अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का सहारा लेगी पुलिस, ADG कानून व्यवस्था ने की बैठक..
उत्तराखंड: एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने सभी जिलों की सोशल मीडिया सेल के कामों की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को चिह्नित कर उनके साथ गोष्ठी करने के निर्देश दिए हैं। एडीजी मंगलवार को सभी जिलों की सोशल मीडिया सेल के कामों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सोशल मीडिया की निगरानी पुलिस मुख्यालय की एसओपी के अनुरूप कराने के निर्देश दिए। इस दौरान कहा गया कि जनजागरूकता और सकारात्मक प्रचार-प्रसार के लिए पुलिस अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का सहारा लेगी। एडीजी ने अधिकारियों से कहा कि नियमित निगरानी के दौरान भ्रामक पोस्ट पर तत्काल कार्रवाई की जाए। सोशल मीडिया सेल के कार्यों की नियमित रूप से डीएसपी ऑपरेशन निगरानी करेंगे। उन्होंने पुलिस कप्तानों को भी निर्देश दिए कि वह समय से सेल की जनशक्ति और उनके कार्यों का मूल्यांकन कर समीक्षा रिपोर्ट रेंज कार्यालय को भेज दें। जिससे इसमें सुधार आदि की जो गुंजाइश हो उस पर समय से कदम उठाया जा सके।
नोडल डीआईजी कानून व्यवस्था को पत्र लिखेंगे
कानून व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था को प्रभावित करने वाली पोस्ट का तत्काल खंडन कराया जाए। ऐसी पोस्ट को हटाने और कार्रवाई के लिए शासन स्तर पर नामित नोडल डीआईजी कानून व्यवस्था को पत्र लिखा जाए। उन्होंने पुलिसकर्मियों को भी सोशल मीडिया की पॉलिसी याद दिलाने के निर्देश दिए। कहा कि उन्हें पूर्व में जारी निर्देशों का अनुपालन कराने को कहा जाए। कोई पुलिसकर्मी इस पॉलिसी का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही एडीजी ने पुलिस मुख्यालय स्थित अपराध एवं कानून व्यवस्था से संबंधित सभी अनुभागों के कार्यों की भी समीक्षा की। अनुभाग अधिकारियों को समय से सभी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर रील नहीं बना पाएंगे पुलिस वाले, नहीं माने तो होगी सख्त कार्रवाई..
उत्तराखंड: फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आए दिन पुलिसकर्मियों की रील और वीडियो देखने को मिल जातें है। कई बार तो वीडियो देखने में खूब मजेदार लगती है। लेकिन कई बार वर्दी में रील देखने से आरोप लगते हैं कि पुलिस की छवि धूमिल की जा रही है। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस ने पुलिसकर्मियों के लिए इंटरनेट मीडिया नीति तैयार कर ली है। आपको बता दे कि इस नीति के तहत कुल 41 तरह के क्रियाकलापों पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। कोई भी पुलिसकर्मी अब वर्दी, सरकारी वाहन या दफ्तर में सोशल मीडिया के लिए रील या फोटो नहीं बना सकेगा। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के लिए पांच क्रियाकलापों को शर्त के साथ छूट प्रदान की गई है। इसके लिए डीजीपी अभिनव कुमार ने दिशा निर्देश जारी किए हैं।
नियमों का पालन न करने पर होगी कार्रवाई..
पुलिस के मुख्य प्रवक्ता डॉ. निलेश आनंद भरणे का कहना हैं कि बीते कुछ समय से देखने में आ रहा था कि पुलिसकर्मी वर्दी में सोशल मीडिया पर वीडियो प्रसारित कर रहे हैं। इसके साथ ही बहुत से प्लेटफार्म पर सरकारी आदेशों को भी हूबहू प्रसारित किया जा रहा था। जिसे देखते हुए पुलिस कर्मियों के लिए इंटरनेट मीडिया नीति बनाई गई है। नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाही की जाएगी।
सुरक्षा और साइबर सिक्योरिटी के लिए दिए हैं सुझाव..
इंटरनेट मीडिया नीति में देश में प्रचलित कई नियमों का भी हवाला दिया गया है। इसके साथ ही ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की ओर से निर्धारित दिशा निर्देशों को भी इस नीति में शामिल किया गया है। नई नीति में इंटरनेट मीडिया अकाउंट की सुरक्षा और साइबर सिक्योरिटी के लिए सुझाव भी दिए गए हैं। बता दें बहुत से पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के यूट्यूब चैनल हैं। जिससे वह अच्छी खासी कमाई भी कर लेते हैं। इस नीति के अनुसार कोई भी पुलिसकर्मी इस तरह के चैनल या क्रियाकलापों से आय प्राप्त नहीं कर पाएंगे। यदि ऐसा जरुरी भी है तो इसके लिए किसी सक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होगी।
ये हैं प्रतिबंधित गतिविधियां
ड्यूटी के बाद वर्दी पहने किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड किया जाना प्रतिबंधित रहेगा।
सरकारी कार्य के दौरान अपने कार्यालय व कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो व रील बनाने और किसी भी कार्मिक की ओर से अपने व्यक्तिगत इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंधित होगा।
कार्यस्थल से संबंधित किसी वीडियो के जरिए शिकायतकर्ता के संवाद का लाइव टेलीकास्ट या वीडियो इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित करना भी प्रतिबंधित होगा।
थाना, पुलिस लाइन, कार्यालय के निरीक्षण, पुलिस ड्रिल व फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट और कार्रवाई से संबंधित वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित नहीं किए जाएंगे।
पुलिसकर्मी की ओर से सरकारी और व्यक्तिगत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चेट इत्यादि में आमंत्रित किए जाने पर उसमें भाग लेने से पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कंपनी या उत्पाद व सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबंधित किया गया है।
किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट या पीड़ित के प्रार्थनापत्र को सरकारी या व्यक्तिगत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जाएगा।
पुलिस कार्मिकों की ओर से ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की जाएगी, जो उन्हें अपनी विभागीय नियुक्ति के कारण प्राप्त हुई हो।
किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट या पीड़ित के प्रार्थनापत्र को सरकारी या व्यक्तिगत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जाएगा।
किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर व किशोरी और विधि विवादित किशोर (जुवेनाइल आफेन्डर्स) की पहचान या नाम व अन्य संबंधित विवरण सरकारी और व्यक्तिगत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर उजागर नहीं किया जाएगा।
पुलिस के ‘सराहनीय कार्य’ से संबंधित पोस्ट में आरोपियों की फोटो व वीडियो सरकारी और व्यक्तिगत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर ब्लर करने के बाद ही प्रसारित होगी।
जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी है उनका चेहरा इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित नहीं होगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्राप्त पोस्ट, फोटो, वीडियो को बिना सत्यापन के फॉरवर्ड नहीं किया जाएगा।
पुलिस कर्मियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी व्यक्ति को ट्रोल या बुली नहीं किया जाएगा।
सरकारी और व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा मित्रों का चयन करते समय सतर्कता बरतना अपेक्षित है। पुलिसकर्मी ऐसे किसी व्यक्ति को मित्र न बनाए या फॉलो न करें जो असामाजिक और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो।
पुलिसकर्मियों द्वारा गश्त या वाहन चैकिंग के दौरान मौके पर मोबाइल से फोटो या वीडियो लेते समय Geo Tagging के विकल्प को बंद रखा जाएगा।
कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, हार्दिक पटेल ने पार्टी से दिया इस्तीफा..
देश-विदेश: कांग्रेस पार्टी को गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले ही एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हार्टिक पटेल ने इस्तीफे की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर दी। उन्होंने लिखा, “आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा।
पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने पत्र में लिखा कि अनेक प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी द्वारा देशहित एवं समाज हित के बिल्कुल विपरीत कार्य करने के कारण मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने आगे लिखा, देश के युवा एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है। जबकि, देश के लोगों को विरोध नहीं, ऐसा विकल्प चाहिए जो भविष्य के बारे में सोचता हो।
सिफारिश रद्द नहीं की तो उपवास पर बैठूंगा-हरीश रावत..
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विभागों में तीन साल से खाली पदों को समाप्त करने के निर्णय को महापाप बताया। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि यह हजारों बेरोजगारों की आशाओं पर कुठाराघात है। अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है, इस सिफारिश को रद्द किया जाए। इसके लिए सरकार को एक सप्ताह का समय दिया जाता है। यदि इस बीच इसे निरस्त न किया गया तो वह तेज धूप में दोपहर 12 बजे से एक बजे तक उपवास पर बैठेंगे। ताकि सरकार को बेरोजगारों के दर्द का कुछ एहसास हो सके। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पंचम राज्य वित्त आयोग की सिफारिश को रद्द करने का अनुरोध किया है। एक सप्ताह में सिफारिश रद्द न होने पर उन्होंने तपती धूप में उपवास करने की चेतावनी दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावतका कहना हैं कि दून और अन्य अस्पतालों में कार्यरत उपनल व पीआरडी से संबद्ध कर्मचारी उनसे मिले। इन कर्मचारियों ने आपातकाल में मानवता की सेवा की है। सरकार को उन्हें सेवा से मुक्त करने के बजाए उनकी समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए। उधर विधायक एवं पूर्व मंत्री यशपाल आर्य और पूर्व विधायक संजीव आर्य ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से शिष्टाचार भेंट की।
सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती से परेशान महिला ने जहर पीकर की आत्महत्या..
उत्तराखंड: 2019 में सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती का खौफनाक अंजान सामने आया। मुखानी थाना पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर एक युवक के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला वीडियो वायरल होने से परेशान थी। और आखिर में उसने जहर पी लिया।
पुलिस के अनुसार मुखानी थाना क्षेत्र निवासी एक महिला की फेसबुक आईडी पर 2019 में रोहित बिष्ट नाम के युवक ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। इसके बाद दोनों में बातें होने लगी। इसी दौरान आरोपी ने खुद को सेना में अधिकारी बताया। आरोप है कि उसने महिला से जबरन शारीरिक संबंध बनाकर वीडियो बना ली। इसके बाद आरोपी ने उससे कई बार दुष्कर्म किया और 30 हजार रुपये व जेवरात ले गया।
बाद में महिला अपने पति के साथ मसूरी चली गई। इसके बाद आरोपी ने महिला की सोशल मीडिया से फोटो एडिट कर अश्लील फोटो वायरल कर दी। इससे आहत महिला ने जहर पी लिया था, जिसका परिजनों ने अस्पताल में इलाज कराया। एसओ मुखानी दीपक सिंह बिष्ट का कहना हैं कि जीरो एफआईआर मसूरी से स्थानांतरित होकर आई थी। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
व्हाट्सएप पर हार्ट इमोजी भेजना हुआ मुश्किल लग सकता हैं 20 लाख का जुर्माना..
देश-विदेश: आज दुनिया का सबसे लोकप्रिय मल्टीमीडिया मैसेजिंग एप व्हाट्सएप है। व्हाट्सएप के जरिये लोग पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल तक बातें कर रहे हैं, लेकिन आपको जानकर झटका लगेगा कि व्हाट्सएप पर चैटिंग की यह लत आपको जेल पहुंचा सकती है साथ ही 20 लाख रुपये तक का भारी-भरकम जुर्माना भी लग सकता है। जानकारी के अनुसार सऊदी अरब के साइबर क्राइम एक्सपर्ट का कहना है कि व्हाट्सएप पर रेड हार्ट इमोजी भेजने पर आप कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं।
एक रिपोर्ट में यहा भी दावा किया जा रहा है कि सऊदी अरब में व्हाट्सएप पर रेड हार्ट इमोजी भेजने पर 100,000 सऊदी रियाल यानी करीब 20 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है। इस जुर्माने का साथ दो से पांच साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है। सऊदी अरब की एंटी फ्रॉड एसोसिएशन के सदस्य अल मोआताज कुतबी ने अपने एक बयान में कहा है कि व्हाट्सएप पर रेड हार्ट इमोजी भेजना का मतलब उत्पीड़न है।
उन्होंने आगे कहा कि ऑनलाइन चैट के दौरान कुछ तस्वीरें और इमोजी उत्पीड़न के अपराध में बदल सकती हैं, हालांकि किसी के ऊपर तभी कार्रवाई होगी जब उसके खिलाफ कोई मुकदमा दायर करता है रेड हार्ट इमोजी के अलावा लाल गुलाब वाला इमोजी भी आपको मुसीबत में डाल सकता है।
पत्रकारों के सवाल पर गीत गाकर बोले हरीश रावत – कदम-कदम बढ़ाए जा, कांग्रेस के गीत गाए जा.
उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गुरुवार की शाम किसान दिवस पर हरिद्वार पहुंचे। वीआईपी घाट (किसान घाट) पर हरीश रावत ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को पुष्पांजलि अर्पित की। ट्वीट और कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक में भूचाल लाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देने से बचते बचाते हरीश रावत ने कदम-कदम बढ़ाए जा कांग्रेस के गीत गाए जा और जिंदगी को उत्तराखंडियत पर लुटाए जा.. गीत सुनाकर तमाम कयासों को विराम लगा दिया।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को एक ट्वीट किया था। जिसके बाद वह सुर्खियों में आ गए। गुरुवार को हरिद्वार पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने ट्वीट को लेकर गीतों की चंद लाइनों में अपने विरोधियों को मुंह बंद और अपनी सियासी चाल का सार बता दिया। देहरादून से हरिद्वार पहुंचे हरीश रावत का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी के आश्रम में स्वागत किया। कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने फूल माला पहनाकर हरीश रावत जिंदाबाद, आला रे आला हरीश रावत आला नारे लगाए।
हरीश रावत का काफिला वीआईपी घाट पर पहुंचा। जहां उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बस इतना ही कहा कि कदम-कदम बढ़ाए जा, कांग्रेस के गीत गाए जा। जिदंगी को उत्तराखंडियत पर लुटाए जा। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली जा रहे हैं। इसके बाद उनका काफिला दिल्ली के लिए निकल गया।
हरीश रावत ने अपनी ही पार्टी को लिया निशाने पर..
उत्तराखंड: प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बड़ा धमाका कर दिया हैं। प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने बुधवार को सोशल मीडिया में पोस्ट कर अपनी ही पार्टी को निशाने पर लिया। उनका कहना हैं कि अगर इसी तरह का रुख रहा तो वह राजनीति से संन्यास भी ले सकते हैं।
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत काफी समय से स्वयं को पार्टी का चुनावी चेहरा घोषित करने की मांग उठाते आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इसे अनसुना कर दिया। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत अन्य केंद्रीय नेता सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लडऩे की बात कह रहे हैं। उधर, रावत के मीडिया सलाहकार व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को भाजपा का एजेंट कहकर आग में और घी डाल दिया।
अभी तक तो रावत या उनके किसी नजदीकी नेता ने इस मामले में सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की थी, लेकिन बुधवार को स्वयं हरीश रावत ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर मोर्चा खोल दिया। फेसबुक व ट्विटर पर की गई पोस्ट में रावत ने चुनाव के समय संगठन पर सहयोग के बजाय नकारात्मक भूमिका निभाने का सीधा आरोप मढ़ दिया। उन्होंने प्रदेश प्रभारी या किसी अन्य केंद्रीय नेता के नाम का उल्लेख तो नहीं किया, लेकिन संकेतों में कह दिया कि चुनाव में जिनके आदेश पर आगे बढ़ना है, उनके प्रतिनिधि मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं।
रावत ने हाईकमान और उनके प्रतिनिधि, यानी प्रदेश प्रभारी सहित उत्तराखंड भेजे गए अन्य केंद्रीय नेताओं पर निशाना साधा है। 73 वर्षीय रावत ने भावुक अंदाज में पार्टी को यह चेतावनी तक दे दी कि बहुत हो गया, विश्राम (राजनीति के दृष्टिकोण से संन्यास ही समझा जाएगा) का समय आ गया।
महत्वपूर्ण बात यह हैं कि अपनी पोस्ट के अंत में रावत ने श्रीमद् भगवद गीता के श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि दीन-हीन नहीं बने रहेंगे और न पलायन करेंगे। नया वर्ष ऊहापोह की इस स्थिति में शायद रास्ता दिखा दे। पोस्ट के इन पंक्तियों के भी कई निहितार्थ समझे जा रहे हैं।
आपको बता दे कि रावत ने तो अपनी बात संकेतों में कही लेकिन उनके मीडिया सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने सीधे प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का नाम लेकर उन्हें भाजपा के इशारों पर काम करने वाला बता दिया। उनका कहना हैं कि कुछ ताकतें ऐसी हैं, जो नहीं चाहती कि हरीश रावत को आगे किया जाए। प्रदेश प्रभारी जिस तरह काम कर रहे हैं, उससे कांग्रेस की सत्ता में वापसी में अड़ंगा लग रहा है। हाईकमान को इसका संज्ञान लेना चाहिए।
विधानसभा चुनाव के लिए cds रावत के नाम का सहारा ले रही है ये दो पार्टिया..
उत्तराखंड: प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस नेता, भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हर मुद्दे पर एक दूसरे से झगड़ रहे हों लेकिन दोनों पार्टियां मतदाताओं से एक आम वादा कर रही हैं- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के ‘सपनों और परिकल्पना’ को साकार करना, जिनकी पिछले हफ्ते एक हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी।
जहां सत्तारूढ़ पार्टी के नेता राज्य के विकास के अपने संकल्प को बढ़ावा देने के लिए बार-बार जनरल रावत के नाम का आह्वान करते हैं, वहीं कांग्रेस ने उनके लिए भारत रत्न की मांग की है। आपको बता दे कि राज्य में सेवारत और रिटायर्ड रक्षा कर्मियों तथा उनकी विधवाओं की अनुमानित संख्या 2.5 लाख है- जो एक बड़ा वोट बैंक है।
जनरल रावत पौड़ी गढ़वाल ज़िले में पैदा हुए थे और उन्होंने क्षेत्र के विकास में अपनी रूचि बनाए रखी। उन्होंने अपना रिटायरमेंट समय भी उत्तराखंड में ही बिताने की उनकी योजना थी। रविवार को जनरल रावत के गृह जिले पौड़ी में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रण किया कि वो स्वर्गीय सीडीएस के ‘सपनों और परिकल्पना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड के विकास पर काम करेंगे।
धामी का कहना हैं कि ये जमीन शहीद जनरल बिपिन रावत की है। हमने जनरल से ज्यादा एक अभिभावक को खोया है, जो हमेशा उत्तराखंड के विकास और प्रगति का सपना देखते थेरविवार को एक और बयान में सीएम ने रावत का नाम लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। जाहिरी तौर पर प्रियंका गांधी के एक आदिवासी नृत्य में शामिल होने के वीडियो का हवाला देते हुए धामी ने कहा, ‘जब देश जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य लोगों की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत पर शोक मना रहा था, तो एक अन्य राजनीतिक पार्टी गोवा में मजे कर रही थी।
वही पूर्व उत्तराखंड मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि जनरल रावत का बार-बार नाम लेने के कोई ‘राजनीतिक अर्थ’ नहीं हैं लेकिन अन्य बीजेपी नेताओं ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि अगर चुनाव प्रचार के दौरान राज्य की तरक्की के लिए स्वर्गीय सीडीएस के विचारों को बार-बार आगे बढ़ाया जाता है, तो पार्टी को उसका लाभ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी संभावना है कि विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तराखंड के लिए जनरल रावत की योजनाओं का बार-बार उल्लेख किया जाएगा।
वही कांग्रेस नेता भी स्वर्गीय जनरल के नाम का आह्वान कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें भी एक अवसर चाहिए कि वो राज्य के विकास के लिए उनके विचारों को अमलीजामा पहना सकें।
जनरल रावत की इच्छाओं को पूरा करने का मौका चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस भी अपने विचारों के जनरल रावत के विजन के अनुरूप होने का प्रसारण कर रही है और उसने मांग की है कि उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। पूर्व उत्तराखंड सीएम और प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत का कहना हैं कि स्वर्गीय सीडीएस ‘राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रतीक’ थे और उन्हें ‘एक विशेष समारोह में भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वो जनरल रावत के विचारों पर अमल करेगी- हरीश रावत
पूर्व सीएम ने कहा, ‘मुझे कुछ मौकों पर स्वर्गीय सीडीएस से बात करके उत्तराखंड के बारे में उनके विचार जानने का मौका मिला। वो एक ईमानदार ऑफिसर थे जिन्होंने कई योजनाओं के बारे में बात की, जो उत्तराखंड के लोगों, खासकर दूर-दराज पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के कल्याण के लिए अमल में लाई जा सकती थीं। अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है, तो हम राज्य के लिए उनके विचारों तथा इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।
सीएम धामी की सख्त चेतावनी, सैनिकों का सम्मान सबसे ऊपर..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हमारे लिए अपने सैनिकों का सम्मान सबसे ऊपर है। स्वर्गीय सीडीएस जनरल रावत हमेशा उत्तराखंड की शान रहेंगे। अगर कोई अराजक तत्व किसी दिवंगत रक्षाकर्मी के बारे में सोशल मीडिया पर या अन्यथा कोई आपत्तिजनक टिप्पणी करता है, तो सरकार उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी।
सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर अशोभनीय टिप्पणी के कई मामले सामने आते रहते हैं। इससे छवि को धूमिल करने का काम किया जा रहा है। इन मामलों पर सीएम पुष्कर सिंह धामी गंभीर नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा करने वालों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हाल ही में मुख्यमंत्री धामी के लिए फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी करने पर मुकदमा दर्ज किया गया। भाजपा नेता की शिकायत पर शहर कोतवाली ने यह कार्रवाई की। आरोप है कि फेसबुक पर किसी ने मुख्यमंत्री की फोटो के साथ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।