्रदेश था। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं, लेकिन ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाओं पर कार्य करने की जरूरत है। शहरी क्षेत्रों में बिजली लाइन को भूमिगत करने का कार्य मानसून शुरू होने से पहले पूरा किया जाए। सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप लगाने का कार्य जल्द पूरा करें। यूजेवीएनएल, यूपीसीएल की जो परिसंपत्तियां उपयोग में नहीं है, उनको उपयोग में लाने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाएं।
बैठक में अधिकारियों ने कहा कि वर्ष- 2023 में संशोधित जल विद्युत नीति के अनुसार वन टाइम एमनेस्टी के तहत कुल 160.80 मेगावाट के आठ प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई हैं। ये प्रोजेक्ट 2030 तक 1790 करोड़ की लागत से पूरे होंगे। साथ ही 121 मेगावाट के छह प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली है। इससे क्षेत्र का सामाजिक आर्थिक विकास होगा। यूजीवीएनएल 2028 से तीन पंप स्टोरेज का कार्य शुरू कर 2031 में पूरा करेगा। लगभग 5660 करोड़ की लागत इन तीनों पंप स्टोरेज में इच्छारी , लखवार-व्यासी और व्यासी-कटापत्थर प्रोजेक्ट शामिल हैं।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के लिए जल्द ट्रिब्यूनल का होगा गठन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की हजारों हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे हैं। उत्तराखंड सरकार जल्द ही इस पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि सरकार जल्द ही उत्तराखंड में ट्रिब्यूनल का गठन करने जा रही है। जिसके बाद कई नियम सख्त हो जाएंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने जानकारी देते हुए बताया कि वक्फ बोर्ड 2022 एक्सचेंज नोटिफिकेशन की संस्तुति कर दी गई है। जल्द ही इस महीने के अंत तक ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया जाएगा। जिसके बाद उत्तराखंड में बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शादाब शम्स ने बताया कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने फैसला लिया है कि वक्फ संपत्तियों का किराया बढ़ाया जाएगा।
वक्फ बोर्ड की सम्पतियों का बढ़ेगा किराया..
शादाब शम्स का कहना हैं कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की आय बहुत कम है और आज भी कई बड़ी संपत्तियों का किराया 20 और 25 रुपये प्रतिमाह के रूप में आ रहा है। जो किसी भी तरह से व्यवहारिक नहीं है और यह चिंता का विषय है। शम्स ने कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसे बाजार मूल्य के करीब लाया जाएगा ताकि इस पैसे से उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की आय बढ़ाई जा सके और इस पैसे से गरीबों की मदद की जा सके। शादाब शम्स ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम इसलिए लाया जा रहा है ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि आज वक्फ संपत्तियों पर गरीबों का नहीं बल्कि अमीरों का कब्जा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को 75 साल तक राज करने को मिला लेकिन उनके द्वारा वक्फ में कोई सुधार नहीं किया गया।
उत्तराखंड की वक्फ संपत्तियों पर बैठे अतिक्रमणकारियों के बारे में जानकारी देते हुए शादाब शम्स ने बताया कि कलियर में वक्फ संपत्ति पर कांग्रेस के बड़े नेता बैठे हैं, इसके साथ ही देहरादून की भगत सिंह कॉलोनी, आजाद कॉलोनी, 17 बीघा नंदा की चौकी, मुस्लिम कॉलोनी समेत प्रदेश भर में वक्फ बोर्ड की हजारों हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है, जिस पर अगले महीने से कार्रवाई शुरू की जाएगी। गौरतलब है कि इस समय प्रदेश में करीब 2500 वक्फ समितियों के पास करीब पांच हजार संपत्तियां हैं। जल्द ही इन सभी संपत्तियों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इनका सर्वे भी किया जाएगा और इन पर लेन-देन को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है।
उत्तराखंड बनेगा शहद उत्पादन का हब, हर वर्ष सजेगा शहद महोत्सव..
उत्तराखंड: मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास परिसर में शहद निष्कासन कार्य किया गया। जिसमें पहले चरण में 57 किलोग्राम शहद निकाला किया गया। इस बार लगभग 200 किलोग्राम तक शहद निकालने का लक्ष्य रखा गया है। सीएम धामी ने इस पहल को पायलट प्रोजेक्टके रूप में लेते हुए शहद महोत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बी-कीपिंग कार्य को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेते हुए उद्यान विभाग को शहद महोत्सव आयोजित करने के लिए निर्देश दिए हैं। जिसमें मधुमक्खी द्वारा तैयार किए जाने वाले सभी प्रोडक्ट महोत्सव में रखने और हर साल शहद महोत्सव की एक तिथि भी निर्धारित करने के लिए कहा है।
सीएम धामी का कहना हैं कि उत्तराखंड में मौन पालन की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि यहां विभिन्न प्रकार के फूलों की प्रजातियां उपलब्ध हैं, जो जैविक शहद उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं। सीएम धामी ने कहा पहाड़ी क्षेत्रों में औषधीय गुणों वाला शहद तैयार करने के लिए लोगों प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही मौन पालन को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य में बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। देहरादून के विकासनगर और सहसपुर में प्रशासन ने बुधवार को 12 और मदरसों को सील कर दिया। इससे पहले 19 मदरसों पर कार्रवाई की जा चुकी थी, जिससे अब तक कुल 31 अपंजीकृत मदरसों को बंद किया जा चुका है। प्रशासन ने साफ किया है कि बिना पंजीकरण के संचालित किसी भी शैक्षणिक संस्थान को अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्य बिंदु:
. अब तक 31 अपंजीकृत मदरसों पर कार्रवाई
. शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता
. स्थानीय विरोध के बावजूद कार्रवाई जारी
. मुख्यमंत्री ने कहा – बच्चों के भविष्य के साथ समझौता नहीं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए जरूरी है। प्रशासन ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थानों का सत्यापन किया जा रहा है और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को देहरादून से नैनीताल, बागेश्वर, मसूरी और हल्द्वानी से बागेश्वर के लिए चार नई हेली सेवाओं का शुभारंभ किया। इन सेवाओं से राज्य में हवाई संपर्क बेहतर होगा और पर्यटन व आर्थिक विकास को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उड़ान योजना के तहत शुरू हुई इन सेवाओं से स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में सड़क मार्ग से देहरादून से इन स्थानों तक पहुंचने में 8-10 घंटे लगते हैं, लेकिन हेली सेवा से यह यात्रा केवल 1 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
मुख्य हेली सेवा रूट और किराया:
1. देहरादून – नैनीताल
. किराया: ₹4500 प्रति यात्री
. उड़ान समय: सुबह 8:15 बजे और दोपहर 2:25 बजे
2. देहरादून – बागेश्वर
. किराया: ₹4000 प्रति यात्री
. उड़ान समय: सुबह 10:20 बजे और दोपहर 12:30 बजे
3. हल्द्वानी – बागेश्वर
. किराया: ₹3500 प्रति यात्री
. उड़ान समय: सुबह 8:30 बजे और दोपहर 2:45 बजे
4. देहरादून – मसूरी
. किराया: ₹2578 प्रति यात्री
. उड़ान समय: दिन में एक बार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हवाई संपर्क को मजबूत करने के लिए 18 हेलीपोर्ट्स पर काम किया जा रहा है, जिनमें से 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। हेली सेवाओं से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही आपातकालीन स्थितियों में भी लोगों को मदद मिलेगी।
उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्रमुख स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में नए वेडिंग डेस्टिनेशन की पहचान करने और उनके विकास के लिए पर्यटन विभाग को जल्द से जल्द गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही त्रियुगीनारायण जैसे लोकप्रिय वेडिंग डेस्टिनेशन को बेहतर सड़क संपर्क और हेलीपैड की सुविधा से जोड़ने के आदेश भी दिए गए हैं।
डेस्टिनेशन वेडिंग को मिलेगी नई दिशा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों से उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण इसे वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए उपयुक्त बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग को इस दिशा में तेजी से कार्य करने और अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
त्रियुगीनारायण बनेगा वेडिंग हब
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से त्रियुगीनारायण को वेडिंग हब के रूप में विकसित करने की बात कही। यहां बेहतर सड़क संपर्क और हेलीपैड निर्माण की योजना बनाई जा रही है ताकि देश-विदेश से आने वाले मेहमानों को आसानी से यहां पहुंचने की सुविधा मिले। त्रियुगीनारायण को पहले से ही एक प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में जाना जाता है। अब इसे एक प्रमुख डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रूप में स्थापित करने की तैयारी है।
नई वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान
मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग को राज्य के विभिन्न हिस्सों में नए वेडिंग डेस्टिनेशन की पहचान करने और उनके विकास की योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इन स्थानों को सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि यहां शादी समारोहों के आयोजन के लिए उपयुक्त माहौल तैयार हो सके।
डेस्टिनेशन वेडिंग से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इससे पर्यटन, होटल व्यवसाय, कैटरिंग और परिवहन जैसे क्षेत्रों को सीधा लाभ होगा। उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और आधुनिक सुविधाओं का संयोजन इसे देश-विदेश के जोड़ों के लिए एक आदर्श वेडिंग डेस्टिनेशन बनाएगा।
धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद का गठन जल्द
चारधाम यात्रा और अन्य धार्मिक आयोजनों के बेहतर प्रबंधन के लिए उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक औपचारिकताएं जल्द पूरी करने के निर्देश दिए हैं। यह परिषद पर्यटन विभाग के अंतर्गत काम करेगी और इसके प्रारूप को अंतिम रूप देने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
बैठक में शामिल हुए वरिष्ठ अधिकारी
इस बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंदबद्र्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय और गढ़वाल आईजी राजीव स्वरूप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में विकसित करने की यह पहल न केवल राज्य के पर्यटन को नई दिशा देगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी।
उत्तराखंड में विधायक निधि खर्च को लेकर आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, 2022-23 से दिसंबर 2024 तक 70 विधायकों को 964 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से 61% (589.21 करोड़ रुपये) खर्च हुए।
कैबिनेट मंत्रियों में कौन आगे, कौन पीछे?
कैबिनेट मंत्रियों में सौरभ बहुगुणा (सितारगंज) ने 85% निधि खर्च कर शीर्ष स्थान हासिल किया। उनके बाद गणेश जोशी (72%), रेखा आर्य (64%), सुबोध उनियाल (57%) और सतपाल महाराज (56%) का स्थान रहा। हालांकि, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (33%) और डॉ. धन सिंह रावत (29%) निधि खर्च में सबसे पीछे रहे, जिन्हें अधिक सक्रियता दिखाने की जरूरत है।
विधायकों में प्रदीप बत्रा सबसे आगे, किशोर उपाध्याय सबसे पीछे
विधायकों में प्रदीप बत्रा (रुड़की) ने 90% निधि खर्च कर पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि किशोर उपाध्याय (टिहरी) सिर्फ 15% निधि खर्च कर सबसे पीछे रहे।
61% से कम खर्च करने वाले प्रमुख विधायक
बंशीधर भगत (कालाढूंगी) – 43%
भरत सिंह चौधरी (रुद्रप्रयाग) – 43%
किशोर उपाध्याय (टिहरी) – 15%
सुमित ह्रदयेश (हल्द्वानी) – 46%
यशपाल आर्य (बाजपुर) – 45%
उत्तराखंड में विधायक निधि खर्च में बड़े अंतर देखने को मिले हैं। जहां कुछ मंत्री और विधायक 85-90% तक निधि खर्च कर चुके हैं, वहीं कई 50% से भी कम खर्च कर पाए हैं। यह आंकड़े जनप्रतिनिधियों की सक्रियता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।